मेरठ के 6 डॉक्टरों पर FIR दर्ज हुई। आरोप- ऑपरेशन के दौरान बुलंदशहर की महिला की किडनी निकाल ली। खुलासा 5 साल बाद हुआ, जब महिला ने पेट दर्द की दिक्कत पर अल्ट्रासाउंड कराया। महिला हॉस्पिटल से लेकर पुलिस स्टेशन तक चक्कर काटती रही। सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट पहुंची। कोर्ट के आदेश पर FIR हुई। जिस KMC हॉस्पिटल पर ये आरोप लगे हैं, उसकी गिनती मेरठ के बड़े अस्पतालों में होती है। हालांकि ये हॉस्पिटल विवादों में रहा है। कोरोना महामारी के वक्त ऑक्सीजन की कमी से 61 मरीजों की मौत के आरोप लगे थे। हॉस्पिटल मालिक डॉ. सुनील गुप्ता रसूखदार हैं। फिलहाल जिस महिला की एक किडनी गायब है, वो इंसाफ चाहती है। दैनिक भास्कर की टीम ने पीड़ित परिवार से पूरा मामला समझा। पुलिस और हॉस्पिटल प्रबंधन से भी बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले पढ़िए FIR कॉपी
भास्कर टीम बुलंदशहर के कस्बा बुगरासी पहुंची। यहां बाईपास के नजदीक एक छोटी-सी गली में कविता का मकान है। परिवार में पति और तीन बच्चे हैं। पति जयदेव मजदूरी करते हैं। जबकि तीन में से दो बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं। कविता जाटव ने बताया, वह 13 जनवरी, 2024 को थाना नरसैना में FIR कराई। इसमें KMC हॉस्पिटल मेरठ के प्रबंधक डॉक्टर सुनील गुप्ता, उनकी पत्नी डॉ. प्रतिभा गुप्ता सहित डॉ. अजय एन वत्स, डॉ. सीमा वार्ष्णेय, डॉ. निकिता जग्गी और डॉ. सतीश कुमार अरोरा को नामजद किया है। इन सभी पर मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम-1994 (Human Organ Transplantation Act-1994) की धारा 18 सहित कई धाराएं लगाई गई हैं। कविता ने बताया- साल 2010 के आसपास मुझे तेज बुखार आया। इसके बाद पेट दर्द की दिक्कत रहने लगी। मैं मेडिकल स्टोर से दवाइयां लेकर खाती रही। कई साल बाद भी पेट दर्द ठीक नहीं हुआ तो स्थानीय डॉक्टरों ने इलाज के लिए मेरठ के KMC हॉस्पिटल का नाम सुझाया। 20 मई 2017 को मैं KMC हॉस्पिटल पहुंची। यहां डॉक्टरों ने कई तरह के चेकअप कराए। फिर मुझे बताया गया कि मेरी एक किडनी में इन्फेक्शन है। सर्जरी करके किडनी को दोबारा से फिट किया जाएगा। उसी दिन डॉक्टरों ने मुझे एडमिट करके इलाज शुरू कर दिया। 5वें दिन 24 मई को डिस्चार्ज होने के बाद मैं घर आ गई। अल्ट्रासाउंड स्टाफ ने पूछा- क्या तुमने एक किडनी बेच दी?
कविता ने बताया- करीब दो-तीन साल बाद मुझे फिर से पेट दर्द की दिक्कत शुरू हुई। मैंने फिर से स्थानीय डॉक्टरों से पेट दर्द की दवा लेनी शुरू कर दी। जब ज्यादा दिक्कत बढ़ी तो फिर से KMC हॉस्पिटल मेरठ पहुंची। डॉक्टरों ने फिर अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। जब मैं अल्ट्रासाउंड रूम में पहुंची तो उस स्टाफ को ये जानकारी नहीं थी कि मेरा इलाज पहले यहां हो चुका है। स्टाफ ने जांच के दौरान मुझसे पूछा क्या तुमने एक किडनी बेच दी है? मैंने कहा- नहीं। फिर उन्होंने मुझे बताया कि आपकी एक किडनी नहीं है। जब मैंने स्टाफ को बताया कि मेरा इलाज इसी हॉस्पिटल में हुआ है तो उन्होंने अल्ट्रासाउंड की जांच रिपोर्ट नहीं दी। महिला ने जब ये बात हॉस्पिटल प्रबंधक सुनील गुप्ता को बताई तो उन्होंने महिला के इलाज के सारे कागज छीनकर फाड़ दिए और उसे भगा दिया। जब भर्ती हुई, तब दोनों किडनी थीं
कविता ने हमें KMC हॉस्पिटल की पुरानी जांच रिपोर्ट दिखाई। ये रिपोर्ट उस वक्त की है, जब वो साल-2017 में इस हॉस्पिटल में भर्ती हुई थीं। रिपोर्ट में दाईं और बाईं किडनी मौजूद दिखाई गई हैं। इसमें दाईं किडनी के बारे में लिखा है कि पेल्विकैलीसियल सिस्टम (किडनी से जुड़ा एक सिस्टम) सामान्य प्रतीत होता है और मूत्रवाहिनी (यूरेटर) सामान्य है। जबकि बाईं किडनी के बारे में लिखा है कि सामान्य है। इससे स्पष्ट है कि इस हॉस्पिटल में भर्ती होने के वक्त उनकी दोनों किडनी मौजूद थीं। जबकि 28 अक्टूबर 2022 को मेरठ के बच्चा पार्क स्थित डॉक्टर ओपी गुप्ता इमेजिंग सेंटर की अल्ट्रासाउंड जांच रिपोर्ट में लिखा है कि बाईं किडनी दिखाई नहीं दे रही है। कविता ने बताया- मैंने कई और इमेजिंग सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड कराया। सभी जांच रिपोर्ट में यही बात बताई गई है कि बाईं किडनी नहीं है। महिला बोली- लीगल नोटिस भेजने पर डॉक्टर ने गुंडों से धमकाया
कविता ने बताया- मेरठ के डॉ. ओपी गुप्ता इमेजिंग सेंटर से एक किडनी नहीं होने की रिपोर्ट आने के बाद हमने शिकायत बुगरासी पुलिस चौकी पर की। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी शिकायत की कॉपी भेजी। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद किसी ने हमें कोर्ट के जरिए कार्रवाई कराने की सलाह दी। फिर हमने बुलंदशहर में ACJM-3 की कोर्ट में ये केस दायर किया। कोर्ट को सारे सबूत दिखाए। जिसके बाद कोर्ट ने छह डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। पीड़िता ने बताया- कोर्ट केस करने से पहले हमने अपने वकील के जरिए केएमसी हॉस्पिटल मेरठ के प्रबंधक डॉ. सुनील गुप्ता को लीगल नोटिस भिजवाया था। नोटिस पाने के बाद डॉक्टर ने 8 जुलाई 2023 को हमारे घर पर कुछ गुंडे भेज दिए। हमें धमकी दिलाई कि मुकदमा वापस लें, वरना जान से मार देंगे। कविता का कहना है कि इलाज की वजह से वह मजदूरी करने नहीं जा पा रही है। परिवार भी कर्जे में है। अब KMC हॉस्पिटल के बारे में जानिए
बुलंदशहर में बागपत रोड पर KMC हॉस्पिटल है। इसका कैंसर इंस्टीट्यूट भी है। KMC से जुड़े सभी संस्थानों के मालिक डॉ. सुनील गुप्ता हैं। इस हॉस्पिटल में काम करने वाले एक कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि कोरोना महामारी के वक्त प्रबंध तंत्र ने जान बूझकर ऑक्सीजन प्रेशर को कम करने का दबाव बनाया था। क्योंकि उस वक्त ऑक्सीजन सिलेंडरों के लिए मारा-मारी थी। मार्केट में इतने सिलेंडर उपलब्ध नहीं थे। इस वजह से 61 मरीजों की मौत हो गई। हालांकि प्रशासनिक जांच में ये आरोप सही साबित नहीं हुए। इसके अलावा मरीजों की मौत को लेकर इस हॉस्पिटल में कई बार हंगामे भी हो चुके हैं। हॉस्पिटल संचालक बोले- रुपए न देने पर कराया मुकदमा
महिला के आरोपों को लेकर केएमसी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा- महिला के आरोप निराधार हैं। उसके पास हॉस्पिटल का डिस्चार्ज कार्ड भी नहीं है। उसने पैसे के लिए ये सब किया है। ‘हॉस्पिटल वाले तीन-चार साल तक बरगलाते रहे’
महिला के वकील परितोष तेवतिया ने बताया- महिला की बिना परमिशन के उसकी किडनी निकाल ली गई। तब से महिला इधर-उधर भटक रही थी। मेरे संज्ञान में जब मामला आया तो कोर्ट केस किया गया। अब कोर्ट के आदेश पर डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। ‘जांच में जो फैक्ट आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे’
बुलंदशहर के SP सिटी शंकर प्रसाद ने बताया- थाना नरसैना पर इस संबंध में शिकायत मिली है। कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। कविता नाम की महिला ने मेरठ के हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर आरोप लगाया है कि इलाज के दौरान उसकी किडनी निकाल ली गई। ——————– ये खबर भी पढ़ें… प्रयागराज में BJP नेता को थाने में बेरहमी से पीटा:कपड़े उतारकर घाव के निशान दिखाए; अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष हैं प्रयागराज में भाजपा नेता मनोज पासी को झूंसी पुलिस ने थाने में बुलाकर बेरहमी से पीटा। मनोज भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष हैं। मनोज पासी का कहना है कि पिटाई के समय थानाध्यक्ष उपेंद्र प्रताप सिंह भी मौजूद थे। पिटाई के बाद भाजपा नेता मनोज पासी ने थाने के बाहर खड़े होकर वीडियो बनाया और घाव के निशान दिखाए हैं। (पढ़ें पूरी खबर) मेरठ के 6 डॉक्टरों पर FIR दर्ज हुई। आरोप- ऑपरेशन के दौरान बुलंदशहर की महिला की किडनी निकाल ली। खुलासा 5 साल बाद हुआ, जब महिला ने पेट दर्द की दिक्कत पर अल्ट्रासाउंड कराया। महिला हॉस्पिटल से लेकर पुलिस स्टेशन तक चक्कर काटती रही। सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट पहुंची। कोर्ट के आदेश पर FIR हुई। जिस KMC हॉस्पिटल पर ये आरोप लगे हैं, उसकी गिनती मेरठ के बड़े अस्पतालों में होती है। हालांकि ये हॉस्पिटल विवादों में रहा है। कोरोना महामारी के वक्त ऑक्सीजन की कमी से 61 मरीजों की मौत के आरोप लगे थे। हॉस्पिटल मालिक डॉ. सुनील गुप्ता रसूखदार हैं। फिलहाल जिस महिला की एक किडनी गायब है, वो इंसाफ चाहती है। दैनिक भास्कर की टीम ने पीड़ित परिवार से पूरा मामला समझा। पुलिस और हॉस्पिटल प्रबंधन से भी बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले पढ़िए FIR कॉपी
भास्कर टीम बुलंदशहर के कस्बा बुगरासी पहुंची। यहां बाईपास के नजदीक एक छोटी-सी गली में कविता का मकान है। परिवार में पति और तीन बच्चे हैं। पति जयदेव मजदूरी करते हैं। जबकि तीन में से दो बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं। कविता जाटव ने बताया, वह 13 जनवरी, 2024 को थाना नरसैना में FIR कराई। इसमें KMC हॉस्पिटल मेरठ के प्रबंधक डॉक्टर सुनील गुप्ता, उनकी पत्नी डॉ. प्रतिभा गुप्ता सहित डॉ. अजय एन वत्स, डॉ. सीमा वार्ष्णेय, डॉ. निकिता जग्गी और डॉ. सतीश कुमार अरोरा को नामजद किया है। इन सभी पर मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम-1994 (Human Organ Transplantation Act-1994) की धारा 18 सहित कई धाराएं लगाई गई हैं। कविता ने बताया- साल 2010 के आसपास मुझे तेज बुखार आया। इसके बाद पेट दर्द की दिक्कत रहने लगी। मैं मेडिकल स्टोर से दवाइयां लेकर खाती रही। कई साल बाद भी पेट दर्द ठीक नहीं हुआ तो स्थानीय डॉक्टरों ने इलाज के लिए मेरठ के KMC हॉस्पिटल का नाम सुझाया। 20 मई 2017 को मैं KMC हॉस्पिटल पहुंची। यहां डॉक्टरों ने कई तरह के चेकअप कराए। फिर मुझे बताया गया कि मेरी एक किडनी में इन्फेक्शन है। सर्जरी करके किडनी को दोबारा से फिट किया जाएगा। उसी दिन डॉक्टरों ने मुझे एडमिट करके इलाज शुरू कर दिया। 5वें दिन 24 मई को डिस्चार्ज होने के बाद मैं घर आ गई। अल्ट्रासाउंड स्टाफ ने पूछा- क्या तुमने एक किडनी बेच दी?
कविता ने बताया- करीब दो-तीन साल बाद मुझे फिर से पेट दर्द की दिक्कत शुरू हुई। मैंने फिर से स्थानीय डॉक्टरों से पेट दर्द की दवा लेनी शुरू कर दी। जब ज्यादा दिक्कत बढ़ी तो फिर से KMC हॉस्पिटल मेरठ पहुंची। डॉक्टरों ने फिर अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। जब मैं अल्ट्रासाउंड रूम में पहुंची तो उस स्टाफ को ये जानकारी नहीं थी कि मेरा इलाज पहले यहां हो चुका है। स्टाफ ने जांच के दौरान मुझसे पूछा क्या तुमने एक किडनी बेच दी है? मैंने कहा- नहीं। फिर उन्होंने मुझे बताया कि आपकी एक किडनी नहीं है। जब मैंने स्टाफ को बताया कि मेरा इलाज इसी हॉस्पिटल में हुआ है तो उन्होंने अल्ट्रासाउंड की जांच रिपोर्ट नहीं दी। महिला ने जब ये बात हॉस्पिटल प्रबंधक सुनील गुप्ता को बताई तो उन्होंने महिला के इलाज के सारे कागज छीनकर फाड़ दिए और उसे भगा दिया। जब भर्ती हुई, तब दोनों किडनी थीं
कविता ने हमें KMC हॉस्पिटल की पुरानी जांच रिपोर्ट दिखाई। ये रिपोर्ट उस वक्त की है, जब वो साल-2017 में इस हॉस्पिटल में भर्ती हुई थीं। रिपोर्ट में दाईं और बाईं किडनी मौजूद दिखाई गई हैं। इसमें दाईं किडनी के बारे में लिखा है कि पेल्विकैलीसियल सिस्टम (किडनी से जुड़ा एक सिस्टम) सामान्य प्रतीत होता है और मूत्रवाहिनी (यूरेटर) सामान्य है। जबकि बाईं किडनी के बारे में लिखा है कि सामान्य है। इससे स्पष्ट है कि इस हॉस्पिटल में भर्ती होने के वक्त उनकी दोनों किडनी मौजूद थीं। जबकि 28 अक्टूबर 2022 को मेरठ के बच्चा पार्क स्थित डॉक्टर ओपी गुप्ता इमेजिंग सेंटर की अल्ट्रासाउंड जांच रिपोर्ट में लिखा है कि बाईं किडनी दिखाई नहीं दे रही है। कविता ने बताया- मैंने कई और इमेजिंग सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड कराया। सभी जांच रिपोर्ट में यही बात बताई गई है कि बाईं किडनी नहीं है। महिला बोली- लीगल नोटिस भेजने पर डॉक्टर ने गुंडों से धमकाया
कविता ने बताया- मेरठ के डॉ. ओपी गुप्ता इमेजिंग सेंटर से एक किडनी नहीं होने की रिपोर्ट आने के बाद हमने शिकायत बुगरासी पुलिस चौकी पर की। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी शिकायत की कॉपी भेजी। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद किसी ने हमें कोर्ट के जरिए कार्रवाई कराने की सलाह दी। फिर हमने बुलंदशहर में ACJM-3 की कोर्ट में ये केस दायर किया। कोर्ट को सारे सबूत दिखाए। जिसके बाद कोर्ट ने छह डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। पीड़िता ने बताया- कोर्ट केस करने से पहले हमने अपने वकील के जरिए केएमसी हॉस्पिटल मेरठ के प्रबंधक डॉ. सुनील गुप्ता को लीगल नोटिस भिजवाया था। नोटिस पाने के बाद डॉक्टर ने 8 जुलाई 2023 को हमारे घर पर कुछ गुंडे भेज दिए। हमें धमकी दिलाई कि मुकदमा वापस लें, वरना जान से मार देंगे। कविता का कहना है कि इलाज की वजह से वह मजदूरी करने नहीं जा पा रही है। परिवार भी कर्जे में है। अब KMC हॉस्पिटल के बारे में जानिए
बुलंदशहर में बागपत रोड पर KMC हॉस्पिटल है। इसका कैंसर इंस्टीट्यूट भी है। KMC से जुड़े सभी संस्थानों के मालिक डॉ. सुनील गुप्ता हैं। इस हॉस्पिटल में काम करने वाले एक कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि कोरोना महामारी के वक्त प्रबंध तंत्र ने जान बूझकर ऑक्सीजन प्रेशर को कम करने का दबाव बनाया था। क्योंकि उस वक्त ऑक्सीजन सिलेंडरों के लिए मारा-मारी थी। मार्केट में इतने सिलेंडर उपलब्ध नहीं थे। इस वजह से 61 मरीजों की मौत हो गई। हालांकि प्रशासनिक जांच में ये आरोप सही साबित नहीं हुए। इसके अलावा मरीजों की मौत को लेकर इस हॉस्पिटल में कई बार हंगामे भी हो चुके हैं। हॉस्पिटल संचालक बोले- रुपए न देने पर कराया मुकदमा
महिला के आरोपों को लेकर केएमसी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. सुनील गुप्ता ने कहा- महिला के आरोप निराधार हैं। उसके पास हॉस्पिटल का डिस्चार्ज कार्ड भी नहीं है। उसने पैसे के लिए ये सब किया है। ‘हॉस्पिटल वाले तीन-चार साल तक बरगलाते रहे’
महिला के वकील परितोष तेवतिया ने बताया- महिला की बिना परमिशन के उसकी किडनी निकाल ली गई। तब से महिला इधर-उधर भटक रही थी। मेरे संज्ञान में जब मामला आया तो कोर्ट केस किया गया। अब कोर्ट के आदेश पर डॉक्टरों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। ‘जांच में जो फैक्ट आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे’
बुलंदशहर के SP सिटी शंकर प्रसाद ने बताया- थाना नरसैना पर इस संबंध में शिकायत मिली है। कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। कविता नाम की महिला ने मेरठ के हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर आरोप लगाया है कि इलाज के दौरान उसकी किडनी निकाल ली गई। ——————– ये खबर भी पढ़ें… प्रयागराज में BJP नेता को थाने में बेरहमी से पीटा:कपड़े उतारकर घाव के निशान दिखाए; अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष हैं प्रयागराज में भाजपा नेता मनोज पासी को झूंसी पुलिस ने थाने में बुलाकर बेरहमी से पीटा। मनोज भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश कोषाध्यक्ष हैं। मनोज पासी का कहना है कि पिटाई के समय थानाध्यक्ष उपेंद्र प्रताप सिंह भी मौजूद थे। पिटाई के बाद भाजपा नेता मनोज पासी ने थाने के बाहर खड़े होकर वीडियो बनाया और घाव के निशान दिखाए हैं। (पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर