पंजाब के शहर अबोहर में डेमोक्रेटिक जंगलात मुलाजिम यूनियन के कर्मचारियों ने बुधवार को पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ढाई महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों ने सरकार का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की। यूनियन के रेंज प्रधान राम कुमार और महासचिव भागीरथ ने बताया कि जंगलात मंत्री ने पहले आश्वासन दिया था कि हर महीने की 7 तारीख को वेतन मिल जाएगा। लेकिन यह महज खोखला दावा साबित हुआ। ढाई महीने से वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों के सामने घर चलाना मुश्किल हो गया है। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द वेतन नहीं मिला तो 13 जनवरी को लोहड़ी के दिन कार्यालय के सामने अर्थी फूंक प्रदर्शन करेंगे। साथ ही 25 जनवरी को जंगलात मंत्री के गांव कटारूचक में महारैली का आयोजन किया जाएगा। प्रदर्शन में यूनियन के सचिव दलीप कुमार, धर्मचंद, उपप्रधान दीवान चंद और चेयरमैन बनवारी लाल समेत कई कर्मचारी मौजूद थे। कर्मचारियों का कहना है कि स्थानीय अधिकारी भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिला स्तर के अधिकारियों से संपर्क कर वेतन जारी करवाना चाहिए। उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार को ड्रामेबाज बताते हुए कहा कि सरकार के कहने और करने में बड़ा अंतर है। पंजाब के शहर अबोहर में डेमोक्रेटिक जंगलात मुलाजिम यूनियन के कर्मचारियों ने बुधवार को पंजाब सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ढाई महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों ने सरकार का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की। यूनियन के रेंज प्रधान राम कुमार और महासचिव भागीरथ ने बताया कि जंगलात मंत्री ने पहले आश्वासन दिया था कि हर महीने की 7 तारीख को वेतन मिल जाएगा। लेकिन यह महज खोखला दावा साबित हुआ। ढाई महीने से वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों के सामने घर चलाना मुश्किल हो गया है। कर्मचारी नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द वेतन नहीं मिला तो 13 जनवरी को लोहड़ी के दिन कार्यालय के सामने अर्थी फूंक प्रदर्शन करेंगे। साथ ही 25 जनवरी को जंगलात मंत्री के गांव कटारूचक में महारैली का आयोजन किया जाएगा। प्रदर्शन में यूनियन के सचिव दलीप कुमार, धर्मचंद, उपप्रधान दीवान चंद और चेयरमैन बनवारी लाल समेत कई कर्मचारी मौजूद थे। कर्मचारियों का कहना है कि स्थानीय अधिकारी भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिला स्तर के अधिकारियों से संपर्क कर वेतन जारी करवाना चाहिए। उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार को ड्रामेबाज बताते हुए कहा कि सरकार के कहने और करने में बड़ा अंतर है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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जालंधर बादशाह हत्याकांड में एक और आरोपी गिरफ्तार:पुलिस ने पठानकोट चौक से पकड़ा, दिवाली की रात गोली मारकर की थी हत्या जालंधर के संकरे बाजार खिंगरा गेट के पास दिवाली की रात दो पक्षों में हुए विवाद के बाद बदमाश मनु कपूर उर्फ मनु कपूर ढिल्लों और उसके साथियों ने ऋषभ उर्फ बादशाह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बदमाश मनु समेत दो की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जिसकी पहचान साजन सहोता निवासी किशनपुरा, जालंधर के रूप में हुई है। परिजन लंबे समय से मामले में फरार चल रहे आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। बता दें कि मनु और उसके साथी चकशित की गिरफ्तारी के बाद उसे पहले ही जेल भेजा जा चुका है। आरोपी साजन को पुलिस ने पठानकोट बाईपास के पास स्थित बल्ले बल्ले फार्म के पास से गिरफ्तार किया था। अली मोहल्ला निवासी ऋषभ उर्फ बादशाह की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर मनु को थाने के अंदर वीआईपी ट्रीटमेंट देने का आरोप लगाया था। जिसके बाद पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा ने इंस्पेक्टर रविंदर कुमार को लाइन हाजिर कर दिया था। थाना डिवीजन नंबर-3 की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या और आर्म्स एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। परिजनों और पुलिस के बीच हाथापाई आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच हाथापाई हो गई। ऋषभ की रामा मंडी के जौहल अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। उसका दोस्त बस्ती भूरेखां निवासी ईशू गंभीर रूप से घायल हो गया। उसके हाथ में गोली लगी। दोनों युवक अली मोहल्ला में रहने वाले मशहूर एसके बंधुओं के बेहद करीबी थे। गोली लगने के बाद दोनों को पहले सत्यम अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें टैगोर भेजा गया और वहां से उन्हें जौहल अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां ऋषभ की मौत हो गई। जब परिजनों ने हाईवे बंद किया तो दोस्तों और परिजनों और पुलिस के बीच हाथापाई भी हुई। देर रात पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा मौके पर पहुंचे, जिसके बाद हाईवे खुलवाया गया। कमिश्नर शर्मा ने पुष्टि की कि उन्होंने तीन लोगों को हिरासत में लिया है। ऋषभ काम से घर लौट रहा था, तब हुई वारदात पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया था कि हत्या के वक्त मनु का पिता भी मौके पर मौजूद था। ऋषभ बादशाह की मौत के बाद परिवार ने जोहल अस्पताल के बाहर से होशियारपुर हाईवे बंद कर दिया था। बादशाह की मौत के बाद से परिवार का रो रोकर बुरा हाल था। परिवार ने कहा- बादशाह अपने काम से घर वापस लौट रहा था। इस दौरान आरोपियों ने घेर कर वारदात को अंजाम दिया। वारदात के बाद मौके से फरार हुआ आरोपी जानकारी के अनुसार गोली चलाने का आरोप खिंगरा गेट के रहने वाले मनु नाम के बदमाश पर है। बताया जाता है कि करीब पांच राउंड फायरिंग किए गए थे। आरोपी मौके से फरार हो गए। क्राइम सीन पर जांच के लिए पुलिस टीमें पहुंच गई थी। आसपास के लोगों ने बताया कि 2 युवकों के पेट में गोलियां लगी है। क्राइम सीन पर जांच के लिए जालंधर कमिश्नरेट पुलिस की सीआईए स्टाफ और थाना डिवीजन नंबर-3 की पुलिस पहुंच गई थी। पुलिस ने क्राइम सीन से गोली के खोल बरामद किए गए थे। सीसीटीवी के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और वारदात में कौन कौन आरोपी शामिल है, उनकी पहचान की जा रही है। बता दें कि जिस युवक पर गोलियां चलाने का आरोप है, उस पर पहले भी कई मामला दर्ज हैं। जिसमें हत्या की कोशिश सहित कई गंभीर केस हैं।
गिलोय, तुलसी, एलोवेरा, अश्वगंधा के 500 पौधे बांटे
गिलोय, तुलसी, एलोवेरा, अश्वगंधा के 500 पौधे बांटे भास्कर न्यूज़ | जालंधर भारत स्वाभिमान,पतंजलि योग समिति एवं युवा भारत जालंधर की ओर से वर्तमान युग के धन्वंतरि परम श्रद्धेय पूज्य आचार्य श्री बालकृष्ण जी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में जड़ी-बूटी दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राजेश विज महासचिव श्रीदेवी तलाब मंदिर प्रबंधक कमेटी मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने बताया कि विश्वपटल पर आयुर्वेद को प्रमुखता से प्रचारित करने का श्रेय आचार्य बालकृष्ण को जाता है। करोड़ों ऋषियों की आयुर्वेद की विद्या को बढ़ाने का काम और उसको संरक्षित करने में आचार्य जी की अहम भूमिका है। विशेष अतिथि सोमनाथ कालिया संचालक पतंजलि मेगा स्टोर ने बताया कि योग, आयुर्वेद, स्वदेशी, वैदिक संस्कृति के लिए हैं। आचार्य जी ने पूरा जीवन योगमय, आयुर्वेदमय, स्वदेशीमय जीते हुए हजारों नहीं बल्कि लाखों-करोड़ों लोगों पर उपकार किया है। संगठन के पदाधिकारी की ओर से गिलोय, तुलसी, एलोवेरा, अश्वगंधा आंवला एवं नीम के लगभग 500 औषधीय पौधों का वितरण किया गया। हमें पर्यावरण की सुरक्षा हेतु अपने-अपने घरों में अधिक से अधिक औषधीय पौधे लगाने चाहिए। पौधारोपण कर प्रकृति का संरक्षण करना चाहिए। इस मौके पर राज्य कार्यकारिणी सदस्य संजीव शर्मा जिला प्रभारी भारत स्वाभिमान, सुधीर सक्सेना, जिला प्रभारी पतंजलि योग समिति अजय मल्होत्रा, जिला प्रभारी युवा भारत अमरजीत सिंह बिट्टू, ओम प्रकाश डोगरा, रजनीश किरण, गुरबख्श मदान, गुलशन अरोड़ा, जोगेंद्र लाल, दास महेश, रमेश चुंग , अभिषेक मेहरा , हरियाणा पंजाब से पुनीत खन्ना आदि मौजूद रहे।
जालंधर वेस्ट सीट पर AAP की रिकॉर्ड जीत के मायने:CM फ्रंट-फुट पर रहे, विश्वास जीतने के लिए लिया घर; कांग्रेस-भाजपा ने खोया कैडर वोट
जालंधर वेस्ट सीट पर AAP की रिकॉर्ड जीत के मायने:CM फ्रंट-फुट पर रहे, विश्वास जीतने के लिए लिया घर; कांग्रेस-भाजपा ने खोया कैडर वोट जालंधर वेस्ट सीट पर हुए विधानसभा उप-चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार मोहिंदर भगत ने सीएम भगवंत मान की सपोर्ट से 55246 वोट हासिल किए और तकरीबन 37325 वोट से जीत हासिल की। जालंधर वेस्ट में ये अभी तक की सबसे बढ़ी जीत मानी जा रही है, जबकि पूर्व विधायक व भाजपा के उम्मीदवार शीतल अंगुराल 17921 वोट और कांग्रेस की सुरिंदर कौर 16757 वोटों के साथ कैडर वोट भी नहीं जुटा पाए। विधानसभा 2022 के चुनावों में 39213 वोट AAP ने हासिल किए थे। जबकि कांग्रेस को 34960 और भाजपा को 33486 वोट मिले थे। लेकिन इस बार आंकड़ों में भारी बदलाव हुआ। भास्कर एक्सप्लेनर में जानें AAP की जीत का रहस्य- 6 फैक्टर्स, जिसने AAP को दिलाई जीत- 1. सीएम मान का विश्वास व एक्शन लोकसभा चुनावों में AAP की हार के बाद सीएम भगवंत मान के लिए ये उप-चुनाव एक कड़ी चुनौती बना, जिसे उन्होंने फ्रंट पर रहते हुए जीता है। चुनावों की घोषणा व मोहिंदर भगत का नाम घोषित होने के बाद सीएम का खुद जालंधर में घर लेना और सप्ताह में दो दिन यहां रुकने की घोषणा ने वोटरों को एक बार फिर AAP पर विश्वास करने के लिए मजबूर किया। 2. खुद प्रचार के लिए उतरे CM
मुख्यमंत्री भगवंत मान का नाम AAP प्रचार लिस्ट में चाहे नीचे था, लेकिन पूरे प्रचार की कमान उन्होंने ही संभाल ली थी। अंतिम दिनों में सीएम मान ने खुद मीटिंगें करनी शुरू की। एक दिन में सीएम मान ने 4 से 5 मीटिंग्स का लक्ष्य रखा था। भीड़ के बीच आम नागरिक की तरह सीएम मान को घूमते देख वोटरों का विश्वास बढ़ा और AAP को उसका फायदा हुआ। 3. मिस CM मान ने संभाली कमान CM मान खुद फ्रंट फुट पर खेल रहे थे, लेकिन उन्हें मिस CM व अपनी पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर का साथ भी इन चुनावों में मिला। चुनाव घोषणा के बाद सीएम मान के साथ डॉ. गुरप्रीत कौर भी जालंधर में शिफ्ट हो गईं। हाथ में कुछ महीनों की बेटी को पकड़ जालंधर में खरीदे घर में प्रवेश ने लोगों के दिलों में छाप छोड़ी। इसके बाद सीएम मान की गैर हाजिरी में उन्होंने कैंप ऑफिस में लोगों की मुश्किलों को सुना भी और तत्काल उनकी समस्याओं को हल भी करवाया। इतना ही नहीं, डॉ. गुरप्रीत कौर खुद नुक्कड़ मीटिंगों में पहुंची और फीमेल वोटरों का विश्वास जीता। 4. जालंधर वेस्ट में 50% से अधिक SC वोटर जालंधर लोकसभा चुनावों में सांसद बने कांग्रेस के चरणजीत सिंह चन्नी की जीत का सबसे बढ़ा कारण SC व रविदासिया समुदाय का समर्थन मिलना था। जालंधर वेस्ट की बात करें ताे यहां 50% से अधिक वोटर SC, रविदासिया व भगत समुदाय का है। चुनावों की घोषणा के बाद से ही मोहिंदर पाल भगत को भगत समुदाय ने समर्थन देने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद रविदासिया समुदाय भी खुलकर उनके साथ चला। पूर्ण रूप से SC वोटर का साथ मिलने के बाद मोहिंदर पाल भगत की जीत लगभग तय हो चुकी थी। 5. AAP सरकार की स्कीमों का लाभ जालंधर वेस्ट में अधिकतर आबादी बस्तियों में बस्ती है, जो बिलो पावर्टी लाइन (BPL) कैटेगरी में आते हैं। जल्लवाल आबादी, भारगो कैंप, बस्ती दानिश मनदा, बस्ती गुजां, बबरीक चौक और बस्ती नौ ऐसे इलाके हैं, जहां अधिकतर वोटर हैं। AAP को इन इलाकों से काफी अधिक फायदा हुआ। 600 यूनिट के बाद भी इन्हें बिजली मुफ्त है और आटा दाल स्कीम से यहां कई घरों के चूल्हे चलते हैं। 6. साफ छवि व चुन्नी लाल भगत के परिवार की छाप रही भारी मोहिंदर पाल भगत पूर्व भाजपा विधायक व पंजाब सरकार में मंत्री रहे चुनी लाल भगत के बेटे हैं। चुनी लाल भगत की तरह आज तक मोहिंदर पाल भगत की छवि पर कोई उंगली नहीं उठा सका। AAP व CM मान ने उनकी छवि को आगे रखकर ही प्रचार शुरू किया। जबकि कांग्रेस पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर सुरिंदर कौर के एक भी काम को प्रमुख रखकर वोट नहीं मांग सकी। वहीं, भाजपा के उम्मीदवार शीतल अंगुराल को वोटरों ने दल बदल का टैग लगाते हुए निकारा। जाने क्यों जरूरी थी AAP के लिए ये जीत AAP को लोकसभा 2024 के चुनावों में पंजाब में सरकार होने के बावजूद करारी हार का सामना करना पड़ा था। AAP कम होती पॉपुलैरिटी को दोबारा खड़ा करने के लिए ये जीत काफी मायने रखती है। पंजाब में पंचायती चुनाव, नगर निगम चुनाव, दोनों पैंडिंग हैं। वहीं, आने वाले 6 महीनों में 4 और सीटों पर विधानसभा उप-चुनाव आने वाले हैं। लोकसभा चुनाव के बाद अगर इस विधानसभा उप-चुनाव में भी हार मिलती तो AAP के वर्कर नैतिक रूप से कमजोर जो जाती। कांग्रेस बेहतर प्लानिंग की तरफ बढ़ेगी कांग्रेस लोकसभा चुनाव में 7 सीटें जीतने और राज्य में 26.30% वोट हासिल करने के बाद सबसे बढ़ी पार्टी बन चुकी है। लोकसभा चुनाव जालंधर में जीतने के बाद भी उप-चुनाव में हार के लिए कांग्रेस को अब मंथन की आवश्यकता है। 2022 में कांग्रेस सरकार गिरने के बाद से कई सीनियर लीडर चुप्पी साध चुके हैं और PPCC से उलट चल रहे हैं। कांग्रेस के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती उन्हें इकट्ठे करके आने वाले समय में 4 लोकसभा सीटों, डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल और बरनाला पर होने वाले उप-चुनावों पर ध्यान केंद्रित करना है। कांग्रेस के लिए ये चार सीटों में से तीन पर जीत हासिल करना इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि 2022 में इनमें से तीन सीटों डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा और चब्बेवाल पर कांग्रेस का कब्जा था। भाजपा खुद को मजबूत करने में जुटी भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जिसके पास पंजाब से एक भी लोकसभा सीट नहीं है, लेकिन राज्य की वे तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा विस्तार की तरफ बढ़ रही है। ऐसे में उसका लक्ष्य अपने कैडर वोटर को बढ़ाना है। दल बदलू का टैग पाकर शीतल अंगुराल उप-चुनाव में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर सके और दूसरे स्थान पर रहे हैं। सिर्फ उनके ही नहीं, सुशील कुमार रिंकू के लिए भी भाजपा में अपना स्थान बनाए रखना एक चुनौती है। अकाली दल ने BSP का सपोर्ट कर पल्ला झाड़ा 2017 व उसके बाद हुए सभी लोकसभा व विधानसभा चुनावों में अकाली दल लगातार नीचे गिरता जा रहा है। अब जब अकाली दल में अंतर-कलह ही बहुत अधिक बढ़ चुकी है तो सीनियर लीडरशिप ने बहुजन समाज पार्टी का साथ देने की घोषणा करते हुए इन चुनावों से ही दूर कर लिया। हालात ऐसे बने की अध्यक्ष सुखबीर बादल और चंदूमाजरा समर्थक बागी गुट के बीच खुद को फंसता देख अकाली दल उम्मीदवार सुरजीत कौर ने ही दल बदल AAP जाइन कर ली। चूंकि, सुरजीत कौर नामांकन वापस ना ले सकी, AAP में जाने के बाद भी वे अकाली दल की उम्मीदवार रहीं। इन परिणामों अकाली दल व BSP के परिणाम ने सभी को हैरान कर दिया। अकाली दल का समर्थन पा कर भी BSP पांचवें नंबर और अकाली दल उससे अधिक वोटें हासिल कर सकी। 4 उप-चुनावों में भी CM मान को दिखानी होगी ताकत जालंधर वेस्ट चुनाव के बाद अब सबसे बड़ी चुनौती चार सीटों डेरा बाबा नानक, गिद्दड़बाहा, चब्बेवाल और बरनाला के उप-चुनाव होंगे। AAP के लिए अपनी गिरी पॉपुलैरिटी को उठाने का यहां सबसे अच्छा मौका होगा। सीएम मान के बाद पंजाब में अभी तक कोई दूसरा बड़ा चेहरा नहीं है और ये पार्टी के लिए एक बड़ा नुकसान भी है। ऐसे में जालंधर उप-चुनाव की तरह ही इन विधानसभा हलकों की कमान सीएम मान को खुद संभालनी होगी। बरनाला तो AAP का गढ़ है। CM मान इसे अपने हाथ से नहीं जाने देंगे। वहीं, चब्बेवाल के पूर्व विधायक डॉ. राज कुमार के दल-बदल कर सांसद बन जाने के बाद यहां भी AAP स्ट्रॉन्ग हुई है। डेरा बाबा नानक और गिद्दड़बाहा दो कांग्रेस की सीटें हैं, जिनकी सेंधमारी के लिए CM मान को कड़ी मेहनत करनी होगी।