सपा विधायक डॉक्टर पल्लवी पटेल शुक्रवार को लखीमपुर खीरी पहुंचीं। उन्होंने रामचंद्र मौर्य के परिवार से मुलाकात की। 6 जनवरी को रामचंद्र की मौत हुई थी। परिवार ने पुलिस पर हिरासत में लेने के बाद पीट-पीटकर मारने का आरोप लगाया था। पल्लवी ने मृतक की पत्नी को गले लगा लिया। कहा- पुलिस का बस चले तो दलित और पिछड़ों के गांव ही उजाड़ दे। इस घटना में मानवीय संवेदनाओं को तार-तार करने वाले बदतमीज पुलिस अफसरों को निलंबित किया जाए। मुख्यमंत्री ऐसे अफसरों को बुलाकर यह समझाएं कि वह सरकारी नौकर हैं, सरकार नहीं। विधायक ने इंस्पेक्टर दया शंकर द्विवेदी को फोन कर बुलाया, लेकिन वह नहीं आए। फिर, सीओ यादवेंद्र को फोन लगा कर बुलाया। कहा, अगर मैं अभी आपका कॉलर पकड़ लूं तो मेरे ऊपर तुरंत कार्रवाई करोगे। अब विस्तार से पढ़िए… पल्लवी पटेल ने कहा, मैं मुख्यमंत्री योगी और गृहमंत्री जी से निवेदन करती हूं कि जो निरंकुश अधिकारी हैं, जिन्होंने मानवीय संवेदनाओं को धता बताया है, ऐसे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए। यूपी की सरकार यूपी की 25 करोड़ की जनता है, न कि अफसर सरकार हैं। एसपी से बात कर दोषी पुलिस कर्मियों के निलंबन की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो वे कलेक्ट्रेट में धरना देंगी। पलिया सीओ यादवेंद्र को पल्लवी पटेल ने फोन कर बुलाया… पढ़िए बातचीत पल्लवी: अगर मैं अभी आपका कॉलर पकड़ लूं तो मेरे ऊपर तुरंत कार्रवाई करोगे? सीओ: परिस्थिति देखकर कार्रवाई होती है। पल्लवी: उस समय ऐसी परिस्थिति नहीं थी कि उसमें तुरंत कार्रवाई हो। सीओ: दो सिपाही लाइन हाजिर हो गए हैं, जो मौके पर गए थे। पल्लवी: उत्तर प्रदेश की सरकार यहां की गरीब, दलित और किसान हैं। अगर मैं गलत बोल रही हूं तो आप मुझे बताइए। आपको इजी टारगेट मिला सिपाही, आप ने उसे लाइन हाजिर कर दिया। लेकिन जो मुख्य आरोपी है, जिसकी ऐसी भाषा है। उसके ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। उनकी भाषा शैली उनकी हैसियत से बहुत बाहर की चीज है। सीओ: जांच होगी। पल्लवी: जांच करिए पर ऐसे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव निलंबित करिए। इंस्पेक्टर बुलाने पर भी नहीं आए
सीओ यादवेंद्र को फोन करने से पहले पल्लवी ने इंस्पेक्टर दया शंकर द्विवेदी को फोन किया था। कहा- आपको मेरे आने की सूचना नहीं थी क्या? जवाब में इंस्पेक्टर ने कहा- मैम नहीं थी। फिर पल्लवी ने कहा- आप को मेरे आने की सूचना लाउडस्पीकर पर दूं क्या। आप जहां भी हों, मेरे सामने क्यों नहीं आ रहे? आप मेरे सामने आइए। हालांकि, इंस्पेक्टर दया शंकर मौके पर नहीं आए। मामले में किन-किन नेताओं ने क्या-क्या कहा? रामचंद्र मौर्य की मौत मामले में सपा मुखिया अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, सांसद चंद्रशेखर ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा था। अब पढ़िए क्या था पूरा मामला… हुलासी पुरवा निवासी रामचंद्र (36) सोमवार (6 जनवरी) को गांव से 6 किलोमीटर दूर लाल बोझी गांव के पास के जंगल में लकड़ी बीनने गया था। आरोप है कि निघासन और मझगईं थाने की पुलिस ने वहां पहुंचकर रामचंद्र को अवैध शराब बनाने के आरोप में पकड़ लिया। मझगईं थाने लाकर उसकी जमकर पिटाई की। इससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। पुलिस ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निघासन में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने के बाद परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। पुलिस से शव छीनने की कोशिश की। शव नहीं मिला तो जमकर हंगामा किया। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए शव को जिला मुख्यालय भेजा। मामला तूल पकड़ने पर पुलिस ने दावा किया कि युवक भागते समय गिरकर बेहोश हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। 7 तारीख को ग्रामीणों ने किया चक्का जाम
युवक की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। परिजनों ने पुलिस पर पीट-पीटकर मार डालने का आरोप लगाया था। शव लौटाने को लेकर पुलिस से नोकझोंक हुई। फिर शव छीनने की कोशिश की। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार, 7 जनवरी की दोपहर निघासन हाईवे जाम कर दिया। फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे अफसरों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। नहीं माने तो लाठी चार्ज करके रास्ता खुलवाया। युवक के गांव में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई। पुलिस ने बम्हनपुर चौराहे की बीच सड़क पर गाड़ी खड़ी करके गांव जाने वाला रास्ता ब्लॉक कर दिया। इसके बाद स्थानीय लोगों की पुलिस से नोकझोंक हुई। लोग ट्रैक्टर लेकर आगे बढ़े तो पुलिस ने धमकी दी। कहा- दम है तो मुझ पर गाड़ी चढ़ाओ। ट्रैक्टर को तहस-नहस कर देंगे। मृतक की पत्नी पूनम ने मझगईं थाने में शिकायत देकर कहा कि पुलिस ने अवैध शराब बनाने के आरोप में पति को पकड़ा। उसे बुरी तरह मारा-पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। घटना से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… CO की धमकी- जितने दिन शव रखना हो रख लो:कोई सस्पेंड नहीं होगा, 30 लाख नहीं देंगे; लखीमपुर में युवक की मौत पर बवाल लखीमपुर खीरी में युवक की मौत के बाद बवाल हो गया। परिजनों ने पुलिस पर पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया। मंगलवार शाम को CO धौरहरा परिजनों को समझाने पहुंचे, लेकिन वो खुद ही भड़क गए। कहा- चाहे जितने दिन शव रखना है रखो, न तो कोई थाना सस्पेंड होगा, न ही तुमको 30 लाख रुपए मिलेंगे। तुम्हारी कोई भी मांग पूरी नहीं होगी। इससे पहले, मंगलवार दोपहर गुस्साए ग्रामीणों ने निघासन हाईवे जाम कर दिया था। अफसरों ने ग्रामीणों पर लाठी चार्ज कर रास्ता खुलवाया। पढ़ें पूरी खबर… सपा विधायक डॉक्टर पल्लवी पटेल शुक्रवार को लखीमपुर खीरी पहुंचीं। उन्होंने रामचंद्र मौर्य के परिवार से मुलाकात की। 6 जनवरी को रामचंद्र की मौत हुई थी। परिवार ने पुलिस पर हिरासत में लेने के बाद पीट-पीटकर मारने का आरोप लगाया था। पल्लवी ने मृतक की पत्नी को गले लगा लिया। कहा- पुलिस का बस चले तो दलित और पिछड़ों के गांव ही उजाड़ दे। इस घटना में मानवीय संवेदनाओं को तार-तार करने वाले बदतमीज पुलिस अफसरों को निलंबित किया जाए। मुख्यमंत्री ऐसे अफसरों को बुलाकर यह समझाएं कि वह सरकारी नौकर हैं, सरकार नहीं। विधायक ने इंस्पेक्टर दया शंकर द्विवेदी को फोन कर बुलाया, लेकिन वह नहीं आए। फिर, सीओ यादवेंद्र को फोन लगा कर बुलाया। कहा, अगर मैं अभी आपका कॉलर पकड़ लूं तो मेरे ऊपर तुरंत कार्रवाई करोगे। अब विस्तार से पढ़िए… पल्लवी पटेल ने कहा, मैं मुख्यमंत्री योगी और गृहमंत्री जी से निवेदन करती हूं कि जो निरंकुश अधिकारी हैं, जिन्होंने मानवीय संवेदनाओं को धता बताया है, ऐसे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए। यूपी की सरकार यूपी की 25 करोड़ की जनता है, न कि अफसर सरकार हैं। एसपी से बात कर दोषी पुलिस कर्मियों के निलंबन की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई, तो वे कलेक्ट्रेट में धरना देंगी। पलिया सीओ यादवेंद्र को पल्लवी पटेल ने फोन कर बुलाया… पढ़िए बातचीत पल्लवी: अगर मैं अभी आपका कॉलर पकड़ लूं तो मेरे ऊपर तुरंत कार्रवाई करोगे? सीओ: परिस्थिति देखकर कार्रवाई होती है। पल्लवी: उस समय ऐसी परिस्थिति नहीं थी कि उसमें तुरंत कार्रवाई हो। सीओ: दो सिपाही लाइन हाजिर हो गए हैं, जो मौके पर गए थे। पल्लवी: उत्तर प्रदेश की सरकार यहां की गरीब, दलित और किसान हैं। अगर मैं गलत बोल रही हूं तो आप मुझे बताइए। आपको इजी टारगेट मिला सिपाही, आप ने उसे लाइन हाजिर कर दिया। लेकिन जो मुख्य आरोपी है, जिसकी ऐसी भाषा है। उसके ऊपर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। उनकी भाषा शैली उनकी हैसियत से बहुत बाहर की चीज है। सीओ: जांच होगी। पल्लवी: जांच करिए पर ऐसे अधिकारियों को तत्काल प्रभाव निलंबित करिए। इंस्पेक्टर बुलाने पर भी नहीं आए
सीओ यादवेंद्र को फोन करने से पहले पल्लवी ने इंस्पेक्टर दया शंकर द्विवेदी को फोन किया था। कहा- आपको मेरे आने की सूचना नहीं थी क्या? जवाब में इंस्पेक्टर ने कहा- मैम नहीं थी। फिर पल्लवी ने कहा- आप को मेरे आने की सूचना लाउडस्पीकर पर दूं क्या। आप जहां भी हों, मेरे सामने क्यों नहीं आ रहे? आप मेरे सामने आइए। हालांकि, इंस्पेक्टर दया शंकर मौके पर नहीं आए। मामले में किन-किन नेताओं ने क्या-क्या कहा? रामचंद्र मौर्य की मौत मामले में सपा मुखिया अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी, सांसद चंद्रशेखर ने भी योगी सरकार पर निशाना साधा था। अब पढ़िए क्या था पूरा मामला… हुलासी पुरवा निवासी रामचंद्र (36) सोमवार (6 जनवरी) को गांव से 6 किलोमीटर दूर लाल बोझी गांव के पास के जंगल में लकड़ी बीनने गया था। आरोप है कि निघासन और मझगईं थाने की पुलिस ने वहां पहुंचकर रामचंद्र को अवैध शराब बनाने के आरोप में पकड़ लिया। मझगईं थाने लाकर उसकी जमकर पिटाई की। इससे उसकी तबीयत बिगड़ गई। पुलिस ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र निघासन में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने के बाद परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। पुलिस से शव छीनने की कोशिश की। शव नहीं मिला तो जमकर हंगामा किया। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के लिए शव को जिला मुख्यालय भेजा। मामला तूल पकड़ने पर पुलिस ने दावा किया कि युवक भागते समय गिरकर बेहोश हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। 7 तारीख को ग्रामीणों ने किया चक्का जाम
युवक की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। परिजनों ने पुलिस पर पीट-पीटकर मार डालने का आरोप लगाया था। शव लौटाने को लेकर पुलिस से नोकझोंक हुई। फिर शव छीनने की कोशिश की। घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने मंगलवार, 7 जनवरी की दोपहर निघासन हाईवे जाम कर दिया। फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे अफसरों ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। नहीं माने तो लाठी चार्ज करके रास्ता खुलवाया। युवक के गांव में भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई। पुलिस ने बम्हनपुर चौराहे की बीच सड़क पर गाड़ी खड़ी करके गांव जाने वाला रास्ता ब्लॉक कर दिया। इसके बाद स्थानीय लोगों की पुलिस से नोकझोंक हुई। लोग ट्रैक्टर लेकर आगे बढ़े तो पुलिस ने धमकी दी। कहा- दम है तो मुझ पर गाड़ी चढ़ाओ। ट्रैक्टर को तहस-नहस कर देंगे। मृतक की पत्नी पूनम ने मझगईं थाने में शिकायत देकर कहा कि पुलिस ने अवैध शराब बनाने के आरोप में पति को पकड़ा। उसे बुरी तरह मारा-पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। घटना से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… CO की धमकी- जितने दिन शव रखना हो रख लो:कोई सस्पेंड नहीं होगा, 30 लाख नहीं देंगे; लखीमपुर में युवक की मौत पर बवाल लखीमपुर खीरी में युवक की मौत के बाद बवाल हो गया। परिजनों ने पुलिस पर पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया। मंगलवार शाम को CO धौरहरा परिजनों को समझाने पहुंचे, लेकिन वो खुद ही भड़क गए। कहा- चाहे जितने दिन शव रखना है रखो, न तो कोई थाना सस्पेंड होगा, न ही तुमको 30 लाख रुपए मिलेंगे। तुम्हारी कोई भी मांग पूरी नहीं होगी। इससे पहले, मंगलवार दोपहर गुस्साए ग्रामीणों ने निघासन हाईवे जाम कर दिया था। अफसरों ने ग्रामीणों पर लाठी चार्ज कर रास्ता खुलवाया। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर