गाजियाबाद में बहुत जल्द इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम यानि आईटीएमएस लागू होगा। इससे खुद ब- खुद ट्रैफिक वायोलेशन करने वालों के चालान भी काटेगा और कोई अपराधी अपराध करके भागेगा तो भी आईटीएमएस की जद में आ जाएंगे। चोरी का वाहन सड़क पर जाते ही पकड़ा जाएगा तो अपराधिक वारदात को अंजाम देने वालों की भी पूरी कुंडली पुलिस तक पहुंच जाएगी। ऐसे में अपराधियों की शामत आने से कोई नहीं रोक पाएगा। गाजियाबाद में नगर निगम के नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि शहर के 41 चौराहों पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत बहुत जल्द कैमरे लगने शुरू हो जाएंगे। कैमरे लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर नगर निगम ने कार्य शुरू करने के लिए कार्यादेश भी जारी कर दिया है। चिन्हित चौराहों पर ऑटोमेटिक चालान काटने वाले उपकरण तथा कैमरे लगाए जाएंगे। अक्टूबर माह से ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों का कैमरे की मदद से चालान भी शुरू कर दिया जाएगा। कैमरों को इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा। लगभग आठ माह में कार्य पूरा होगा। सबसे पहले हिंडन एलिवेटेड रोड और हापुड़ रोड पर आइटीएमएस का कार्य शुरू किया जाएगा। इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम बनकर तैयार हो चुका है। आईटीएमएस का कार्य नगर निगम और यातायात पुलिस संयुक्त रूप से कर रही है। कंट्रोल रूम की निगरानी यातायात पुलिस करेगी। कुछ लोग दुर्घटना के बाद वाहन लेकर भाग जाते हैं। कैमरों की मदद से पुलिस उसे पकड़ सकेगी। वहीं सड़क पर रील बनाने और स्टंट करने वालों की पहचान कर पुलिस उन पर कार्रवाई करेगी। गाजियाबाद में बहुत जल्द इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम यानि आईटीएमएस लागू होगा। इससे खुद ब- खुद ट्रैफिक वायोलेशन करने वालों के चालान भी काटेगा और कोई अपराधी अपराध करके भागेगा तो भी आईटीएमएस की जद में आ जाएंगे। चोरी का वाहन सड़क पर जाते ही पकड़ा जाएगा तो अपराधिक वारदात को अंजाम देने वालों की भी पूरी कुंडली पुलिस तक पहुंच जाएगी। ऐसे में अपराधियों की शामत आने से कोई नहीं रोक पाएगा। गाजियाबाद में नगर निगम के नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि शहर के 41 चौराहों पर इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के तहत बहुत जल्द कैमरे लगने शुरू हो जाएंगे। कैमरे लगाने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर नगर निगम ने कार्य शुरू करने के लिए कार्यादेश भी जारी कर दिया है। चिन्हित चौराहों पर ऑटोमेटिक चालान काटने वाले उपकरण तथा कैमरे लगाए जाएंगे। अक्टूबर माह से ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों का कैमरे की मदद से चालान भी शुरू कर दिया जाएगा। कैमरों को इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से जोड़ा जाएगा। लगभग आठ माह में कार्य पूरा होगा। सबसे पहले हिंडन एलिवेटेड रोड और हापुड़ रोड पर आइटीएमएस का कार्य शुरू किया जाएगा। इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम बनकर तैयार हो चुका है। आईटीएमएस का कार्य नगर निगम और यातायात पुलिस संयुक्त रूप से कर रही है। कंट्रोल रूम की निगरानी यातायात पुलिस करेगी। कुछ लोग दुर्घटना के बाद वाहन लेकर भाग जाते हैं। कैमरों की मदद से पुलिस उसे पकड़ सकेगी। वहीं सड़क पर रील बनाने और स्टंट करने वालों की पहचान कर पुलिस उन पर कार्रवाई करेगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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योगी सरकार का प्रमोटी अफसरों पर भरोसा नहीं:प्रदेश में सिर्फ 13 प्रमोटी IPS कप्तान, 23 प्रमोटी IAS जिलाधिकारी
योगी सरकार का प्रमोटी अफसरों पर भरोसा नहीं:प्रदेश में सिर्फ 13 प्रमोटी IPS कप्तान, 23 प्रमोटी IAS जिलाधिकारी उत्तर प्रदेश सरकार को प्रमोटी आईपीएस अफसरों पर भरोसा नहीं है। प्रमोट होकर आईपीएस बने अफसरों को जिला संभालने का मौका कम ही मिल रहा है। इस समय सिर्फ 13 जिले के कप्तान प्रमोटी आईपीएस अफसर हैं। यह आंकड़ा दूसरी सरकारों से कम है। हालांकि प्रमोट होकर आईएएस अफसर बनने वालों की स्थिति ज्यादा बेहतर है। इस समय 23 प्रमोटी आईएएस अफसर डीएम हैं। यूपी में कॉडर स्ट्रेंथ के हिसाब से कुल आईपीएस के पदों में 33 प्रतिशत पद प्रमोशन से भरे जाते हैं, जबकि बाकी के पद डायरेक्ट भरे जाते हैं। मौजूदा समय में यूपी में आईपीएस की कॉडर स्ट्रेंथ 541 हैं। ऐसे में लगभग 180 आईपीएस प्रांतीय पुलिस सेवा से प्रोन्नति के जरिए भरे जाते हैं। लगभग ऐसा ही रेशियो जिलों की पोस्टिंग में भी अपनाया जाता रहा है। लेकिन हाल के कुछ वर्षों में इसमें भारी गिरावट आई है। क्या कहता है नियम?
यूपी में आईएएस और आईपीएस अफसरों के कुल पदों में 33 प्रतिशत पद राज्य सेवा के अफसरों के लिए आरक्षित हैं। आईएएस के कुल सेंक्शन पद 652 हैं। इसमें से 33 प्रतिशत यानी 198 अफसर राज्य सेवा के होते हैं, जो प्रमोशन के जरिए आईएएस बनते हैं। बाकी 67 फीसदी यानी 454 पद सीधी भर्ती के होते हैं। इसी तरह आईपीएस की कुल कॉडर स्ट्रेंथ 541 है। इसमें 180 पद प्रांतीय पुलिस सेवा के अफसरों को प्रमोशन देकर भरे जाते हैं। किसी भी राज्य में कॉडर स्ट्रेंथ केंद्र सरकार तय करती है। कई अफसरों की जिले में पोस्टिंग के बिना खत्म हो जाती है नौकरी
पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह कहते हैं कि हर पुलिस अफसर का सपना होता है कि वह जिले का कप्तान बने, यानी एसपी या एसएसपी बने। लेकिन प्रोन्नति पाए कम ही अफसरों को यह मौका मिल पाता है। ज्यादातर अफसर बिना जिले की कमान संभाले ही रिटायर हो जाते हैं। यह स्थिति पीसीएस से आईएएस बनने वाले और पीपीएस से आईपीएस बनने वाले अफसरों दोनों की है। प्रांतीय पुलिस सेवा के अफसरों का मानना है कि उनके साथ नाइंसाफी हो रही है। पीसीएस के मुकाबले उनके साथ भेदभाव हो रहा है। पूर्व आईजी आरके चतुर्वेदी बताते हैं कि एक ओर जहां 2007 बैच के पीपीएस अफसरों को प्रमोशन मिल चुका है और वे आईएएस बन चुके हैं। वहीं, पीपीएस संवर्ग में 1996 बैच के अफसरों को अब प्रमोशन देकर आईपीएस बनाया गया है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि पीपीएस अफसरों की बड़ी संख्या में भर्ती कर ली गई और आईपीएस कॉडर में उसके अनुपात में पदों का सृजन नहीं हुआ। जो पद पहले से थे जहां तक पीपीएस अफसर पहुंच पाते थे, उनका कद सरकार ने बढ़ा दिया। मसलन जोन स्तर पर पहले आईजी की तैनाती होती थी। कई ऐसे प्रमोटी अफसर रहे हैं जो जोन की कमान संभाल चुके हैं। लेकिन अब यह संभव नहीं है क्याेंकि जोन के मुखिया का पद एडीजी कर दिया गया है। प्रमोटी अफसर एडीजी तक पहुंच भी नहीं पाता और रिटायर हो जाता है। जहां तक जिलों में तैनाती की बात है तो सबसे अधिक अनुभव प्रमोटी अफसरों के पास होता है और किसी भी परिस्थिति को हैंडिल करने में वे सक्षम होते हैं। वहीं, डायरेक्ट अफसरों की वजह से कई बार स्थितियां बिगड़ जाती हैं। सरकार को क्यों नहीं होता भरोसा?
प्रमोटी अफसरों को जिला न मिलने के पीछे की एक वजह ऊपरी कमाई बताई जाती है। उनको पता होता है कि किस तरह से ऊपरी कमाई की जा सकती है। वहीं, डायरेक्ट अफसर ज्यादा ईमानदार माने जाते हैं। हालांकि कई डायरेक्ट अफसर ऐसे रहे हैं जिनकी वजह से सरकारों की फजीहत भी हुई है। मसलन करप्शन के आरोप में ही महोबा के एसपी रहे मणिलाल पाटीदार को पहले निलंबित किया गया और बाद में सेवा से बर्खास्त किया गया। नोएडा में एसएसपी रहते हुए वैभव कृष्ण ने जिन आईपीएस अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे उसमें आधे से ज्यादा डायरेक्ट आईपीएस थे। फील्ड में अच्छा काम करने वालों पर ही भरोसा
पूर्व मुख्य सचिव आरके तिवारी कहते हैं- जो अधिकारी फील्ड में अच्छा काम कर पाते हैं सरकार उन पर भरोसा करती है। जो सरकार की मंशा के अनुरूप डिलीवरी दे सकते हैं, बेहतर परफॉर्मेंस दे सकते हैं उन्हें फील्ड में पोस्टिंग दी जाती है। यूपी में फिलहाल कई जिलों में डीएम और मंडलायुक्त प्रमोटी अफसर ही लगे हैं। ऐसे भी कई डायरेक्ट आईएएस अफसर हैं जिनका कामकाज अच्छा नहीं है, सरकार ने उन्हें लंबे समय से फील्ड पोस्टिंग नहीं दी है। पूर्व मुख्य सचिव आलाेक रंजन कहते हैं- आईएएस में 33 प्रतिशत पद पीसीएस से पदोन्नत होने वाले अफसरों के लिए आरक्षित हैं। लेकिन ऐसा कोई कोटा तय नहीं है कि प्रमोटी अफसर को कितने जिलों में डीएम लगाया जाएगा। प्रमोटी अफसर काबिलियत में किसी से कम नहीं होते हैं। उन्हें भी फील्ड पोस्टिंग में पर्याप्त अवसर दिया जाना है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि किसी एक बैच में एक साथ काफी संख्या में पीसीएस से आईएएस बनते हैं। तो फिर उनमें से कुछ लोग डीएम बनने से वंचित रह जाते हैं। लेकिन प्रमोटी अफसरों को भी कम से कम एक बार डीएम बनने का अवसर दिया जाना चाहिए। हर आईएएस की इच्छा होती है कि वह एक बार डीएम अवश्य बने। अब सवाल उठता है पहले की सरकारों में क्या स्थिति थी? पूर्व की सरकारों में मिलती रही तरजीह
डायरेक्ट आईपीएस के मुकाबले प्रमोटी आईपीएस अफसरों को पूर्व की सरकार में वरीयता मिलती रही है। मसलन अखिलेश यादव की सरकार में भी एक समय में 28 अफसर जिलों के कप्तान रहे। वहीं, मुलायम सिंह और मायावती सरकार में यह आंकड़ा 35 से 40 अफसरों तक रहा है। प्रमोटी अफसरों को जिला मिलने का इंतजार
हाल ही में प्रदेश के 22 पीपीएस अफसरों को प्रमोशन मिला है। यह अफसर या तो जिलों में तैनात हैं या फिर पीएसी व अन्य नान डीएफ में तैनात हैं। ऐसे में इन्हें अब एसपी के पद पर तैनात किया जाना है। जिलों में पहले से ही प्रमोटी आईपीएस अफसरों की संख्या कम है। सवाल उठना वाजिब है कि क्या सरकार 33 प्रतिशत के रेशियो में जिलों में भी कोटा देगी या कुछ प्रमोटी अफसरों को फील्ड से हटाकर उनके स्थान पर हाल ही में प्रमोशन पाए अफसरों को मौका मिलेगा। सीडीओ में भी आईएएस ने हक मारा
प्रदेश में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) के 75 पद हैं। इसमें 28 पद प्रादेशिक विकास सेवा संवर्ग के लिए हैं। लेकिन वर्तमान में केवल 19 सीडीओ ही संवर्ग से हैं। जबकि 56 सीडीओ आईएएस अधिकारी हैं। प्रादेशिक विकास सेवा संगठन की ओर से कई बार राज्य सरकार से इस संबंध में न्याय की गुहार भी लगाई गई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रदेश में नगर निगम आयुक्त के पद पर वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी तैनात किए जाते थे। लेकिन अब अधिकांश नगर निगम में नगर आयुक्त के पद पर भी आईएएस अफसर ही तैनात किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी बने बिना ही रिटायर हो रहे अफसर
पीसीएस से आईएएस बने अफसरों को जिलाधिकारी बनने का मौका भी ज्यादा नहीं मिलता। जिन प्रमोटी आईएएस अफसरों का राजनीतिक जुगाड़ या जातीय आधार मजबूत होता है, वह तो दो से तीन बार डीएम और मंडलायुक्त बनने में सफल हो जाते हैं। लेकिन बड़ी संख्या में प्रमोटी अफसर ऐसे भी हैं, जिन्हें एक बार भी डीएम या मंडलायुक्त बनने का मौका नहीं मिला। वह शासन में भी विशेष सचिव पद से ही रिटायर हो गए। संस्कृति विभाग के विशेष सचिव रहे आनंद कुमार जिलाधिकारी बने बिना रिटायर हो गए। सामान्य प्रशासन विभाग के विशेष सचिव रामकेवल को भी जिलाधिकारी बनने का मौका नहीं मिला। —————— ये भी पढ़ें… प्रशांत कुमार स्थायी DGP बनेंगे या नहीं?:सिर्फ 3 दिन बचे; अब तक कमेटी नहीं बनी, 11 में से सिर्फ एक अफसर योगी के भरोसेमंद प्रदेश में स्थायी डीजीपी की तैनाती को लेकर सस्पेंस बरकरार है। कैबिनेट से नई नियमावली पास कराने के बाद भी अब तक सरकार ने इसे सार्वजनिक नहीं किया है। कैबिनेट में डीजीपी की नियुक्ति के लिए जिस कमेटी को गठित करने की बात की गई, वो भी गठित नहीं हो पाई। नई नियमावली के हिसाब से अगले 3 दिन में प्रक्रिया पूरी नहीं की गई, तो मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार का स्थायी डीजीपी बनना मुश्किल हो जाएगा। अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर नई नियमावली आने के बाद भी इस प्रक्रिया में कहां बाधा आ रही है। पढ़ें पूरी खबर…
Himachal Snowfall: मनाली और शिमला में बर्फबारी से खिले पर्यटकों के चेहरे, अटल टनल में फंसे 1000 वाहन और पर्यटक
Himachal Snowfall: मनाली और शिमला में बर्फबारी से खिले पर्यटकों के चेहरे, अटल टनल में फंसे 1000 वाहन और पर्यटक <p style=”text-align: justify;”><strong>Manali Snowfall Himachal:</strong> हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला और मनाली में सोमवार को मौसम की दूसरी बर्फबारी हुई. जबकि राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश और बर्फबारी जारी है. मनाली में भारी बर्फबारी के कारण काफी संख्या में वाहन और पर्यटक सोलंग और अटल सुरंग रोहतांग में फंस गए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने बड़े पैमाने पर बचाव कार्य चलाया गया. लगभग 700 पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. अधिकारियों के अनुसार लगभग 1000 वाहन लंबे ट्रैफिक जाम में घंटों तक फंसे रहे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मनाली के एएसपी संजीव के मुताबिक अटल टनल रोहतांग में अभी भी 50 वाहन फंसे हैं. अन्य वाहनों में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है. स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक यह स्थित बर्फ से ढके पहाड़ों में क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए आने वाले पर्यटकों की आमद से उत्पन्न हुई. पर्यटकों की आमद ने हालात को नियंत्रण से बाहर कर दिया. </p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>VIDEO | Himachal Pradesh: Shimla clad in snow cover.<br /><br />The nearby tourist spots of Kufri and Narkanda and the higher reaches of Kharapathar, Chaurdhar and Chanshal South portal of the Atal tunnel, and Samdho also received snowfall.<a href=”https://twitter.com/hashtag/Shimla?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#Shimla</a> <a href=”https://twitter.com/hashtag/WeatherUpdate?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WeatherUpdate</a> <br /><br />(Full video available… <a href=”https://t.co/1JjOgRq6jK”>pic.twitter.com/1JjOgRq6jK</a></p>
— Press Trust of India (@PTI_News) <a href=”https://twitter.com/PTI_News/status/1871388721171624001?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 24, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौसम विभाग शिमला के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में मंगलवार को भी बर्फबारी की संभावना है. 29 दिसंबर तक शिमला, मनाली सहित अन्य इलाकों में हल्की बारिश, बर्फबारी और बादल छाए रहने की संभावना है. इस दौरान न्यूनतम तापमान 1 से 2 डिग्री या कुछ इलाकों में शून्य तक पहुंचने की उम्मीद है. जबकि अधिकतम तापमान 11 से 12 डिग्री सेल्सियस बने रहने की संभावना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बर्फबारी से कारोबारी भी खुश </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, 8 दिसंबर को पहली बर्फबारी के बाद दो सप्ताह के अंतराल के बाद शुरू हुई मनमोहक बर्फबारी ने न केवल पर्यटकों के चेहरे खिल उठे बल्कि स्थानीय कारोबारी भी खुश हैं. स्थानीय पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों में बर्फबारी के बाद से उत्साह का माहौल है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>बर्फबारी का सीधा असर यह हुआ है कि पर्यटक पहले से तय समय से ज्यादा समय होटल में स्टे कर रहे हैं. ताकि वो मनाली की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठा सकें. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मनाली में व्हाइट क्रिसमस की धूम </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>फिलहाल, मनाली में अप्रत्याशित बर्फबारी ने “व्हाइट क्रिसमस” का सपना देखने वालों के बीच उत्साह भर दिया है. कई पर्यटक जो पहले जाने की योजना बना रहे थे, उन्होंने शिमला की सर्दियों की खूबसूरती का आनंद लेने के लिए यहीं रहने का फैसला लिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कारोबारियों में जगी मुनाफे की उम्मीद </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस बीच स्थानीय कारोबारियों का कहना है कि बर्फबारी से कारोबार बढ़ा है. यही हाल रहा तो इस बार पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को इसका लाभ ज्यादा मिलेगा. बता दें कि देश भर से बर्फबारी का आनंद उठाने मनाली पहुंचे पर्यटक बेहद खुश हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जीवन का नया अनुभव </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हरियाणा के रेवाड़ी से आए पर्यटक हेमंत ने बर्फबारी के बाद व्हाइट क्रिसमस का नजारा देखकर बताया,”यह उनके जीवन एक नया अनुभव है. मौसम अद्भुत है. हमें इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी, लेकिन जब हम आज सुबह उठे तो देखा कि बर्फबारी हो रही है. हम जाने की योजना बना रहे थे, लेकिन अब हमने यहां और अधिक समय तक रहने का फैसला किया है. यह पहली बर्फबारी है जो मैंने देखी है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>एनडीटीवी इंगलिश की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा के फरीदाबाद से आए पर्यटक प्रमोद योगी ने कहा, “यह एहसास अवर्णनीय है. इस बर्फबारी से जो खुशी मिली है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. अपने जीवन में पहली बार प्रकृति की अद्भुत सुंदरता का अनुभव करना अद्भुत रहा है. मैं सभी से इस जगह पर आने और इसका आनंद लेने का आग्रह करता हूं. बर्फबारी देखना एक रोमांचकारी अनुभव रहा है, और मैं सभी को इसे देखने और इसका आनंद लेने के लिए यहाँ आने की सलाह दूँगा.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इन इलाकों में भी बर्फबारी </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हिमाचल प्रदेश के कुफरी और नारकंडा के नजदीकी पर्यटन स्थलों और अटल सुरंग के खरापाथर, चौधर और चांशल साउथ पोर्टल और समधो के ऊंचे इलाकों में भी बर्फबारी हुई है. शिमला में आठ सेमी बर्फबारी दर्ज की गई. जबकि कल्पा में सात सेमी बर्फबारी हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>30 सड़कों पर आवाजाही बंद </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मौसम विभाग ने बताया कि हिमाचल के निचले पहाड़ी क्षेत्रों के कुछ इलाकों में रुक-रुक कर हल्की बारिश हुई. राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया कि बर्फबारी के कारण 30 सड़कों पर आवाजाही बंद कर दी गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि, ऊना, हमीरपुर, चंबा और मंडी समेत निचली पहाड़ियों में भीषण शीतलहर जारी रही. मौसम विभाग ने बृहस्पतिवार तक बिलासपुर, ऊना, हमीरपुर और मंडी में भीषण ठंड के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है. ताबो राज्य का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां न्यूनतम तापमान शून्य से 10.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौसम विभाग ने कहा कि शुक्रवार से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और आसपास के मैदानी इलाकों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव की संभावना है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मौसम विभाग ने सोमवार, मंगलवार, शुक्रवार और शनिवार को हिमाचल प्रदेश के मध्य और ऊंचे इलाकों में बारिश और बर्फबारी का अनुमान जताया है. बर्फबारी से सेब उत्पादकों में भी खुशी की लहर दौड़ गई है, जिससे ऊपरी शिमला क्षेत्र में अच्छी पैदावार की उम्मीद जगी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ट्रैफिक गाइडलाइंस का करें पालन </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शिमला पुलिस ने लगातार बर्फबारी के बाद पर्यटकों की भारी संख्या में आमद को देखते हुए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है. ट्रैफिक पुलिस ने पर्यटकों और लोगों को ट्रैफिक एडवाइजरी को गंभीरता से लेने की सलाह दी है. शिमला ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक शिमला जिले के ऊपरी इलाकों में बर्फबारी के कारण कई प्रमुख सड़कों पर वाहनों के आवागमन को प्रतिबंतिध कर दिया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इमरजेंसी में यहां करें संपर्क </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>शिमला पुलिस ने जिन सड़कों पर यातायात प्रतिबंधित किया है उनमें ठियोग-चौपाल मार्ग, ठियोग-रोहडू मार्ग, खड़ापत्थर मार्ग, ठियोग-रामपुर मार्ग, नारकंडा मार्ग, शिमला-कुफरी-ठियोग मार्ग और मशोबरा बाईफर्केशन से ठियोग मार्ग शामिल हैं. शिमला पुलिस ने सभी से अपील की है कि कहीं जाने आने के लिए वैकल्पिक मार्गों का इस्तेमाल करें. किसी भी आपात स्थिति में 01772812344, 112 या निकटतम पुलिस स्टेशन पर संपर्क करें.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”हिमाचल प्रदेश घूमने आने वाले पर्यटकों को बड़ी राहत, इस तारीख तक 24 घंटे खुले रहेंगे होटल-रेस्टोरेंट” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-pradesh-shops-dhaba-and-hotel-to-remain-open-24-hour-in-new-year-and-christmas-ann-2848487″ target=”_blank” rel=”noopener”>हिमाचल प्रदेश घूमने आने वाले पर्यटकों को बड़ी राहत, इस तारीख तक 24 घंटे खुले रहेंगे होटल-रेस्टोरेंट</a></strong></p>