देश के सभी राज्यों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों के बीच भारत सरकार ने निगरानी बढ़ाने के आदेश दिए थे। इसको लेकर पंजाब का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने लोगों से घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस बीमारी से घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। साथ ही पंजाब में अभी तक इसका कोई मामला सामने नहीं आया है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा- राज्य सरकार केंद्र के संपर्क में है और वायरस के फैलने से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति के लिए तैयार है। इतना ही नहीं उन्होंने कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने की सलाह दी है। मंत्री ने आगे कहा- यह वायरस कोरोना जितना गंभीर नहीं है। यह हल्का वायरस है, जिससे फ्लू जैसे लक्षण होते हैं। आगे डॉ. बलबीर सिंह ने कहा- यह जानलेवा नहीं है। मंत्री बोले- कोरोना से बहुत कुछ सीखा, हम हर तरह से तैयार हैं मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा- पंजाब का स्वास्थ्य विभाग हर तरह की स्थिति से लड़ने के लिए तैयार है। यह कोई नया वायरस नहीं है और न ही यह जानलेवा वायरस है। जिन लोगों को अस्थमा जैसी कोई सांस संबंधी बीमारी है, उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर नहीं जाना चाहिए। साथ ही अगर बाहर जाना ही है, तो मास्क पहनकर निकलें। लोगों को इससे घबराना नहीं चाहिए। कोरोना से हमने बहुत कुछ सीखा है, इसलिए हम हर तरह से तैयार हैं। डॉ. बलबीर सिंह ने आगे कहा- हमने राज्य के डॉक्टरों को अलर्ट कर दिया है और उन्हें एडवाइजरी जारी कर दी गई है। पंजाब में हर तरह का इलाज मुफ्त होगा। सरकार बोली- फ्लू जैसी बीमारियों की जांच के लिए सिस्टम मौजूद केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के लिए ICMR और IDSP के माध्यम से एक मजबूत निगरानी प्रणाली है। दोनों एजेंसियों के डेटा से पता चलता है कि ILI और SARI मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है। हालांकि, यह भी कहा गया कि एहतियात के तौर पर ICMR HMPV की जांच करने वाली लैब की संख्या बढ़ाएगा। साथ ही, यह पूरे साल HMPV मामलों पर नज़र रखेगा। देश के सभी राज्यों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों के बीच भारत सरकार ने निगरानी बढ़ाने के आदेश दिए थे। इसको लेकर पंजाब का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने लोगों से घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनने का आग्रह किया है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस बीमारी से घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। साथ ही पंजाब में अभी तक इसका कोई मामला सामने नहीं आया है। पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा- राज्य सरकार केंद्र के संपर्क में है और वायरस के फैलने से उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति के लिए तैयार है। इतना ही नहीं उन्होंने कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने की सलाह दी है। मंत्री ने आगे कहा- यह वायरस कोरोना जितना गंभीर नहीं है। यह हल्का वायरस है, जिससे फ्लू जैसे लक्षण होते हैं। आगे डॉ. बलबीर सिंह ने कहा- यह जानलेवा नहीं है। मंत्री बोले- कोरोना से बहुत कुछ सीखा, हम हर तरह से तैयार हैं मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने कहा- पंजाब का स्वास्थ्य विभाग हर तरह की स्थिति से लड़ने के लिए तैयार है। यह कोई नया वायरस नहीं है और न ही यह जानलेवा वायरस है। जिन लोगों को अस्थमा जैसी कोई सांस संबंधी बीमारी है, उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर नहीं जाना चाहिए। साथ ही अगर बाहर जाना ही है, तो मास्क पहनकर निकलें। लोगों को इससे घबराना नहीं चाहिए। कोरोना से हमने बहुत कुछ सीखा है, इसलिए हम हर तरह से तैयार हैं। डॉ. बलबीर सिंह ने आगे कहा- हमने राज्य के डॉक्टरों को अलर्ट कर दिया है और उन्हें एडवाइजरी जारी कर दी गई है। पंजाब में हर तरह का इलाज मुफ्त होगा। सरकार बोली- फ्लू जैसी बीमारियों की जांच के लिए सिस्टम मौजूद केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि भारत में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के लिए ICMR और IDSP के माध्यम से एक मजबूत निगरानी प्रणाली है। दोनों एजेंसियों के डेटा से पता चलता है कि ILI और SARI मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है। हालांकि, यह भी कहा गया कि एहतियात के तौर पर ICMR HMPV की जांच करने वाली लैब की संख्या बढ़ाएगा। साथ ही, यह पूरे साल HMPV मामलों पर नज़र रखेगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
सिविल अस्पताल में 1 साल से 1 सर्जन, इलाज प्रभावित
सिविल अस्पताल में 1 साल से 1 सर्जन, इलाज प्रभावित जिले के सबसे बड़े सिविल हॉस्पिटल में पिछले सालों के दौरान बेड की संख्या में तो इजाफा हुआ है, लेकिन उस संख्या के बढ़ने के साथ स्पेशलिस्ट के पदों की जो रिविजन होनी चाहिए थी वो आज तक नहीं हो सकी है। वहीं, जिन विभागों में मरीजों की भीड़ रहती है और मरीजों को इलाज की ज्यादा जरूरत होती है। उनमें भी पहले से सैंक्शन पोस्टों पर डॉक्टर तैनात करवाने में सेहत विभाग सफल नहीं हो सका। सिविल हॉस्पिटल में 300 बेड की क्षमता है। जहां महीने में 24 से 30 हजार की ओपीडी रहती हैं, लेकिन यह लंबे समय से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। जब भी सेहत मंत्री निरीक्षण करने आते हैं तो सिर्फ डॉक्टरों के खाली पद भरने का आश्वासन देकर चले जाते हैं। आज तक कोई भर्ती नहीं हुई। सिविल हॉस्पिटल के सर्जरी विभाग में पिछले एक साल से सिर्फ एक ही सर्जन की पोस्ट भरी हुई है। पिछले साल एक सर्जन की डेपुटेशन पर ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन इस साल की शुरुआत से वो डेपुटेशन भी नहीं रही और अब एक ही सर्जन जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मेडिसिन के लिए सिर्फ एक रेगुलर डॉक्टर हैं। यहां दो डॉक्टर डेपुटेशन पर तैनात किए गए हैं। इसी तरह रेडियोलॉजिस्ट के लिए भी एक ही डॉक्टर हैं जो अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सर्जरी विभाग में हर महीने 20-22 मेजर सर्जरी होती हैं, लेकिन सर्जन की कमी होने के कारण कई बार पोस्टमॉर्टम, वीआईपी ड्यूटी और अन्य जिम्मेदारियों के चलते सर्जरी रद्द भी होती हैं। डॉक्टर के मुताबिक 100 बेड के मुताबिक ही स्पेशलिस्ट की पोस्ट है। ईएमओ की पोस्ट रिवाइज, पर स्पेशलिस्ट नहीं मिला हॉस्पिटल में ऑर्थों की दो पोस्ट, सर्जरी की दो पोस्ट, मेडिसिन की दो पोस्ट, आई स्पेशलिस्ट की एक पोस्ट, ईएनटी की एक पोस्ट है। एक डॉक्टर दिन में 150 से 250 मरीज देखता है। मेडिसिन की दो पोस्ट में से एक की ही तैनाती है और एक डॉक्टर डेपुटेशन पर आते हैं। आंखों के माहिर में भी परमानेंट डॉक्टर नहीं हैं और डेपुटेशन पर ही डॉक्टर को लगाया गया है। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन द्वारा लंबे समय से इन खाली पोस्ट को भरने की मांग और पोस्टों को रिवाइज करने की मांग की जा रही है, लेकिन ऐसा संभव अब तक भी नहीं हुआ है। हाल ही में सरकार द्वारा एमरजेंसी मेडिकल अफसरों की पोस्ट को रिवाइज किया गया है। इसमें पहले 294 के तकरीबन पोस्ट थी, जिन्हें बढ़ा कर 813 किया गया और कुल 1107 ईएमओ की पोस्ट होगी, लेकिन स्पेशलिस्ट की पोस्ट के लिए कोई रिविजन नहीं हुई है।
पंजाब में दिवाली पर ग्रीन पटाखे ही चला पाएंगे लोग:सरकार ने लिया फैसला, ऑनलाइन नहीं बिकेंगी आतिशबाजी, डीसी करेंगे निगरानी
पंजाब में दिवाली पर ग्रीन पटाखे ही चला पाएंगे लोग:सरकार ने लिया फैसला, ऑनलाइन नहीं बिकेंगी आतिशबाजी, डीसी करेंगे निगरानी पंजाब में इस बार दिवाली, गुरुपर्व और क्रिसमस पर लोग ग्रीन पटाखे ही लोग चला पाएंगे। यह फैसला पंजाब सरकार की तरफ से वायु को प्रदूषण को रोकने व लोगों की सेहत को ध्यान में रखकर लिया है। दूसरी पटाखों की लड़ी (सीरीज पटाखे) के चलाने और भंडारण पर पूरी तरह रोक रहेगी। वहीं, फ्लिपकार्ट और अमेज़ॅन सहित ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों पर पटाखों की बिक्री हनीं होगी। कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी डीसी को पटाखों के हानिकारक प्रभावों बारे लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए गए है। इसके अलावा पटाखे तय स्थानों पर ही बिकेंगे। दिवाली पर दो घंटे ही चला पाएंगे पटाखे सरकार की तरफ से पटाखों चलाने का समय तय कर दिया है। दिवाली की रात केवल दो घंटे ही लोग पटाखे चला पाएंगे। दिवाली (31 अक्टूबर 2024) को रात 8:00 बजे से 10:00 बजे तक आतिशबाजी की अनुमति दी गई है। गुरुपर्व (15 नवंबर, 2024) पर सुबह 4:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक और रात 9:00 बजे से 10:00 बजे तक आतिशबाजी की अनुमति दी गई है। इसी तरह क्रिसमस की पूर्व संध्या (दिसंबर 25-26, 2024) और नए साल की पूर्व संध्या (दिसंबर 31, 2024 – 1 जनवरी, 2025) पर सुबह 11:55 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक आतिशबाजी की अनुमति होगी। लाइसेंस वाले ही पटाखे बेच पाएंगे सरकार की तरफ से जारी आदेश में साफ किया पटाखे केवल वहीं लोग बेच पाएंगे, जिनके पास लाइसेंस होंगे। पटाखे सीमित जगह पर बिकेंगे। वहीं, तय डेसिबल स्तर से अधिक आतिशबाजी का भंडारण, प्रदर्शन या बिक्री पर पाबंदी रहेगी। इस बारे में पहले ही सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के नियम तय है। लोगाें को इस बारे में सहयोग की अपील की गई है।
लॉरेंस ने चंडीगढ़ के 2 क्लबों के बाहर ब्लास्ट कराया:एक क्लब रैपर बादशाह का, गोल्डी बराड़-गोदारा ने जिम्मेदारी ली; बोले- प्रोटेक्शन मनी नहीं दी
लॉरेंस ने चंडीगढ़ के 2 क्लबों के बाहर ब्लास्ट कराया:एक क्लब रैपर बादशाह का, गोल्डी बराड़-गोदारा ने जिम्मेदारी ली; बोले- प्रोटेक्शन मनी नहीं दी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 3 दिसंबर को चंडीगढ़ दौरे से पहले मंगलवार सुबह सेक्टर-26 में 2 क्लबों के बाहर धमाके हुए। धमाकों की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली है। गोल्डी बराड़ ने इस बारे में सोशल मीडिया पोस्ट डाली है। उसने धमाके की वजह प्रोटेक्शन मनी न देना बताया है। सेविले बार एंड लाउंज और डि’ओरा क्लब के बाहर हुए धमाके में क्लब के बाहर के शीशे टूट गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेविले बार एंड लाउंज क्लब के मालिकों में मशहूर रैपर बादशाह भी पार्टनर हैं। गोल्डी बराड़ के हवाले वाली सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- ‘2 ब्लास्ट की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग के गोल्डी बराड़ और रोहित गोदारा लेते हैं। इन दोनों क्लबों के मालिकों को प्रोटेक्शन मनी के लिए मैसेज किया था। मगर इन्हें हमारी कॉल की घंटी नहीं सुनाई दे रही थी। इनके कान खोलने के लिए यह धमाके किए। जो भी हमारे कॉल्स को इग्नोर कर रहे हैं, वह समझ जाएं कि इससे भी कुछ बड़ा हो सकता है।’ गोल्डी बराड़ की सोशल मीडिया पोस्ट… वहीं पुलिस की जांच में सामने आया कि बम फेंकने वाले युवक बाइक पर आए थे। वारदात में जो बम इस्तेमाल हुए हैं, उनमें कील और ज्वलनशील पदार्थ भरा हुआ था। मौके पर इससे जुड़ी हुई चीजें भी बरामद हुई हैं। पुलिस मानकर चल रही है कि देसी बम (सुतली बम) फोड़े गए हैं। पुलिस एक्सटॉर्शन एंगल पर भी जांच कर रही है। घटना का एक CCTV भी सामने आया है। सुबह 3.15 बजे एक युवक ने क्लब की तरफ बम नुमा चीज फेंकी। जिसके बाद जोरदार धमाका हुआ। धुआं उठते ही युवक वहां से भाग गया। DSP दिलबाग सिंह ने बताया कि सुबह 3.25 बजे हमें कंट्रोल रूम पर पर्सनल प्रॉब्लम की सूचना मिली थी। हमारे जांच अधिकारी मौके पर गए। SSP कंवरदीप कौर ने ऑपरेशन सेल, क्राइम ब्रांच, डिस्ट्रिक्ट सेल और अन्य थाना पुलिस को आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए हैं। चंडीगढ़ में धमाके के बाद की तस्वीरें… सिक्योरिटी गार्ड बोला- 2 युवक थे
क्लब के सिक्योरिटी गार्ड पूर्ण सिंह ने बताया है कि आरोपी बाइक पर आए थे। एक युवक बाइक स्टार्ट कर खड़ा था, दूसरे युवक ने विस्फोटक फेंका। धमाके की आवाज सुनकर वह आया तो देखा कि शीशा टूटा हुआ था। वहां दूसरा सिक्योरिटी गार्ड नरेश भी खड़ा था। एक हमलावर नरेश से कह रहा था कि तू मेरा क्या कर लेगा। उनके मुंह ढंके हुए थे। इसके बाद बदमाश भाग गए। चंडीगढ़ के जिस इलाके में धमाके हुए, वह पॉश एरिया है। इसके पास ही सब्जी मंडी लगती है। कई केंद्रीय संस्थान भी नजदीक में हैं । पुलिस लाइन और सेक्टर-26 का थाना भी पड़ता है। दोनों क्लबों के बीच 30 मीटर की दूरी
नकाबपोश आरोपी सेक्टर-26 थाने के आगे से होकर आए थे। आरोपियों ने स्लिप रोड पर बाइक खड़ी की। पहले उन्होंने सेविले बार एंड लाउंज के बाहर देसी बम फेंका। इसके बाद वे डि’ओरा क्लब के बाहर बम फेंकने पहुंचे। इन दोनों क्लबों के बीच करीब 30 मीटर की दूरी है। चंडीगढ़ में क्लबों के बाहर जिस समय धमाके हुए, उस समय क्लब बंद थे। इस कारण धमाकों से कोई जानी नुकसान नहीं हुआ। इससे आशंका जताई जा रही है कि हमलावरों ने दहशत फैलाने का प्रयास किया। मौके पर केवल सिक्योरिटी गार्ड था। उसने ही पुलिस को सूचना दी। जल्द पहुंचेगी PM की सुरक्षा टीम
3 दिसंबर को ही चंडीगढ़ में PM नरेंद्र मोदी के आने का प्रोग्राम है। इसके चलते पुलिस अलर्ट मोड पर है। हालांकि इस घटना ने पुलिस की टेंशन बढ़ा दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, एक-दो दिन में PM की सुरक्षा टीम भी चंडीगढ़ आने वाली है। गैंगस्टरों के एंगल पर भी जांच कर रही पुलिस
शहर में क्लब संचालकों को कई बार रंगदारी की कॉल आ चुकी है। पुलिस इस एंगल से भी जांच कर रही है कि कहीं रंगदारी को लेकर तो अटैक नहीं किया गया या इसमें किसी गैंगस्टर का हाथ तो नहीं है। रिटायर्ड प्रिंसिपल के घर पर हुआ था हमला
करीब 2 महीने पहले चंडीगढ़ के सेक्टर-10 के पॉश एरिया में रिटायर्ड प्रिंसिपल के घर पर ग्रेनेड अटैक हुआ था। इससे घर में 7 से 8 इंच का गड्ढा हो गया था। खिड़कियों के शीशे टूट गए थे। 3 हमलावर ऑटो से आए थे और वारदात के बाद उसी ऑटो से भाग गए। इसकी जांच के लिए लोकल पुलिस के अलावा बम निरोधक दस्ता, डॉग स्क्वायड और नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की टीम भी पहुंची थी। इसके बाद 2 संदिग्ध युवकों की तस्वीर सामने आई थी। पुलिस ने इसकी जांच टेरर और गैंगस्टर एंगल पर की थी। घटना सेक्टर-10 के मकान नंबर 575 में हुई। यह घर रिटायर्ड प्रिंसिपल भूपेश मल्होत्रा का है। घटना के समय परिवार घर में बरामदे में बैठा हुआ था। पूरी खबर पढ़ें…