फरीदाबाद में सड़क किनारे खड़ी 5 साल की बच्ची को ओवरस्पीड बाइक ने टक्कर मार दी। जिससे वह 6 फीट उछलकर दूर जा गिरी। परिजनों ने गंभीर हालत में उसे ट्रामा सैंटर दिल्ली में भर्ती कराया है। वहीं आरोपी मौके से भा गया। घटना 6 जनवरी की है। थाना छांयसा फरीदाबाद पुलिस को गांव नंगला मोठूका निवासी देविन्द्र ने शिकायत में बताया कि दोपहर बाद 2 बजे के करीब उसकी उनकी बेटी जिया सड़क के किनारे खड़ी थी। इसी दौरान नया गांव निवासी मोहित तेज रफ्तार से अपनी बाइक लेकर आया और उनकी बेटी को सीधी टक्कर मार दी। टक्कर लगने से उसकी बेटी 6 फीट उछल कर दूर जा गिरी और बेहोश हो गई। मौके का फायदा उठाकर बाइक चालक फरार हो गया। हादसे की जानकारी मिलते ही बच्ची के परिवार के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और घायल बच्ची को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले गए। बच्ची की हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने दिल्ली के ट्रामा सैंटर रेफर कर दिया गया। जंहा पर बच्ची का इलाज चल रहा है। मामले की जांच कर रही पुलिस जांच अधिकारी संदीप ने बताया कि बच्ची के पिता देविन्द्र कि शिकायत पर बाइक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस फरार बाइक चालक की तलाश कर रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा। फरीदाबाद में सड़क किनारे खड़ी 5 साल की बच्ची को ओवरस्पीड बाइक ने टक्कर मार दी। जिससे वह 6 फीट उछलकर दूर जा गिरी। परिजनों ने गंभीर हालत में उसे ट्रामा सैंटर दिल्ली में भर्ती कराया है। वहीं आरोपी मौके से भा गया। घटना 6 जनवरी की है। थाना छांयसा फरीदाबाद पुलिस को गांव नंगला मोठूका निवासी देविन्द्र ने शिकायत में बताया कि दोपहर बाद 2 बजे के करीब उसकी उनकी बेटी जिया सड़क के किनारे खड़ी थी। इसी दौरान नया गांव निवासी मोहित तेज रफ्तार से अपनी बाइक लेकर आया और उनकी बेटी को सीधी टक्कर मार दी। टक्कर लगने से उसकी बेटी 6 फीट उछल कर दूर जा गिरी और बेहोश हो गई। मौके का फायदा उठाकर बाइक चालक फरार हो गया। हादसे की जानकारी मिलते ही बच्ची के परिवार के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और घायल बच्ची को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल ले गए। बच्ची की हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने दिल्ली के ट्रामा सैंटर रेफर कर दिया गया। जंहा पर बच्ची का इलाज चल रहा है। मामले की जांच कर रही पुलिस जांच अधिकारी संदीप ने बताया कि बच्ची के पिता देविन्द्र कि शिकायत पर बाइक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस फरार बाइक चालक की तलाश कर रही है। जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पानीपत भाजपा शक्तिकेंद्र प्रमुख ने दिया इस्तीफा:बोले- मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश; पार्टी के भीतर षड्यंत्रकारी, महामंत्री ने नोटिस भेज मांगा जवाब
पानीपत भाजपा शक्तिकेंद्र प्रमुख ने दिया इस्तीफा:बोले- मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश; पार्टी के भीतर षड्यंत्रकारी, महामंत्री ने नोटिस भेज मांगा जवाब हरियाणा बीजेपी में अब भीतरी कलह लगातार सामने आ रही है। करीब 5 दिन पहले भाजपा ने लोकसभा चुनाव में पार्टी और करनाल से प्रत्याशी पूर्व सीएम मनोहरलाल की खिलाफत करने वाले पानीपत के पांच पार्टी पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इन पांचों में से एक पदाधिकारी अवतार सिंह शास्त्री ने शनिवार को बीजेपी से खुद को पदमुक्त कर लिया है। दरअसल, पार्टी की ओर से सहकारिता मंत्री महीपाल ढांडा के नजदीकी बड़ौली के पूर्व सरपंच व भाजपा में शक्ति केंद्र प्रमुख अवतार शास्त्री को नोटिस जारी किया गया था।
उन पर आरोप है कि शहरी विधायक प्रमोद विज के आवास पर आपस में बातचीत के दौरान बोल दिया था कि पंजाबी को ज्यादा वोट मत दे देना। जबकि अवतार ने इसे षड्यंत्र बताया है। इस्तीफा कॉपी में ये सब है लिखा
जिलाध्यक्ष दुष्यंत भट्ट को दिए इस्तीफा कॉपी में अवतार सिंह शास्त्री ने लिखा कि, मैं शक्ति केंद्र प्रमुख गांव बड़ौली के तौर पर कार्यरत हूं। मैंने आज तक अपने पद और पार्टी की जी जान से सेवा की है, और जो भी जिम्मेदारी मुझे पार्टी स्तर पर दी गई है मैंने उसे ईमानदारी से निभाया है।
लेकिन पिछले कुछ दिनों से पार्टी के अंदर कुछ षड्यंत्रकारी पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते हुए षड्यंत्र करके मेरी छवि को धूमिल करना चाहते हैं। जिस वजह से मेरी भावनाएं आहत हुई है। मैं इस षड्यंत्र से दुखी होकर तुरंत प्रभाव से भाजपा में अपने सभी पदों व पार्टी की सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं। मेरा यह त्यागपत्र तुरंत प्रभाव से लागू समझा जाए। जिला महामंत्री ने ये थमाया था नोटिस
बीजेपी जिला महामंत्री कृष्ण छौक्कर ने 28 मई को दिए नोटिस में लिखा कि अवतार शास्त्री, शक्ति केंद्र प्रमुख (बडौली)16 मई को पानीपत शहरी विधायक प्रमोद विज के निवास पर भाजपा कार्यकर्ताओं एवं समाज के प्रबुद्ध नागरिकों के सामने पूर्व मुख्यमंत्री एवं करनाल लोकसभा सांसद प्रत्याशी मनोहर लाल के बारे में आपने अभद्र टिप्पणी की एवं असंसदीय भाषा का प्रयोग किया।
आपके वक्तव्य से यह प्रतीत हो रहा था कि आप कार्यकर्ताओं को चुनाव के दौरान हतोत्साहित करना चाह रहे थे और पूर्व मुख्यमंत्री एवं करनाल लोकसभा सांसद प्रत्याशी मनोहर लाल को अधिक मत न देने की टिप्पणी कर रहे थे। आपके इस व्यवहार के लिए आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए ? इसका उत्तर आप नोटिस जारी होने के तिथि के एक सप्ताह के भीतर दे।
हरियाणा में 3 लाल के परिवार अब एक पार्टी में:ऐसा पहली बार; भजनलाल, देवीलाल और बंसीलाल धुर विरोधी रहे, अब फैमिली एक साथ
हरियाणा में 3 लाल के परिवार अब एक पार्टी में:ऐसा पहली बार; भजनलाल, देवीलाल और बंसीलाल धुर विरोधी रहे, अब फैमिली एक साथ हरियाणा की राजनीति में लालों के नाम से मशहूर चौधरी देवीलाल, चौधरी बंसीलाल और चौधरी भजनलाल किसी जमाने में आपस में राजनीतिक धुर विरोधी रहे, लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा कि तीनों के परिवार अब एक ही पार्टी के बैनर के नीचे राजनीति करने को मजबूर हो गए। तीनों ने अलग-अलग पार्टियां भी बनाई, लेकिन देवीलाल की बनाई पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल को छोड़कर बंसीलाल की हविपा और भजनलाल की हजकां का पहले ही विलय हो चुका है। तीनों ही हरियाणा के कद्दावर नेता के साथ कई बार हरियाणा के मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में बड़े मंत्रालयों को संभाल चुके हैं। चौधरी भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने अगस्त 2022 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन की तो चौधरी देवीलाल के बेटे रणजीत चौटाला ने इसी साल लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी जॉइन की है। हालांकि रणजीत चौटाला 2019 से ही निर्दलीय विधायक के तौर पर बीजेपी सरकार को समर्थन देते आ रहे थे, लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें हिसार से टिकट दी गई। हालांकि रणजीत चौटाला कांग्रेस कैंडिडेट जयप्रकाश से चुनाव हार गए। इसी तरह लोकसभा चुनाव निपटने के बाद एक और लाल चौधरी बंसीलाल के परिवार से किरण चौधरी और श्रुति चौधरी भी अब बीजेपी में शामिल हो रही हैं। तीन बार CM और केंद्र कृषि मंत्री बने भजनलाल
हिसार जिले से ताल्लुक रखने वाले चौधरी भजनलाल कई दशकों तक कांग्रेस में रहे। इस दौरान तीन बार भजनलाल ने हरियाणा की सत्ता की बागडोर संभाली। पहली बार 1979 में हरियाणा के सीएम बने। इसके बाद वे 1882 और 1991 में भी मुख्यमंत्री बने। साथ ही एक बार केंद्र सरकार में कृषि मंत्री बने। हालांकि 2005 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाए जाने से भजनलाल नाराज हो गए। उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी बड़े बेटे कुलदीप बिश्नोई के साथ भजनलाल ने 2007 में कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी हजकां बना ली। हालांकि भजनलाल के निधन के बाद 2016 में कुलदीप बिश्नोई अपनी पार्टी हजकां का विलय कर फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके ठीक 6 साल बाद फिर से कुलदीप बिश्वोई कांग्रेस से नाराज हुए और 2022 में बीजेपी जॉइन कर ली। कुलदीप बिश्नोई प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनाए जाने से नाराज थे। उनकी नाराजगी की वजह पूर्व सीएम हुड्डा के करीबी चौधरी उदयभान को प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने से थी। फिलहाल कुलदीप बिश्नोई के अलावा उनके बेटे भव्य बिश्नोई एक्टिव राजनीति में है। भव्य अपनी पैतृक आदमपुर सीट से बीजेपी के विधायक बने हैं। देवीलाल के परिवार से रणजीत चौटाला बन चुके भाजपाई
2 बार 1977 और 1987 में हरियाणा के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल चुके चौधरी देवीलाल के परिवार की राजनीतिक धमक आज भी बरकरार है। चौधरी देवीलाल 1989 से 21 जून 1991 तक देश के उपप्रधानमंत्री रह चुके हैं। उनके तीसरे नंबर के बेटे रणजीत चौटाला लंबे समय तक कांग्रेस में रहे। उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का करीबी कहा जाता है, लेकिन 2019 में रानियां सीट से टिकट कटने के बाद रणजीत चौटाला ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और वे जीत गए। संयोग से बहुमत नहीं मिलने के कारण बीजेपी को चौटाला की जरूरत पड़ी और उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। बीजेपी से करीबी बढ़ने के बाद चौटाला अप्रैल 2024 में बीजेपी में शामिल हो गए। चौधरी देवीलाल के परिवार की बात करें तो उनके बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला अपनी खुद की पार्टी इनेलो को संभाल रहे हैं, जबकि ओपी चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला अपने दोनों बेटों दुष्यंत और दिग्विजय के साथ मिलकर जेजेपी बना चुके हैं। बंसीलाल 4 बार सीएम रहे, बेटा मंत्री बना
हरियाणा में एक और परिवार चौधरी बंसीलाल की किसी समय में सूबे की राजनीति में तूती बोलती थी। उन्होंने अपनी खुद की पार्टी हविपा बनाकर भी सरकार बनाई। चौधरी बंसीलाल चार बार 1967, 1972, 1986, 1996 में हरियाणा के सीएम बने। इसके अलावा केंद्र सरकार में भी अहम मंत्रालयों में पदभार संभाला। लंबे समय तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले चौधरी बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह भी हरियाणा सरकार में पूर्व मंत्री रहे, लेकिन उनके निधन के बाद बंसीलाल की राजनीतिक विरासत को पुत्रवधु किरण चौधरी ने संभाला। किरण चौधरी 2005 में पहली बार चुनाव लड़ीं और MLA बनकर तत्कालीन हुड्डा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बन गईं। खुद राजनीति में एडजस्ट होने के बाद किरण ने अपनी बेटी श्रुति चौधरी को भी पूरी तरह राजनीति में एक्टिव कर दिया। 2009 में श्रुति ने अपना पहला चुनाव भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट से लड़ा और पहले ही चुनाव में सांसद चुनी गईं। इसके बाद किरण चौधरी तो लगातार अपनी पैतृक सीट तोशाम विधानसभा से जीत दर्ज करती रहीं, लेकिन श्रुति 2014 और 2019 के दोनों चुनाव में हार गईं, जिसके चलते 2024 में उनकी टिकट कटी और अब वे आगे की राजनीति के लिए बीजेपी जॉइन कर रही हैं।
रोहतक में 2 निर्माणाधीन मकानों में चोरी:45 क्विंटल लोहे की छड़ें गायब, पड़ोसियों ने फोन कर दी सूचना
रोहतक में 2 निर्माणाधीन मकानों में चोरी:45 क्विंटल लोहे की छड़ें गायब, पड़ोसियों ने फोन कर दी सूचना रोहतक के 2 निर्माणाधीन मकानों में चोरी की वारदात सामने आई है। बताया जा रहा है कि वहां रखे गए लोहे के सरिया को अज्ञात चोर चोरी करके फरार हो गए। जब मकान मालिकों को इसका पता लगा तो उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी। रोहतक के गांव सुनारिया कलां निवासी राकेश कुमार ने अर्बन एस्टेट थाना में शिकायत दी। जिसमें उसने बताया कि उसने प्लाट लिया हुआ है, जिसमें निर्माणाधीन मकान है। 24 अप्रैल को उसने मकान के सामने रोड पर करीब 10 टन लोहे का सरिया उतरवाया था। जिसमें से आधा सरिया मकान में लग चुका था और करीब 45 क्विंटल सरिया मकान के सामने पड़ा था। 30 मई को जब देखा तो लोहे का सरिया गायब मिला। कोई अज्ञात व्यक्ति लोहे के सरिये को चोरी कर ले गया, जिसकी कीमत डेढ़-दो लाख रुपए थी। मामले की शिकायत पुलिस को दे दी। निर्माणाधीन मकान से लोहे का सरिया चोरी
रोहतक के विशाल नगर निवासी कांता अहलावत ने अर्बन एस्टेट थाने में चोरी की शिकायत दी। जिसमें बताया कि वे सेक्टर-2 पार्ट में मकान का निर्माण कर रहे थे। रात को उनके यहां से लोहे का सरिया चोरी हो गया। पड़ोसियों ने इसकी सूचना फोन पर दी। उनके यहां से करीब 18 क्विंटल अलग-अलग साइज का लोहे का सरिया चोरी कर लिया। जब इसका पता लगा तो उन्होंने अपने स्तर पर पता लगाने का प्रयास किया। लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दे दी।