हरियाणा के पलवल जिले के बघौला-देवली मार्ग पर एक बड़ी दुर्घटना टल गई। न्यू एलेन बरी कंपनी के सामने जेसीबी से खुदाई के दौरान पीएनजी गैस पाइपलाइन फट गई। जिससे तेज आवाज के साथ गैस का रिसाव शुरू हो गया। घटना दोपहर करीब पौने तीन बजे की है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल पुलिस, फायर ब्रिगेड और अदानी कंपनी के अधिकारियों को सूचित किया गया। टैंकरों से किया पानी छिड़काव मौके पर पहुंची टीमों ने सुरक्षा के मद्देनजर बघौला-देवली रोड पर वाहनों की आवाजाही रोक दी। गैस रिसाव के प्रभाव को कम करने के लिए टैंकरों से पानी का छिड़काव किया गया। कंपनी के प्रबंधक रविंद्र कुमार के अनुसार घटना के तुरंत बाद पावर हाउस को सूचित कर हाईटेंशन लाइन की बिजली और पीएनजी गैस आपूर्ति बंद करवा दी गई। घटना रजवाहा पुल निर्माण कार्य के दौरान हुई, जब जेसीबी से किसी कंपनी की केबल निकालने का प्रयास किया जा रहा था। हाईटेंशन लाइन की दूसरी ओर गैस रिसाव बघौला चौकी इंचार्ज हरद्वारी लाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। सौभाग्य से गैस रिसाव की दिशा हाईटेंशन लाइन से दूसरी तरफ होने के कारण बड़ी दुर्घटना टल गई। अदानी कंपनी के कर्मचारी टूटी हुई पाइपलाइन की मरम्मत में जुटे हुए हैं। बघौला गांव के पूर्व सरपंच घनश्याम भी मदद के लिए अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंच गए। अदानी कम्पनी के अधिकारियों की देखरेख में गैस की टूटी पाइप लाइन को दुरुस्त किए जाने का काम शुरू कर दिया है। खबर लिखे जाने तक लाइन को ठीक करने का काम चला हुआ है। कर्मचारियों की सूझबूझ से टला बडा हादसा पीएनजी गैस पाइप फटने के साथ ही न्यू एलेन बरी कम्पनी के प्रबंधक व कर्मचारी अलर्ट हो गए। टैंकरों से पानी फेंककर पीएनजी गैस के प्रभाव का असर कम किया गया। फायर ब्रिगेड व अदानी कम्पनी की सुरक्षा टीम के पहुंचने से पहले कम्पनी के कर्मचारी अग्निशमन यंत्रों को लेकर वहां पहुंच गए। तुरंत बिजली कटवाई गई, अन्यथा हाईटेंशन लाइन से पीएनजी गैस अगर आग पकड लेती तो भारी तबाही मच सकती थी। पीएनजी गैस बंद होने से लाखों का नुकसान पृथला औद्योगिक इलाके में काफी उद्योग पीएनजी गैस से चल रहे हैं। न्यू एलेन बरी कम्पनी में भी पीएनजी की आपूर्ति है। गैस पाइप फटने से से पहले कम्पनी के फर्नेस में लाखों रूपए के ऑटो पार्ट्स पकाए जा रहे थे। पीएनजी पाइप फटने से अचानक पीएनजी गैस की आपूर्ति ठप हो गई। न्यू एलेन बरी कम्पनी के प्लांट हेड रविंद्र कुमार नागपाल व रविंद्र कुमार ने बताया कि इससे फर्नेस में लगा सामान खराब हो गया। इससे अकेले उनकी कंपनी को 60 लाख रूपए तक नुकसान होने का अनुमान है। हालांकि नुकसान का सही आकलन किया जा रहा है। इसी तरह क्षेत्र की अन्य कम्पनियों में भी पीएनजी आपूर्ति ठप होने से भारी नुकसान की आशंका है। घनघनाते रहे फोन, नहीं उठा पाए अदानी कम्पनी कर्मचारी रविंद्र कुमार ने बताया कि अदानी कम्पनी की ओर से जो फोन नंबर दर्शाए गए हैं, पाइप लाइन के फटने के साथ ही वे इन नंबरों पर फोन मिलाते रहे, लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया। आखिर पुलिस व फायर ब्रिगेड सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गई, तब जाकर सांस में सांस आई। हरियाणा के पलवल जिले के बघौला-देवली मार्ग पर एक बड़ी दुर्घटना टल गई। न्यू एलेन बरी कंपनी के सामने जेसीबी से खुदाई के दौरान पीएनजी गैस पाइपलाइन फट गई। जिससे तेज आवाज के साथ गैस का रिसाव शुरू हो गया। घटना दोपहर करीब पौने तीन बजे की है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तत्काल पुलिस, फायर ब्रिगेड और अदानी कंपनी के अधिकारियों को सूचित किया गया। टैंकरों से किया पानी छिड़काव मौके पर पहुंची टीमों ने सुरक्षा के मद्देनजर बघौला-देवली रोड पर वाहनों की आवाजाही रोक दी। गैस रिसाव के प्रभाव को कम करने के लिए टैंकरों से पानी का छिड़काव किया गया। कंपनी के प्रबंधक रविंद्र कुमार के अनुसार घटना के तुरंत बाद पावर हाउस को सूचित कर हाईटेंशन लाइन की बिजली और पीएनजी गैस आपूर्ति बंद करवा दी गई। घटना रजवाहा पुल निर्माण कार्य के दौरान हुई, जब जेसीबी से किसी कंपनी की केबल निकालने का प्रयास किया जा रहा था। हाईटेंशन लाइन की दूसरी ओर गैस रिसाव बघौला चौकी इंचार्ज हरद्वारी लाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। सौभाग्य से गैस रिसाव की दिशा हाईटेंशन लाइन से दूसरी तरफ होने के कारण बड़ी दुर्घटना टल गई। अदानी कंपनी के कर्मचारी टूटी हुई पाइपलाइन की मरम्मत में जुटे हुए हैं। बघौला गांव के पूर्व सरपंच घनश्याम भी मदद के लिए अपने साथियों के साथ मौके पर पहुंच गए। अदानी कम्पनी के अधिकारियों की देखरेख में गैस की टूटी पाइप लाइन को दुरुस्त किए जाने का काम शुरू कर दिया है। खबर लिखे जाने तक लाइन को ठीक करने का काम चला हुआ है। कर्मचारियों की सूझबूझ से टला बडा हादसा पीएनजी गैस पाइप फटने के साथ ही न्यू एलेन बरी कम्पनी के प्रबंधक व कर्मचारी अलर्ट हो गए। टैंकरों से पानी फेंककर पीएनजी गैस के प्रभाव का असर कम किया गया। फायर ब्रिगेड व अदानी कम्पनी की सुरक्षा टीम के पहुंचने से पहले कम्पनी के कर्मचारी अग्निशमन यंत्रों को लेकर वहां पहुंच गए। तुरंत बिजली कटवाई गई, अन्यथा हाईटेंशन लाइन से पीएनजी गैस अगर आग पकड लेती तो भारी तबाही मच सकती थी। पीएनजी गैस बंद होने से लाखों का नुकसान पृथला औद्योगिक इलाके में काफी उद्योग पीएनजी गैस से चल रहे हैं। न्यू एलेन बरी कम्पनी में भी पीएनजी की आपूर्ति है। गैस पाइप फटने से से पहले कम्पनी के फर्नेस में लाखों रूपए के ऑटो पार्ट्स पकाए जा रहे थे। पीएनजी पाइप फटने से अचानक पीएनजी गैस की आपूर्ति ठप हो गई। न्यू एलेन बरी कम्पनी के प्लांट हेड रविंद्र कुमार नागपाल व रविंद्र कुमार ने बताया कि इससे फर्नेस में लगा सामान खराब हो गया। इससे अकेले उनकी कंपनी को 60 लाख रूपए तक नुकसान होने का अनुमान है। हालांकि नुकसान का सही आकलन किया जा रहा है। इसी तरह क्षेत्र की अन्य कम्पनियों में भी पीएनजी आपूर्ति ठप होने से भारी नुकसान की आशंका है। घनघनाते रहे फोन, नहीं उठा पाए अदानी कम्पनी कर्मचारी रविंद्र कुमार ने बताया कि अदानी कम्पनी की ओर से जो फोन नंबर दर्शाए गए हैं, पाइप लाइन के फटने के साथ ही वे इन नंबरों पर फोन मिलाते रहे, लेकिन किसी ने भी फोन नहीं उठाया। आखिर पुलिस व फायर ब्रिगेड सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गई, तब जाकर सांस में सांस आई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा से दूरी बनाई:मीटिंग और कार्यक्रमों से किनारा किया; हार के बाद पार्टी भी निमंत्रण नहीं भेज रही
कुलदीप बिश्नोई ने भाजपा से दूरी बनाई:मीटिंग और कार्यक्रमों से किनारा किया; हार के बाद पार्टी भी निमंत्रण नहीं भेज रही हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल के छोटे बेटे भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई ने पार्टी से दूरी बनाई हुई है। वह न तो भाजपा की मीटिंगों में शामिल हो रहे हैं और न ही पार्टी के किसी कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। अब 25 नवंबर को मुख्यमंत्री नायब सैनी हिसार आ रहे हैं। कुलदीप बिश्नोई की मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में जाने की संभावनाएं भी काफी कम लग रही हैं। विधानसभा चुनाव से पहले कुलदीप बिश्नोई को चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक बनाया गया था। वह आदमपुर और फतेहाबाद सहित कई सीटों पर जीत का दम भर रहे थे, हालांकि ऐसा नहीं हुआ। वह अधिकतर समय आदमपुर और नलवा तक ही सीमित रहे। उनके बेटे भव्य बिश्नोई अपने गढ़ आदमपुर में हार गए। जिसके बाद कहीं न कहीं उनका दबदबा भाजपा में कम होता दिख रहा है। इन सब बातों से विरोधियों को बोलने का मौका मिल रहा है, जो भाजपा को अखर रहा है। कुलदीप की भाजपा से दूरी की 3 वजह… 1. आदमपुर में हार : बिश्नोई परिवार को 57 साल बाद आदमपुर में करारी शिकस्त मिली है। भजनलाल परिवार की पहचान सदा से ही आदमपुर से रही है। कुलदीप ने आदमपुर चुनाव में भाजपा की किसी से मदद नहीं ली। यहां वह ओवर कॉन्फिडेंट रहे। भाजपा ने कुलदीप से छवि बदलने के लिए और भाजपा के तरीके से चुनाव लड़ने को कहा, लेकिन बिश्नोई परिवार अपने पुराने तरीकों से ही चुनाव लड़ा। भाजपा के कार्यकर्ताओं के बजाय खुद के वर्करों पर भरोसा रखा। जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा और कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रप्रकाश जीत गए। आदमपुर उपचुनाव में भव्य बिश्नोई के चुनाव में भाजपा पूरी तरह से सक्रिय रही थी। 2. निमंत्रण नहीं मिल रहे : आदमपुर में हार के बाद बिश्नोई परिवार को भाजपा की ओर से किसी कार्यक्रम का न तो निमंत्रण दिया जा रहा है और न ही बैठकों में विशेष रूप से आमंत्रित किया जा रहा है। हाल ही में हिसार में सदस्यता अभियान की बैठक में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली आए। इस बैठक में सभी हलकों के प्रत्याशी और विधायक शामिल हुए, लेकिन बिश्नोई परिवार इसमें शामिल नहीं हुआ। वहीं पंचकूला में 2 दिवसीय समीक्षा बैठक में भी चुनाव प्रबंधक समिति के संयोजक रहे, कुलदीप बिश्नोई गैरहाजिर रहे। हारने वाले उम्मीदवारों से फीडबैक लिया गया था, लेकिन भव्य बिश्नोई नहीं पहुंचे। 3. बिश्नोई महासभा का विवाद : अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के विवाद के बाद से ही बिश्नोई परिवार राजनीति से दूर है। उनका ध्यान इस समय इस विवाद को खत्म करने पर है। बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र बूड़िया कुलदीप बिश्नोई से बिश्नोई रत्न की उपाधि वापस ले चुके हैं और यहां तक कि संरक्षक पद से भी हटा चुके हैं। इन विवादों के चलते कुलदीप बिश्नोई कार्यक्रमों से दूरी बनाए हुए हैं। सोशल मीडिया यूजर ने ली चुटकी… SRK गुट में किरण की जगह कुलदीप राजनीति के गलियारों में कांग्रेस में जाने की चर्चाएं
राजनीतिक गलियारों में चर्चाए हैं कि बिश्नोई परिवार कांग्रेस में हुड्डा विरोधी खेमे के संपर्क में है। उनके बड़े भाई चंद्रमोहन बिश्नोई पंचकूला से कांग्रेस विधायक हैं और वह सांसद कुमारी सैलजा के करीबी भी है। ऐसे में हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद चर्चाएं है कि सैलजा के SRK गुट में किरण की खाली जगह कुलदीप फिट हो सकते हैं। कुमारी सैलजा से पिछले दिनों भिवानी में जब इस पर सवाल किया तो वह हंस पड़ी और कहा कि SRK गुट मीडिया का बनाया हुआ है। उन्होंने कहा कि कुलदीप बिश्नोई के कांग्रेस में आने की जानकारी मुझे नहीं है। लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री मनाने घर गए विधानसभा चुनाव से पहले लोकसभा चुनाव हुए थे। कुलदीप बिश्नोई हिसार से टिकट मांग रहे थे। टिकट न मिलने के बाद वह नाराज हो गए। उन्होंने पार्टी के कार्यक्रमों से भी दूरी बना ली थी। कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी दूर करने के लिए खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी दिल्ली में कुलदीप बिश्नोई को मनाने पहुंचे। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई भाजपा के कार्यक्रमों में नजर आने लगे।
हरियाणा में कार से टकराई स्कूल वैन:8 स्कूली बच्चे घायल, राहगीरों ने बाहर निकालकर बचाया; गाय को बचाने के चक्कर में बिगड़ा संतुलन
हरियाणा में कार से टकराई स्कूल वैन:8 स्कूली बच्चे घायल, राहगीरों ने बाहर निकालकर बचाया; गाय को बचाने के चक्कर में बिगड़ा संतुलन हरियाणा के रेवाड़ी में शुक्रवार दोपहर गाय को बचाने के चक्कर में स्कूल वैन बेकाबू हो गई। ड्राइवर ने स्टीयरिंग घुमाया तो वैन सड़क किनारे खड़ी कार से जा टकराई। जिससे कार और वैन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। जिस वक्त हादसा हुआ, वैन में 8 बच्चे बैठे हुए थे। जिनमें चीखपुकार मच गई। जिसके बाद वहां से गुजरते लोगों ने बच्चों को बाहर निकाला। जिसके बाद घायल बच्चों और ड्राइवर को अस्पताल पहुंचाया गया। इस हादसे में ड्राइवर को ज्यादा चोटें आई हैं। उसे ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। वहीं स्कूली बच्चों को हलकी चोटें आई थी। जिन्हें फर्स्ट एड के बाद छुट्टी दे दी गई। जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी के गांव सूमाखेड़ा स्थित इंडियन स्कूल की एक वैन शुक्रवार की दोपहर बाद स्कूल की छुट्टी होने पर स्टूडेंट को छोड़ने के लिए रेवाड़ी शहर के बाइपास पर आई थी। कैब में 8 स्कूली बच्चे सवार थे। कैब जैसे ही सनसिटी के पास पहुंची तो सामने से अचानक गाय आ गई। स्कूल वैन हादसे से जुड़े PHOTOS… गाय को बचाने के चक्कर में बिगड़ा संतुलन
गाय को बचाने के चक्कर में कैब के ड्राइवर का संतुलन बिगड़ गया और स्कूल वैन सड़क किनारे खड़ी सफेद रंग की एक वरना कार में पीछे से टकरा गई। टक्कर लगते ही कैब में सवार बच्चे चिल्लाने लग गए। बाइपास से गुजर रहे लोगों ने तुरंत कैब से स्कूली बच्चों को बाहर निकाला। हादसे में कैब के ड्राइवर के अलावा स्कूली बच्चों को चोटें आई हैं। घायलों को तुरंत एंबुलेंस की मदद से शहर के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। हालांकि घायल बच्चों और कैब के ड्राइवर की हालत खतरे से बाहर है। हादसे में स्कूल वैन और कार दोनों बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने भी एक्सीडेंट की जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा में एकजुट विपक्ष ने BJP को दिखाया ट्रेलर:पानीपत में जिला परिषद चेयरमैन कुर्सी छीनी; अब फ्लोर टेस्ट हुआ तो खतरे में सरकार
हरियाणा में एकजुट विपक्ष ने BJP को दिखाया ट्रेलर:पानीपत में जिला परिषद चेयरमैन कुर्सी छीनी; अब फ्लोर टेस्ट हुआ तो खतरे में सरकार हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले ही एकजुट विपक्ष के ट्रेलर को लेकर बीजेपी की चिंताएं बढ़ गई हैं। इसका उदाहरण पानीपत में जिला परिषद के चेयरमैन पद के लिए हुए चुनाव में देखने को मिला। इस चुनाव में काजल देशवाल ने एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना पर्चा दाखिल किया था। उनके सपोर्ट में कांग्रेस, जजपा, INLD सभी दल आ गए। विपक्ष को भी एकजुट देखकर इस सीट से सूबे की सत्ता में 10 साल से काबिज बीजेपी ने भी हाथ खड़े कर दिए। यही वजह रही कि उनके खिलाफ किसी ने भी पर्चा नहीं भरा। वोटिंग में कुल 17 पार्षदों में से 13 पार्षदों ने भाग लिया। सियासी जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद इस जिला परिषद के चुनाव ने बीजेपी के लिए राज्यसभा सीट और विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। अब पढ़िए बीजेपी की चिंता की ये 2 वजहें… राज्यसभा सीट पर चुनाव
हरियाणा बीजेपी की चिंता की पहली वजह राज्यसभा सीट है। यह सीट रोहतक से कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई है। पानीपत जिला परिषद चेयरमैन के चुनाव की तरह यदि इस सीट पर भी विपक्ष एकजुट हो जाता है तो बीजेपी के खाते से यह सीट निकल जाएगी। लोकसभा चुनाव में भाजपा 5 सीटें पहली ही गवां चुकी है। ऐसे में यदि राज्यसभा सीट भी निकल जाती है तो यह पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा। विधानसभा में फ्लोर टेस्ट
दूसरी चिंता की वजह यह है कि लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा का गणित बदल गया है। इसको लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगातार सरकार के अल्पमत में होने का दावा कर रहे हैं। कांग्रेस, जजपा और इनेलो हरियाणा गवर्नर को लेटर भी लिख चुके हैं और फ्लोर टेस्ट की मांग कर चुके हैं। हालांकि सरकार यह दावा जरूर कर रही है कि कांग्रेस भ्रामक खबरें फैला रही है, ऐसा कुछ भी नहीं है। क्यों बने ऐसे हालात…
हरियाणा में पहले बीजेपी (41) और जजपा (10) की गठबंधन की सरकार थी। लोकसभा चुनाव से ठीक ये गठबंधन टूट गया, लेकिन बीजेपी ने 6 निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर फिर से सरकार बना दी। हालांकि लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले 3 निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस ले लिया। पहले 3 विधायकों के कम होने और निर्दलीयों के समर्थन के वापसी के बाद विपक्षी दलों के द्वारा सरकार के अल्पमत होने का दावा किया जा रहा है। विपक्ष एक साथ आया तो बढ़ेंगी मुश्किलें
हरियाणा में अब 87 सदस्यीय इस विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। हालांकि करनाल से सीएम सैनी के जीतने के बाद सदन में भाजपा के 41 विधायक पूरे हो चुके हैं। हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर भाजपा दूर दिखाई दे रही है। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और इनेलो यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसकी वजह यह है कि विपक्ष के पास अभी कुल 44 विधायक हैं, जिसमें कांग्रेस के 29 ( वरुण चौधरी को छोड़कर), जजपा के 10, 4 निर्दलीय और 1 इनेलो के अभय चौटाला शामिल हैं। ये वह 2 कारण, जिसके कारण सेफ है सरकार पहला: सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी। दूसरा: जजपा ने अपने दो विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां याचिका दायर की हुई है। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर पक्ष और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जो भाजपा से एक कम है।