दिल्ली के प्रीतमपुरा में आयोजित आल इंडिया बास्केटबॉल सिविल सर्विसेज प्रतियोगिता में हरियाणा ने इतिहास रच दिया। राज्य की महिला टीम ने रजत पदक और पुरुष टीम ने कांस्य पदक जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। विशेष रूप से यह पहला अवसर है, जब हरियाणा की पुरुष टीम ने प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल किया है। राजस्थान को 65-30 से दी मात जींद के वरिष्ठ कोच अनिल आर्य की कप्तानी में पुरुष टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। टीम ने अपने अभियान की शुरुआत राजस्थान को 65-30 से हराकर की। इसके बाद बिहार, पंजाब और आरएसबी फरीदाबाद को क्रमशः 12, 25 और 17 अंकों के अंतर से पराजित किया। आरसीबी अहमदाबाद के खिलाफ टीम ने 82-40 का प्रभावशाली स्कोर बनाया। हालांकि सेमीफाइनल में दिल्ली से 50-55 से हार का सामना करना पड़ा। महिला टीम ने लहराया परचम महिला वर्ग में हरियाणा की टीम ने भी अपना परचम लहराया। टीम ने छत्तीसगढ़ को 40-10 से, केरला को 15 अंकों से और उत्तराखंड को 30 अंकों से हराया। सेमीफाइनल में चेन्नई को दो अंकों के रोमांचक मुकाबले में हराकर फाइनल में जगह बनाई, जहां उन्होंने रजत पदक हासिल किया। जींद लौटने पर हुआ स्वागत पुरुष टीम में सोनीपत, रोहतक, करनाल, हिसार, सिरसा और अंबाला के खिलाड़ियों ने प्रतिनिधित्व किया। टीम में विकास, साहिल, रविंद्र, आशीष, कमल, अमित, संदीप, प्रवीण, सतीश, अजय और हिमांशु जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी शामिल थे। प्रतियोगिता के बाद जींद लौटने पर कोच अनिल आर्य का भव्य स्वागत किया गया। फाइनल मुकाबले में दिल्ली ने पछाड़ा इस मैच में हरियाणा की टीम के 48 और चेन्नई की टीम के 46 अंक थे। फाइनल मुकाबले में दिल्ली से हार का सामना करना पड़ा और रजत पदक से ही टीम को संतोष करना पड़ा। टीम में जींद से मधु के अलावा अलिशा, मोनिका, संगीता, मोनू, मधु, रिंपल, संजू, मुस्कान, कमलेश, रीना, कोमल, मोनिका भी शामिल रही। दिल्ली के प्रीतमपुरा में आयोजित आल इंडिया बास्केटबॉल सिविल सर्विसेज प्रतियोगिता में हरियाणा ने इतिहास रच दिया। राज्य की महिला टीम ने रजत पदक और पुरुष टीम ने कांस्य पदक जीतकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। विशेष रूप से यह पहला अवसर है, जब हरियाणा की पुरुष टीम ने प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में कांस्य पदक हासिल किया है। राजस्थान को 65-30 से दी मात जींद के वरिष्ठ कोच अनिल आर्य की कप्तानी में पुरुष टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। टीम ने अपने अभियान की शुरुआत राजस्थान को 65-30 से हराकर की। इसके बाद बिहार, पंजाब और आरएसबी फरीदाबाद को क्रमशः 12, 25 और 17 अंकों के अंतर से पराजित किया। आरसीबी अहमदाबाद के खिलाफ टीम ने 82-40 का प्रभावशाली स्कोर बनाया। हालांकि सेमीफाइनल में दिल्ली से 50-55 से हार का सामना करना पड़ा। महिला टीम ने लहराया परचम महिला वर्ग में हरियाणा की टीम ने भी अपना परचम लहराया। टीम ने छत्तीसगढ़ को 40-10 से, केरला को 15 अंकों से और उत्तराखंड को 30 अंकों से हराया। सेमीफाइनल में चेन्नई को दो अंकों के रोमांचक मुकाबले में हराकर फाइनल में जगह बनाई, जहां उन्होंने रजत पदक हासिल किया। जींद लौटने पर हुआ स्वागत पुरुष टीम में सोनीपत, रोहतक, करनाल, हिसार, सिरसा और अंबाला के खिलाड़ियों ने प्रतिनिधित्व किया। टीम में विकास, साहिल, रविंद्र, आशीष, कमल, अमित, संदीप, प्रवीण, सतीश, अजय और हिमांशु जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी शामिल थे। प्रतियोगिता के बाद जींद लौटने पर कोच अनिल आर्य का भव्य स्वागत किया गया। फाइनल मुकाबले में दिल्ली ने पछाड़ा इस मैच में हरियाणा की टीम के 48 और चेन्नई की टीम के 46 अंक थे। फाइनल मुकाबले में दिल्ली से हार का सामना करना पड़ा और रजत पदक से ही टीम को संतोष करना पड़ा। टीम में जींद से मधु के अलावा अलिशा, मोनिका, संगीता, मोनू, मधु, रिंपल, संजू, मुस्कान, कमलेश, रीना, कोमल, मोनिका भी शामिल रही। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बहादुरगढ़ में BJP केंडिडेट का विरोध:सगे भाई ने दिनेश को कहा अंहकारी, फूट-फूट कर रोए पूर्व विधायक नरेश कौशिक हरियाणा की बहादुरगढ़ सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार दिनेश कौशिक का विरोध शुरू हो गया है। कौशिक का विरोध किसी और ने नहीं, बल्कि उनके ही सगे बड़े भाई नरेश कौशिक ने किया है। नरेश का आरोप है कि उनका छोटा भाई अहंकारी है। उन्होंने कहा, ‘टिकट मिले हुए उसे 3 दिन हो गए, लेकिन उसने आज तक मुझे एक कॉल तक करना ठीक नहीं समझा। भले ही हमारे बीच मतभेद रहे हैं, लेकिन मैंने कभी अपने भाई के खिलाफ कुछ नहीं बोला। उल्टा वह मेरे खिलाफ लगातार गलत बयानबाजी करता रहा।’ नरेश ने फूट-फूटकर रोते हुए कहा, ‘मेरे परिवार में बेटी (दिनेश की बेटी) की शादी थी, लेकिन इस आदमी (दिनेश कौशिक) ने मुझे उस शादी तक में शामिल नहीं होने दिया। वह बहुत बड़ा अहंकारी है। मेरे परिवार को साजिश के तहत तोड़ा गया।’ शुक्रवार को नरेश कौशिक ने बहादुरगढ़ शहर में अपने समर्थकों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने बगैर नाम लिए ओमप्रकाश धनखड़ पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उनके परिवार में ही फूट डाल दी। पूर्व विधायक नरेश कौशिक ने कहा इस परिस्थिति में पार्टी के कैंडिडेट का समर्थन कैसे संभव है? जो उनके पास एक कॉल तक नहीं कर सकता। मेरे साथ साजिश रची गई। मेरे घर को लूटने काम किया गया। मेरे परिवार को लूटने का काम किया गया। मेरी राजनीति को खत्म करने की कोशिश की गई। इसलिए मैंने पार्टी को कहा- ये फैसला बदलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे तो कमल के फूल पर लड़ेंगे। मैंने हमेशा पार्टी हित के लिए काम किया है। मैंने उन लोगों के खिलाफ आवाज उठाई जो लोग कहते थे वोट डालकर दिखा देना। हमने दो बार दीपेंद्र हुड्डा को यहां से हराने का काम किया। मुझे दुख इस बात का है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मैं बीमार हो गया। अगर मैं बीमार नहीं होता तो अबकी बार भी दीपेंद्र को यहां से हराकर भेजते। जो नेता अपनी सीट नहीं जीत पाए वो पूरे झज्जर जिले की सीट दिलाने का काम करते है और वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को घुमराह कर मेरे भाई को लेकर गए। उन्हें पता था कि उनका भाई जीत नहीं सकता। क्योंकि नरेश कौशिक के साथ हलके की जनता हैं। इसी साजिश के तहत मेरी टिकट कटवाई गई। नरेश ने कहा कि पार्टी दो दिन में अपना फैसला बदले। वरना उसके बाद कार्यकर्ता जो फिर फैसला लेंगे मुझे मंजूर हैं। हालांकि नरेश कौशिक ने पार्टी नहीं छोड़ी हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी वह पार्टी में थे और आज भी बीजेपी में हैं। आगे का निर्णय कार्यकर्ता लेंगे। पिछले चुनाव में मिली थी हार बता दें कि नरेश कौशिक बहादुरगढ़ में बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं। 2014 में वह इसी सीट से बीजेपी की टिकट पर जीतकर विधायक चुने गए थे। हालांकि 2019 में पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया, लेकिन वह कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र जून के सामने चुनाव हार गए। इस बार पार्टी ने उनका टिकट काटकर उनके छोटे भाई दिनेश कौशिक को दिया। दोनों भाइयों के बीच मतभेद काफी समय से चले आ रहे है। इसी के चलते नरेश कौशिश दिनेश को टिकट दिए जाने से खासे नाराज दिखे। नरेश कौशिक का टिकट कटने की एक वजह उनका आईएनएलडी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी की हत्या में नाम आना भी रहा। हालांकि नफे सिंह राठी हत्याकांड की जांच अभी सीबीआई कर रही हैं। राठी के परिवार ने कौशिक सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को नामजद कराया था। सीबीआई की टीम नरेश कौशिक के अलावा अन्य नामजद लोगों से पूछताछ भी कर चुकी है।
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