हिमाचल में HMPV वायरस का अलर्ट:मंत्री बोले- ​​​​​​​स्वास्थ्य विभाग तैयार, घबराने की जरूरत नहीं, अस्पतालों में किए गए पर्याप्त इंतजाम

हिमाचल में HMPV वायरस का अलर्ट:मंत्री बोले- ​​​​​​​स्वास्थ्य विभाग तैयार, घबराने की जरूरत नहीं, अस्पतालों में किए गए पर्याप्त इंतजाम

भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के 9 केस सामने आने के बाद हिमाचल सरकार सतर्क हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के निर्देशों के बाद सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को तैयारियां रखने को कह दिया है। हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जरूरी दिशा निर्देश मिलने के बाद प्रदेश सरकार भी इस संबंध में अलर्ट है। उन्होंने कहा, यह ‘वायरस ऑफ कंसर्न’ नहीं है। इसे एक सामान्य वायरस की तरह ही देखा जाना चाहिए। इससे आसानी से बचाव किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग HPMV पर लगातार नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि यह कोरोना जैसा वायरस नहीं है। इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं। वायरस से निपटने को सरकार तैयार: शांडिल स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, प्रदेश सरकार एचपीएमवी वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। राज्य में पर्याप्त स्वास्थ्य अधोसंरचना, ऑक्सीजन सिलेंडर और बिस्तरों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों और प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है। क्या है HMPV वायरस? ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस 2001 में खोजा गया एक वायरस है। जो न्यूमोविरिडे परिवार से संबंधित है, यह परिवार रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) से जुड़ा हुआ है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे होते हैं। बुखार, खांसी और गले में खराश, नाक बंद या बहना, वहीं, गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई भी होती है। वायरस के लक्षण? इस वायरस के आम लक्षण खांसी, बुखार और नाक बंद होना है। यह संक्रमण खांसने, छींकने, छूने या हाथ मिलाने से फैलता है। अगर किसी को भी खांसी या बुखार के लक्षण नजर में आए, तो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाए। ऐसे व्यक्ति को अपनी जांच करवानी चाहिए और किसी के साथ संपर्क में आने से बचना चाहिए। इस दौरान मास्क लगाने के साथ समय-समय पर हाथों को साबुन से धोने, खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकने और बीमार होने की स्थिति में घर पर आराम करने जैसे उपायों को अपनाकर संक्रमण से बचा जा सकता है। भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के 9 केस सामने आने के बाद हिमाचल सरकार सतर्क हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव के निर्देशों के बाद सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को तैयारियां रखने को कह दिया है। हिमाचल के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से जरूरी दिशा निर्देश मिलने के बाद प्रदेश सरकार भी इस संबंध में अलर्ट है। उन्होंने कहा, यह ‘वायरस ऑफ कंसर्न’ नहीं है। इसे एक सामान्य वायरस की तरह ही देखा जाना चाहिए। इससे आसानी से बचाव किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग HPMV पर लगातार नजर बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि यह कोरोना जैसा वायरस नहीं है। इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं। वायरस से निपटने को सरकार तैयार: शांडिल स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, प्रदेश सरकार एचपीएमवी वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। राज्य में पर्याप्त स्वास्थ्य अधोसंरचना, ऑक्सीजन सिलेंडर और बिस्तरों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। साथ ही, स्वास्थ्य विभाग भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों और प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है। क्या है HMPV वायरस? ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस 2001 में खोजा गया एक वायरस है। जो न्यूमोविरिडे परिवार से संबंधित है, यह परिवार रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV) से जुड़ा हुआ है। इसके लक्षण सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे होते हैं। बुखार, खांसी और गले में खराश, नाक बंद या बहना, वहीं, गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई भी होती है। वायरस के लक्षण? इस वायरस के आम लक्षण खांसी, बुखार और नाक बंद होना है। यह संक्रमण खांसने, छींकने, छूने या हाथ मिलाने से फैलता है। अगर किसी को भी खांसी या बुखार के लक्षण नजर में आए, तो वह नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाए। ऐसे व्यक्ति को अपनी जांच करवानी चाहिए और किसी के साथ संपर्क में आने से बचना चाहिए। इस दौरान मास्क लगाने के साथ समय-समय पर हाथों को साबुन से धोने, खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकने और बीमार होने की स्थिति में घर पर आराम करने जैसे उपायों को अपनाकर संक्रमण से बचा जा सकता है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर