हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक से जुड़े करोड़ों रुपए के लोन मामले में नया मोड़ आ गया है। इस केस में आरोपी होटेलियर युद्धवीर सिंह बैंस ने ऊना में शनिवार शाम के वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ साजिश के तहत विजिलेंस ने मामला दर्ज किया है। युद्धवीर बैंस ने कहा, हिमाचल के मुख्यमंत्री, CM राजनीतिक सलाहकार सुनील बिट्टू समेत कई कांग्रेस नेता और अधिकारी उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, होटल बनाने के लिए ऋण लेने के नाम पर किसी भी प्रकार का कोई धोखाधड़ी नहीं की गई। नियमों के तहत ही ऋण लिया गया। बाकायदा नाबार्ड से उनके इस मामले को मंजूरी मिली है। प्रियंका को मनाली वाली जमीन करना चाहते हैं गिफ्ट युद्धवीर बैंस ने कहा, मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता उनकी मनाली वाली जमीन प्रियंका गांधी को खुश करने के लिए गिफ्ट करना चाहते हैं। इसके लिए यह षडयंत्र रचा है। इसके सारे सबूत उन्होंने ईडी को दे दिए है। ईडी से शिकायत वापस लेने को 100 करोड़ का ऑफर: युद्धवीर युद्धवीर ने कहा कि मुख्यमंत्री के करीबियों को लेकर उन्होंने जो शिकायत ED को दे रखी है, उसे वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री ने 100 करोड़ रुपए की ऑफर दी और कैबिनेट रैंक की चेयरमैनी लेने की बात कही। मगर उन्होंने इन्कार कर दिया। युद्धवीर बोले- उन्होंने दो अलग अलग लोन लिए युद्धवीर ने कहा, कांगड़ा बैंक से उन्होंने दो अलग-अलग लोन लिए थे। एक 20 करोड़ का और दूसरा 12 करोड़ का। उन्होंने पहले लोन में 4 करोड़ और दूसरे में 2 करोड़ रुपए चुका दिए हैं। जब वह बाकी राशि चुकाने के लिए समय मांग रहे थे, तब उनसे 50 लाख रुपए की मांग की गई। उन्होंने कांगड़ा बैंक के अध्यक्ष से हुई बातचीत के बाद एक व्यक्ति को यह राशि दी, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ। युद्धवीर के खिलाफ विजिलेंस ने दर्ज किया मामला बता दें कि विजिलेंस ने दो दिन पहले ही युद्धवीर के खिलाफ फर्जी लोन को लेकर मामला दर्ज किया है। उन्होंने कांगड़ा कोआपरेटिव बैंक से मनाली और मंडी में बन रहे होटल के लिए ऋण लिया है। आरोप है कि उन्होंने बैंक अधिकारियों के साथ फर्जीवाड़ा करके लोन लिया है। इन आरोपों के बाद विजिलेंस ने मामला दर्ज किया है। इसी सिलसिले में वह आज ऊना में विजिलेंस दफ्तर पूछताछ के लिए पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में यह आरोप लगाए। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा सेंट्रल कोआपरेटिव बैंक से जुड़े करोड़ों रुपए के लोन मामले में नया मोड़ आ गया है। इस केस में आरोपी होटेलियर युद्धवीर सिंह बैंस ने ऊना में शनिवार शाम के वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ साजिश के तहत विजिलेंस ने मामला दर्ज किया है। युद्धवीर बैंस ने कहा, हिमाचल के मुख्यमंत्री, CM राजनीतिक सलाहकार सुनील बिट्टू समेत कई कांग्रेस नेता और अधिकारी उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, होटल बनाने के लिए ऋण लेने के नाम पर किसी भी प्रकार का कोई धोखाधड़ी नहीं की गई। नियमों के तहत ही ऋण लिया गया। बाकायदा नाबार्ड से उनके इस मामले को मंजूरी मिली है। प्रियंका को मनाली वाली जमीन करना चाहते हैं गिफ्ट युद्धवीर बैंस ने कहा, मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता उनकी मनाली वाली जमीन प्रियंका गांधी को खुश करने के लिए गिफ्ट करना चाहते हैं। इसके लिए यह षडयंत्र रचा है। इसके सारे सबूत उन्होंने ईडी को दे दिए है। ईडी से शिकायत वापस लेने को 100 करोड़ का ऑफर: युद्धवीर युद्धवीर ने कहा कि मुख्यमंत्री के करीबियों को लेकर उन्होंने जो शिकायत ED को दे रखी है, उसे वापस लेने के लिए मुख्यमंत्री ने 100 करोड़ रुपए की ऑफर दी और कैबिनेट रैंक की चेयरमैनी लेने की बात कही। मगर उन्होंने इन्कार कर दिया। युद्धवीर बोले- उन्होंने दो अलग अलग लोन लिए युद्धवीर ने कहा, कांगड़ा बैंक से उन्होंने दो अलग-अलग लोन लिए थे। एक 20 करोड़ का और दूसरा 12 करोड़ का। उन्होंने पहले लोन में 4 करोड़ और दूसरे में 2 करोड़ रुपए चुका दिए हैं। जब वह बाकी राशि चुकाने के लिए समय मांग रहे थे, तब उनसे 50 लाख रुपए की मांग की गई। उन्होंने कांगड़ा बैंक के अध्यक्ष से हुई बातचीत के बाद एक व्यक्ति को यह राशि दी, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ। युद्धवीर के खिलाफ विजिलेंस ने दर्ज किया मामला बता दें कि विजिलेंस ने दो दिन पहले ही युद्धवीर के खिलाफ फर्जी लोन को लेकर मामला दर्ज किया है। उन्होंने कांगड़ा कोआपरेटिव बैंक से मनाली और मंडी में बन रहे होटल के लिए ऋण लिया है। आरोप है कि उन्होंने बैंक अधिकारियों के साथ फर्जीवाड़ा करके लोन लिया है। इन आरोपों के बाद विजिलेंस ने मामला दर्ज किया है। इसी सिलसिले में वह आज ऊना में विजिलेंस दफ्तर पूछताछ के लिए पहुंचे थे। इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में यह आरोप लगाए। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सुजानपुर में राणा, गगरेट में चैतन्य हार रहे:EVM काउंटिंग में कांग्रेस के रणजीत 2174 मतों से आगे, लाहौल-स्पीति में अनुराधा जीत के करीब
सुजानपुर में राणा, गगरेट में चैतन्य हार रहे:EVM काउंटिंग में कांग्रेस के रणजीत 2174 मतों से आगे, लाहौल-स्पीति में अनुराधा जीत के करीब हिमाचल की सुजानपुर विधानसभा सीट पर दिग्गज नेता एवं BJP उम्मीदवार राजेंद्र राणा उप चुनाव हारने जा रहे हैं। उधर, लाहौल-स्पीति में कांग्रेस के बागी एवं BJP कैंडिडेट रवि ठाकुर और निर्दलीय रामलाल मारकंडा, गगरेट सीट पर बीजेपी के चैतन्य शर्मा भी हार के कगार पर हैं। वहीं बड़सर सीट पर कांग्रेस के बागी व बीजेपी प्रत्याशी इंद्रदत्त लखनपाल चुनाव जीतने जा रहे है। लाहौल-स्पीति में कांग्रेस की अनुराधा राणा 1786 वोटों से आगे हैं। गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया 7970 वोटों के अंतर से चैतन्य से आगे चल रहे हैं। इन तीनों सीटों पर अब पोस्टल बैलेट की गणना बाकी और फाइनल घोषणा का इंतजार है। सुजानपुर में राजेंद्र राणा को 2174 मतों के अंतर से पीछे चल रहे हैं। कैप्टन रणजीत को ईवीएम में 28577 वोट और राजेंद्र राणा को 26403 मत मिले। राजेंद्र राणा ने हिमाचल की सत्तारूढ़ कांग्रेस के राज्यसभा में प्रत्याशी के खिलाफ वोट करके पार्टी से बगावत की थी और बीते 23 मार्च को उन्होंने दिल्ली में बीजेपी का दामन थामा। 26 मार्च को बीजेपी ने राणा समेत कांग्रेस के छह बागी विधायकों को टिकट दिया। अब राजेंद्र राणा सुजानपुर सीट से विधानसभा उप चुनाव हार गए हैं। राणा को प्रेम कुमार धूमल के हनुमान माने जाने वाले कैप्टन रणजीत सिंह ने हराया है। बता दें कि राजेंद्र राणा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी से मुख्यमंत्री चेहरा एवं दो बार के पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल को चुनाव हराया था। इस बार राणा खुद चुनाव हारने जा रहे है। मुख्यमंत्री सुक्खू निरंतर राणा पर हमलावर थे और सुधीर शर्मा व राणा को बिके हुए विधायकों का निरंतर सरगना बोल रहे थे। प्रदेश की चार अन्य विधानसभा सीटों पर भी काउंटिंग जारी है। बड़सर में बीजेपी के इंद्रदत्त लखनपाल, धर्मशाला में भी बीजेपी के सुधीर शर्मा और कुटलैहड़ में भी कांग्रेस के विवेक शर्मा बढ़त बनाए हुए है। इन छह सीटों पर उप चुनाव में कुल 4,54,926 मतदाताओं में से 3,29,240 (76.89%) ने वोट दिया है। इनमें 32,089 पुरुष, 35,337 पुरुष और एक थर्ड जेंडर का मतदाता शामिल है।कुटलैहड़ में सबसे ज्यादा 67427 (76.20%) फीसदी और धर्मशाला में सबसे कम 60981 (71.2%) मतदाताओं ने वोट डाला है। बड़सर विधानसभा में 62695 (71.69%), लाहौल स्पीति में 18977 (75.09%), गगरेट में 63359 (75.14%) और सुजानपुर में 55800 (73.76%) प्रतिशत लोगों ने अपना वोट डाला। लाहौल स्पीति में त्रिकोणीय मुकाबला लाहौल-स्पीति विधानसभा में कांग्रेस की अनुराधा राणा, बीजेपी रवि ठाकुर और भाजपा के बागी निर्दलीय राम लाल मारकंडा में टक्कर है। धर्मशाला में बीजेपी के बागी चौधरी धर्मशाला सीट पर बीजेपी सुधीर शर्मा, कांग्रेस के देवेंद्र जग्गी और निर्दलीय राकेश चौधरी के बीच मुकाबला है। इन तीनों के अलावा यहां सतीश कुमार भी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। कुटलैहड़ में 4 दावेदार कुटलैहड़ में कांग्रेस के विवेक शर्मा, भाजपा के देवेंद्र कुमार भुट्टो, निर्दलीय चंचल सिंह और निर्दलीय राजीव शर्मा चुनावी मैदान में है। यहां देवेंद्र भुट्टो और विवेक शर्मा में मुख्य मुकाबला है। गगरेट में पांच दावेदार गगरेट में कांग्रेस के राकेश कालिया, बीजेपी के चैतन्य शर्मा, निर्दलीय मनोहर लाल शर्मा, निर्दलीय अमित वशिष्ट और निर्दलीय अशोक सोंखला चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर राकेश कालिया और चैतन्य शर्मा में सीधी टक्कर है। बड़सर में तीन दावेदार कांग्रेस के सुभाष चंद ढटवालिया, बीजेपी के इंद्र दत्त लखनपाल और निर्दलीय विशाल शर्मा तीन दावेदार है। यहां पर भी सुभाष और लखनपाल के बीच मुख्य मुकाबला है। इनका भाग्य आज ईवीएम में कैद हो गया। 15 महीने में इसलिए आई उप चुनाव की नौबत इन छह सीटों पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ही विधायक चुने गए थे। मगर इन्होंने राज्यसभा चुनाव में पहले बीजेपी प्रत्याशी के लिए वोट दिया। इसके बाद विधानसभा में पार्टी के व्हिप का उलंघन किया। इसके दोषी पाए जाने पर स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें अयोग्य घोषित किया। इसके बाद बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट भी गए। मगर कोर्ट का रुख देखते हुए इन्होंने खुद ही याचिका वापस लेने का निर्णय लिया। इसके बाद बीते 16 मार्च को केंद्रीय चुनाव आयोग ने छह सीटों पर उप चुनाव का ऐलान किया।