साल 2025 की शुरुआत पाकिस्तान के लिए एक अच्छी खबर के साथ हुई। वर्ल्ड बैंक 14 जनवरी को पाकिस्तान के लिए 20 अरब डॉलर का पैकेज मंजूर करने जा रहा है। यह पैकेज सरकारी परियोजनाओं के लिए है और इसकी मंजूरी के बाद वर्ल्ड बैंक पाकिस्तान के निजी क्षेत्र के लिए भी एक और 20 अरब डॉलर के दूसरे पैकेज की घोषणा करेगा। ये 40 अरब डॉलर अगले 10 वर्षों में खर्च किए जाएंगे। हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े प्रोजेक्ट्स को लेकर कुछ चिंताओं के वजह से पाकिस्तान के 50 करोड़ डॉलर के बजट सपोर्ट लोन को रद्द कर दिया था। लेकिन कुछ हफ्ते भी नहीं बीते थे कि वर्ल्ड बैंक ने इस्लामाबाद को चौंकाते हुए संकेत दिया कि पाकिस्तान वह पहला देश होगा, जहां वर्ल्ड बैंक 2025 से 2035 के लिए 10 साल की साझेदारी रणनीति शुरू करेगा। पिछले साल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दिवालिया होने के कगार पर खड़ी थी। चीन और सऊदी अरब ने इसे खतरे से बाहर निकाला था। लेकिन इन हालात में पाकिस्तान 29 अरब डॉलर के लोन के साथ चीन का सबसे बड़ा कर्जदाता बन गया है। सऊदी अरब का भी पाकिस्तान पर 19.63 अरब डॉलर का कर्ज है। 2024 के आखिर में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बैंक (आईएमएफ) ने पाकिस्तान के साथ एक समझौता कर उसे 37 महीनों में खर्च करने के लिए 7 अरब डॉलर के लोन को मंजूरी दी थी। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर अब वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को इतने बड़े 10 वर्षीय कार्यक्रम के लिए क्यों चुना? कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर चीन के पूर्ण नियंत्रण को रोकना चाहते हैं। यह भी महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 31 दिसंबर को राष्ट्रीय आर्थिक परिवर्तन योजना 2024-29 का अनावरण किया था। उन्हें बीते साल के आखिरी दिन गठबंधन के सभी साझेदारों और विपक्ष को एकजुट करने में कामयाबी मिली थी। यह उनके भविष्य के आर्थिक एजेंडे के लिए एक बड़ी सियासी सफलता थी। उन्होंने अपने आर्थिक एजेंडे का नाम ‘उड़ान पाकिस्तान’ रखा है। इस घोषणा के कुछ ही दिनों बाद वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को अपने मेगा 10 वर्षीय प्रोजेक्ट के लिए चुना। वर्ल्ड बैंक पूरा पैसा एक बार में सरकार को ट्रांसफर नहीं करेगा। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार यह पैसा केवल स्वास्थ्य, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन क्षेत्रों की परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा। पैसा पाकिस्तान में प्रोजेक्ट-दर-प्रोजेक्ट आएगा। वर्ल्ड बैंक ने यह साफ कर दिया है कि यह पैसा दूरसंचार, खनन, परिवहन, बिजली योजनाओं और शहरी बुनियादी संरचनाओं पर खर्च नहीं किया जाएगा। इनमें से अधिकांश क्षेत्र सेना के प्रभाव में हैं। सेना की कुछ कंपनियां जैसे नेशनल लॉजिस्टिक्स सेल और फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन बड़ी आसानी से बड़े ठेके हासिल कर लेती हैं और फिर पैसा सेना के खातों में चला जाता है। वर्ल्ड बैंक ने यह सुनिश्चित किया है कि उसका पैसा स्कूल न जा पाने वाले बच्चों की शिक्षा पर खर्च हो, न कि उन प्रोजेक्ट्स पर जहां सिविल और सेना के अफसर भ्रष्ट नेताओं के जरिए विदेशी धन का गबन कर लेते हैं। मैंने हाल ही में वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट देखी। ‘पाकिस्तान में गरीबी का आकलन’ नामक इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि 2024 में पाकिस्तान में गरीबी 7 फीसदी बढ़ गई। गरीबी की रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वालों में और एक करोड़ 30 लाख लोग जुड़ गए। मुल्क में पहले से ही 5.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे रह रहे हैं। ये पाकिस्तान की कुल आबादी का 29 फीसदी से अधिक है। पाकिस्तान आर्थिक डिफॉल्ट से जरूर बच गया है, लेकिन बड़े आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राजनीतिक स्थिरता की दरकार है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में विपक्ष के साथ बातचीत शुरू की है, लेकिन उनके पास इस बातचीत पर पूरा नियंत्रण नहीं है। वास्तव में खुफिया एजेंसियां ही सरकार और विपक्ष के बीच संवाद को नियंत्रित कर रही हैं। राजनीति में खुफिया एजेंसियों का दखल पाकिस्तान में कोई राजनीतिक स्थिरता नहीं लाएगा। शहबाज शरीफ ने वर्ल्ड बैंक से 20 अरब डॉलर जरूर हासिल कर लिए हैं, लेकिन वे इस पैसे का तब तक सही उपयोग नहीं कर सकते, जब तक कि मुल्क में स्थिरता और कानून का शासन अमल में नहीं आ पाता है। पाकिस्तान कर्ज के पैसे के साथ ऊंची उड़ान नहीं भर सकता। पाकिस्तान केवल अपने पैसों के साथ ही ऐसा कर सकता है। —————— ये कॉलम भी पढ़ें… पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा का बयान चर्चा में:मिसाइलों के भारत विरोधी नाम को लेकर शुरू हुई बहस साल 2025 की शुरुआत पाकिस्तान के लिए एक अच्छी खबर के साथ हुई। वर्ल्ड बैंक 14 जनवरी को पाकिस्तान के लिए 20 अरब डॉलर का पैकेज मंजूर करने जा रहा है। यह पैकेज सरकारी परियोजनाओं के लिए है और इसकी मंजूरी के बाद वर्ल्ड बैंक पाकिस्तान के निजी क्षेत्र के लिए भी एक और 20 अरब डॉलर के दूसरे पैकेज की घोषणा करेगा। ये 40 अरब डॉलर अगले 10 वर्षों में खर्च किए जाएंगे। हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े प्रोजेक्ट्स को लेकर कुछ चिंताओं के वजह से पाकिस्तान के 50 करोड़ डॉलर के बजट सपोर्ट लोन को रद्द कर दिया था। लेकिन कुछ हफ्ते भी नहीं बीते थे कि वर्ल्ड बैंक ने इस्लामाबाद को चौंकाते हुए संकेत दिया कि पाकिस्तान वह पहला देश होगा, जहां वर्ल्ड बैंक 2025 से 2035 के लिए 10 साल की साझेदारी रणनीति शुरू करेगा। पिछले साल पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दिवालिया होने के कगार पर खड़ी थी। चीन और सऊदी अरब ने इसे खतरे से बाहर निकाला था। लेकिन इन हालात में पाकिस्तान 29 अरब डॉलर के लोन के साथ चीन का सबसे बड़ा कर्जदाता बन गया है। सऊदी अरब का भी पाकिस्तान पर 19.63 अरब डॉलर का कर्ज है। 2024 के आखिर में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बैंक (आईएमएफ) ने पाकिस्तान के साथ एक समझौता कर उसे 37 महीनों में खर्च करने के लिए 7 अरब डॉलर के लोन को मंजूरी दी थी। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर अब वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को इतने बड़े 10 वर्षीय कार्यक्रम के लिए क्यों चुना? कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर चीन के पूर्ण नियंत्रण को रोकना चाहते हैं। यह भी महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 31 दिसंबर को राष्ट्रीय आर्थिक परिवर्तन योजना 2024-29 का अनावरण किया था। उन्हें बीते साल के आखिरी दिन गठबंधन के सभी साझेदारों और विपक्ष को एकजुट करने में कामयाबी मिली थी। यह उनके भविष्य के आर्थिक एजेंडे के लिए एक बड़ी सियासी सफलता थी। उन्होंने अपने आर्थिक एजेंडे का नाम ‘उड़ान पाकिस्तान’ रखा है। इस घोषणा के कुछ ही दिनों बाद वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को अपने मेगा 10 वर्षीय प्रोजेक्ट के लिए चुना। वर्ल्ड बैंक पूरा पैसा एक बार में सरकार को ट्रांसफर नहीं करेगा। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार यह पैसा केवल स्वास्थ्य, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन क्षेत्रों की परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा। पैसा पाकिस्तान में प्रोजेक्ट-दर-प्रोजेक्ट आएगा। वर्ल्ड बैंक ने यह साफ कर दिया है कि यह पैसा दूरसंचार, खनन, परिवहन, बिजली योजनाओं और शहरी बुनियादी संरचनाओं पर खर्च नहीं किया जाएगा। इनमें से अधिकांश क्षेत्र सेना के प्रभाव में हैं। सेना की कुछ कंपनियां जैसे नेशनल लॉजिस्टिक्स सेल और फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन बड़ी आसानी से बड़े ठेके हासिल कर लेती हैं और फिर पैसा सेना के खातों में चला जाता है। वर्ल्ड बैंक ने यह सुनिश्चित किया है कि उसका पैसा स्कूल न जा पाने वाले बच्चों की शिक्षा पर खर्च हो, न कि उन प्रोजेक्ट्स पर जहां सिविल और सेना के अफसर भ्रष्ट नेताओं के जरिए विदेशी धन का गबन कर लेते हैं। मैंने हाल ही में वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट देखी। ‘पाकिस्तान में गरीबी का आकलन’ नामक इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि 2024 में पाकिस्तान में गरीबी 7 फीसदी बढ़ गई। गरीबी की रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वालों में और एक करोड़ 30 लाख लोग जुड़ गए। मुल्क में पहले से ही 5.5 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे रह रहे हैं। ये पाकिस्तान की कुल आबादी का 29 फीसदी से अधिक है। पाकिस्तान आर्थिक डिफॉल्ट से जरूर बच गया है, लेकिन बड़े आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राजनीतिक स्थिरता की दरकार है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में विपक्ष के साथ बातचीत शुरू की है, लेकिन उनके पास इस बातचीत पर पूरा नियंत्रण नहीं है। वास्तव में खुफिया एजेंसियां ही सरकार और विपक्ष के बीच संवाद को नियंत्रित कर रही हैं। राजनीति में खुफिया एजेंसियों का दखल पाकिस्तान में कोई राजनीतिक स्थिरता नहीं लाएगा। शहबाज शरीफ ने वर्ल्ड बैंक से 20 अरब डॉलर जरूर हासिल कर लिए हैं, लेकिन वे इस पैसे का तब तक सही उपयोग नहीं कर सकते, जब तक कि मुल्क में स्थिरता और कानून का शासन अमल में नहीं आ पाता है। पाकिस्तान कर्ज के पैसे के साथ ऊंची उड़ान नहीं भर सकता। पाकिस्तान केवल अपने पैसों के साथ ही ऐसा कर सकता है। —————— ये कॉलम भी पढ़ें… पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा का बयान चर्चा में:मिसाइलों के भारत विरोधी नाम को लेकर शुरू हुई बहस उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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‘मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पुलिसकर्मी विभाग देंगे सलामी, आती है अंग्रेजों की याद’, फरमान जारी
‘मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पुलिसकर्मी विभाग देंगे सलामी, आती है अंग्रेजों की याद’, फरमान जारी <p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पुलिस विभाग द्वारा दी जाने वाली सलामी को समाप्त कर दिया गया है. पुलिस विभाग की ओर से आदेश जारी करते हुए लिखा गया है, “सलामी अंग्रेजों की याद दिलाती है”. इस आदेश का कड़ाई से पालन करने के लिए भी फरमान जारी हो गया है. मध्य प्रदेश के विशेष पुलिस महानिदेशक शैलेश सिंह की ओर से कहा गया है कि मध्य प्रदेश में सलामी को खत्म करने के आदेश का पालन कराया जाए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस महानिदेशक ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया है कि एमपी सरकार ने यह फैसला लिया है कि मुख्यमंत्री, मंत्रीगण और पुलिस अधिकारियों को दी जाने वाली सलामी को समाप्त कर दिया गया है. मध्य प्रदेश में केवल महामहिम राज्यपाल को ही पुलिस विभाग सलामी देगा. उन्होंने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि यह देखने में आ रहा है कि इस आदेश का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा. इससे सलामी की परेड में लगने वाले कर्मचारियों की ड्यूटी प्रभावित हो रही है. इसके अलावा, सरकार के आदेश का भी उल्लंघन हो रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसी स्थिति में आदेश का पालन नहीं होने से अधिकारियों और कर्मचारियों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है जो कि ठीक नहीं है. उन्होंने पत्र में यह भी कहा है कि आदेश का भविष्य में कड़ाई से पालन होना चाहिए. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सलामी से आती है अंग्रेजों की याद'</strong><br />पुलिस मुख्यालय में पदस्थ विशेष पुलिस महानिदेशक शैलेश सिंह ने पत्र में इस बात का भी विशेष रूप से उल्लेख किया है कि सलामी की प्रथा से अंग्रेजों की याद आती है. इस तरह सलामी लेना और संवैधानिक है जो कि उपनिवेशवाद को दर्शाता है. पुलिस विभाग एक अनुशासित विभाग है. इस विभाग में आदेश का उल्लंघन करना गलत प्रभाव डालता है.</p>
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दो सीटों पर उपचुनाव की तैयारियों में जुटे CM मोहन यादव, आज पहुंचे बुधनी, कल जायेंगे विजयपुर
दो सीटों पर उपचुनाव की तैयारियों में जुटे CM मोहन यादव, आज पहुंचे बुधनी, कल जायेंगे विजयपुर <p style=”text-align: justify;”><strong>MP Assembly By Election 2024:</strong> मध्य प्रदेश में विधानसभा की दो सीटें खाली हैं. उपचुनाव की कमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संभाली है. उन्होंने विजयपुर और बुधनी का दौरा शुरू कर दिया है. आज (मंगलवार) बुधनी पहुंचे मुख्यमंत्री हितग्राहियों को लाभांवित करेंगे. बुधनी विधानसभा के भैरुंदा में ग्राम विकास सम्मेलन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, जिला प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर, केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी और केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान शामिल हुए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कल बुधवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव विजयपुर क्षेत्र का दौरा करेंगे. विजयपुर के वीरपुर में सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के जागरुकता सम्मेलन को संबोधित करेंगे. कार्यक्रम का आयोजन मंडी प्रांगण में होगा. मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए जिला प्रशासन तैयारियों में जुट गया है. कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़, एसपी वीरेंद्र जैन ने मंडी परिसर स्थित सभास्थल का निरीक्षण किया. बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 89 दिन में चौथी बार विजयपुर विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर जा रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दो सीटों पर उपचुनाव की तैयारियों में जुटे मुख्यमंत्री मोहन यादव</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने सबसे पहले 13 जुलाई को वन मंत्री रामनिवास रावत की तरफ से आयोजित भागवत कथा में शिरकत की थी. दूसरी बार 10 अगस्त को लाड़ली बहना योजना कार्यक्रम में शामिल होने मुख्यमंत्री विजयपुर पहुंचे. 22 अगस्त को कराहल तहसील मुख्यालय पर तेंदू पत्ता बोनस वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शिरकत की. अब चौथी बार 9 अक्टूबर को विजयपुर विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव आ रहे हैं. बता दें कि विजयपुर से छह बार के कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के दौरान बीजेपी का दामन थाम लिया था. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे से बुधनी विधानसभा सीट खाली हुई थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें-</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”बेटी बचाओ अभियान को लेकर एमपी कांग्रेस का कैंडल मार्च, जीतू पटवारी ने महिला सुरक्षा पर उठाए सवाल” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mp-congress-candlelight-march-beti-bachao-campaign-jitu-patwari-targets-government-2799174″ target=”_self”>बेटी बचाओ अभियान को लेकर एमपी कांग्रेस का कैंडल मार्च, जीतू पटवारी ने महिला सुरक्षा पर उठाए सवाल</a></strong></p>
हरियाणा: ‘कांग्रेस ने 50-60 साल तक राज किया, उन्होंने…’, अनिल विज ने राहुल गांधी पर साधा निशाना
हरियाणा: ‘कांग्रेस ने 50-60 साल तक राज किया, उन्होंने…’, अनिल विज ने राहुल गांधी पर साधा निशाना <p style=”text-align: justify;”><strong>Anil Vij on Rahul Gandhi:</strong> लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के किसानों के समर्थन वाले बयान पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, “उन्हें यह बात बहुत देर से समझ में आई है. कांग्रेस ने 50-60 साल तक राज किया, उन्होंने किसानों के लिए क्या किया? आज किसान ऐसी हालत में क्यों हैं? इसके लिए कौन जिम्मेदार है?”</p>
<p style=”text-align: justify;”>मंत्री अनिल विज ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “लगभग 50-60 साल तक कांग्रेस ने राज किया है. उन्होंने किसानों के लिए क्या किया? क्यूं किसानों की आज ऐसी स्थिति है. इसके लिए कौन जिम्मेदार है? ये लोग बताए कि कांग्रेस ने किसानों के लिए ये किया था और बीजेपी ने छीन लिया है. बीजेपी तो दे रही है. बीजेपी ने तो हरियाणा में सारी फसलों का एमएसपी दे दिया, कांग्रेस तो नहीं दे पाई, जबकि उनकी सरकार भी यहां पर थी.”</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>Ambala: On Lok Sabha LoP Rahul Gandhi’s statement supporting farmers, Haryana Minister Anil Vij says, “They have realized this too late. Congress ruled for 50-60 years; what did they do for farmers? Why are farmers in such a state today? Who is responsible for this?…” <a href=”https://t.co/4uJcSmvh9U”>pic.twitter.com/4uJcSmvh9U</a></p>
— IANS (@ians_india) <a href=”https://twitter.com/ians_india/status/1865647094348050530?ref_src=twsrc%5Etfw”>December 8, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिर्फ भाषणों ने पेट नहीं भरता- अनिल विज</strong><br />उन्होंने कहा, “सिर्फ भाषणों ने पेट नहीं भरता है. पेट भरने के लिए कुछ न कुछ करना पड़ता है. हमने बिना उनके कहे ही हरियाणा में 24 फसलों पर एमएसपी दे दिया. वास्तविकता तो ये है कि जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है. प्रजातंत्र में जनता के फैसले को सर माथे पर लगाना चाहिए. राहुल गांधी का देश में नई-नई बातों से अस्थिरता पैदा करना काम हो गया है.” बता दें एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली की ओर कूच करने के लिए किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर डटे हुए हैं.</p>
<div id=”article-hstick-inner” class=”abp-story-detail “>
<p><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”दिल्ली-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर बढ़ाई गई सुरक्षा, मजबूत बैरिकेडिंग के साथ सड़क पर लगीं लोहे की कीलें” href=”https://www.abplive.com/states/haryana/delhi-haryana-shambhu-border-security-measures-being-enhanced-farmer-leader-sarwan-singh-pandher-reaction-2838186″ target=”_blank” rel=”noopener”>दिल्ली-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर बढ़ाई गई सुरक्षा, मजबूत बैरिकेडिंग के साथ सड़क पर लगीं लोहे की कीलें</a></strong></p>
</div>