काशी के घाटों पर धार्मिक आयोजन के लिए देना होगा शुल्क? वाराणसी नगर निगम बनाई नई नियमावली

काशी के घाटों पर धार्मिक आयोजन के लिए देना होगा शुल्क? वाराणसी नगर निगम बनाई नई नियमावली

<p style=”text-align: justify;”><strong>Varanasi News Today:</strong> वाराणसी नगर निगम की तरफ से काशी के सभी घाटों को स्वच्छ और अतिक्रमण मुक्त बनाने के उद्देश्य से घाट नियमावली लागू की जाएगी. वाराणसी के गंगा घाट पर धार्मिक आयोजन के अलावा कोई भी अन्य आयोजन पर आयोजनकर्ता का विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य होगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वाराणसी नगर निगम का कहना हैं कि गंगा घाट पर देश-विदेश से पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं, ऐसे में क्षेत्र को गंदगी मुक्त और स्वच्छ बनाए रखना हमारा कर्तव्य है और इसलिए जल्द ही सभी के साथ विचार मंथन करके घाट नियमावली तय की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गंगा आरती पर देना होगा शुल्क</strong><br />वाराणसी के 84 घाटों में से तकरीबन एक दर्जन से अधिक घाटों पर दैनिक रूप से गंगा आरती की जाती है. इसके अलावा भी काशी के अनेक प्राचीन घाट है, जहां पर सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन होते हैं. लेकिन इन सब में काशी के दशाश्वमेध घाट की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती को देखने के लिए लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>फिलहाल वाराणसी नगर आयुक्त की तरफ से एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के अनुसार, वाराणसी के गंगा घाट को लेकर नई नियमावली बनाई जाएगी, जिसके अनुसार वाराणसी के गंगा घाटों पर धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के लिए शुल्क निर्धारित किया जाएगा. संपत्ति का ऐसे आयोजन के लिए प्रयोग किया जा रहा है. कई बार गंगा घाटों पर आयोजन के बाद गंदगी रह जाती है, जिससे गंगा घाट और शहर की छवि प्रभावित होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>घाटों पर होती है भव्य आरती</strong><br />आम दिनों में भी वाराणसी में लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं, जिसमें काशी विश्वनाथ धाम के अलावा बड़ी संख्या में पर्यटक वाराणसी के गंगा घाट पर पहुंचते हैं. अस्सी से लेकर नमो घाट तक के बीच में अलग-अलग घाटों पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन में लोग पूरे भक्ति भाव और उत्साह के साथ शामिल होते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में अब वाराणसी नगर निगम की तरफ से नई नियमावली लागू की जाएगी. इस मामले में घाट पर दैनिक रूप से आरती आयोजन करने वाले लोगों का कहना है कि यह परंपरा हमारे द्वारा शुरू की गई थी और इस पर शुल्क निर्धारित करना उचित नहीं होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”संभल में बन रही प्रभु राम की अनोखी प्रतिमा, ये है खासियत, सीएम योगी कर सकते हैं अनावरण” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bhagwan-ram-unique-statue-is-being-built-in-sambhal-up-cm-yogi-adityanath-can-unveil-ann-2862145″ target=”_blank” rel=”noopener”>संभल में बन रही प्रभु राम की अनोखी प्रतिमा, ये है खासियत, सीएम योगी कर सकते हैं अनावरण</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Varanasi News Today:</strong> वाराणसी नगर निगम की तरफ से काशी के सभी घाटों को स्वच्छ और अतिक्रमण मुक्त बनाने के उद्देश्य से घाट नियमावली लागू की जाएगी. वाराणसी के गंगा घाट पर धार्मिक आयोजन के अलावा कोई भी अन्य आयोजन पर आयोजनकर्ता का विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य होगा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वाराणसी नगर निगम का कहना हैं कि गंगा घाट पर देश-विदेश से पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं, ऐसे में क्षेत्र को गंदगी मुक्त और स्वच्छ बनाए रखना हमारा कर्तव्य है और इसलिए जल्द ही सभी के साथ विचार मंथन करके घाट नियमावली तय की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गंगा आरती पर देना होगा शुल्क</strong><br />वाराणसी के 84 घाटों में से तकरीबन एक दर्जन से अधिक घाटों पर दैनिक रूप से गंगा आरती की जाती है. इसके अलावा भी काशी के अनेक प्राचीन घाट है, जहां पर सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन होते हैं. लेकिन इन सब में काशी के दशाश्वमेध घाट की विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती को देखने के लिए लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>फिलहाल वाराणसी नगर आयुक्त की तरफ से एबीपी न्यूज को मिली जानकारी के अनुसार, वाराणसी के गंगा घाट को लेकर नई नियमावली बनाई जाएगी, जिसके अनुसार वाराणसी के गंगा घाटों पर धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के लिए शुल्क निर्धारित किया जाएगा. संपत्ति का ऐसे आयोजन के लिए प्रयोग किया जा रहा है. कई बार गंगा घाटों पर आयोजन के बाद गंदगी रह जाती है, जिससे गंगा घाट और शहर की छवि प्रभावित होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>घाटों पर होती है भव्य आरती</strong><br />आम दिनों में भी वाराणसी में लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं, जिसमें काशी विश्वनाथ धाम के अलावा बड़ी संख्या में पर्यटक वाराणसी के गंगा घाट पर पहुंचते हैं. अस्सी से लेकर नमो घाट तक के बीच में अलग-अलग घाटों पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन में लोग पूरे भक्ति भाव और उत्साह के साथ शामिल होते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में अब वाराणसी नगर निगम की तरफ से नई नियमावली लागू की जाएगी. इस मामले में घाट पर दैनिक रूप से आरती आयोजन करने वाले लोगों का कहना है कि यह परंपरा हमारे द्वारा शुरू की गई थी और इस पर शुल्क निर्धारित करना उचित नहीं होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”संभल में बन रही प्रभु राम की अनोखी प्रतिमा, ये है खासियत, सीएम योगी कर सकते हैं अनावरण” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bhagwan-ram-unique-statue-is-being-built-in-sambhal-up-cm-yogi-adityanath-can-unveil-ann-2862145″ target=”_blank” rel=”noopener”>संभल में बन रही प्रभु राम की अनोखी प्रतिमा, ये है खासियत, सीएम योगी कर सकते हैं अनावरण</a></strong></p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड मकर संक्रांति के दिन जयपुर में पतंगबाजी पर रोक? प्रशासन ने जारी किए आदेश, नोट कर लें समय