हरियाणा के करनाल में यूरोप भेजने के नाम पर 4.50 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। युवक का आरोप है कि एजेंट ने उसे यूरोप भेजने का वादा किया और इसके एवज में पैसे हड़प लिए। पहले तो आरोपी उसे वैध तरीके से विदेश भेजने की बात कर रहा था, लेकिन बाद में उसने अवैध तरीके से विदेश भेजने की बात कही। ठगी के बाद जब युवक ने पैसे वापस मांगे तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। असंध के अरड़ाना निवासी साहिल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसने यूरोप जाने के लिए एजेंट जोगा सिंह से संपर्क किया था। आरोपी कुरुक्षेत्र के ईशरगढ़ का रहने वाला है। ट्रांजेक्शन के सबूत भी पुलिस को दिए आरोपी ने उसे 7 दिसंबर 2023 को दिल्ली एयरपोर्ट से केन्या भेज दिया। पीड़ित के मुताबिक उसने इस यात्रा के लिए 2.70 लाख रुपये चुकाए थे। इसमें से 2.20 लाख रुपए केन्या पहुंचकर इमिग्रेशन अधिकारी को देने थे, जबकि बाकी 50 हजार रुपए एजेंट के फोनपे अकाउंट में ट्रांसफर किए गए। इन सभी ट्रांजेक्शन के सबूत भी पुलिस को दिए गए हैं। जर्मनी की टिकट बुक कराने के नाम पर ठगी पीड़ित ने आगे बताया कि एजेंट ने जर्मनी की टिकट बुक कराने के नाम पर 50 हजार रुपए मांगे, जो उसने 2 फरवरी 2024 को एजेंट के साले राज सिंह के खाते में जमा करा दिए। इसके बावजूद टिकट नहीं मिला। इसके बाद एजेंट ने एक लाख रुपए और मांगे, जो पीड़ित ने 14 मार्च 2024 को बैंक में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद भी उसे यूरोप नहीं भेजा गया। अवैध तरीके से भेजने की बात कहकर की और ठगी पीड़ित ने कहा कि एजेंट ने बाद में उसे दो नंबर (अवैध तरीके) से यूरोप भेजने का झांसा दिया और 9 अप्रैल 2024 को 33 हजार 500 रुपए फिर से गूगल पे के जरिए वसूल लिए। कुछ समय बाद, 8 मई 2024 को साहिल को वापस भारत भेज दिया गया। पैसे लौटाने के बदले दिया नकली चेक ठगी के बाद पीड़ित को करनाल बुलाकर 4,50,000 रुपये का चेक दिया गया, जो सिमरन ट्रेडिंग कंपनी के नाम से था। पीड़ित को कहा गया कि एक हफ्ते बाद चेक बैंक में लगाएं। जब उसने चेक लगाया, तो वह बाउंस हो गया। इसके बाद जब पीड़ित ने एजेंट से संपर्क किया, तो उसने पैसे देने से इनकार कर दिया। जान से मारने की धमकी, पिता ने कहा- ‘जेल से ही उठवा लेंगे ’जब पीड़ित ने एजेंट के पिता मुख्तियार सिंह से शिकायत की, तो उसने अपने बेटे और साले के गिरोह का हवाला देते हुए धमकाया। पीड़ित को बताया गया कि वह कुछ भी कर ले, उन्हें जेल से भी उठवा लिया जाएगा। इसके बाद साहिल ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई। पुलिस ने दर्ज किया केस, आरोपी जेल में साहिल की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। जांच अधिकारी एसआई कृष्ण कुमार ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। हरियाणा के करनाल में यूरोप भेजने के नाम पर 4.50 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। युवक का आरोप है कि एजेंट ने उसे यूरोप भेजने का वादा किया और इसके एवज में पैसे हड़प लिए। पहले तो आरोपी उसे वैध तरीके से विदेश भेजने की बात कर रहा था, लेकिन बाद में उसने अवैध तरीके से विदेश भेजने की बात कही। ठगी के बाद जब युवक ने पैसे वापस मांगे तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। असंध के अरड़ाना निवासी साहिल ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसने यूरोप जाने के लिए एजेंट जोगा सिंह से संपर्क किया था। आरोपी कुरुक्षेत्र के ईशरगढ़ का रहने वाला है। ट्रांजेक्शन के सबूत भी पुलिस को दिए आरोपी ने उसे 7 दिसंबर 2023 को दिल्ली एयरपोर्ट से केन्या भेज दिया। पीड़ित के मुताबिक उसने इस यात्रा के लिए 2.70 लाख रुपये चुकाए थे। इसमें से 2.20 लाख रुपए केन्या पहुंचकर इमिग्रेशन अधिकारी को देने थे, जबकि बाकी 50 हजार रुपए एजेंट के फोनपे अकाउंट में ट्रांसफर किए गए। इन सभी ट्रांजेक्शन के सबूत भी पुलिस को दिए गए हैं। जर्मनी की टिकट बुक कराने के नाम पर ठगी पीड़ित ने आगे बताया कि एजेंट ने जर्मनी की टिकट बुक कराने के नाम पर 50 हजार रुपए मांगे, जो उसने 2 फरवरी 2024 को एजेंट के साले राज सिंह के खाते में जमा करा दिए। इसके बावजूद टिकट नहीं मिला। इसके बाद एजेंट ने एक लाख रुपए और मांगे, जो पीड़ित ने 14 मार्च 2024 को बैंक में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद भी उसे यूरोप नहीं भेजा गया। अवैध तरीके से भेजने की बात कहकर की और ठगी पीड़ित ने कहा कि एजेंट ने बाद में उसे दो नंबर (अवैध तरीके) से यूरोप भेजने का झांसा दिया और 9 अप्रैल 2024 को 33 हजार 500 रुपए फिर से गूगल पे के जरिए वसूल लिए। कुछ समय बाद, 8 मई 2024 को साहिल को वापस भारत भेज दिया गया। पैसे लौटाने के बदले दिया नकली चेक ठगी के बाद पीड़ित को करनाल बुलाकर 4,50,000 रुपये का चेक दिया गया, जो सिमरन ट्रेडिंग कंपनी के नाम से था। पीड़ित को कहा गया कि एक हफ्ते बाद चेक बैंक में लगाएं। जब उसने चेक लगाया, तो वह बाउंस हो गया। इसके बाद जब पीड़ित ने एजेंट से संपर्क किया, तो उसने पैसे देने से इनकार कर दिया। जान से मारने की धमकी, पिता ने कहा- ‘जेल से ही उठवा लेंगे ’जब पीड़ित ने एजेंट के पिता मुख्तियार सिंह से शिकायत की, तो उसने अपने बेटे और साले के गिरोह का हवाला देते हुए धमकाया। पीड़ित को बताया गया कि वह कुछ भी कर ले, उन्हें जेल से भी उठवा लिया जाएगा। इसके बाद साहिल ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई। पुलिस ने दर्ज किया केस, आरोपी जेल में साहिल की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। जांच अधिकारी एसआई कृष्ण कुमार ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में मोदी आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने छोड़ी पार्टी:नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव लड़ चुके जुनेजा, भाजपा में प्रचार-प्रसार कार्यकारिणी के थे सदस्य हरियाणा के करनाल में दल बदलने का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है। घरौंडा में भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद जुनेजा ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। जुनेजा वर्ष 2022 में नगरपालिका का इलेक्शन लड़ चुके है और चौथे स्थान पर रहे थे। उनके पास भारतीय मोदी आर्मी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का भी पद है और प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार-प्रसार के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी है। जुनेजा, भाजपा में हुई अनदेखी से खफा हैं। जुनेजा की मानें तो बीजेपी सरकार के होते हुए भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक कि किसी को भी आगे बढ़ने नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि 1989 से वह भाजपा से जुड़े हुए है और कर्मठ कार्यकर्ताओं में शामिल रहे। नगरपालिका चेयरमैन का चुनाव था और उसके लिए मैने और मेरे समाज ने टिकट मांगी, लेकिन उसने बीजेपी ने मुझे टिकट नहीं दिया। जिसके चलते मुझे पार्टी के खिलाफ जाकर आजाद चुनाव लड़ा और चौथे स्थान पर रहा। टिकट नहीं मिला, इसका दर्द मुझे ही नहीं बल्कि मेरे समाज को भी है। यह आज से नहीं बल्कि दो साल से है। उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया है। पंजाबी समाज से आते है जुनेजा आपको बता दें कि विनोद जुनेजा पंजाबी समाज से आते है। ऐसा नहीं है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने जुनेजा को मनाने का प्रयास नहीं किया, लेकिन जुनेजा ने पार्टी छोड़ने का फैसला ले लिया है। वे 20 सितंबर को कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। पंजाबी समाज या फिर एससी/ओबीसी के वोटरों में जुनेजा की अच्छी पकड़ है। इनके बड़े भाई सुदर्शन जुनेजा भी बीजेपी में घरौंडा मंडल के अध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसे में जुनेजा के बीजेपी छोड़ने से भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है और कांग्रेस को फायदा मिल सकता है। ऐसे में कितना असर भाजपा पर पड़ता है उसका परिणाम 8 अक्टूबर को इलेक्शन रिजल्ट बताएंगे, लेकिन इतना जरूर है कि वरिष्ठ नेता का बीजेपी छोड़ना, भाजपा के किसी बड़े झटके से कम नहीं है।
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हरियाणा की एक विधानसभा सीट रिक्त घोषित:विधायक के निधन के बाद नोटिफिकेशन जारी; टिकट के लिए BJP के 3 तो कांग्रेस के 2 दावेदार हरियाणा में गुरुग्राम जिले के अंतर्गत आने वाली बादशाहपुर विधानसभा सीट रिक्त घोषित कर दी गई है। विधानसभा की ओर से इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब विधानसभा की तरफ से इसकी जानकारी चुनाव आयोग को भेजी जाएगी। चूंकि विधानसभा चुनाव के लिए 6 महीने से कम का समय है, इसलिए इस सीट पर चुनाव अन्य 89 सीटों के साथ ही कराए जाएंगे। विधानसभा सीट के लिए भाजपा कांग्रेस के दावेदार एक्टिव हो गए हैं। अभी इस सीट पर भाजपा से 3 और कांग्रेस से 2 दावेदार बताए जा रहे हैं। 25 मई को हुआ था दौलताबाद का निधन
बादशाहपुर सीट से राकेश दौलताबाद विधायक थे। 25 मई को हार्ट अटैक के कारण उनका निधन हो गया था। 2019 में राकेश दौलताबाद, बादशाहपुर से आजाद उम्मीदवार के रूप में जीत कर विधानसभा पहुंचे थे। शनिवार सुबह वोटिंग वाले दिन विधायक वोट डालकर अपने फार्म हाउस पर आराम करने गए थे। वहां सुबह करीब 10 बजे उन्हें हार्ट अटैक आया। इसके बाद उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान राकेश की मौत हो गई थी। गुरुग्राम के पालम विहार मणिपाल अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली थी। BJP को दिया था समर्थन, CM बदलने पर भी साथ नहीं छोड़ा
दौलताबाद ने बतौर निर्दलीय विधायक रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में बनी भाजपा की सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया था। इसके बाद जब जजपा से गठबंधन टूटा तब भी नायब सैनी के नेतृत्व में बनी सरकार का उन्होंने समर्थन दिया। लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार से 3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया। उन्होंने भूपेंद्र हुड्डा की मौजूदगी में रोहतक में कांग्रेस का समर्थन किया। इनमें धर्मबीर गोंदर, सोमवीर सांगवान और रणधीर गोलन शामिल थे। हालांकि, इन 3 के अलावा दौलताबाद के भी सरकार से समर्थन वापस लेने की खूब चर्चा हुई। मगर, उन्होंने इन 3 विधायकों का साथ नहीं दिया। उन्होंने बाद में एक वीडियो जारी कर भाजपा सरकार का ही समर्थन करने का ऐलान किया था। यहां पढ़िए बादशाहपुर से अब कौन-कौन दावेदार भाजपा में टिकट के 3 दावेदार
हरियाणा की बादशाहपुर विधानसभा सीट पर भाजपा की टिकट से 3 दावेदार हैं। सबसे प्रबल दावेदार राव नरवीर सिंह हैं। इन्होंने 2014 में विधानसभा चुनाव लड़ा था और जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। खट्टर के पहले टर्म में इन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया था। हालांकि, 2019 में इनकी टिकट पार्टी ने काट कर मनीष यादव को टिकट दी थी, लेकिन वह निर्दलीय लड़े राकेश दौलताबाद से चुनाव हार गए थे। इस सीट से दावेदार मुकेश शर्मा भी हैं, इन्होंने 2019 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे, इस बार भी हलके में काफी एक्टिव हैं। कांग्रेस में अभी 2 ही दावेदार
बादशाहपुर सीट से कांग्रेस से अभी 2 दावेदारों के ही नाम चल रहे हैं। पहला नाम यहां से भाजपा के दावेदार राव नरवीर सिंह के ही भाई राव कमल वीर का है। इन्होंने 2019 में भी चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। इनके अलावा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी ब्राह्मण चेहरा जितेंद्र भारद्वाज भी दावेदार हैं, हालांकि अन्य के मुकाबले यह ग्राउंड में एक्टिव नहीं हैं।