गुरुग्राम के सोहना में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पंचायत सदस्य ने नौकरी दिलाने के बहाने एक महिला के साथ बलात्कार किया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी महावीर जो मेवात के पिनंगवा का रहने वाला है और वर्तमान में वार्ड मेंबर है। उसने अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा दिया। पीड़िता का पति बीमार रहता है, उसने बताया कि महावीर से उसका संपर्क पिनंगवा में हुआ। नौकरी के बहाने आरोपी ने उसे सोहना बुलाया और एक होटल में ले गया, जहां उसने रेप किया। जब महिला ने विरोध किया, तो आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी। एसीपी अभिलक्ष जोशी के अनुसार, पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी पंचायत सदस्य को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे भोंडसी जेल भेज दिया गया। पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच कर रही है। गुरुग्राम के सोहना में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पंचायत सदस्य ने नौकरी दिलाने के बहाने एक महिला के साथ बलात्कार किया। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि आरोपी महावीर जो मेवात के पिनंगवा का रहने वाला है और वर्तमान में वार्ड मेंबर है। उसने अच्छी नौकरी दिलाने का झांसा दिया। पीड़िता का पति बीमार रहता है, उसने बताया कि महावीर से उसका संपर्क पिनंगवा में हुआ। नौकरी के बहाने आरोपी ने उसे सोहना बुलाया और एक होटल में ले गया, जहां उसने रेप किया। जब महिला ने विरोध किया, तो आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी। एसीपी अभिलक्ष जोशी के अनुसार, पीड़िता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी पंचायत सदस्य को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे भोंडसी जेल भेज दिया गया। पुलिस मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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जींद में किसानों का फैसला:CISF कॉन्स्टेबल कुलविंद्र कौर को करेंगे सम्मानित; बोले- पूरे देश ने सुनी थप्पड़ की गूंज
जींद में किसानों का फैसला:CISF कॉन्स्टेबल कुलविंद्र कौर को करेंगे सम्मानित; बोले- पूरे देश ने सुनी थप्पड़ की गूंज हरियाणा के जींद में शुक्रवार को उचाना उपमंडल कार्यालय में चल रहे धरने पर किसानों की बैठक हुई। इसमें सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि कंगना रनोट को थप्पड़ मारने वाली सीआइएसएफ कांस्टेबल कुलविंद्र कौर को रिहाई के बाद उचाना धरने पर बुलाकर सम्मानित किया जाएगा। धरना संयोजक आजाद पालवां ने कहा कि कुलविंद्र कौर के थप्पड़ की गूंज पूरी दुनिया में पहुंची है। उन्होंने कहा कि कंगना अब भी जो बयान दे रही कि उग्रवाद, आंतकवाद को बढ़ावा देने के लिए ये लोग कार्रवाई कर रहे हैं, जबकि देश के अंदर पूरी शांति है। कुलविंद्र कौर की भावनाओं को ठेस पहुंची थी। किसी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना, किसी की मां-बाप को गाली देना सही तो कुछ भी नहीं। वे कुलविंद्र कौर के पक्ष में खड़े हैं। उन्होंने कहा कि राजनेताओं द्वारा अपनी जुबान पर कंट्रोल नहीं किया तो देश में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। एक क्रांति का आगाज हो चुका है। किसान नेता ने कहा कि 13 महीने आंदोलन चला, उस दौरान किसानों को कभी आंतकवादी, माववादी, खालिस्तानी पता नहीं क्या-क्या नहीं कहा गया। कमेटी ने फैसला लिया है कि कुलविंद्र कौर जैसे ही जेल से रिहा होकर आएगी तो उसको उचाना धरने पर बुलाकर सम्मानित करने का काम करेंगे। किसान नेत्री सिक्किम सफा खेड़ी ने कहा कि वे सरकार से मांग करते है कि कुलविंद्र कौर को नौकरी पर भी वापस लिया जाए। इस मौके पर शीला छात्तर, बीरा करसिंधु, पाला बड़ौदा, मिया सिंह दरोली, पवन मोर, रामफल, बलिंद्र, जंगीर, टेकराम, मेवा, जोधाराम मौजूद रहे।
तिगांव से कांग्रेस प्रत्याशी का मामा ने किया विरोध:अर्धनग्न होकर गांव में किया प्रचार; बोले- बेईमानों को वोट न दें, सावधान रहने की अपील
तिगांव से कांग्रेस प्रत्याशी का मामा ने किया विरोध:अर्धनग्न होकर गांव में किया प्रचार; बोले- बेईमानों को वोट न दें, सावधान रहने की अपील फरीदाबाद जिले के तिगांव विधानसभा से कांग्रेस उम्मीदवार रोहित नागर के मामा मनीराम भरना खुद गांव जाकर रोहित नागर और उनके पिता यशपाल नागर को बेईमान बताया है। उन्हें वोट न देने के साथ साथ सावधान रहने की अपील की। बाइक पर सवार मनीराम अर्धनग्न होकर रोहित नागर के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। मनीराम भड़ाना ने कहा कि रोहित नागर के पिता यशपाल नागर उनके सगे बहनोई हैं। लेकिन बावजूद उसके उन्होंने उनके साथ 60 लख रुपए की बेईमानी की और प्रॉपर्टी में भी उनके साथ धोखाधड़ी की। जिसकी शिकायत में 2009 से करते आ रहे हैं। लघु सचिवालय पर 1 साल से धरने पर मनीराम भड़ाना ने बताया की यशपाल नागर ने उन्हें कई बार कभी घर तो कभी ऑफिस बुलाया। लेकिन उनके रुपए नहीं दिए। पुलिस से साथ गांठ कर उनके केस को दबा दिया। जिसके चलते पिछले लगभग 1 साल से फरीदाबाद के लघु सचिवालय के बाहर ही अर्धनग्न अवस्था में धरने पर बैठे हैं। लेकिन बावजूद उसके उन्हें अभी तक कहीं से न्याय मिलता नजर नहीं आ रहा इसलिए वह चाहते हैं कि ऐसे बेईमानों को वोट न दी जाए, जो लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हैं। रोहित नागर का कांग्रेसियों ने भी किया था विरोध गौरतलब है कि रोहित नागर ने कभी पार्षद का भी चुनाव तक नहीं लड़ा है। लेकिन पार्टी ने युवा रोहित नागर पर विश्वास जताया और पूर्व में कांग्रेस की सरकार में विधायक रहे ललित नागर की टिकट काट दी। जिसके चलते ललित नागर समेत अन्य कांग्रेसी रोहित नागर को टिकट दिए जाने का विरोध करते नजर आए।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP का हैट्रिक प्लान:GT रोड बेल्ट साधी, अब दक्षिण पर नजर; इसीलिए 17 दिन में दूसरी बार शाह का दौरा
हरियाणा विधानसभा चुनाव में BJP का हैट्रिक प्लान:GT रोड बेल्ट साधी, अब दक्षिण पर नजर; इसीलिए 17 दिन में दूसरी बार शाह का दौरा हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक के लिए GT रोड बेल्ट के बाद अब BJP ने दक्षिणी हरियाणा को साधने की प्लानिंग शुरू कर दी है। जिसकी कमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली है। शाह 16 जुलाई को दक्षिणी हरियाणा के सेंटर पॉइंट कहे जाने वाले महेंद्रगढ़ में आ रहे हैं। जहां वे OBC मोर्चा के सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। शाह का 17 दिन में हरियाणा का ये दूसरा दौरा होगा। इससे पहले वे पंचकूला में वर्कर सम्मेलन कर चुके हैं। सबसे पहले पढ़िए… BJP की बहुमत की प्लानिंग
हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें हैं। बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए। भाजपा इसकी भरपाई जीटी रोड और दक्षिणी हरियाणा से करने की कोशिश में है। जीटी रोड बेल्ट पर 30 और दक्षिणी हरियाणा में 19 विधानसभा सीटें हैं। अगर भाजपा ये सीटें जीतने में कामयाब रही तो हैट्रिक तय है। सभी 90 सीटों पर मारामारी के बजाय भाजपा इन्हीं 49 सीटों पर माइक्रो वर्किंग कर रही है। इनमें से 2-3 सीटें हार भी गए तो भाजपा को बहुमत मिल जाएगा। GT रोड बेल्ट साधने के लिए BJP ने क्या किया
हरियाणा की GT रोड बेल्ट शहरी इलाका है। इस बेल्ट में अंबाला, करनाल, पानीपत, कुरूक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकूला और कैथल जिलों की तकरीबन 30 विधानसभा सीटें आती हैं। यहां पंजाबी वोटरों के अलावा जनरल कैटेगरी का वोट-बैंक है, जो अमूमन BJP के साथ रहता है। चूंकि लगातार 2 बार BJP सरकार बना चुकी है, इसलिए एंटी इनकंबेसी न हो, इसका तोड़ निकालने के लिए भाजपा ने 3 बड़े कदम उठाए हैं। 1. नायब सैनी को CM बनाया
मनोहर लाल खट्टर की केंद्र में भूमिका तय करने के बाद BJP ने नायब सैनी को सीएम बनाया। नायब सैनी कुरूक्षेत्र से सांसद थे। उनका क्षेत्र इसी जीटी रोड बेल्ट में आता है। उन्हें चुनाव भी करनाल से लड़वाया ताकि इस बेल्ट से CM की कुर्सी कहीं दूसरी जगह न जाए। 2. खट्टर को पहली बार में केंद्रीय मंत्री बनाया
साढ़े 9 साल CM रहे मनोहर लाल खट्टर ने पहला लोकसभा चुनाव करनाल से जीता। फिर उन्हें केंद्र की मोदी 3.0 सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया। खट्टर भी इसी जीटी रोड बेल्ट से आते करनाल से हैं। खट्टर को सीएम कुर्सी से हटाने के बाद पंजाबी वोट बैंक नाराज न हो, इसलिए केंद्रीय मंत्री बना उन्हें भी साध लिया। 3. मोहन बड़ौली को प्रधान बनाया
भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले CM नायब सैनी से अध्यक्ष पद लेकर मोहन लाल बड़ौली को दे दिया। बड़ौली सोनीपत की राई सीट से विधायक हैं। सोनीपत भी इसी जीटी रोड बेल्ट में आता है। बड़ौली को प्रधान बनाने का दांव तब खेला गया जबकि वे इसी साल हुआ लोकसभा चुनाव हार गए थे। उन्हें सिटिंग सांसद रमेश कौशिक की टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया गया था। दक्षिणी हरियाणा पर फोकस क्यों?
दक्षिण हरियाणा में 6 जिले रेवाड़ी, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, नूंह और भिवानी हैं। इनमें कुल 19 सीटें हैं। इनमें से 11 पर अहीरवाल का दबदबा है। नूंह की 3 सीटें मुस्लिम बाहुल्य हैं। इसके अलावा भिवानी-चरखी दादरी में 5 सीटें जाट बाहुल्य हैं लेकिन यहां जाटों के वोट बंटने की सूरत में अहीरवाल डिसाइडिंग फैक्टर साबित होते हैं। 2014 में भाजपा ने दक्षिणी हरियाणा से 15 सीटें जीती थी। जिसमें अहीरवाल बेल्ट की सभी 11 सीटें शामिल थी। इस चुनाव में भाजपा ने अकेले बहुमत की सरकार बनाई। 2019 में भाजपा को दक्षिणी हरियाणा 19 में से 10 सीटें मिली। जिनमें अहीरवाल बेल्ट यानी रेवाड़ी, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़ की 11 सीटों में से 8 ही सीटों पर जीत मिली थी। तब 40 विधायकों ही रह गई और जजपा के 10 विधायकों की मदद से सरकार बनानी पड़ी। अहीरवाल में राव चुनौती बन रहे, इसलिए शाह की एंट्री
दक्षिणी हरियाणा की अहीरवाल बेल्ट में 3 जिलों की 14 विधानसभा सीटें हैं। इन जिलों में रेवाड़ी, गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ शामिल हैं। यूं तो इस बेल्ट में भाजपा का बढ़िया आधार है लेकिन उसके लिए राव इंद्रजीत पर निर्भरता जरूरी है। राव को केंद्र में इस बार भी राज्य मंत्री बनाया गया। जिसको लेकर वे खुद भी नाखुश हैं। वह समर्थकों के जरिए सीएम कुर्सी पर तक दावेदारी ठोक रहे थे। यही वजह है कि राज्य के किसी नेता के बजाय सीधे शाह की यहां एंट्री हो रही है। भिवानी-चरखी दादरी के लिए किरण चौधरी आ चुकी
दक्षिणी हरियाणा में आते 2 जाट बाहुल्य जिले भिवानी और चरखी दादरी में 5 सीटें हैं। यहां जाटों की वजह से भाजपा के लिए चुनौती थी लेकिन उससे निपटने के लिए भाजपा कांग्रेस विधायक किरण चौधरी को पार्टी में ला चुकी हैं। किरण चौधरी पूर्व सीएम बंसीलाल की पुत्रवधू हैं। इन 5 सीटों पर अहीरवाल समुदाय का भी अच्छा वोट बैंक है। ऐसे में भाजपा को उम्मीद है कि किरण चौधरी के जरिए जाट और राव के जरिए अहीरवाल को एकजुट कर इन 5 सीटों पर भी उन्हें जीत मिल सकती है। जातीय संतुलन पहले बिठा चुकी भाजपा
हरियाणा में BJP गैर जाट पॉलिटिक्स करती है। 2009 में जब भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी तो दूसरी पार्टियों के उलट पंजाबी चेहरे मनोहर लाल खट्टर को सीएम बना दिया। दूसरी बार सरकार बनी तो भी उन्हें ही सीएम बनाए रखा। अब लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें हटाया तो किसी जाट नेता की जगह OBC वर्ग से नायब सैनी को सीएम बना दिया। मौजूदा स्थिति में भाजपा ने राजस्थान के जाट नेता डॉ. सतीश पुनिया को पार्टी का प्रभारी बनाया गया है। सीएम नायब सैनी ओबीसी वर्ग से हैं। अब भाजपा ने ब्राह्मण वोट बैंक को देखते हुए मोहन बड़ौली को प्रदेश प्रधान बना दिया।