शाही जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई तारीख, 5 मार्च को अगली सुनवाई

शाही जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई तारीख, 5 मार्च को अगली सुनवाई

<p style=”text-align: justify;”><strong>Sambhal News:</strong> उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर मामले की सुनवाई संभल के जिला न्यायालय के सिविल जज सीनियर डिविजन कोर्ट में होनी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रोक के कारण सुनवाई 5 मार्च तक के लिए टल गयी है. आज शाही जामा मस्जिद की तरफ से मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी कोर्ट में दाखिल कर दी. जिसके बाद सुनवाई की अगली तारीख 5 मार्च की गयी है. जामा मस्जिद पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति स्थानीय कोर्ट में प्रस्तुत की और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अभी इस मामले पर कोई सुनवाई नहीं हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 5 मार्च की तारीख तय की है. संभल के जिला न्यायालय चंदौसी में 19 नवंबर 2024 को हिंदू पक्ष की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में दावा किया था, कि संभल की शाही जामा मस्जिद श्री हरिहर मंदिर है, 19 नवंबर की शाम को ही अदालत के आदेश पर मस्जिद का पहले चरण का सर्वे हुआ था और दूसरे चरण का सर्वे 24 नवंबर को हुआ था. मस्जिद में चल रहे सर्वे के दौरान जमा हुई भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी थी. इस हिंसा में अधिकारिक रूप से 04 लोगों की मौतें हो गईं थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुप्रीम कोर्ट ने 5 मार्च को सुनवाई नियत की<br /></strong>पुलिस ने अब तक 50 से अधिक आगजनी और पथराव के आरोपियों को चिह्नित करके गिरफ्तार भी किया गया है. शाही जामा मस्जिद की तरफ से एडवोकेट शकील अहमद वारसी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक आदेश पारित हुआ है, जब तक वरशिप एक्ट पर कोई फाइंडिंग सुप्रीम कोर्ट में नहीं आती है, तब तक लोवर कोर्ट कोई सुनवाई नहीं करेगी. सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेश की प्रति हमने कोर्ट में दाखिल की है. कोर्ट ने 5 मार्च 2025 को सुनवाई नियत की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हिन्दू पक्ष मंदिर होने का दावा कर रहा है इस पर उन्होंने कहा है कि यह बात अदालत तय करेगी. हम पर पूरे साक्ष्य है, हम पूरी तरह तैयार है कोर्ट में हम यह साबित कर देंगे कि यह हरिहर मंदिर नहीं जामा मस्जिद है. हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता गोपाल शर्मा ने बताया कि मुस्लिम पक्ष को अपना जवाब लिखित में दाखिल करना था लेकिन उन्होंने अपना जवाब दाखिल नहीं किया. अब हमने प्रार्थना पत्र देकर उनका जवाब दाखिल करने का अवसर समाप्त करने की मांग करेंगे. अब हाई कोर्ट की जो भी गाइड लाईन होगी उसे मानेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हिन्दू शक्ति दल ने भी याचिका दाखिल की<br /></strong>इस बीच आज हिन्दू शक्ति दल की तरफ से भी संभल की जिला अदालत में शाही जामा मस्जिद को श्री हरी हर मन्दिर बताने वाली एक याचिका दाखिल करते हुए उसमे पक्षकार बनाने की मांग अदालत से की गयी. हिन्दू शक्ति दल के अध्यक्ष सिमरन गुप्ता के मुताबिक अदालत ने उन्हें भी 5 मार्च की तारीख दी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 1991 वरशिप एक्ट में जब तक कोई फाईडिंग नहीं आती है तब तक किसी भी प्रकार की सुनवाई और नये वाद दाखिल करने पर रोक लगी हुई है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/cm-yogi-adityanath-says-whether-waqf-board-or-board-of-land-mafia-we-take-back-every-land-2858825″>सीएम योगी बोले-‘वक्फ है या भू-माफियाओं का बोर्ड, एक-एक इंच लैंड वापस लेंगे'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Sambhal News:</strong> उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर मामले की सुनवाई संभल के जिला न्यायालय के सिविल जज सीनियर डिविजन कोर्ट में होनी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रोक के कारण सुनवाई 5 मार्च तक के लिए टल गयी है. आज शाही जामा मस्जिद की तरफ से मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी कोर्ट में दाखिल कर दी. जिसके बाद सुनवाई की अगली तारीख 5 मार्च की गयी है. जामा मस्जिद पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति स्थानीय कोर्ट में प्रस्तुत की और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार अभी इस मामले पर कोई सुनवाई नहीं हो सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 5 मार्च की तारीख तय की है. संभल के जिला न्यायालय चंदौसी में 19 नवंबर 2024 को हिंदू पक्ष की ओर से सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में दावा किया था, कि संभल की शाही जामा मस्जिद श्री हरिहर मंदिर है, 19 नवंबर की शाम को ही अदालत के आदेश पर मस्जिद का पहले चरण का सर्वे हुआ था और दूसरे चरण का सर्वे 24 नवंबर को हुआ था. मस्जिद में चल रहे सर्वे के दौरान जमा हुई भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी थी. इस हिंसा में अधिकारिक रूप से 04 लोगों की मौतें हो गईं थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सुप्रीम कोर्ट ने 5 मार्च को सुनवाई नियत की<br /></strong>पुलिस ने अब तक 50 से अधिक आगजनी और पथराव के आरोपियों को चिह्नित करके गिरफ्तार भी किया गया है. शाही जामा मस्जिद की तरफ से एडवोकेट शकील अहमद वारसी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक आदेश पारित हुआ है, जब तक वरशिप एक्ट पर कोई फाइंडिंग सुप्रीम कोर्ट में नहीं आती है, तब तक लोवर कोर्ट कोई सुनवाई नहीं करेगी. सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेश की प्रति हमने कोर्ट में दाखिल की है. कोर्ट ने 5 मार्च 2025 को सुनवाई नियत की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हिन्दू पक्ष मंदिर होने का दावा कर रहा है इस पर उन्होंने कहा है कि यह बात अदालत तय करेगी. हम पर पूरे साक्ष्य है, हम पूरी तरह तैयार है कोर्ट में हम यह साबित कर देंगे कि यह हरिहर मंदिर नहीं जामा मस्जिद है. हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता गोपाल शर्मा ने बताया कि मुस्लिम पक्ष को अपना जवाब लिखित में दाखिल करना था लेकिन उन्होंने अपना जवाब दाखिल नहीं किया. अब हमने प्रार्थना पत्र देकर उनका जवाब दाखिल करने का अवसर समाप्त करने की मांग करेंगे. अब हाई कोर्ट की जो भी गाइड लाईन होगी उसे मानेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हिन्दू शक्ति दल ने भी याचिका दाखिल की<br /></strong>इस बीच आज हिन्दू शक्ति दल की तरफ से भी संभल की जिला अदालत में शाही जामा मस्जिद को श्री हरी हर मन्दिर बताने वाली एक याचिका दाखिल करते हुए उसमे पक्षकार बनाने की मांग अदालत से की गयी. हिन्दू शक्ति दल के अध्यक्ष सिमरन गुप्ता के मुताबिक अदालत ने उन्हें भी 5 मार्च की तारीख दी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 1991 वरशिप एक्ट में जब तक कोई फाईडिंग नहीं आती है तब तक किसी भी प्रकार की सुनवाई और नये वाद दाखिल करने पर रोक लगी हुई है.&nbsp;</p>
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