स्टूडेंट टीचर रेश्यो में सुधार की जरूरत:KGMU मेडिकोज बोले- समाज डॉक्टरों से अच्छा बर्ताव करें, हॉस्टल में सुविधाएं मिले

स्टूडेंट टीचर रेश्यो में सुधार की जरूरत:KGMU मेडिकोज बोले- समाज डॉक्टरों से अच्छा बर्ताव करें, हॉस्टल में सुविधाएं मिले

स्टूडेंट टीचर रेश्यो में सुधार की जरूरत है। गर्ल्स हॉस्टल में कमरों की संख्या में इजाफा किया जाना चाहिए। MBBS के बाद इंटर्न करने वालों को हॉस्टल अलॉटमेंट में सिंगल रूम नही मिल पाते हैं। इससे परेशानी होती है। ये कहना है, यूपी की सबसे बड़ी मेडिकल यूनिवर्सिटी, KGMU की मेडिकोज आद्या सक्सेना का। उन्होंने बताया कि KGMU का माहौल पढ़ाई के लिए हर लिहाज से बेस्ट है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 91वें एपिसोड में यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU के मेडिकोज यानी MBBS स्टूडेंट्स से बातचीत… MBBS स्टूडेंट अमृतेश ने कहा- ओवर ऑल यहां का माहौल बहुत अच्छा है। हॉस्टल में फैसिलिटी सुधार किया जा सकता है। इसके अलावा MBBS में स्किल बेस पर और ज्यादा फोकस करना बेहतर होगा। हालांकि और संस्थानों के मुकाबले अभी भी यहां बहुत ज्यादा एक्सपोजर मिलता है। इसमें और ज्यादा इजाफा किया जाना चाहिए। स्टूडेंट टीचर रेश्यो ज्यादा, इसलिए बने माइक्रो बैच अमोल श्रीवास्तव ने कहा- स्टूडेंट्स टीचर रेश्यो को सुधारने के लिए माइक्रो बैच बनाने चाहिए। अभी 250 स्टूडेंट का बैच फैकल्टी और रेजिडेंट से डायरेक्ट इंटरेक्शन में समस्याएं आती हैं। डॉक्टरों के प्रति बर्ताव में हो सुधार वहीं, हर्षित सक्सेना ने कहा- KGMU से ज्यादा सुधार समाज में होना जरूरी है। ट्रॉमा सेंटर में अक्सर ऐसे मामले सामने आते है, जब डॉक्टरों के साथ मिसबिहेव किया गया हो। ऐसे बर्ताव में सुधार की जरूरत है। स्टूडेंट टीचर रेश्यो में सुधार की जरूरत है। गर्ल्स हॉस्टल में कमरों की संख्या में इजाफा किया जाना चाहिए। MBBS के बाद इंटर्न करने वालों को हॉस्टल अलॉटमेंट में सिंगल रूम नही मिल पाते हैं। इससे परेशानी होती है। ये कहना है, यूपी की सबसे बड़ी मेडिकल यूनिवर्सिटी, KGMU की मेडिकोज आद्या सक्सेना का। उन्होंने बताया कि KGMU का माहौल पढ़ाई के लिए हर लिहाज से बेस्ट है। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 91वें एपिसोड में यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय, KGMU के मेडिकोज यानी MBBS स्टूडेंट्स से बातचीत… MBBS स्टूडेंट अमृतेश ने कहा- ओवर ऑल यहां का माहौल बहुत अच्छा है। हॉस्टल में फैसिलिटी सुधार किया जा सकता है। इसके अलावा MBBS में स्किल बेस पर और ज्यादा फोकस करना बेहतर होगा। हालांकि और संस्थानों के मुकाबले अभी भी यहां बहुत ज्यादा एक्सपोजर मिलता है। इसमें और ज्यादा इजाफा किया जाना चाहिए। स्टूडेंट टीचर रेश्यो ज्यादा, इसलिए बने माइक्रो बैच अमोल श्रीवास्तव ने कहा- स्टूडेंट्स टीचर रेश्यो को सुधारने के लिए माइक्रो बैच बनाने चाहिए। अभी 250 स्टूडेंट का बैच फैकल्टी और रेजिडेंट से डायरेक्ट इंटरेक्शन में समस्याएं आती हैं। डॉक्टरों के प्रति बर्ताव में हो सुधार वहीं, हर्षित सक्सेना ने कहा- KGMU से ज्यादा सुधार समाज में होना जरूरी है। ट्रॉमा सेंटर में अक्सर ऐसे मामले सामने आते है, जब डॉक्टरों के साथ मिसबिहेव किया गया हो। ऐसे बर्ताव में सुधार की जरूरत है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर