पाकिस्तान में शहीद-ए-आजम भगत सिंह को आतंकवादी कहने के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन ने पूर्व सैन्य अधिकारी को कानूनी नोटिस भेजा है। साथ ही उनसे आजादी की लड़ाई लड़ने वाले भगत सिंह को आतंकी कहने पर बिना शर्त माफी मांगने को कहा गया है। इतना ही नहीं 50 करोड़ का हर्जाना भी मांगा गया है। यह कानूनी नोटिस एडवोकेट खालिद जमां खान के जरिए पाकिस्तान के पूर्व सैन्य अधिकारी और मेट्रोपोलिटन कॉरपोरेशन लाहौर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी व पूर्व सैन्य अधिकारी तारिक मजीद को भेजा गया है। नोटिस में कहा गया है कि भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के चेयरमैन इम्तियाज राशिद कुरैशी देशभक्त हैं। वह देश और इस्लाम के प्रति ईमानदार हैं। उन्होंने फाउंडेशन के लिए देश-विदेश से एक भी पैसा नहीं लिया है। नोटिस के मुताबिक कुरैशी भारत और पाकिस्तान को करीब लाने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि आम लोगों को फायदा मिल सके। कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट की भाषा गलत कुरैशी के नोटिस में कहा गया है कि मजीद ने नवंबर में लाहौर हाई कोर्ट में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में बेहद गलत और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। पूर्व पाकिस्तानी सेना अधिकारी ने हाई कोर्ट में लाहौर के शादमान चौक का नाम बदलकर भगत सिंह करने से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान भगत सिंह को आतंकवादी कहा था। साथ ही उन्होंने बताया था कि पाकिस्तान सरकार ने चौक का नाम बदलने और मूर्ति लगाने की योजना को रद्द कर दिया है। साथ ही फाउंडेशन ने इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया था। इससे जुड़े मामले की सुनवाई 17 जनवरी को होगी। भारत जता चुका है ऐतराज जैसे ही यह मामला सामने आया इसका भारत की ओर से पंजाब सरकार ने कड़ा ऐतराज जताया था। साथ ही केंद्र सरकार से मांग की थी कि पाकिस्तान की सरकार के समक्ष यह मामला उठाया जाए। इसके बाद भारत की सरकार ने इस मामले को वहां की सरकार के समक्ष उठाया था। दूसरी तरफ कुछ दिन पहले पुंछ हाउस लोगों के लिए खोला गया था। यहां पर भगत सिंह के जीवन से समर्पित सारी चीजें प्रदर्शित की गई। इसी जगह पर भगत सिंह के खिलाफ मुकदमा चला था। पाकिस्तान में शहीद-ए-आजम भगत सिंह को आतंकवादी कहने के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन ने पूर्व सैन्य अधिकारी को कानूनी नोटिस भेजा है। साथ ही उनसे आजादी की लड़ाई लड़ने वाले भगत सिंह को आतंकी कहने पर बिना शर्त माफी मांगने को कहा गया है। इतना ही नहीं 50 करोड़ का हर्जाना भी मांगा गया है। यह कानूनी नोटिस एडवोकेट खालिद जमां खान के जरिए पाकिस्तान के पूर्व सैन्य अधिकारी और मेट्रोपोलिटन कॉरपोरेशन लाहौर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी व पूर्व सैन्य अधिकारी तारिक मजीद को भेजा गया है। नोटिस में कहा गया है कि भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के चेयरमैन इम्तियाज राशिद कुरैशी देशभक्त हैं। वह देश और इस्लाम के प्रति ईमानदार हैं। उन्होंने फाउंडेशन के लिए देश-विदेश से एक भी पैसा नहीं लिया है। नोटिस के मुताबिक कुरैशी भारत और पाकिस्तान को करीब लाने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि आम लोगों को फायदा मिल सके। कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट की भाषा गलत कुरैशी के नोटिस में कहा गया है कि मजीद ने नवंबर में लाहौर हाई कोर्ट में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में बेहद गलत और आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था। पूर्व पाकिस्तानी सेना अधिकारी ने हाई कोर्ट में लाहौर के शादमान चौक का नाम बदलकर भगत सिंह करने से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान भगत सिंह को आतंकवादी कहा था। साथ ही उन्होंने बताया था कि पाकिस्तान सरकार ने चौक का नाम बदलने और मूर्ति लगाने की योजना को रद्द कर दिया है। साथ ही फाउंडेशन ने इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ने का फैसला किया था। इससे जुड़े मामले की सुनवाई 17 जनवरी को होगी। भारत जता चुका है ऐतराज जैसे ही यह मामला सामने आया इसका भारत की ओर से पंजाब सरकार ने कड़ा ऐतराज जताया था। साथ ही केंद्र सरकार से मांग की थी कि पाकिस्तान की सरकार के समक्ष यह मामला उठाया जाए। इसके बाद भारत की सरकार ने इस मामले को वहां की सरकार के समक्ष उठाया था। दूसरी तरफ कुछ दिन पहले पुंछ हाउस लोगों के लिए खोला गया था। यहां पर भगत सिंह के जीवन से समर्पित सारी चीजें प्रदर्शित की गई। इसी जगह पर भगत सिंह के खिलाफ मुकदमा चला था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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