PHOTOS: मुख्यमंत्री नीतीश ने मधुबनी में 145 योजनाओं का किया उद्घाटन, 11 सौ करोड़ की सौगात से लोगों में खुशी PHOTOS: मुख्यमंत्री नीतीश ने मधुबनी में 145 योजनाओं का किया उद्घाटन, 11 सौ करोड़ की सौगात से लोगों में खुशी बिहार चुनाव के बीच BJP से जुड़े राजेंद्र प्रसाद भारद्वाज समेत पुजारियों ने AAP का थामा दामन, क्या बोले संजय सिंह?
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लुधियाना में भाजपा नेता प्रिंकल पर FIR दर्ज:सिख धर्म के कथावाचक को सोशल मीडिया पर दी गालियां;वॉट्सऐप काल एडिट करके चलाई
लुधियाना में भाजपा नेता प्रिंकल पर FIR दर्ज:सिख धर्म के कथावाचक को सोशल मीडिया पर दी गालियां;वॉट्सऐप काल एडिट करके चलाई पंजाब के लुधियाना में भाजपा नेता और जूतों के कारोबारी गुरविंदर सिंह उर्फ प्रिकंल के खिलाफ थाना सदर की पुलिस सिख कथावाचक के खिलाफ सोशल मीडिया गाली गलोच करने और उसे धमकाने का मामला दर्ज किया है। फिलहाल आरोपी अभी फरार है। प्रिंकल अक्सर सोशल मीडिया में किसी ने किसी मुद्दे को लेकर विवादों में रहता है। कथावाचक हरप्रीत सिंह मक्खू ने करवाई FIR कथावाचक हरप्रीत सिंह मक्खू ने पुलिस को बताया कि उसने अमृतपान किया हुआ है। देशों-विदेशों में वह सिख धर्म का प्रचार करता है। करीब 7 हजार से अधिक उसके इंटरव्यू सोशल मीडिया पर चल रहे है। उसका खुद का भी सोशल मीडिया पर चैनल चल रहा है। हरप्रीत ने कहा कि कुछ दिन पहले गुरविंदर सिंह प्रिंकल नाम का व्यक्ति सोशल मीडिया पर गलत शब्दों का इस्तेमाल कर रहा था। हरप्रीत सिंह मुताबिक उसने इस संबंध में प्रिंकल के विरोधी पक्ष का इंटरव्यू करके फेसबुक पर चलाया। जिसके बाद गुरविंदर सिंह प्रिंकल ने अपने मोबाइल नंबर 8936000088 से मेरे मोबाइल पर वॉट्सऐप काल की और वह गाली गलोच करने लगा। प्रिंकल ने मां-बहन की गालियां निकाली। उसने गालियां देकर धमकाया। वॉट्सऐप काल की रिकार्डिंग एडिट करने के आरोप हरप्रीत सिंह ने कहा कि प्रिंकल ने वॉट्सऐप काल की रिकार्डिंग करके उसमें एडिटिंग करवा कर अपने प्रिंकल लुधियाना फेसबुक पेज पर डाली। सामाजिक तौर पर प्रिंकल ने मेरी छवि खराब की। हरप्रीत सिंह मुताबिक देश-विदेश में संगत मेरी कथा सुनती है। इस कारण उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। पहले भी है सोशल मीडिया विवाद के दो मामले दर्ज महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द सोशल मीडिया पर बोलने के उस पर पहले भी दो मामले दर्ज है। पुलिस प्रिंकल के सोशल मीडिया खाते को खंगाल रही है।
यूपी से 9 सांसदों ने शपथ ली…राजनाथ दूसरे नंबर पर:जयंत ने अंग्रेजी में शपथ ली; यूपी से हर चौथा सांसद मंत्री
यूपी से 9 सांसदों ने शपथ ली…राजनाथ दूसरे नंबर पर:जयंत ने अंग्रेजी में शपथ ली; यूपी से हर चौथा सांसद मंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने दूसरे नंबर पर शपथ ली। इससे पहले राजनाथ मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय गृह मंत्री और दूसरे कार्यकाल में रक्षा मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। राजनाथ सिंह के बाद उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हरदीप सिंह पुरी ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख और राज्यसभा सांसद चौधरी जयंत सिंह ने राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में मंत्री पद की शपथ ली। जयंत ने अंग्रेजी में शपथ ली। पीलीभीत से सांसद जितिन प्रसाद ने राज्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ली। जितिन प्रसाद यूपी की योगी सरकार में PWD मंत्री रहे। वह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। महराजगंज से पंकज चौधरी ने मंत्री पद की शपथ ली। पंकज चौधरी इसी सीट पर 2019 में भी चुनाव जीते और मोदी 2.0 सरकार में वित्त राज्यमंत्री भी बने। मिर्जापुर से सांसद और अपना दल (सोनेलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल ने राज्यमंत्री के रूप में मंत्री पद की शपथ ली। अनुप्रिया लगातार तीसरी बार मंत्री बनी हैं। आगरा से सांसद एसपी बघेल ने राज्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ली। बघेल मोदी 2.0 सरकार में भी मंत्री रहे। बघेल सपा से दो बार लोकसभा सांसद रहे और बसपा से राज्यसभा सांसद रहे। गोंडा से सांसद कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ली। उन्होंने पांचवीं बार लोकसभा चुनाव जीता है। बदायूं से आने वाले राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा ने राज्यमंत्री के रूप में पद की शपथ ली। गोरखपुर के लोकसभा क्षेत्र बांसगांव से सांसद कमलेश पासवान ने भी राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। कमलेश लगातार चौथी बार सांसद चुने गए हैं। यूपी से NDA के इस बार 36 सांसद हैं। 9 मंत्री बने हैं। यानी, औसतन यूपी का हर चौथा सांसद मंत्री बना है। हालांकि, इनमें दो राज्यसभा सांसद हैं। 7 मंत्री इस बार चुनाव हारे
पिछली बार केंद्र में मंत्री रहे 7 सांसद इस बार चुनाव हार गए। इनमें स्मृति ईरानी, साध्वी निरंजन ज्योति, संजीव बालियान, भानू प्रताप वर्मा, अजय मिश्रा टेनी, कौशल किशोर, महेंद्र नाथ पांडेय को छोड़कर बाकी 5 चेहरों को रिपीट किया गया है। राजनाथ पहली, जयंत-बघेल तीसरी, जितिन-अनुप्रिया चौथी लाइन में
पीएम मोदी के साथ मीटिंग में राजनाथ सिंह सबसे पहली लाइन में अमित शाह के बगल में बैठे नजर आए। जबकि जयंत चौधरी और एसपी सिंह बघेल तीसरी लाइन, जितिन प्रसाद और अनुप्रिया एक साथ चौथी लाइन में बैठे नजर आए। मोदी मंत्रिमंडल में जातीय और क्षेत्रीय समीकरण का ध्यान रखा गया है। 9 नामों में सबसे ज्यादा 4 नाम ओबीसी समुदाय से हैं। 3 सामान्य वर्ग (एक ब्राह्मण और दो ठाकुर) और 2 दलित वर्ग से हैं। क्षेत्र के हिसाब से बात की जाए तो पश्चिम यूपी से सबसे ज्यादा 4, पूर्वांचल से 3 और अवध यानी मध्य क्षेत्र से 2 नाम हैं। यूपी से एनडीए के दो सहयोगी दल को जगह
यूपी के 4 क्षेत्रीय दल एनडीए का हिस्सा हैं। इसमें अपना दल (एस), रालोद, सुभासपा और निषाद पार्टी हैं। रालोद के 2 सांसद हैं, अपना दल (एस) की अनुप्रिया इकलौती सांसद हैं। जबकि सुभासपा और निषाद पार्टी के एक भी सांसद चुनाव नहीं जीते हैं। मोदी 2.0 में यूपी से 12 चेहरों को जगह मिली थी। इनमें से 7 मंत्री चुनाव हार गए। इस बार भाजपा को यूपी से 29 सीटों का बड़ा नुकसान हुआ। पार्टी 62 से सिमटकर 33 सीटों पर आ गई है। ऐसे में मंत्रिमंडल में यूपी की भागीदारी कम हो सकती है। शपथ ग्रहण को लेकर यूपी में दिनभर के अपडेट्स देखिए…
Bridge Collapsed In Kanpur: कानपुर में ढहा गंगा नदी पर बना 150 साल पुराना पुल, अंग्रेजों ने 1874 में कराया था निर्माण
Bridge Collapsed In Kanpur: कानपुर में ढहा गंगा नदी पर बना 150 साल पुराना पुल, अंग्रेजों ने 1874 में कराया था निर्माण <p style=”text-align: justify;”><strong>Kanpur News: </strong>कानपुर और उन्नाव जिले को गंगा नदी से जोड़ने वाला अंग्रेजों के जमाने का पुल जर्जर हालत में ढह गया. इस पुल का निर्माण तकरीबन 150 साल पहले अंग्रेजों ने अपने सफर को सुगम बनाने के लिए कराया था. अंग्रेजों के जमाने का पुल ये दो जिलों के बीच सफर करने का एक मात्र जरिया था. इस गंगा पुल का निर्माण डबल स्टोरी में हुआ था. हालांकि करोना काल से ही पुल की हालत जजर्र देख पुल से आवागमन बंद कर दिया गया था. देर रात अचानक कानपुर की ओर से पुल का हिस्सा ढह गया. हालांकि इस घटना में किसी जनहानि या अन्य नुकसान की सूचना नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कानपुर की ओर से बने 150 साल पुराने गंगा पुल को अंग्रेजों ने बनवाया था, अगर देखा जाए तो ये किसी धरोहर से कम नहीं था क्योंकि अमूमन आज के ज़माने में पुलों की इतनी मजबूती अब देखने को नहीं मिलती है. ये पुल दो जिलों को एक दूसरे से जोड़ता था और अचानक जर्जर होने के चलते इसके गिरने से क्षेत्र में अफरा-तफरी भी मच गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ऐतिहासिक धरोहर का हुआ नुकसान</strong><br />बताया जाता है कि ये पुल अंग्रेजों ने 1874 में बनवाया था जिसे अवध एंड रुहेलखंड कंपनी ने बनवाया था. इस पुल के गिरने से ऐतिहासिक धरोहर का अनुकसान माना जा रहा है. इस पुल की विशेषता थी कि नीचे से गुजरने वाले लोग साइकिल या पैदल इस से पुल को पार किया करते थे लेकिन इसके ऊपर बने पुल से भारी वाहन दौड़ते हुए दिखाइए देते थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस पुल को एक धरोहर की तरह संरक्षित करने पर जोर दिया गया लेकिन इसकी देखरेख और संरक्षण की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली और अब ये पुल अचानक कानपुर की ओर के हिस्से से पिलर नबर 9 और 10 देर रात अचानक ढह गया. पुल के ढहने की आवाज इतनी बुलंद थी कि आस पास के घरों तक इस पुल के गिरने की आवाज पहुंची जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इसके ढहने की तस्वीर रात में ही देखी और सुबह यहां से गुजरने वाले हर किसी के लिए पुल का ढह जाना अचंभित कर रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फिलहाल प्रशासन की ओर से इस पुल के हिस्से के गिरने वाले हिस्से को गिराने का काम किया जा रहा है क्योंकि नीचे से नदी में नाव से लोग सफर भी करते हैं. अगर कोई और हिस्सा गिरा या नीचे गंगा नदी में कोई नाविक हुआ था जान पर बात बन आएगी. वहीं अब इस बात पर अधिकारी लगे हुए हैं कि क्षतिग्रस्त हुए हिस्से के अलावा बचे हुए हिस्से को कैसे संरक्षित किया जाए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढे़ं: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/meerut-police-raid-on-former-mp-meat-factory-on-the-complaint-of-hindu-organization-ann-2830059″><strong>मेरठ में हिन्दू संगठन की शिकायत पर पूर्व सांसद की मीट फैक्ट्री पर छापेमारी, पुलिस को मौके पर दिखा ये हाल</strong></a></p>