हरियाणा के फरीदाबाद जिले में नीलम फ्लाईओवर के नीचे से गुजरती रेलवे लाइन पर दोपहर 12 बजे एक दर्दनाक घटना सामने आई। एक 28-30 वर्षीय युवक ने चलती ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी। चश्मदीद के अनुसार जब वह शौच के लिए जा रहा था, तभी अचानक युवक को ट्रेन के सामने कूद गया। ट्रेन की गति और निकटता के कारण उसे बचाया नहीं जा सका। जीआरपी ने सामान्य अस्पताल भेजा शव जीआरपी ASI चेतराम ने बताया कि थाना प्रभारी राजपाल से सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची। जीआरपी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पहचान और पोस्टमॉर्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल शवगृह में रखवाया। ASI चेतराम ने बताया कि शव की पहचान नहीं होने तक उसे 72 घंटे शवगृह में रखा जाएगा। यदि पहचान नहीं होती, तो पोस्टमॉर्टम के बाद सरकारी खर्च पर अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा। आत्महत्या की वजह नहीं स्पष्ट जीआरपी पुलिस परिजनों की तलाश कर रही है। शव की पहचान होने पर पोस्टमॉर्टम करवाकर शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा। फिलहाल मृतक के पास से कोई ऐसे सबूत नहीं मिले हैं, जिससे उसकी पहचान हो सके या आत्महत्या की वजह का पता चल सके। मृतक ने हरे रंग की जैकेट, छापेदार शर्ट, सफेद बनियान, नीले रंग की जींस और काले जूते पहने हुए थे। हरियाणा के फरीदाबाद जिले में नीलम फ्लाईओवर के नीचे से गुजरती रेलवे लाइन पर दोपहर 12 बजे एक दर्दनाक घटना सामने आई। एक 28-30 वर्षीय युवक ने चलती ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी। चश्मदीद के अनुसार जब वह शौच के लिए जा रहा था, तभी अचानक युवक को ट्रेन के सामने कूद गया। ट्रेन की गति और निकटता के कारण उसे बचाया नहीं जा सका। जीआरपी ने सामान्य अस्पताल भेजा शव जीआरपी ASI चेतराम ने बताया कि थाना प्रभारी राजपाल से सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची। जीआरपी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पहचान और पोस्टमॉर्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल शवगृह में रखवाया। ASI चेतराम ने बताया कि शव की पहचान नहीं होने तक उसे 72 घंटे शवगृह में रखा जाएगा। यदि पहचान नहीं होती, तो पोस्टमॉर्टम के बाद सरकारी खर्च पर अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा। आत्महत्या की वजह नहीं स्पष्ट जीआरपी पुलिस परिजनों की तलाश कर रही है। शव की पहचान होने पर पोस्टमॉर्टम करवाकर शव को परिजनों को सौंप दिया जाएगा। फिलहाल मृतक के पास से कोई ऐसे सबूत नहीं मिले हैं, जिससे उसकी पहचान हो सके या आत्महत्या की वजह का पता चल सके। मृतक ने हरे रंग की जैकेट, छापेदार शर्ट, सफेद बनियान, नीले रंग की जींस और काले जूते पहने हुए थे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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मनु भाकर बोलीं-फाइनल में दिमाग में गीता चल रही थी:कृष्ण ने अर्जुन को कहा था-लक्ष्य पर ध्यान दो, परिणाम पर नहीं; ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीता
मनु भाकर बोलीं-फाइनल में दिमाग में गीता चल रही थी:कृष्ण ने अर्जुन को कहा था-लक्ष्य पर ध्यान दो, परिणाम पर नहीं; ओलिंपिक में ब्रॉन्ज जीता पेरिस ओलिंपिक में शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली हरियाणा की शूटर मनु भाकर ने अपनी कामयाबी के पीछे श्रीमद्भागवत गीता को बताया है। मनु भाकर ने रविवार को 10 मीटर शूटिंग में मेडल जीता। ऐसा करने वाली वह देश की पहली महिला खिलाड़ी बन गईं। यही नहीं, पेरिस ओलिंपिक में पहला मेडल भी उन्होंने ही दिलाया। मेडल जीतने के बाद मनु भाकर ने कहा-” मैं गीता बहुत पढ़ती हूं। उस वक्त मेरे दिमाग में सिर्फ यही चल रहा था कि सिर्फ वह करो, जो तुम्हें करना है। अपना सर्वश्रेष्ठ करो और बाकी सब कुछ छोड़ दो। आप डेस्टिनी को कंट्रोल नहीं कर सकते कि इसका क्या परिणाम होगा।” मनु ने आगे कहा- ”गीता में भी कृष्ण ने अर्जुन को कहा कि अपने लक्ष्य पर ध्यान दो न कि इस कर्म के परिणाम पर। उस वक्त मेरे दिमाग में यही चल रहा था, कि सिर्फ अपना काम करो, बाकी सब छोड़ दो।” मनु भाकर ने कहा कि वह रोजाना गीता के श्लोक पढ़ती हैं। गीता से ही उनको आगे बढ़ने और कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। मनु ने बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए काफी मेहनत की। हालांकि यह ब्रॉन्ज मेडल है। मगर मैं इससे खुश हूं। टोक्यो ओलिंपिक के बाद यह मेरे लिए बड़ी लड़ाई थी तो मैंने पूरी ऊर्जा के साथ इस खेल को खेला। मेडल जीतने के बाद मनु भाकर की 3 तस्वीरें… 12 साल बाद शूटिंग में मेडल दिलाया
मनु भाकर हरियाणा में झज्जर की रहने वाली हैं। 12 साल बाद मनु भाकर ने भारत को शूटिंग में पदक दिलाया है। भारत ने एथेंस 2004 से लंदन 2012 ओलिंपिक में लगातार 3 मेडल जीते। हालांकि इसके अगले 2 ओलिंपिक में शूटिंग में भारत को कुछ नहीं मिला। 2004 के एथेंस ओलिंपिक में राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने पुरुषों के डबल ट्रैप में सिल्वर मेडल जीता था। 2008 के बीजिंग ओलिंपिक में अभिनव बिंद्रा ने 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड जीता था। लंदन ओलिंपिक में गगन नारंग ने पुरुषों की 10 मीटर एयर राइफल में सिल्वर और विजय कुमार ने पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल में ब्रॉन्ज जीता था। भाकर बोलीं- फाइनल तनावपूर्ण था, मैंने हार नहीं मानी
मेडल जीतने के बाद भाकर ने कहा- “मैंने अंतिम क्षण तक अपना पूरा प्रयास किया। हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करती रही। पूरा फाइनल तनावपूर्ण था। मुझे पता था कि मुझे खुद को संभालना होगा। मुझे ऐसा कुछ नहीं करना होगा जो मैं सामान्य रूप से नहीं करती हूं। बस अपनी स्पीड से चलते रहो, अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करो और बाकी सब कुछ वहीं छोड़ दो।” ओलिंपिक में जाने से पहले कहा था- इंडिया की जर्सी चाहिए पेरिस ओलिंपिक में जाने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी खिलाड़ियों से मिले थे। इस दौरान मनु भाकर ने कहा- मैं दूसरी बार ओलिंपिक में देश को रिप्रेजेंट कर रही हूं। 2018 में खेलो इंडिया गेम्स का फर्स्ट एडिशन था। उसमें मैंने नेशनल रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता। उसके बाद ही मैं टॉप्स कोर ग्रुप में आ गई। तब से बस यही था कि इंडिया की जर्सी चाहिए। इंडिया के लिए खेलना है। मनु भाकर की मां बोली- 12-12 घंटे खड़े होकर शूटिंग प्रैक्टिस की
मनु की मां सुमेधा ने कहा- “मनु ने पदक जीतने के लिए काफी मेहनत की है। मनु 12-12 घंटे खड़े होकर मेहनत करती थी। मैं मनु के साथ हमेशा रहती थी। मनु के खाने-पीने का ध्यान रखती थी। मैं यही सोचती थी कि मनु को खाने में क्या देना है। ओलिंपिक की तैयारी के लिए मनु भाकर ने 4 साल तक किसी पार्टी या जश्न में हिस्सा नहीं लिया। उसका पूरा फोकस सिर्फ गेम पर था। वह किसी की बर्थडे पार्टी में तक नहीं गई।” सुमेधा ने कहा- ‘ओलिंपिक के बाद हम आप सभी को एक सरप्राइज देंगे। इस बारे में मैं आप सबको अभी नहीं बताऊंगी। अक्तूबर-नवंबर में हम आपके सामने एक शो रखेंगे और मनु उसे प्रेजेंट करेगी। आप लोगों से यही दुआ है कि अपने बच्चों के साथ जुड़कर रहिए।’ मेरे पहले बेटा हुआ, मैं चाहती थी एक बेटी हो
मनु की मां सुमेधा ने भी मनु के बारे में कई दिलचस्प बातें सामने रखीं। सुमेधा ने बताया कि “शादी होते ही मेरे घर में बेटा आ गया था, लेकिन मेरी एक दिली ख्वाहिश थी कि मेरे घर में एक बेटी आए। मैं भिवानी कॉलेज में ओटी करती थी। जब मैं प्रेग्नेंट थी तो भगवान से प्रार्थना करती थी कि मुझे बेटी दे दो। मेरा बेटा जब छोटा था तो उसे बेटी के ही कपड़े पहनाती थी। मुझे मेरे घर में लक्ष्मी चाहिए थी। क्योंकि जब घर में बेटी होती है तो वो घर चहकता है। जब भी मनु बाहर जाती है, बेटा घर पर होता है, पति घर पर होते हैं, लेकिन घर में रौनक नहीं होती है। जब बेटा बेटी दोनों घर पर होते हैं तो घर में इतनी खुशहाली होती है, हम पूरे दिन हंसते रहते हैं। इसलिए हर घर में बेटी तो जरूर होनी ही चाहिए”। पिता बोले- यह तो शुरुआत है
पिता रवि किशन भाकर ने बताया कि” मेरे से ज्यादा मेरी सोसाइटी वाले खुश हैं। पूरा देश खुश है कि मनु ने शुरुआत की है ओलिंपिक में मेडल की और अभी तो मनु के इवेंट्स बाकी हैं। जयपाल राणा के साथ जुड़ने के बाद मनु का हौसला बुलंद है। मनु की कामयाबी से उन बच्चों का हौसला बढ़ेगा जो शूटिंग में मेहनत कर रहे हैं। हरियाणा से ही 20 हजार बच्चे शूटिंग में मेहनत कर रहे हैं”। मनु की कामयाबी से बाकि खिलाड़ियों का हौसला बढ़ेगा : राठौड़
शूटिंग में देश को पहला ओलिंपिक मेडल दिलाने वाले शूटर राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि ओपनिंग सेरेमनी के दूसरे दिन ही मेडल जीतना बड़ा शुभ संकेत रहता है। इस कारण से सभी खिलाड़ियों के हौसले बुलंद होंगे। एक पॉजीटिविटी होगी। मनु भाकर, जिसने 10 मीटर शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता है, मेरी तरफ से बधाई। कई सालों की मेहनत रंग लाई है। मनु के परिवार ने कितना समझौता किया होगा, परिवार की मेहनत रही होगी, मैं परिवार को भी बधाई देता हूं”। ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणवी छोरी ने देश को दिलाया पहला मेडल:पेरिस ओलिंपिक में जीता ब्रॉन्ज, पहली भारतीय महिला शूटर बनीं, दादी बोलीं- सोने की टूम पहनाऊंगी
हरियाणा में प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रियों पर जुर्माना पेंडिंग:230 करोड़ रुपए की नहीं हुई वसूली, NGT की सख्ती पर बोर्ड ने मांगा समय
हरियाणा में प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रियों पर जुर्माना पेंडिंग:230 करोड़ रुपए की नहीं हुई वसूली, NGT की सख्ती पर बोर्ड ने मांगा समय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हरियाणा सरकार और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) पर सख्ती बरतते हुए तलब किया है। मामला, हरियाणा की प्रदूषण फैलाने वाली इंडस्ट्रियों से भारी भरकम जुर्माना लगा होने के बाद भी न वसूलने का है। मामले की शिकायत लेकर पर्यावरण प्रेमी समाजसेवी वरूण गुलाटी ने एनजीटी का दरवाजा खटखटाया था। जहां एनजीटी के आदेशों पर दोनों की ओर से उनके वकील पेश हुए। वकीलों से जब इसका जबाब मांगा तो उन्होंने पूरा गणित समझने और सही जबाब देने के लिए एक माह का समय मांगा। जिस पर एनजीटी ने समय देते हुए अगली सुनवाई 13 फरवरी 2025 की होनी सुनिश्चित की है। आरटीआई का जबाब आया तो मिले चौंकाने वाले आंकड़े वरूण गुलाटी ने बताया कि हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अलग-अलग समय में प्रदेश की उन इंडस्ट्रियों पर छापा गया था, जहां से प्रदूषण फैलाया जा रहा था। यहां नियमों की पूरी तरह अवहेलना मिलने पर भारी भरकम जुर्माना लगाया गया था। लेकिन बोर्ड सिर्फ जुर्माना लगाने तक सीमित रहा। जुर्माने की वसूली नहीं की गई। जिससे प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयां निरंतर जारी रही। अधिकारियों की इस ओर अनदेखी की वजह पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। जिसको देखते हुए उन्होंने पहले एक आरटीआई लगाई। जिसमें उन्होंने साल 2023-2024 में प्रदेश भर की इकाइयों पर की गई रेड और जुर्माना लगाने का आंकड़ा मांगा। साथ ही पूछा कि किस जिले से कितना जुर्माना वसूल लिया गया है। जैसे ही इसका जवाब उनके पास आया, तो वे देखकर हैरान हो गए। इसके बाद वे तुरंत एनजीटी पहुंचे। जहां उन्होंने इस बारे में एनजीटी को अवगत करवाया और इस पर कड़ा संज्ञान लेने की गुहार लगाई। एनजीटी ने इस पर तत्काल एक्शन लेते हुए बोर्ड के अलावा हरियाणा सरकार से भी जबाब तलब किया है। प्रदेश की इकाइयों पर 230 करोड़ का जुर्माना पेंडिंग आरटीआई में पता लगा कि प्रदेशभर की इकाइयों पर करीब 230 करोड़ का जुर्माना पेंडिंग है। जो लंबे समय से उनसे वसूल नहीं किया गया। यहां तक कि विभाग द्वारा वसूलने के लिए कोई कड़ा कदम भी नहीं उठाया गया। इसकी सरकार के स्तर पर भी कोई सुध नहीं ली गई। प्रदूषण फैलाने में सबसे ज्यादा गुरुग्राम की इंडस्ट्रियां है। जुर्माना वसूलने के बाद नियमानुसार बोर्ड द्वारा पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए काम किए जाते हैं।
जींद में नशीली गोलियों के साथ झोला छाप डॉक्टर काबू:संगरूर से आकर करता था सप्लाई; 960 अल्प्राजोलम टैबलेट हुई बरामद
जींद में नशीली गोलियों के साथ झोला छाप डॉक्टर काबू:संगरूर से आकर करता था सप्लाई; 960 अल्प्राजोलम टैबलेट हुई बरामद हरियाणा के जींद के नरवाना में सीआईए पुलिस ने एक झोला झाप डॉक्टर काे नशे में प्रयोग होने वाली टेबलेट के साथ गिरफ्तार किया है। उसे धमतान साहिब के पास भूलन मोड़ से पकड़ा गया और उसके पास से प्रतिबंधित 960 नशीली अल्प्राजोलम की गोलियां बरामद हुई है। उसकी पहचान पंजाब के संगरुर जिले के गांव गुलाढी निवासी सोहनलाल के रूप में हुई है। सीआईए नरवाना की एक टीम एएसआई अवतार सिंह के नेतृत्व में धमतान साहिब गांव के पास गश्त पर थी कि तभी पुलिस को सूचना मिली कि पंजाब के संगरूर जिले के गांव गुलाढी निवासी सोहनलाल धमतान साहिब में झोलाछाप डॉक्टर है। वह डाक्टरी की आड़ में नशीली दवाओं को बेचने का धंधा करता है। कुछ ही देर में रसींदा गांव की तरफ नशीली गोलियों के साथ जाएगा। इस पर पुलिस ने रेड करने की योजन बनाई और उच्चाधिकारियों को अवगत करवाने के बाद धमतान साहिब के पास नाका लगाकर चेकिंग शुरू कर दी। भूलन चौक के पास बाइकों की चेकिंग की तो एक व्यक्ति पुलिस नाका देख बाइक वापस मोड़ने लगा। इससे पहले वह भागता, पुलिस ने उसे काबू कर लिया। पूछताछ में उसने अपना नाम सोहनलाल बताया। उसके पास नशीला पदार्थ होने का शक हुआ तो ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर नरवाना बीडीपीओ जितेंद्र कुमार को बुलाया गया। सोहनलाल की तलाशी ली तो उसके पास एक डिब्बा मिला, जिसे खोलकर देखा तो इसमें नशीली और प्रतिबंधित दवाएं मिली। उसके कब्जे से कॉमर्शियल मात्रा में कुल 960 नशीली अल्प्राजोलम टेबलेट बरामद हुई। आरोपी चोरी-छिपे डाक्टरी की आड़ में गरीब मजदूरों को बड़ी मात्रा में नशीली गोलियों की सप्लाई करता था। गढ़ी थाना पुलिस ने आरोपित के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।