<p style=”text-align: justify;”><strong>Prashant Kishor News: </strong><span style=”font-weight: 400;”>जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने गुरुवार (16 जनवरी, 2025) को गंगा में डुबकी लगाकर अपना आमरण अनशन तोड़ दिया. उन्होंने हवन भी किया. दो जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे थे. इसके बाद एलसीटी घाट के किनारे जन सुराज के कैंप में अपने संबोधन से उन्होंने पहले केला खाया और जूस पीकर अनशन तोड़ा. कहा कि 14 दिनों से छात्रों के संघर्ष के समर्थन में उन्होंने आमरण अनशन शुरू किया था.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>प्रशांत किशोर ने कहा कि बीपीएससी के छात्रों ने सरकार को काफी समय दिया. राज्यपाल से लेकर मुख्य सचिव ने छात्रों की समस्या को सुना मगर किसी ने कुछ नहीं किया. अब न्यायालय पर भरोसा है. पीके ने कहा कि बिहार में सिर्फ छात्रों की समस्या की बात नहीं होगी. पूरे बिहार की समस्या को सुधारने के लिए वे सत्याग्रह करेंगे. उन्होंने कहा, “आज से मैं यहां से सत्याग्रह शुरू करने जा रहा हूं. ‘बिहार सत्याग्रह आश्रम’ इस स्थल का नाम दिया गया है.”</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एक लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार से अनुमति लेकर जिनकी जमीन पर टेंट लगा है उनको किराया देकर उन्होंने व्यवस्था बनाई है. बिहार का कोई भी व्यक्ति हो वो यहां आकर अपनी आवाज रख सकता है. उन्होंने कहा कि इस ‘आश्रम’ (कैंप) को शुरू करने के पीछे एक संकल्प ये है कि आने वाले आठ सप्ताह में एक लाख युवाओं को यहां लाकर सत्याग्रह की ताकत और उसके द्वारा बिहार के समाज की चेतना को पुनर्जीवित करने के लिए यहां से प्रशिक्षित करेंगे. युवा जाएं और बिहार के समाज को जगाएं बताएं समझाएं कि जातीय धार्मिक उन्माद में पड़कर जब तक वोट देते रहोगे तब तक इसी तरह की संवेदनशील व्यवस्था को झेलना पड़ेगा.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>पीके ने कहा कि एक बार अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए, शिक्षा के लिए, रोजगार के लिए, बिहार में पलायन बंद हो इसके लिए, किसानों की समृद्धि के लिए, महिलाओं को रोजगार मिले इसके लिए, इन संकल्पों के साथ ये रास्ता युवाओं को मिले कि सत्याग्रह के जरिए इसे कैसे पूरा किया जा सके. अगले आठ सप्ताह तक वे यहीं रहेंगे और उन युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे. </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>कैंप को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि हम यहां पर रैली और धरना नहीं करेंगे. सत्य का राज हो, लोकतंत्र पैदा हो, लाठीतंत्र समाप्त हो इसलिए सत्याग्रह की शुरुआत की जा रही है. आने वाले समय में 5000 लोगों के यहां पर रहने की व्यवस्था की जाएगी. छात्र यहां पर आकर पढ़ेंगे जो गंगा किनारे पढ़ते हैं.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/70th-bpsc-re-exam-hearing-in-patna-high-court-on-petition-of-bpsc-candidates-ann-2864029″>70th BPSC Re-Exam: बीपीएससी अभ्यर्थियों की याचिका पर पटना हाईकोर्ट में हुई सुनवाई, एक घंटे 20 मिनट चली बहस</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Prashant Kishor News: </strong><span style=”font-weight: 400;”>जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने गुरुवार (16 जनवरी, 2025) को गंगा में डुबकी लगाकर अपना आमरण अनशन तोड़ दिया. उन्होंने हवन भी किया. दो जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे थे. इसके बाद एलसीटी घाट के किनारे जन सुराज के कैंप में अपने संबोधन से उन्होंने पहले केला खाया और जूस पीकर अनशन तोड़ा. कहा कि 14 दिनों से छात्रों के संघर्ष के समर्थन में उन्होंने आमरण अनशन शुरू किया था.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>प्रशांत किशोर ने कहा कि बीपीएससी के छात्रों ने सरकार को काफी समय दिया. राज्यपाल से लेकर मुख्य सचिव ने छात्रों की समस्या को सुना मगर किसी ने कुछ नहीं किया. अब न्यायालय पर भरोसा है. पीके ने कहा कि बिहार में सिर्फ छात्रों की समस्या की बात नहीं होगी. पूरे बिहार की समस्या को सुधारने के लिए वे सत्याग्रह करेंगे. उन्होंने कहा, “आज से मैं यहां से सत्याग्रह शुरू करने जा रहा हूं. ‘बिहार सत्याग्रह आश्रम’ इस स्थल का नाम दिया गया है.”</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एक लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार से अनुमति लेकर जिनकी जमीन पर टेंट लगा है उनको किराया देकर उन्होंने व्यवस्था बनाई है. बिहार का कोई भी व्यक्ति हो वो यहां आकर अपनी आवाज रख सकता है. उन्होंने कहा कि इस ‘आश्रम’ (कैंप) को शुरू करने के पीछे एक संकल्प ये है कि आने वाले आठ सप्ताह में एक लाख युवाओं को यहां लाकर सत्याग्रह की ताकत और उसके द्वारा बिहार के समाज की चेतना को पुनर्जीवित करने के लिए यहां से प्रशिक्षित करेंगे. युवा जाएं और बिहार के समाज को जगाएं बताएं समझाएं कि जातीय धार्मिक उन्माद में पड़कर जब तक वोट देते रहोगे तब तक इसी तरह की संवेदनशील व्यवस्था को झेलना पड़ेगा.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>पीके ने कहा कि एक बार अपने और अपने बच्चों के भविष्य के लिए, शिक्षा के लिए, रोजगार के लिए, बिहार में पलायन बंद हो इसके लिए, किसानों की समृद्धि के लिए, महिलाओं को रोजगार मिले इसके लिए, इन संकल्पों के साथ ये रास्ता युवाओं को मिले कि सत्याग्रह के जरिए इसे कैसे पूरा किया जा सके. अगले आठ सप्ताह तक वे यहीं रहेंगे और उन युवाओं को प्रशिक्षित करेंगे. </span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>कैंप को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि हम यहां पर रैली और धरना नहीं करेंगे. सत्य का राज हो, लोकतंत्र पैदा हो, लाठीतंत्र समाप्त हो इसलिए सत्याग्रह की शुरुआत की जा रही है. आने वाले समय में 5000 लोगों के यहां पर रहने की व्यवस्था की जाएगी. छात्र यहां पर आकर पढ़ेंगे जो गंगा किनारे पढ़ते हैं.</span></p>
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