सहारनपुर में इंस्पेक्टर बर्खास्त,हाजी इकबाल की जमीन जबरन खरीदी थी:डीआईजी ने जांच के आदेश दिए थे, शिकायत सही पाए जाने पर कार्रवाई

सहारनपुर में इंस्पेक्टर बर्खास्त,हाजी इकबाल की जमीन जबरन खरीदी थी:डीआईजी ने जांच के आदेश दिए थे, शिकायत सही पाए जाने पर कार्रवाई

सहारनपुर में डीआईजी अजय साहनी ने इंस्पेक्टर नरेश कुमार को बर्खास्त कर दिया है। नरेश कुमार पर पद के दुरपयोग करने का आरोप है। उनके खिलाफ तीन महीने पहले लखनऊ के एक युवक ने वकील के जरिए सीएम पोर्टल पर शिकायत की थी। जिसमें बताया था कि नरेश कुमार ने पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की करोड़ों की जमीन जबरन काम दाम में अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी है। जिसके बाद डीजीपी ने उसके खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट आने के बाद इंस्पेक्टर नरेश कुमार के खिलाफ कार्रवाई की गई है। 2023 में तैनाती के दौरान खरीदी थी जमीन
नरेश कुमार 2023 में थाना मिर्जापुर में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात था। तैनाती के दौरान ही इंस्पेक्टर के संपर्क में पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के परिचित इरशाद रावत और महबूब आए थे। उन्होंने फरार चल रहे पूर्व एमएलसी की इंदरपुर में 49.6 बीघा बेनामी सम्पति की (1 करोड़) की जानकारी दी। उसने बताया-यह जमीन जिस गांव इंदरपुर तलाद में है, वह गांव भागूवाला से सटा है। जहां रेलवे के नए प्रोजेक्ट के अनुसार रेलवे स्टेशन बनाना प्रस्तावित है। रेलवे स्टेशन बनने के बाद जमीन की कीमत 5 करोड़ रुपए से अधिक हो जाएगी। जिसके बाद इंस्पेक्टर के मन में लालच आ गया कि हाजी इकबाल तो फरार है। उसके बेटे और भाई जेल में है और पत्नी भी सामने नहीं आ रही। इंस्पेक्टर ने जमीन को हड़पने का प्लान बनाया। उसने गांव के दो युवकों इरशाद रावत और महबूब के माध्यम से श्रवण एवं रोशन लाल के नाम पर दर्ज हाजी इकबाल की जमीन अपनी पत्नी राजरानी और एक परिचत विजय कुमार के नाम करा लिया था। तत्कालीन एसएसपी डॉ.विपिन ताडा के सामने तीन महीने पहले जब ये मामला आया तो इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर जांच एसपी देहात सागर जैन को सौंप दी गई थी। खाते में पैसा डालने के बाद दूसरे खाते में करा ली रकम
रोशन लाल ने आरोप लगाया था कि दोनों जमीनों के बैनामे के 15 लाख रुपए उसके खाते में डालने बाद इंस्पेक्टर ने उससे जबरन किसी अन्य खाते में पैसा ट्रांसफर करा लिया। एसपी देहात सागर जैन ने जब जांच की तो रिपोर्ट एसएसपी रोहित सजवाण को सौंपी। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि बैंक खातों से धनराशि का आदान-प्रदान हुआ है, और आरोप सही है। जांच में सामने आया कि यह संपत्ति पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की बेनामी संपत्ति है। जांच में दोषी पाए जाने पर एसएसपी के आदेश पर निलंबित इंस्पेक्टर नरेश कुमार के खिलाफ तीन महीने पहले थाना सदर बाजार में केस दर्ज किया गया था। हाजी इकबाल पर दर्ज है गैंगस्टर का केस
सहारनपुर में बसपा के पूर्व MLC हाजी इकबाल की तीन कोठियों पर जिला प्रशासन का बुलडोजर चला है। यह तीनों कोठियां न्यू भगत सिंह कॉलोनी में हैं। हाजी इकबाल पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज है। परिवार पर भी लगभग 12 से ज्यादा मुकदमे हैं। तीनों कोठियां डीएम आवास की बाउंड्री से लगी हैं, जो हाजी इकबाल और उसके भाई पूर्व MLC महमूद अली के नाम पर हैं। तीनों कोठियों का नगर निगम या प्राधिकरण से नक्शा पास नहीं है। अवैध निर्माण को गिराने के संबंध में प्राधिकरण की ओर से नोटिस जारी किया गया था। जिसमें 3 जुलाई तक खुद अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश दिए गए थे। लेकिन महमूद ने अवैध निर्माण ध्वस्त नहीं कराया। सोमवार दोपहर एक बजे SDM की टीम हाजी इकबाल के छोटे भाई महमूद अली के आवास पर पहुंची। टीम ने मकान में तोड़फोड़ शुरू कर दी। मकान के मुख्य गेट और छज्जे को गिरा दिया गया। 107 करोड़ रुपए की 125 संपत्ति कुर्क हाजी इकबाल और उसके परिवार से जुड़े लोगों की करीब 107 करोड़ रुपए की 125 संपत्तियों को कुर्क करने के आदेश पहले दिए गए थे। बाद में इन संपत्तियों को चिन्हित कर कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके बाद प्रशासन ने लगभग 400 बीघा जमीन पर कब्जा ले लिया था। थाना मिर्जापुर में गैंगस्टर सहित अन्य थानों में मुकदमे दर्ज होने के बाद SSP आकाश तोमर ने SIT गठित कर जांच तेज कर दी थी, जिसमें हाजी इकबाल के परिजन तथा करीबी लोगों के नाम से बेनामी संपत्तियां चिन्हित की गई थीं। कुछ दिन पहले हाजी इकबाल और उनके भाई के पर पॉस्को एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था। ———————————————— यह खबर भी पढ़ें… संभल में बावड़ी पर बना मकान रातोंरात तुड़वाया, महिलाएं रोने लगीं, कहा-बहुत जुल्म हो रहा, इतनी ठंड में हम कहां जाएंगे संभल में प्रशासन ने 150 साल पुरानी बावड़ी पर अतिक्रमण कर बनाए गए मकान को शुक्रवार रात हटाना शुरू कर दिया। शाम 6 बजे नोटिस चस्पा कर 24 घंटे का समय दिया। एक घंटे बाद ही अधिकारी टीम के साथ पहुंचे और परिवार से मकान खाली करवा दिया। मजदूरों ने रात में मकान का एक हिस्सा गिरा दिया। अभी मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। पढ़ें पूरी खबर… सहारनपुर में डीआईजी अजय साहनी ने इंस्पेक्टर नरेश कुमार को बर्खास्त कर दिया है। नरेश कुमार पर पद के दुरपयोग करने का आरोप है। उनके खिलाफ तीन महीने पहले लखनऊ के एक युवक ने वकील के जरिए सीएम पोर्टल पर शिकायत की थी। जिसमें बताया था कि नरेश कुमार ने पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की करोड़ों की जमीन जबरन काम दाम में अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी है। जिसके बाद डीजीपी ने उसके खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट आने के बाद इंस्पेक्टर नरेश कुमार के खिलाफ कार्रवाई की गई है। 2023 में तैनाती के दौरान खरीदी थी जमीन
नरेश कुमार 2023 में थाना मिर्जापुर में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात था। तैनाती के दौरान ही इंस्पेक्टर के संपर्क में पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के परिचित इरशाद रावत और महबूब आए थे। उन्होंने फरार चल रहे पूर्व एमएलसी की इंदरपुर में 49.6 बीघा बेनामी सम्पति की (1 करोड़) की जानकारी दी। उसने बताया-यह जमीन जिस गांव इंदरपुर तलाद में है, वह गांव भागूवाला से सटा है। जहां रेलवे के नए प्रोजेक्ट के अनुसार रेलवे स्टेशन बनाना प्रस्तावित है। रेलवे स्टेशन बनने के बाद जमीन की कीमत 5 करोड़ रुपए से अधिक हो जाएगी। जिसके बाद इंस्पेक्टर के मन में लालच आ गया कि हाजी इकबाल तो फरार है। उसके बेटे और भाई जेल में है और पत्नी भी सामने नहीं आ रही। इंस्पेक्टर ने जमीन को हड़पने का प्लान बनाया। उसने गांव के दो युवकों इरशाद रावत और महबूब के माध्यम से श्रवण एवं रोशन लाल के नाम पर दर्ज हाजी इकबाल की जमीन अपनी पत्नी राजरानी और एक परिचत विजय कुमार के नाम करा लिया था। तत्कालीन एसएसपी डॉ.विपिन ताडा के सामने तीन महीने पहले जब ये मामला आया तो इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर जांच एसपी देहात सागर जैन को सौंप दी गई थी। खाते में पैसा डालने के बाद दूसरे खाते में करा ली रकम
रोशन लाल ने आरोप लगाया था कि दोनों जमीनों के बैनामे के 15 लाख रुपए उसके खाते में डालने बाद इंस्पेक्टर ने उससे जबरन किसी अन्य खाते में पैसा ट्रांसफर करा लिया। एसपी देहात सागर जैन ने जब जांच की तो रिपोर्ट एसएसपी रोहित सजवाण को सौंपी। जांच रिपोर्ट में सामने आया कि बैंक खातों से धनराशि का आदान-प्रदान हुआ है, और आरोप सही है। जांच में सामने आया कि यह संपत्ति पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की बेनामी संपत्ति है। जांच में दोषी पाए जाने पर एसएसपी के आदेश पर निलंबित इंस्पेक्टर नरेश कुमार के खिलाफ तीन महीने पहले थाना सदर बाजार में केस दर्ज किया गया था। हाजी इकबाल पर दर्ज है गैंगस्टर का केस
सहारनपुर में बसपा के पूर्व MLC हाजी इकबाल की तीन कोठियों पर जिला प्रशासन का बुलडोजर चला है। यह तीनों कोठियां न्यू भगत सिंह कॉलोनी में हैं। हाजी इकबाल पर गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज है। परिवार पर भी लगभग 12 से ज्यादा मुकदमे हैं। तीनों कोठियां डीएम आवास की बाउंड्री से लगी हैं, जो हाजी इकबाल और उसके भाई पूर्व MLC महमूद अली के नाम पर हैं। तीनों कोठियों का नगर निगम या प्राधिकरण से नक्शा पास नहीं है। अवैध निर्माण को गिराने के संबंध में प्राधिकरण की ओर से नोटिस जारी किया गया था। जिसमें 3 जुलाई तक खुद अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश दिए गए थे। लेकिन महमूद ने अवैध निर्माण ध्वस्त नहीं कराया। सोमवार दोपहर एक बजे SDM की टीम हाजी इकबाल के छोटे भाई महमूद अली के आवास पर पहुंची। टीम ने मकान में तोड़फोड़ शुरू कर दी। मकान के मुख्य गेट और छज्जे को गिरा दिया गया। 107 करोड़ रुपए की 125 संपत्ति कुर्क हाजी इकबाल और उसके परिवार से जुड़े लोगों की करीब 107 करोड़ रुपए की 125 संपत्तियों को कुर्क करने के आदेश पहले दिए गए थे। बाद में इन संपत्तियों को चिन्हित कर कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके बाद प्रशासन ने लगभग 400 बीघा जमीन पर कब्जा ले लिया था। थाना मिर्जापुर में गैंगस्टर सहित अन्य थानों में मुकदमे दर्ज होने के बाद SSP आकाश तोमर ने SIT गठित कर जांच तेज कर दी थी, जिसमें हाजी इकबाल के परिजन तथा करीबी लोगों के नाम से बेनामी संपत्तियां चिन्हित की गई थीं। कुछ दिन पहले हाजी इकबाल और उनके भाई के पर पॉस्को एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था। ———————————————— यह खबर भी पढ़ें… संभल में बावड़ी पर बना मकान रातोंरात तुड़वाया, महिलाएं रोने लगीं, कहा-बहुत जुल्म हो रहा, इतनी ठंड में हम कहां जाएंगे संभल में प्रशासन ने 150 साल पुरानी बावड़ी पर अतिक्रमण कर बनाए गए मकान को शुक्रवार रात हटाना शुरू कर दिया। शाम 6 बजे नोटिस चस्पा कर 24 घंटे का समय दिया। एक घंटे बाद ही अधिकारी टीम के साथ पहुंचे और परिवार से मकान खाली करवा दिया। मजदूरों ने रात में मकान का एक हिस्सा गिरा दिया। अभी मौके पर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर