हिमाचल प्रदेश के ठियोग में पेयजल घोटाले में 10 अफसर सस्पेंड करने के बाद विजिलेंस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) आज फिजिकल वैरिफिकेशन करेगी। ठियोग कस्बे में मई व जून 2024 में पेयजल सप्लाई करने वाले सभी टैंकर-पिक-अप के मालिक, चालक और गाड़ियों समेत ठियोग बुलाए गए हैं। इन्हें गाड़ी के साथ साथ आरसी, लॉग-बुक भी साथ लाने को कहा गया है। जल शक्ति विभाग के फील्ड स्टाफ को भी बुलाया गया है। SIU ने सभी को हर हाल में आज विजिलेंस जांच में शामिल होने को बोला है। इस दौरान SIU देखेगी किस वाहन की पानी ढुलाई की कैपेस्टी कितनी है? वाहन की कंडीशन कैसी है? वाहन का आरसी नंबर क्या है? कौन पानी के टैंकर की गिनती करता था। फिजिकल वैरिफिकेशन करके इन वाहनों का डिजिटल डाटा जुटाया जाएगा, ताकि कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते वक्त पुख्ता साक्ष्य पेश किए जा सके। साक्ष्य जुटाने के बाद विजिलेंस इस मामले में FIR करेगी। इससे पहले बीते बुधवार को विजिलेंस की SIU ने मुख्यालय में 3 SDO, 5 JE और 3 ठेकेदारों से 7.30 घंटे लंबी पूछताछ की। ठेकेदारों के बैंक खातों को खंगाल रही विजिलेंस SIU ने ठेकेदारों के बैंक खातों को खंगालना शुरू कर दिया है। जाहिर है कि इससे आने वाले दिनों में वह अधिकारी व नेता भी लपेटे में आएंगे, जिनके खातों में कॉट्रेक्टर ने ट्रांजेक्शन की होगी। सरकार ने 10 अफसर किए सस्पेंड ठियोग पेयजल घोटाले में सरकार 10 अधिकारियों को बीते शुक्रवार को सस्पेंड कर चुकी है। इसकी विभागीय जांच के साथ साथ विजिलेंस को भी जांच सौंप रखी है। विजिलेंस ने इस मामले की जांच एडिशनल एसपी नरवीर राठौर की अगुआई में गठित SIU को दी है। बाइक-होंडा सिटी में पानी ढुलाई की: सिंघा ठियोग के पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने 1 करोड़ 13 लाख रुपए का पानी लोगों को टैंकर से पिलाने के दावे को गलत बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था, ‘पानी बाइक, ऑल्टो कार, के-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टीकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो में ढोया गया। एक बाइक पर 11 चक्कर में 22 हजार लीटर पानी ढोया गया। इसकी एवज में 23 हजार रुपए का भुगतान किया गया। शिमला में हार्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो गाड़ी से 15 हजार लीटर पानी सप्लाई किया गया। इसके बदले 94 हजार की रकम ठेकेदार को दी गई।’ सिंघा ने कहा कि जल शक्ति विभाग ने बाइक पर भी लोगों को पानी पिलाया है। बिल लेने के लिए जब ठेकेदार ने बिल प्रोड्यूस किए तो बाइक, ऑल्टो कार, K-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जैसी गाड़ियों के नंबर दिए गए। एक दिन में ही एक गाड़ी को 500 से 1000 किलोमीटर रनिंग दर्शायी गई, जो पहाड़ों में संभव ही नहीं है। 10 लाख से 1.13 करोड़ पहुंचा खर्च: सिंघा सिंघा ने कहा हर साल ठियोग में पानी की सप्लाई के लिए 10-12 लाख रुपए खर्च होते थे। लेकिन 2024 में यह आंकड़ा अचानक एक करोड़ के पार पहुंच गया। कई ऐसे वाहन नंबर भी दिखाए गए, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। यहां तक कि कुछ इलाकों में, जहां सड़कें तक नहीं हैं, वहां भी वाहनों से पानी की सप्लाई दिखाई गई। 30 दिन में पेमेंट दी राकेश सिंघा ने कहा, ठेकेदार को पानी की सप्लाई के पैसे का भुगतान एक महीने के भीतर कर दिया गया। अधिकारियों ने भी बिना जांच के बिल का भुगतान किया। ठियोग क्षेत्र में पानी की हर साल भारी किल्लत रहती है, लेकिन घोटाले के चलते लोगों को राहत नहीं मिल पाई। घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। हिमाचल प्रदेश के ठियोग में पेयजल घोटाले में 10 अफसर सस्पेंड करने के बाद विजिलेंस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट (SIU) आज फिजिकल वैरिफिकेशन करेगी। ठियोग कस्बे में मई व जून 2024 में पेयजल सप्लाई करने वाले सभी टैंकर-पिक-अप के मालिक, चालक और गाड़ियों समेत ठियोग बुलाए गए हैं। इन्हें गाड़ी के साथ साथ आरसी, लॉग-बुक भी साथ लाने को कहा गया है। जल शक्ति विभाग के फील्ड स्टाफ को भी बुलाया गया है। SIU ने सभी को हर हाल में आज विजिलेंस जांच में शामिल होने को बोला है। इस दौरान SIU देखेगी किस वाहन की पानी ढुलाई की कैपेस्टी कितनी है? वाहन की कंडीशन कैसी है? वाहन का आरसी नंबर क्या है? कौन पानी के टैंकर की गिनती करता था। फिजिकल वैरिफिकेशन करके इन वाहनों का डिजिटल डाटा जुटाया जाएगा, ताकि कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करते वक्त पुख्ता साक्ष्य पेश किए जा सके। साक्ष्य जुटाने के बाद विजिलेंस इस मामले में FIR करेगी। इससे पहले बीते बुधवार को विजिलेंस की SIU ने मुख्यालय में 3 SDO, 5 JE और 3 ठेकेदारों से 7.30 घंटे लंबी पूछताछ की। ठेकेदारों के बैंक खातों को खंगाल रही विजिलेंस SIU ने ठेकेदारों के बैंक खातों को खंगालना शुरू कर दिया है। जाहिर है कि इससे आने वाले दिनों में वह अधिकारी व नेता भी लपेटे में आएंगे, जिनके खातों में कॉट्रेक्टर ने ट्रांजेक्शन की होगी। सरकार ने 10 अफसर किए सस्पेंड ठियोग पेयजल घोटाले में सरकार 10 अधिकारियों को बीते शुक्रवार को सस्पेंड कर चुकी है। इसकी विभागीय जांच के साथ साथ विजिलेंस को भी जांच सौंप रखी है। विजिलेंस ने इस मामले की जांच एडिशनल एसपी नरवीर राठौर की अगुआई में गठित SIU को दी है। बाइक-होंडा सिटी में पानी ढुलाई की: सिंघा ठियोग के पूर्व माकपा विधायक राकेश सिंघा ने 1 करोड़ 13 लाख रुपए का पानी लोगों को टैंकर से पिलाने के दावे को गलत बताया था। उन्होंने आरोप लगाया था, ‘पानी बाइक, ऑल्टो कार, के-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टीकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो में ढोया गया। एक बाइक पर 11 चक्कर में 22 हजार लीटर पानी ढोया गया। इसकी एवज में 23 हजार रुपए का भुगतान किया गया। शिमला में हार्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो गाड़ी से 15 हजार लीटर पानी सप्लाई किया गया। इसके बदले 94 हजार की रकम ठेकेदार को दी गई।’ सिंघा ने कहा कि जल शक्ति विभाग ने बाइक पर भी लोगों को पानी पिलाया है। बिल लेने के लिए जब ठेकेदार ने बिल प्रोड्यूस किए तो बाइक, ऑल्टो कार, K-10, होंडा सिटी कार और हॉर्टिकल्चर डायरेक्टर की बोलेरो जैसी गाड़ियों के नंबर दिए गए। एक दिन में ही एक गाड़ी को 500 से 1000 किलोमीटर रनिंग दर्शायी गई, जो पहाड़ों में संभव ही नहीं है। 10 लाख से 1.13 करोड़ पहुंचा खर्च: सिंघा सिंघा ने कहा हर साल ठियोग में पानी की सप्लाई के लिए 10-12 लाख रुपए खर्च होते थे। लेकिन 2024 में यह आंकड़ा अचानक एक करोड़ के पार पहुंच गया। कई ऐसे वाहन नंबर भी दिखाए गए, जो अस्तित्व में ही नहीं हैं। यहां तक कि कुछ इलाकों में, जहां सड़कें तक नहीं हैं, वहां भी वाहनों से पानी की सप्लाई दिखाई गई। 30 दिन में पेमेंट दी राकेश सिंघा ने कहा, ठेकेदार को पानी की सप्लाई के पैसे का भुगतान एक महीने के भीतर कर दिया गया। अधिकारियों ने भी बिना जांच के बिल का भुगतान किया। ठियोग क्षेत्र में पानी की हर साल भारी किल्लत रहती है, लेकिन घोटाले के चलते लोगों को राहत नहीं मिल पाई। घोटाले की उच्च स्तरीय जांच की जाए और इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल का ऐसा शहर,जहां आज स्वतंत्रता दिवस मनाते:लोगों के दबाव के कारण राजा को गद्दी छोड़नी पड़ी, पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी
हिमाचल का ऐसा शहर,जहां आज स्वतंत्रता दिवस मनाते:लोगों के दबाव के कारण राजा को गद्दी छोड़नी पड़ी, पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी भारत 15 अगस्त को देश का 78वां स्वतंत्रता दिवस मना चुका है। मगर हिमाचल में एक शहर ऐसा है जहां आजादी दिवस आज मनाया जा रहा है। शिमला से लगभग 33 किलोमीटर दूर ठियोग में आजादी दिवस 16 अगस्त को मनाने की परंपरा 1947 से चली आ रही है। यहां आजादी दिवस को ‘जलसा’ फेस्टिवल के तौर पर मनाया जाता है। इसके पीछे का इतिहास गौरवमयी है। नीचे इसके पीछे की पूरी वजह पढ़िए… साल 1946 में देश 360 रियासतों के राजाओं, राणाओं, नवाब और निजाम के शासन से मुक्ति के लिए लड़ रहा था। 1946 में ही ठियोग रियासत की जनता ने राजाओं की सत्ता से मुक्ति पाई। इसी साल ठियोग में देश के पहले प्रजामंडल का गठन किया गया। 16 अगस्त 1947 को लोग बासा ठियोग में राजा कर्मचंद के महल के बाहर इकट्ठे हुए। जनता के दबाव में राजा को को गद्दी छोड़नी पड़ी। देश में पहली डेमोक्रेटिक सरकार ठियोग में बनी
इसी दिन ठियोग में देश की पहली डेमोक्रेटिक सरकार बनी। प्रजामंडल के प्रधानमंत्री सूरत राम प्रकाश बने। इनके साथ गृह मंत्री बुद्धिराम वर्मा, शिक्षा मंत्री सीताराम वर्मा समेत अन्य 8 अन्य ने मंत्री पद की शपथ ली। तब से ठियोग में आजादी दिवस 16 अगस्त को मनाया जा रहा है। देश के लिए बलिदान देने वालों को किया जाता है याद
इस जलसा पर्व में न केवल देश के लिए बलिदान देने वाले महान सपूतों को याद किया जाता है, बल्कि सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रम और विभिन्न खेलकूद का भी आयोजन होता है। यह आयोजन 15 और 16 अगस्त दो दिन चलता है। पूरी ठियोग रियासत की जनता इस पर्व के लिए ऐतिहासिक पोटेटो ग्राउंड पहुंचती है। क्षेत्र के ज्यादातर स्कूलों के बच्चे इसमें प्रस्तुतियां देते हैं। वीरभद्र सरकार ने जलसा को जिला स्तरीय का दर्जा दिया
जलसा पर्व के लिए ठियोग में हर साल 16 अगस्त की लोकल छुट्टी रहती है। पूर्व वीरभद्र सरकार ने ठियोग के इस जलसा पर्व को जिला स्तरीय का दर्जा दिया। परंपरा यह रही कि जलसा पर्व के लिए क्षेत्र के लोग हर साल नए कपड़ों की खरीददारी करते हैं। नए कपड़े पहनकर मेले में पहुंचते हैं। मेला स्थल पर अगले 15 से 20 दिन इलाके के लोग खरीदारी के लिए पहुंचते है। कहां बसा है ठियोग शहर
ठियोग कस्बा शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे पर बसा है। शिमला से ठियोग पहुंचने में गाड़ी में एक से डेढ़ घंटे का वक्त लगता है। यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग के लिए दूसरा कोई जरिया नहीं है। पहले प्रजामंडल के PM के बेटे बोले-
जलसा पर्व को लेकर प्रजामंडल के पहले प्रधानमंत्री रहे सूरत राम प्रकाश के बेटे एवं रिटायर्ड शास्त्री जय प्रकाश ने बताया कि कहा कि देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, मगर ठियोग से पहले कहीं भी न प्रजामंडल बना और न मिनिस्ट्री का गठन हुआ। 16 अगस्त 1947 को ठियोग में प्रधानमंत्री समेत 8 मंत्रियों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।
हिमाचल CM सुक्खू आज डोडराक्वार जाएंगे:महिलाओं को 1500-1500 रुपए देंगे; ऑन स्पॉट लोगों की शिकायतों का करेंगे निवारण
हिमाचल CM सुक्खू आज डोडराक्वार जाएंगे:महिलाओं को 1500-1500 रुपए देंगे; ऑन स्पॉट लोगों की शिकायतों का करेंगे निवारण हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आज सचिवालय छोड़कर गांव में जाकर जनता की समस्याएं सुनेंगे। मुख्यमंत्री शिमला जिला के रोहड़ू में दुर्गम क्षेत्र डोडराक्वार जाएंगे। यहां से CM ‘सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम’ की शुरुआत करने जा रहे हैं। इस दौरान ‘इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना’ के तहत क्षेत्र की महिलाओं को 1500-1500 रुपए रुपए की राशि प्रदान करेंगे। डोडराक्वार के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री क्षेत्र की जनता की समस्याओं को सुनेंगे और मौके पर उनका समाधान निकालेंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू ‘सरकार जनता के द्वार कार्यक्रम’ के दौरान जनता से सीधा संवाद करेंगे और प्रदेश सरकार की नीतियों व कार्यक्रमों के कार्यान्वयन का धरातल पर स्वयं आकलन करेंगे। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को मौजूद रहने के दिए निर्देश मुख्यमंत्री के इस कार्यक्रम को देखते हुए मुख्य सचिव ने सभी विभागीय अधिकारियों को मौके पर मौजूद रहने के निर्देश दे दिए गए, ताकि मौके पर ही लोगों की समस्या का समाधान निकाला जा सके। मुख्यमंत्री सुक्खू शाम को आज डोडराक्वार में एक समर्थक के घर पर रुकेंगे। कैबिनेट मंत्री-विधायक भी करेंगे ऐसे कार्यक्रम सीएम सुक्खू आज खुद इस पहल की शुरुआत करने जा रहा है। इसके बाद कैबिनेट मंत्री भी अलग अलग क्षेत्रों में जाकर जनता की समस्याएं सुनेंगे और उनका समाधान करेंगे। उन्होंने मंत्रियों के साथ साथ विधायकों को भी जनता की समस्याएं सुनने के निर्देश दिए है। गांव का रुख कर रही सरकार:CM मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन से आत्मनिर्भरता की ओर सरकार के इस अभियान में अब गांव का रुख किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नई पहल कर रही है, जिसके तहत सरकार दूर दराज तथा पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों का रुख करेगी। सीएम पहली बार गांव में लोगों की समस्याएं सुनेंगे दावा किया जा रहा है मुख्यमंत्री पहली बार इस कार्यक्रम के तहत गांव में जाएंगे और लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे। हालांकि पूर्व सरकार में भी कैबिनेट मंत्री अलग अलग जिलों में जाकर समस्याएं सुनते थे, लेकिन मौजूदा सरकार में मुख्यमंत्री खुद गांव में जाकर समस्याएं सुनेंगे। आज डोडराक्वार में जाएंगे और शाम को क्वार में ही अपने मित्र के घर पर रुकेंगे।
कैदी को ताजमहल दिखाने पहुंचे पुलिसवाले:बंदूक से लैस थे, घुसने के लिए दबाव डाला; हिमाचल से लाए थे
कैदी को ताजमहल दिखाने पहुंचे पुलिसवाले:बंदूक से लैस थे, घुसने के लिए दबाव डाला; हिमाचल से लाए थे आगरा में बंदूकधारी 2 पुलिसवाले कैदी को लेकर ताजमहल का दीदार करने पहुंच गए। कैदी के हाथ में हथकड़ी लगी थी। पुलिस वालों ने कैदी को एंट्री गेट से अंदर ले जाने की कोशिश की। मगर गेट पर तैनात जवान ने घुसने नहीं दिया। पुलिसवाले जवान पर दबाव डालने लगे। काफी देर तक कहासुनी हुई, लेकिन जवान ने नियमों का हवाला देकर वहां से भगा दिया। इस दौरान पर्यटकों ने वीडियो बनाने की कोशिश की, तो पुलिस वाले उनसे उलझ गए। उनकी मोबाइल छीनने की कोशिश की। मामला हिमाचल पुलिस से जुड़ा है। चर्चा है कि हिमाचल पुलिस कैदी को यूपी में पेशी पर लेकर आई थी। हालांकि, पेशी कहां थी? पुलिसवाले कहां जा रहे थे? इस बारे में पता नहीं चल पाया है। मंगलवार की इस घटना का वीडियो भी सामने आया है। 3 तस्वीरें देखिए… वाकया ताजमहल के पूर्वी गेट पर होटल अमर विलास बैरियर के पास का है। यहां सफेद रंग की कार से 2 पुलिसवाले उतरते हैं। एक सिविल ड्रेस था। फिर काली रंग की टी-शर्ट पहने युवक उतरता है। उसके हाथ में हथकड़ी लगी थी। तीनों टहलते हुए ताजमहल गेट के एंट्री पॉइंट पर पहुंचे हैं। यह दूरी करीब 300 मीटर होगी। इस दौरान पुलिस वाले कैदी को हथकड़ी के साथ खुला छोड़े देते हैं। लोगों ने पूछा- यह सुरक्षा में सेंध लगाने जैसा नहीं?
कैदी को देखकर पर्यटक वीडियो बनाने लगते हैं, तो पुलिस वाले भड़क जाते हैं। वीडियो बनाने से मना कर देते हैं और मोबाइल छीनने की कोशिश करते हैं। इस दौरान लोगों ने पूछा कि क्या यह सही है? आप ताजमहल की सुरक्षा में सेंध लगाने की कोशिश नहीं कर रहे? इस पर दोनों कुछ नहीं बोलते हैं और आगे बढ़ जाते हैं। ‘हिमाचल पुलिस से हैं, इसमें आपत्ति क्या है’
ताजमहल गेट के एंट्री पॉइंट पर तैनात ASI और जवान ने तीनों रोक लिया। पूछा कि कैदी को लेकर कहां जा रहे हैं? जवाब में पुलिसवाले कहते हैं कि हिमाचल पुलिस से हैं। इसमें आपत्ति क्या है। टिकट खरीदनी है तो वह भी बता दीजिए। जवान ने कहा कि आप अंदर नहीं जा सकते हैं। उन्हें सुरक्षा नियमों के बारे में बताते हुए वापस भेज दिया। ACP बोले- जांच के बाद कार्रवाई होगी
घटना पर अब सवाल उठने लगे हैं कि तीनों ताजमहल के गेट तक कैसे पहुंच गए? लोकल पुलिस ने रोका क्यों नहीं? मामले पर ACP सैय्यद अरीब अहमद का कहना है- मामले की जांच कराई जाएगी। वीडियो के आधार पर हिमाचल पुलिस से संपर्क किया जाएगा। कार्रवाई की जाएगी। यह खबर भी पढ़ें… 28 देशों की 110 सुंदरियों ने किया ताजमहल का दीदार आगरा में 28 देशों की 110 विश्व सुंदरियों ने गुरुवार को ताजमहल का दीदार किया। हर देश की ब्यूटी पेजेंट विनर के लिए पर्यटन पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए थे। सुरक्षा के घेरे में इन सुंदरियों ने मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दीदार किया। देखें वीडियो और फोटो