<p style=”text-align: justify;”><strong>Arvind Kejriwal News:</strong> दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि वो विधानसभा की दो सीटों से चुनाव नहीं लड़ेंगे. दरअसल, बीजेपी दावा कर रही है कि नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल हार रहे हैं और वो ऐसे में एक अन्य सेफ सीट से चुनाव लड़ेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसको लेकर जब मीडिया ने गुरुवार (9 जनवरी) को केजरीवाल से सवाल किया तो उन्होंने कहा, ”मैं एक ही सीट से चुनाव लड़ रहा हूं.”</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Arvind Kejriwal News:</strong> दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि वो विधानसभा की दो सीटों से चुनाव नहीं लड़ेंगे. दरअसल, बीजेपी दावा कर रही है कि नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल हार रहे हैं और वो ऐसे में एक अन्य सेफ सीट से चुनाव लड़ेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसको लेकर जब मीडिया ने गुरुवार (9 जनवरी) को केजरीवाल से सवाल किया तो उन्होंने कहा, ”मैं एक ही सीट से चुनाव लड़ रहा हूं.”</p> दिल्ली NCR ‘वक्फ का अस्तित्व भी नहीं था…’, महाकुंभ की जमीन को लेकर हो रही बयानबाजी पर बोले केशव प्रसाद मौर्य
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झारखंड विधानसभा चुनाव में JDU को कितनी सीटें देना चाहती है BJP, जानें अंदर की बात <p style=”text-align: justify;”><strong>Jharkhand News: </strong>झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की तैयारी जोरों पर है. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी झारखंड में अपने दो घटक दलों आजसू और जेडीयू के साथ सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर काम कर रही है. एनडीए की घटक दल जेडीयू पांच सीटों पर दावा कर रही है लेकिन फिलहाल बीजेपी एक ही सीट देना चाह रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>झारखंड की राजनीति का बड़ा चेहरा सरयू राय अब जेडीयू में है जिनके पहले से ही चुनाव लड़ने की चर्चा चल रही है. वहीं, पिछले दिनों जब जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा झारखंड में पार्टी की बैठक में पहुंचे थे तो उन्होंने कहा था कि हमारी पार्टी का झारखंड में बड़ा आधार रहा है और कहा था कि झारखंड की जनता जेडीयू को नई उम्मीद की तरह देख रही है. यानी जेडीयू की झारखंड को लेकर बडी़ महात्वाकांक्षा है. ऐसे में बीजेपी उसे केवल एक सीट के लिए कैसे मनाएगी, यह भी देखना दिलचस्प होगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आजसू की मांग ने पेश कर दी है चुनौती</strong><br />राज्य की 81 सीटों में बीजेपी खुद 70 से ज्यादा सीटों पर लड़ना चाहती है और चाहती है कि सहयोगी दल 11 सीटों पर चुनाव लड़ें. उधर, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के साथ आजसू प्रमुख सुदेश महतो की एक घंटे बैठक चली. यह झारखंड में एनडीए को स्वरूप देने की कवायद के तहत बैठक हुई. मिली जानकारी के अनुसार आजसू सूबे की 13 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है लेकिन बीजेपी, आजसू को 9 से 10 सीट देने का मन बना रही है और इसी के इर्द-गिर्द अमित शाह और सुदेश महतो के बीच बैठक में चर्चा भी हुई. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बीजेपी कब जारी करेगी लिस्ट?</strong><br />बैठक में गृहमंत्री ने उन सभी सीटों पर क्रमवार ढंग से बात किया जो आजसू खुद के लिए मांग रही है. डुमरी, पाकुड़, सिल्ली, रामगढ़, लोहरदगा, मांडू, सिमरिया, गोमिया, जुगलसलाई सीट आजसू को देने पर सहमति बनती दिख रही है. माना जा रहा है कि आजसू प्रमुख और गृहमंत्री <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> के बीच एक बैठक अगले सप्ताह फिर से हो सकती है जिसमें सीट शेयरिंग को लॉक कर दिया जाएगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अब अगली बैठक 27 या 28 सितंबर को हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक दशहरा तक बीजेपी उम्मीदवारों की सूची पर बैठक कर सकती है और दशहरा बाद पहली सूची जारी कर सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”झारखंड-बंगाल सीमा सील पर नेता प्रतिपक्ष का झारखंड सरकार पर निशाना, मंत्री इरफान अंसारी ने दिया ये जवाब” href=”https://www.abplive.com/states/jharkhand/jharkhand-bengal-border-sealing-amar-kumar-bauri-targets-hemant-soren-government-ann-2788267″ target=”_self”>झारखंड-बंगाल सीमा सील पर नेता प्रतिपक्ष का झारखंड सरकार पर निशाना, मंत्री इरफान अंसारी ने दिया ये जवाब</a></strong></p>
यूपी में मर चुके बच्चे का बिक रहा पुष्टाहार:कुपोषित बच्चों का पोषाहार बेच रहे दलाल-कर्मचारी; हिडेन कैमरे पर कैद कबूलनामा
यूपी में मर चुके बच्चे का बिक रहा पुष्टाहार:कुपोषित बच्चों का पोषाहार बेच रहे दलाल-कर्मचारी; हिडेन कैमरे पर कैद कबूलनामा पिता नाम भी नहीं रख पाए थे कि 8 दिन के बेटे की मौत हो गई। लेकिन बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के कागजों में वह आज भी जिंदा है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने खुद ही नाम रख दिया आयुष। उसे कुपोषित दिखाया। हर महीने उसके नाम पर पोषाहार निकाला जा रहा है। लखनऊ, एटा, सीतापुर, कासगंज जिलों में दैनिक भास्कर की पड़ताल में कुछ ऐसी ही हकीकत सामने आई। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से मिलने वाला पोषाहार (रिफाइंड तेल, चना दाल और गेहूं दलिया) बच्चों तक ठीक से नहीं पहुंच रहा। पता चला जिन बच्चों की मौत हो चुकी है या वहां से जा चुके हैं, उनके नाम पर भी राशन निकाला जा रहा है। पढ़िए पूरी इन्वेस्टिगेशन… हमारे हाथ एटा के कुपोषित बच्चों की लिस्ट लगी। लिस्ट में एटा के अलीगंज विकास खंड क्षेत्र के ग्राम नगला जैत के रहने वाले दरोगा उर्फ राजपाल के बेटे आयुष समेत तीन बच्चों का नाम था। हम नगला जैत पहुंचे। बच्चे की माता का नाम दुर्गा बताया गया। हमारी मुलाकात पिता दरोगा से हुई। हमने दरोगा से उनके बेटे आयुष के बारे में पूछा। वह हैरान रह गए। बोले- साहब! जन्म के आठ दिन बाद ही बेटे की मौत हो गई थी। हम तो उसका नामकरण भी नहीं कर पाए थे। तीन बच्चे और हैं। एक छह साल से ऊपर का है। दो उससे कम के हैं। दो बच्चों को एक पैकेट दाल, दलिया और रिफाइंड मिलता है। कोई भी बच्चा बीमार नहीं है। दरोगा को अपने मृतक कुपोषित बच्चे के राशन आने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि सिर्फ दो बच्चों के नाम पर राशन मिल रहा है। कुपोषित बच्चों की लिस्ट में इसी गांव से एक नाम राहुल का भी था। हम राहुल के घर पहुंचे। यहां कोई मौजूद नहीं मिला। पता चला कि परिवार दिल्ली में रह रहा है। फोन पर हमारी बात राहुल की मां सपना से हुई। सपना ने बताया, मेरे बच्चे का नाम राहुल नहीं मयंक है, उसे किसी तरह का कुपोषण नहीं है। आंगनबाड़ी से मिलने वाले राशन के बारे में गांव के लोगों ने बताया, उन्हें तीन महीने में एक बार एक किलो दलिया, एक किलो चना दाल और एक छोटा पैकेट रिफाइंड तेल का मिलता है। आंगनबाड़ी कार्यकत्री बोली- गलत नाम दर्ज हो गया होगा… अब हम इसी गांव के तीसरे कुपोषित बच्चे अंश की तलाश करने लगे। पता चला कि उसके बारे में गांव में किसी को जानकारी नहीं है। हम इस क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुषमा से मिलने उनके घर हतसारी गांव पहुंचे। उनसे नगला जैत के तीन कुपोषित बच्चों के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने दुर्गा के बेटे आयुष और सपना के बेटे रोहित का नाम चढ़ा होने की पुष्टि की। लेकिन तीसरे बच्चे अंश के बारे में कोई जानकारी नहीं दे पाईं। बोलीं लिस्ट में गलत नाम दर्ज हो गया होगा। हमने कुपोषित बच्चों का रजिस्टर दिखाने को कहा तो रजिस्टर स्कूल (आंगनबाड़ी केंद्र) में होने की बात कही। आखिर ये राशन जाता कहां है?
अब हमारी इन्वेस्टिगेशन इस बात पर फोकस हुई कि कुपोषित बच्चों का पोषाहार कहां जा रहा है? हमने कई जिलों में बाल विभाग पुष्टाहार के जिम्मेदार लोगों से बात की। हिडेन कैमरे पर उनका कबूलनामा कैद किया। हम एटा के अलीगंज स्थित बाल विकास कार्यालय पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात बाल विकास परियोजना अधिकारी मंजू देवी से हुई। उन्होंने बताया, ये समूह वाले पूरा राशन उठाते हैं। आंगनबाड़ियों को कम राशन देते है। ये दबंग लोग हैं। जब इनके यहां निरीक्षण करो तो लोगों के फोन आने लगते हैं। जब राशन पूरा मिलेगा ही नहीं तो बंटेगा कैसे? सीडीपीओ बोलीं- समूह वाले नेता हैं, कार्रवाई की तो हमला करेंगे
मंजू देवी ने कहा, कैसे भी इन समूह वालों को बंद करवा दीजिए। इनसे मुझे बचा लीजिए, कार्रवाई करने पर मेरे ऊपर हमला कर देंगे, ये समूह वाले नेतानगरी के लोग हैं। हमारे लिए तो सेंटर चेक करना भी मुश्किल है। कैसे भी ये समूह वाले हटा दीजिए। इस बात की पुष्टि करने के लिए हम अलीगंज विकास खंड क्षेत्र के ग्राम खैरपुरा उर्फ सिकंदरपुर सालवाहन पहुंचे। यहां विशाल सिंह स्वयं सहायता समूह चलाते हैं। ब्लैक में सरकारी राशन खरीदने के लिए कॉल किया। उन्होंने अपने घर बुलाया। हम अलीगंज से करीब 8 किमी. दूर खैरपुरा गांव स्थित विशाल के घर पहुंचे। विशाल सिंह गेट पर ही इंतजार कर रहे थे। सीतापुर में दलाल बोला- बोरी लानी होगी, नहीं तो पैकेट पकड़े जाएंगे
अब एटा के बाद हम सीतापुर जिले से करीब 55 किमी दूर महमूदाबाद नगर पालिका क्षेत्र के बाछिलपुर पहुंचे। जहां हमारी मुलाकात कौशल से हुई। आंगनबाड़ी कार्यकत्री की 9 साल पहले हुई शादी, भाई बेच रहा राशन
अब हम अपनी पड़ताल की अगली कड़ी में कासगंज जनपद के पटियाली विकास खंड क्षेत्र के रतनपुर फतियापुर गांव पहुंचे। इस केंद्र की संचालक आसमा राठौर हैं। वो मौजूद नहीं मिलीं। उनकी 9 साल पहले शादी हो चुकी है। हाथरस में रहती हैं। आंगनबाड़ी केंद्र इनके भाई शमशेर सिंह चलाते हैं। अटेंडेंस लगाने का तरीका क्या?
हमें विभाग के लोगों ने बताया कि मोबाइल एप के जरिए अटेंडेंस लगाने पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकत्री ऐसा कर नहीं पा रही हैं। नतीजा रजिस्टर पर ही अटेंडेंस लग रही है। अटेंडेंस जिला मुख्यालय भेजी जाती है, जहां से निदेशालय। सैलरी सीधे अकाउंट में ट्रांसफर होती है। कासगंज की डीपीओ सुशीला यादव से आंगनबाड़ी कार्यकत्री आसमा राठौर के बारे में बात की गई। उनसे पूछा गया कि नौ साल से बाहर रह रही आंगनबाड़ी कार्यकत्री की अटेंडेंस कैसे लग रही है। डीपीओ सुशीला यादव ने कहा कि आंगनबाड़ी रजिस्टर पर अटेंडेंस लगती है। हालांकि केंद्र न आने के बावजूद अटेंडेंस लगने के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का आरोप, हर महीने 500 रुपए वसूले जा रहे
कासगंज में हमारी बात कई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से हुई। उन्होंने साफ तौर पर अपने साथ होने वाली वसूली के बारे में बताया। रेनू मलिकपुर में आंगनबाड़ी कार्यकत्री हैं। फोन के जरिए इनसे बात हुई। उन्होंने बताया, ‘हमारी मास्टर ट्रेनर हमसे PLI के नाम पर 500 रुपए प्रति महीना लेती हैं।’ PLI को प्रोत्साहन राशि कहते हैं। ये उन आंगनबाड़ियों को मिलती है जो सफलतापूर्वक पूरा डाटा एप पर चढ़ाते हैं। रेनू के आरोप की पुष्टि के लिए हमने मिर्जापुर में तैनात दूसरी आंगनबाड़ी कार्यकत्री ममता से संपर्क किया। उन्होंने भी PLI के नाम पर 500 रुपए प्रति महीने वसूली का आरोप लगाया। मास्टर ट्रेनर आंगनबाड़ी कार्यकत्री ही होती हैं, जिनको टेक्निकल और काम की अधिक जानकारी होती है। ये अलग से कोई पद नहीं है। विभाग के लोग ही इसकी जिम्मेदारी कार्यकत्रियों को देते हैं। लखनऊ के कुपोषित बच्चों को भी नहीं मिल रहा पूरा राशन
एटा का हाल जानने के बाद हमने प्रदेश की राजधानी लखनऊ की स्थिति जानी। हम इस्माइलगंज और अमीनाबाद के भूसा मंडी क्षेत्र में पड़ताल करने पहुंचे। भूसामंडी क्षेत्र में सबसे ज्यादा 9 बच्चे कुपोषित हैं। हमने कुपोषित बच्चों वाले कुछ परिवारों से बात की। उन्होंने बताया कि हर महीने पोषाहार नहीं मिलता। हमें यहां की आंगनबाड़ी कार्यकत्री नीरजा जायसवाल ने बताया, सभी बच्चों को पूरा राशन वितरण करते हैं। शहरी इलाके में तीन माह में एक बार ही पोषाहार आता है, इसलिए तीनों महीने का एक बार में ही बांट दिया जाता है। हमारे यहां 9 बच्चे कुपोषित हैं, लेकिन हमें सिर्फ दो बच्चों का राशन ही मिल रहा है। ऐसे में बारी-बारी से हर तीन महीने में इन नौ बच्चों को राशन दिया जाता है।’ डीपीओ लखनऊ श्रेयस मौर्य का कहना है तीन महीने का राशन एक साथ जाता है। अक्टूबर महीने तक का राशन गया है। हो सकता है कि उसके बाद लिस्ट में बच्चे का नाम जुड़ा हो। यह वजह भी हो सकती है कि कम बच्चों का राशन जा रहा है। अफसर कुछ भी कहने से बच रहे… विभाग की डायरेक्टर संदीप कौर और कासगंज की डीपीओ सुशीला यादव से जब पोषाहार में अनियमितता से जुड़ा सवाल पूछा गया तो वह बचती नजर आईं। दोनों अफसर बिना जवाब दिए ही निकल गईं। मंत्री ने कहा- ऑफिस में बात करेंगे
इस संबंध में हमने महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबीरानी मौर्य से फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि बिक्री कहां से चल रही है, दो महीने से तो हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। आप तीन विक्रमादित्य मार्ग पर मेरे ऑफिस आइए, फिर बात होगी। पोषाहार वितरण की प्रक्रिया क्या है? हाईकोर्ट ने पोषाहार आपूर्ति टेंडर पर लगा रखी है रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलने वाले पौष्टिक आहार से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के दौरान पोषाहार वितरण से जुड़े टेंडर पर रोक लगा रखी है। दरअसल कोर्ट ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 व सक्षम आंगनबाड़ी पोषण नियम, 2022 के अनुपालन की जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने पूछा था कि गर्भवती व स्तनपान कराने वाली महिलाओं तथा छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों को जो पुष्टाहार दिया जा रहा है, वह प्रावधानों के अनुरूप है या नहीं। 11 नवंबर 2024 को कोर्ट में हुई सुनवाई में जजों ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की- ‘आपने जो टेंडर तय किया है, कोर्ट के अनुमति के बिना उसकी सप्लाई नहीं होगी। जब तक कोर्ट डिसाइड नहीं करेगा, तब तक टेंडर से जुड़ी कोई कार्यवाही नहीं होगी।’ पूरे मामले को कोर्ट में देखने वाले वकील वीरेंद्र दुबे का कहना है साल 2021 में हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में प्रत्यूष रावत एवं अन्य के नाम से याचिका डाली गई थी। तर्क था कि गर्भवती एवं स्तनपान करवाने वाली महिलाएं एवं 6 माह से 6 साल तक के बच्चों को मिलने वाला पोषाहार सूखा मिलता है। छह माह तक के छोटे बच्चों को रॉ मटेरियल देने का कोई फायदा नहीं है। कोर्ट इसे लेकर सुनवाई कर रहा है। ————————————————————————————————— ——————————– ये भी पढ़ें… UP में 2-3 लाख में बिक रहीं सरकारी नौकरियां:आउटसोर्सिंग कंपनियों के कर्मचारी बोले- मंत्री लेते हैं पैसा; VIDEO में पूरा खुलासा यूपी के सरकारी विभागों में नौकरियां बेची जा रही हैं। 5 से 6 महीने की सैलरी, या 2 से 3 लाख रुपए देने के बाद ही नियुक्ति दी जा रही है। कमाई वाली पोस्ट के लिए साढ़े 5 लाख रुपए तक मांगे जा रहे हैं। आउटसोर्सिंग कंपनियां दलाल और कर्मचारियों से मिलकर यह काम कर रही हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने सरकारी विभागों में मैनपावर आउटसोर्स कर रही कंपनियों का इन्वेस्टिगेशन किया। पढ़ें पूरी खबर…
दिल्ली में अवैध संबंध के शक में शख्स की हत्या, पुलिस ने 12 घंटे के भीतर केस का किया खुलासा
दिल्ली में अवैध संबंध के शक में शख्स की हत्या, पुलिस ने 12 घंटे के भीतर केस का किया खुलासा <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Murder Case:</strong> दिल्ली के बादली औद्योगिक एरिया में एक शख्स की हत्या के मामले को दिल्ली पुलिस ने 12 घंटे के भीतर सुलझा लिया. इस मामले में तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. मृतक व्यक्ति की पहचान चंदन झा (उम्र 35) साल के रूप में हुई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, 15 नवंबर को बादली औद्योगिक एरिया के पार्क में चंदन झा की बॉडी मिली थी. तब शव को बीजेआरएम अस्पताल के शवगृह में सुरक्षित रख दिया गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हत्या का मुकदमा दर्ज</strong> </p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद बादली थाना पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा धारा 103(1) यानी हत्या के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की है. दिल्ली पुलिस को चंदन की हत्या को लेकर शुरुआती जांच में पता चला कि उसकी पत्नी गुजरात में रहती है. वह रीमा नामक एक महिला के संपर्क में है, जो सरोज की पत्नी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इस वजह से हुई चंदन की हत्या </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जिसके बाद जब पुलिस को सरोज और रीमा से पूछताछ में पता चला कि चंदन की हत्या सरोज के बेटों R, R1 और रीमा के भाई R3 ने की थी, क्योंकि चंदन का रीमा से अवैध संबंध था. पुलिस ने आरोपियों की उम्र के बारे में जानकारी ना होने की वजह से नाम गोपनीय रखा है. पुलिस ने आरोपियों को ये नाम दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आरोपियों ने कबूल की हत्या की बात </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले में एसपी बादली और स्पेशल स्टाफ की टीम ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों ने अपराध कबूल कर लिया है और बताया कि उन्होंने ही चंदन की गला घोंटकर हत्या की थी और उसके सिर पर ईंटों से वार किया था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के भलस्वा डेयरी के मुकुंदपुर इलाके में एक अन्य घटना में पति-पत्नी के झगड़े में बीच-बचाव करने गए पड़ोसी की हत्या कर दी गई. मृतक की शिनाख्त रण सिंह के रूप में हुई है. पत्नी से झगड़ा कर रहे आरोपी धीरेंद्र कुमार ने बीच बचाव करने आए शख्स के सिर पर रॉड से हमला कर दिया. उसे छत से नीचे धक्का भी दे दिया. परिवार वाले घायल शख्स को पास के अस्पताल में लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Delhi Election 2025: क्या विरोधियों को पार्टी में शामिल कर AAP बचा पाएगी दिल्ली का किला?” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/delhi-election-2025-will-aap-save-delhi-political-fort-by-inducting-opponents-into-party-ann-2824251″ target=”_blank” rel=”noopener”>Delhi Election 2025: क्या विरोधियों को पार्टी में शामिल कर AAP बचा पाएगी दिल्ली का किला?</a></strong></p>