सैलजा बोलीं- PM अमृत योजना में भ्रष्टाचार हुआ:पैसों की बंदरबांट, पाइपलाइन के बावजूद सिरसा में हो रहा जलभराव; CM से मांगा श्वेतपत्र

सैलजा बोलीं- PM अमृत योजना में भ्रष्टाचार हुआ:पैसों की बंदरबांट, पाइपलाइन के बावजूद सिरसा में हो रहा जलभराव; CM से मांगा श्वेतपत्र

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा के सीएम नायब सैनी से श्वेत पत्र मांगा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमृत योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि देश के शहरों और कस्बों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के साथ-साथ पानी, सीवरेज, शहरी परिवहन, पार्क जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए शुरू की गई अमृत योजना (अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। यह योजना जहां भी शुरू की गई, वहां बुरी तरह विफल रही है। सरकार को इस योजना पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए और बताना चाहिए कि इस पर कितना पैसा खर्च हुआ और क्या काम हुआ? 2015 में शुरू हुई थी योजना कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि शहरी विकास मंत्रालय द्वारा 25 जून 2015 को देश में इस अमृत योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना का उद्देश्य शहरों और कस्बों में बुनियादी ढांचे में सुधार करना है। इस योजना के तहत पानी, सीवरेज, शहरी परिवहन, पार्क जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इसका उद्देश्य सभी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। इस योजना से विशेष रूप से गरीब और वंचितों को लाभ मिलता है। जिसका उद्देश्य शहरी नवीनीकरण परियोजनाओं के लिए बुनियादी ढांचे की स्थापना करना है, जो शहरी परिवर्तन के लिए पर्याप्त मजबूत सीवरेज नेटवर्क और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कर सके। करोड़ों रुपए की योजना PPP पर निर्भर हरियाणा में यह योजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल (PPP) पर आधारित है। इस योजना का उद्देश्य हर घर में सुनिश्चित जल आपूर्ति के साथ नल और सीवरेज कनेक्शन प्रदान करना, हरियाली और अच्छी तरह से बनाए गए खुले स्थानों (जैसे पार्क) को विकसित करके शहरों के सुविधा मूल्य को बढ़ाना, सार्वजनिक परिवहन को अपनाकर या गैर-मोटर चालित परिवहन (जैसे पैदल चलना और साइकिल चलाना) के लिए सुविधाएं बनाकर प्रदूषण को कम करना है। लोग शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं कुमारी सैलजा ने कहा कि केवल कागजी खानापूर्ति के लिए काम के नाम पर कुछ औपचारिकताएं की गईं और इस योजना के तहत मिले पैसे की बंदरबांट कर ली गई। हालात ये हैं कि जिन शहरों और कस्बों में इस योजना के तहत काम शुरू हुआ, वहां बुनियादी ढांचे में सुधार की बजाय हालात और खराब होते गए। सरकार सबकुछ देखकर भी अनदेखा करती रही। लोग शिकायत करते-करते थक गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सिरसा शहर का उदाहरण दिया कांग्रेस सांसद ने कहा कि इस योजना के तहत सिरसा शहर में बरसाती पानी की निकासी के लिए 40 करोड़ रुपए की पाइपलाइन बिछाई गई, लेकिन शहर को आज भी जलभराव से राहत नहीं मिली है, हालात पहले से भी बदतर हो गए हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस योजना को लेकर श्वेत पत्र जारी किया जाए और बताया जाए कि इस योजना के तहत कहां-कहां काम हुआ, कितना पैसा खर्च हुआ और कितना बजट जारी हुआ। बुनियादी ढांचे में क्या बदलाव आए हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में जो भी योजनाएं लागू की गईं, वे या तो पूरी नहीं हुईं या फिर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गईं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा के सीएम नायब सैनी से श्वेत पत्र मांगा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमृत योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि देश के शहरों और कस्बों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के साथ-साथ पानी, सीवरेज, शहरी परिवहन, पार्क जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए शुरू की गई अमृत योजना (अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। यह योजना जहां भी शुरू की गई, वहां बुरी तरह विफल रही है। सरकार को इस योजना पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए और बताना चाहिए कि इस पर कितना पैसा खर्च हुआ और क्या काम हुआ? 2015 में शुरू हुई थी योजना कुमारी सैलजा ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि शहरी विकास मंत्रालय द्वारा 25 जून 2015 को देश में इस अमृत योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना का उद्देश्य शहरों और कस्बों में बुनियादी ढांचे में सुधार करना है। इस योजना के तहत पानी, सीवरेज, शहरी परिवहन, पार्क जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इसका उद्देश्य सभी के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। इस योजना से विशेष रूप से गरीब और वंचितों को लाभ मिलता है। जिसका उद्देश्य शहरी नवीनीकरण परियोजनाओं के लिए बुनियादी ढांचे की स्थापना करना है, जो शहरी परिवर्तन के लिए पर्याप्त मजबूत सीवरेज नेटवर्क और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कर सके। करोड़ों रुपए की योजना PPP पर निर्भर हरियाणा में यह योजना पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल (PPP) पर आधारित है। इस योजना का उद्देश्य हर घर में सुनिश्चित जल आपूर्ति के साथ नल और सीवरेज कनेक्शन प्रदान करना, हरियाली और अच्छी तरह से बनाए गए खुले स्थानों (जैसे पार्क) को विकसित करके शहरों के सुविधा मूल्य को बढ़ाना, सार्वजनिक परिवहन को अपनाकर या गैर-मोटर चालित परिवहन (जैसे पैदल चलना और साइकिल चलाना) के लिए सुविधाएं बनाकर प्रदूषण को कम करना है। लोग शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं कुमारी सैलजा ने कहा कि केवल कागजी खानापूर्ति के लिए काम के नाम पर कुछ औपचारिकताएं की गईं और इस योजना के तहत मिले पैसे की बंदरबांट कर ली गई। हालात ये हैं कि जिन शहरों और कस्बों में इस योजना के तहत काम शुरू हुआ, वहां बुनियादी ढांचे में सुधार की बजाय हालात और खराब होते गए। सरकार सबकुछ देखकर भी अनदेखा करती रही। लोग शिकायत करते-करते थक गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सिरसा शहर का उदाहरण दिया कांग्रेस सांसद ने कहा कि इस योजना के तहत सिरसा शहर में बरसाती पानी की निकासी के लिए 40 करोड़ रुपए की पाइपलाइन बिछाई गई, लेकिन शहर को आज भी जलभराव से राहत नहीं मिली है, हालात पहले से भी बदतर हो गए हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस योजना को लेकर श्वेत पत्र जारी किया जाए और बताया जाए कि इस योजना के तहत कहां-कहां काम हुआ, कितना पैसा खर्च हुआ और कितना बजट जारी हुआ। बुनियादी ढांचे में क्या बदलाव आए हैं। कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में जो भी योजनाएं लागू की गईं, वे या तो पूरी नहीं हुईं या फिर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गईं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर