हिमाचल के वैज्ञानिक स्वीडन में करेंगे काम:डॉ. संजय कुमार ने नैनो टेक्नोलॉजी में किया शोध, चेक गणराज्य से पीएचडी

हिमाचल के वैज्ञानिक स्वीडन में करेंगे काम:डॉ. संजय कुमार ने नैनो टेक्नोलॉजी में किया शोध, चेक गणराज्य से पीएचडी

हिमाचल प्रदेश के देहरा क्षेत्र के वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने चेक गणराज्य की प्रतिष्ठित साउथ बोहेमिया यूनिवर्सिटी से नैनो टेक्नोलॉजी और बायोसेंसिंग के क्षेत्र में पीएचडी की उपाधि हासिल की है। डॉ. कुमार का शोध “थिन नैनोस्ट्रक्चर्ड फिल्म्स विद बायो-एप्लिकेशन पोटेंशियल” पर केंद्रित था, जो विज्ञान के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करता है। अपनी शोध यात्रा के दौरान, उन्होंने यूरोप के आठ प्रमुख देशों का दौरा किया, जिनमें जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रिया, हंगरी, स्विट्ज़रलैंड और पोलैंड शामिल हैं। स्वीडन में पोस्ट-डॉक्टोरल साइंटिस्ट नियुक्त इससे पहले, डॉ. कुमार ने डॉ. दिनेश पाठक के मार्गदर्शन में एमफिल की डिग्री हासिल की, जहां उन्होंने सोलर एप्लिकेशन के लिए थिन फिल्म टेक्नोलॉजी पर महत्वपूर्ण शोध किया। अब वे अपने करियर में एक नया अध्याय शुरू करने जा रहे हैं, जहां उन्हें स्वीडन में पोस्ट-डॉक्टोरल साइंटिस्ट के रूप में नियुक्त किया गया है। अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, शिक्षकों और मित्रों को देते हुए डॉ. कुमार ने कहा कि वे अपने शोध के माध्यम से देश और हिमाचल का नाम और भी ऊंचा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी यह उपलब्धि न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे भारत के युवा वैज्ञानिकों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गई है। हिमाचल प्रदेश के देहरा क्षेत्र के वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। उन्होंने चेक गणराज्य की प्रतिष्ठित साउथ बोहेमिया यूनिवर्सिटी से नैनो टेक्नोलॉजी और बायोसेंसिंग के क्षेत्र में पीएचडी की उपाधि हासिल की है। डॉ. कुमार का शोध “थिन नैनोस्ट्रक्चर्ड फिल्म्स विद बायो-एप्लिकेशन पोटेंशियल” पर केंद्रित था, जो विज्ञान के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करता है। अपनी शोध यात्रा के दौरान, उन्होंने यूरोप के आठ प्रमुख देशों का दौरा किया, जिनमें जर्मनी, फ्रांस, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रिया, हंगरी, स्विट्ज़रलैंड और पोलैंड शामिल हैं। स्वीडन में पोस्ट-डॉक्टोरल साइंटिस्ट नियुक्त इससे पहले, डॉ. कुमार ने डॉ. दिनेश पाठक के मार्गदर्शन में एमफिल की डिग्री हासिल की, जहां उन्होंने सोलर एप्लिकेशन के लिए थिन फिल्म टेक्नोलॉजी पर महत्वपूर्ण शोध किया। अब वे अपने करियर में एक नया अध्याय शुरू करने जा रहे हैं, जहां उन्हें स्वीडन में पोस्ट-डॉक्टोरल साइंटिस्ट के रूप में नियुक्त किया गया है। अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, शिक्षकों और मित्रों को देते हुए डॉ. कुमार ने कहा कि वे अपने शोध के माध्यम से देश और हिमाचल का नाम और भी ऊंचा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनकी यह उपलब्धि न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि पूरे भारत के युवा वैज्ञानिकों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन गई है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर