HMPV वायरस कोई नया नहीं है। साल 2001 में पहली बार ये वायरस सामने आया और साल 2004 से भारत में यह रिपोर्ट हो रहा है। ऐसे में इसको लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है, बस सतर्क रहना है। सतर्कता ही बचाव के लिए सबसे ठोस उपाय है। इसकी चपेट में ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग आते हैं। पर अधिकतर रिकवर भी हो जाते हैं। ऐसे में परेशानी की कोई बात नहीं है। ये कहना है किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ अमिता जैन का। उन्होंने बताया कि पहले भी इस वायरस से संक्रमित कुछ मामले सामने आ चुके हैं पर उन्हें कोई खास परेशानी नहीं हुई। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 93वें एपिसोड में यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय की डीन और माइक्रोबायोलॉजी विभाग की हेड डॉ. अमिता जैन से खास बातचीत… डॉ. अमिता जैन ने बताया कि डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन के मरीजों को थोड़ा ज्यादा अलर्ट रहना होगा। HMPV वायरस कोई नया नहीं है। साल 2001 में पहली बार ये वायरस सामने आया और साल 2004 से भारत में यह रिपोर्ट हो रहा है। ऐसे में इसको लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है, बस सतर्क रहना है। सतर्कता ही बचाव के लिए सबसे ठोस उपाय है। इसकी चपेट में ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग आते हैं। पर अधिकतर रिकवर भी हो जाते हैं। ऐसे में परेशानी की कोई बात नहीं है। ये कहना है किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ अमिता जैन का। उन्होंने बताया कि पहले भी इस वायरस से संक्रमित कुछ मामले सामने आ चुके हैं पर उन्हें कोई खास परेशानी नहीं हुई। कैंपस@लखनऊ सीरीज के 93वें एपिसोड में यूपी के सबसे बड़े चिकित्सा विश्वविद्यालय की डीन और माइक्रोबायोलॉजी विभाग की हेड डॉ. अमिता जैन से खास बातचीत… डॉ. अमिता जैन ने बताया कि डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हाइपरटेंशन के मरीजों को थोड़ा ज्यादा अलर्ट रहना होगा। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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क्या है युवराज सिंह और बिल्डर के बीच का विवाद? HC ने की है मध्यस्थ की नियुक्ति <p style=”text-align: justify;”><strong>Yuvraj Singh News:</strong> युवराज सिंह और रियल एस्टेट फर्म ब्रिलियंट एटोइल प्राइवेट लिमिटेड के बीच में विवाद सुलझाने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला लिया है. कोर्ट ने दोनों के बीच मध्यस्थता बनाने के लिए मीडिएटर नियुक्त किया है. जस्टिस सी हरि शंकर के आदेश पर एडवोकेट और सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल के पूर्व उपाध्यक्ष मुकेश गुप्ता ये जिम्मेदारी संभालेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गुरुवार 8 अगस्त को जस्टिस ने आदेश दिया दिल्ली इंटरनेशनल आरबिट्रेशन सेंटर (DIAC) के तत्वावधान में यह मध्यस्थता होगी और इसके सभी नियमों का पालन किया जाएगा. विद्वान मध्यस्थ डीआईएसी द्वारा बनाए गए शुल्क की अनुसूची के अनुसार शुल्क के हकदार होंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>युवराज सिंह ने दायर की थी याचिका</strong><br />दरअसल, पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है. रियल एस्टेट कंपनी से उन्होंने जो फ्लैट बुक किया था, वह तय समय गुजरने के बाद भी डिलीवर नहीं किया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>साल 2021 में युवराज सिंह ने हौज खास में एक फ्लैट की बुकिंग कराई थी. उस समय फ्लैट की कीमत 14 करोड़ 10 लाख रुपये बताई गई थी. नवंबर 2023 में उन्हें पोजेशन लेटर मिला लेकिन जब जांच की गई तो फ्लैट की क्वॉलिटी बेहद खराब थी. पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि बिल्डर ने सामान की क्वॉलिटी में समझौता किया और फिटिंग्स, लाइटिंग और फिनिशिंग का काम खराब किया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इतना ही नहीं, युवराज सिंह ने अपनी ब्रांड वैल्यू के दुरुपयोग का आरोप लगाया और कहा कि समझौते की अवधि से परे उनके व्यक्तित्व अधिकारों का उपयोग करके एमओयू की शर्तों का उल्लंघन किया गया. एमओयू के मुताबिक, नवंबर 2023 के बाद प्रोजेक्ट की एडवरटाइजिंग के लिए युवराज सिंह के व्यक्तित्व का उपयोग नहीं किया जा सकता था, लेकिन बिल्डर ने फिर भी ऐसा किया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”कोर्ट ने बढ़ाई CM अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत, VC के जरिए हुए पेश” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/arvind-kejriwal-judicial-custody-extended-till-september-2-in-delhi-excise-policy-case-2760355″ target=”_blank” rel=”noopener”>कोर्ट ने बढ़ाई CM अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत, VC के जरिए हुए पेश</a></strong></p>
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करनाल में किसान को अज्ञात वाहन ने कुचला:खेत में पानी देखकर आ रहा था घर, दो बच्चों के सिर से उठा पिता का साया हरियाणा में करनाल-कैथल स्टेट हाईवे पर दादुपुर के पास एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसमें एक बाइक चालक युवा किसान को अज्ञात वाहन ने कुचल दिया। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। देर रात करीब 10 बजे युवक अपने खेत से पानी देखकर वापस घर लौट रहा था। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी हाउस में रखवा दिया। पोस्टमार्टम के बाद आज शव परिजनों को सौंपा दिया जाएगा। खेत से घर लौट रहा था युवक मृतक की पहचान गांव दादुपुर निवासी अमित कुमार(35) के रूप में हुई है। जो कि एक किसान का बेटा था, सोमवार देर रात करीब 10 बजे वह अपनी बाइक पर सवार होकर अपने खेत पानी देखकर से घर लौट रहा था। लेकिन रास्ते में ही किसी अज्ञात वाहन ने उसे कुचल दिया। हाइवे पर अंधेरे का आलम
प्रत्यक्षदर्शी संजीव, रामपाल ने बताया कि इस हाईवे पर घना अंधेरा रहता है। यहां पर एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं है, जिसकी वजह से इस प्रकार की दुर्घटनाएं अक्सर होती हैं। हाइवे पर अंधेरे की वजह से अमित को वाहन दिखाई नहीं दिया और यह हादसा हो गया। दो बच्चों के सिर उठा पिता का साया मृतक के अमित के दादा ने बताया कि अमित की कुछ साल पहले ही शादी हुई थी। शादी के बाद उसको दो बच्चे भी है। उसकी मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। दोनों बच्चों के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया। वहीं गांव के लोग भी इस हादसे से स्तब्ध हैं और उन्होंने प्रशासन से हाईवे पर उचित लाइटिंग और सुरक्षा उपायों की मांग की है। पुलिस की कार्रवाई हादसे के बाद मौके पर पहुंचे सदर थाना के जांच अधिकारी सुरेंद्र ने बताया कि एक्सीडेंट में दादुपुर के अमित की मौत हुई है। अज्ञात वाहन की टक्कर के कारण यह हादसा हुआ। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। आज पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
दिल्ली की अदालत ने 32 साल तक मुकदमें की सुनवाई के बाद केस को किया स्थगित, कहा- ’90 साल के पूर्व IAS…’
दिल्ली की अदालत ने 32 साल तक मुकदमें की सुनवाई के बाद केस को किया स्थगित, कहा- ’90 साल के पूर्व IAS…’ <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Court Latest News:</strong> दिल्ली की एक अदालत ने 32 साल की सुनवाई के बाद एक पूर्व आईएएस अधिकारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) का मामला बंद कर दिया है. अदालत ने कहा कि आरोपी की उम्र लगभग 90 वर्ष है और उनकी मानसिक स्थिति अस्थिर है. विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) अनिल अंतिल ने नगालैंड सरकार के मुख्य सचिव रह चुके सुरेन्द्र सिंह अहलूवालिया के खिलाफ मामला बंद कर दिया और उन्हें “मुकदमे का सामना करने के लिए अस्वस्थ” घोषित कर दिया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने अपने फैसले में कहा, “जब व्यवस्था विफल हो जाती है” तो सत्य अन्याय की छाया में छिप जाता है. उन्होंने 12 जुलाई को पारित आदेश में कहा, “यह इस मामले की पूरी कहानी और नियति है.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मुकदमा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस अनिल अंतिल ने कहा कि इस समय तक मुख्य आरोपी अहलूवालिया जो अब लगभग 90 वर्ष के हो चुके हैं, “मानसिक रूप से अस्थिर और अस्वस्थ हो गए हैं और उन्हें मुकदमे का सामना करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है (उनके खिलाफ मुकदमा पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो चुका है).” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गवाहों को पेश नहीं कर पाई CBI</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 327 गवाहों का हवाला दिया था. न्यायाधीश ने कहा कि इनमें से 48 को होटल और अतिथि गृह जैसे अस्थायी पतों पर रहते हुए दिखाया गया था. एजेंसी को अच्छी तरह पता था कि वे कभी गवाही के लिए उपलब्ध नहीं होंगे. अदालत ने कहा, “शेष 200 गवाहों की या तो मृत्यु हो चुकी थी या वे अपना पता छोड़ चुके थे या अपनी बीमारियों के कारण अदालत में उपस्थित होने और गवाही देने में असमर्थ थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये है पूरा मामला </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने पिछले 32 वर्षों के दौरान केवल 87 गवाहों की ही जांच की गई. सीबीआई के अनुसार नगालैंड और नई दिल्ली में विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए अहलूवालिया ने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की. सीबीआई ने आरोप लगाया था कि उन्होंने 28 मार्च, 1987 तक अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक लगभग 68 लाख रुपये की संपत्ति अर्जित की थी. </p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस अनिल अंतिल के मुताबिक अहलूवालिया के छोटे भाई इंद्रजीत सिंह को भी बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष उनके खिलाफ मामला साबित करने में बुरी तरह विफल रहा. दिल्ली की अदालत ने पूर्व आईएएस अफसर के खिलाफ 32 साल पुराने मामले को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया. </p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>