हरियाणा क़े सोनीपत में आईएमटी खरखौदा स्थित जेबीएम मारुति कंपनी में ठेकेदार के अंडर कार्यरत मजदूर की छत से गिरने से मौत का मामला सामने आया है। मृतक उत्तर प्रदेश का रहने वाला था। मौके पर एफएसएल टीम ने नमूने एकत्रित किए हैं और वहीं पूरे मामले को लेकर पुलिस से जांच कर रही रही है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे, खरखौदा आईएमटी में मारुति प्लांट में 23 वर्षीय सूरज फिनिशिंग का काम कर रहा था।उसके साथ अन्य मजदूर भी काम कर रहें थे। इस दौरान सूरज का अचानक पैर फिसलने के कारण करीबन 20 फुट की ऊंचाई से नीचे गिर गया और मौके पर ही मौत हो गई। उत्तर प्रदेश का था सूरज मृतक सूरज बरेली, उत्तर प्रदेश का रहने वाला था और डीके कंपनी के माध्यम से जेबीएम मारुति में मजदूर के रूप में कार्यरत था। कंपनी में काफी ऊंचाई पर काम किया जा रहा था, लेकिन सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण यह हादसा हुआ है। सूरज अविवाहित था और खरखौदा आईएमटी में ठेकेदार के अंतर्गत कम कर रहा था। पुलिस मामले को लेकर कर रही जांच घटना की सूचना के बाद पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ कर रही है। इस घटना के बाद कंपनी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं पुलिस ने सूरज के परिजनों को सूचना दे दी है। परिजनों के बयान के आधार पर पुलिस से आगे की कार्रवाई करेगी। फिलहाल मृतक के शव को खरखौदा के नागरिक अस्पताल में रखवाया गया है। परिजनों के आने के बाद ही शव का पोस्टमॉर्टम होगा। हरियाणा क़े सोनीपत में आईएमटी खरखौदा स्थित जेबीएम मारुति कंपनी में ठेकेदार के अंडर कार्यरत मजदूर की छत से गिरने से मौत का मामला सामने आया है। मृतक उत्तर प्रदेश का रहने वाला था। मौके पर एफएसएल टीम ने नमूने एकत्रित किए हैं और वहीं पूरे मामले को लेकर पुलिस से जांच कर रही रही है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर नागरिक अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे, खरखौदा आईएमटी में मारुति प्लांट में 23 वर्षीय सूरज फिनिशिंग का काम कर रहा था।उसके साथ अन्य मजदूर भी काम कर रहें थे। इस दौरान सूरज का अचानक पैर फिसलने के कारण करीबन 20 फुट की ऊंचाई से नीचे गिर गया और मौके पर ही मौत हो गई। उत्तर प्रदेश का था सूरज मृतक सूरज बरेली, उत्तर प्रदेश का रहने वाला था और डीके कंपनी के माध्यम से जेबीएम मारुति में मजदूर के रूप में कार्यरत था। कंपनी में काफी ऊंचाई पर काम किया जा रहा था, लेकिन सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण यह हादसा हुआ है। सूरज अविवाहित था और खरखौदा आईएमटी में ठेकेदार के अंतर्गत कम कर रहा था। पुलिस मामले को लेकर कर रही जांच घटना की सूचना के बाद पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और कंपनी के अधिकारियों से पूछताछ कर रही है। इस घटना के बाद कंपनी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। वहीं पुलिस ने सूरज के परिजनों को सूचना दे दी है। परिजनों के बयान के आधार पर पुलिस से आगे की कार्रवाई करेगी। फिलहाल मृतक के शव को खरखौदा के नागरिक अस्पताल में रखवाया गया है। परिजनों के आने के बाद ही शव का पोस्टमॉर्टम होगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल पहुंचे कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा:बोले- किसानों के दिल्ली कूच का मुद्दा कृषि कानून नहीं, MSP पर खरीद रहे फसलें करनाल की महाराणा प्रताप हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी में आज हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने 6 दिसंबर को किसानों के दिल्ली कूच के सवाल पर कहा कि पिछली बार किसानों के दिल्ली कूच का कारण तीन कृषि कानून थे। तीन कृषि कानूनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वापिस ले लिया था, अब कोई मुद्दा नहीं है। मुद्दा एमएसपी का है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे 28 राज्य है, जिसमें हरियाणा भी है। हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी है और हरियाणा में 24 फसलें एमएसपी पर खरीदी जाती है। केंद्र सरकार भी एमएसपी पर खरीदी है और राज्य सरकार भी। उन्होंने कहा कि इसी तरह से यदि सारे राज्य अपने-अपने किसानों की फसलें एमएसपी पर खरीदना शुरू करे, तो कोई समस्या ही नहीं है। सीएम से मुलाकात कर सभी विधायक बगावत करने वाले अधिकारियों की शिकायत कर रहे है। इस सवाल पर श्याम सिंह राणा ने कहा कि अगर किसी अधिकारी ने ऐसा कुछ किया है तो उसकी इंक्वायरी हो जाती है और जांच के बाद कार्रवाई हो जाती है। मैंने आज तक 8 चुनाव लड़े है और मैंने आज तक किसी की भी शिकायत नहीं की है। भीतरघात करने वाला भीतरघात करेगा, लेकिन अपना आपा मजबूत होना चाहिए। गेहूं की बिजाई लगभग 80 से 85 प्रतिशत हो चुकी
धान घोटाले को लेकर पीवी होती है और उस दौरान बोरियों में छिलका तक रखा जाता है, इस सवाल पर कृषि मंत्री ने कहा कि इस तरह की कोई बात नहीं है। अगर जहां पर भी ऐसा होता है वहां पर जांच के बाद कार्रवाई हो जाती है। हरियाणा में गेहूं की बिजाई के सवाल पर उन्होंने कहा कि गेहूं की बिजाई लगभग 80 से 85 प्रतिशत हो चुकी है। कही पर बची हुई है तो वहां पर भी जल्द ही हो जाएगी। खाद बहुत है, डीएपी है और यूरिया की कोई कमी नहीं है। कृषि मंत्री राणा ने करनाल में महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय में अच्छा प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को सम्मानित किया।
हिसार भाजपा जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी बची:11 पार्षदों ने समर्थन का वादा किया, मंत्री गंगवा और ग्रोवर ने CM के सामने कराई परेड
हिसार भाजपा जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी बची:11 पार्षदों ने समर्थन का वादा किया, मंत्री गंगवा और ग्रोवर ने CM के सामने कराई परेड हरियाणा में हिसार के जिला परिषद चेयरमैन सोनू सिहाग डाटा की कुर्सी पर मंडरा रहे खतरे के बादल फिलहाल हट गए हैं। चेयरमैन के खिलाफ एकजुट हुए पार्षदों में सेंध लग गई है। कुछ पार्षद पाला बदलकर वापस चेयरमैन की तरफ चले गए हैं। वहीं पूर्व में कुर्सी नहीं जाने का दावा करने वाले चेयरमैन सोनू सिहाग का दाव विपक्षी पार्षदों पर भारी पड़ा है। चेयरमैन ने समर्थित पार्षदों की निष्ठा को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी के सामने ही उनकी परेड करवा दी। सोनू सिहाग को मजबूत करने में पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर गंगवा और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने अहम भूमिका निभाई। खास यह रही कि मंत्री गंगवा के आलोचक रहे वार्ड 20 के पार्षद दर्शन गिरी भी उनके साथ दिखाई दिए। जिला परिषद चेयरमैन की कुर्सी बचाने के लिए 11 पार्षदों का समर्थन चाहिए और इतने ही पार्षदों ने सीएम के सामने चेयरमैन का साथ देने का वादा किया है। चेयरमैन के खिलाफ एडीसी से मिलने पहुंचे थे पार्षद… चेयरमैन को इन पार्षदों का समर्थन चेयरमैन सोनू सिहाग को वार्ड 20 से पार्षद दर्शन गिरी महाराज, वार्ड 8 से वीर सिंह, वार्ड 26 से राजेंद्र चहल, वार्ड 7 से महेंद्र साहू, वार्ड 17 से मोहित मलिक, वार्ड 26 से यादवेंद्र यादव, वार्ड 28 से दिनेश श्योराण, वार्ड 3 से कर्मकेश कुंडू, वार्ड 1 से विकास सेलवाल, वार्ड 19 से ओपी मालिया और वाइस चेयरपर्सन रीना बूरा का समर्थन हासिल है। रीना बूरा के पति समुंद्र बूरा सीएम से मिले थे। जानिए हिसार जिला परिषद का गणित… हिसार जिला परिषद में 30 जोन है। भाजपा, जजपा और कांग्रेस ने अपने चुनाव चिन्ह पर उम्मीदवार नहीं उतारे थे। जैसे-जैसे चेयरमैन का चुनाव नजदीक आता रहा, दोनों पार्टियों के साथ पार्षद जुटते रहे। चेयरमैन-वाइस चेयरमैन चुनाव के समय 12 पार्षद भाजपा, 14 जजपा और 4 कांग्रेस के साथ चले गए। ऐसे में जजपा बड़ी पार्टी जरूर बनी लेकिन कुर्सी की चाबी कांग्रेस के हाथ चली गई। कांग्रेस ने भाजपा संग मिलकर खेल किया जिसमें पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला ने अंदरखाते पार्षद एकजुट किए थे और भाजपा का चेयरमैन बना। जानिये कैसे बची थी चेयरमैन की कुर्सी…
1. डीसी छुट्टी पर चले गए
भाजपा चेयरमैन को कुर्सी से हटाने के लिए करीब 24 पार्षद एकजुट हो गए थे। जिला परिषद में कुल 30 पार्षद हैं। ऐसे में चेयरमैन की कुर्सी पर खतरा हो गया था। इसके बाद पार्षद एकजुट होकर डीसी को अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने के लिए गए तो डीसी पहले ही छुट्टी जा चुके थे। 2. एडीसी का कुत्ता बीमार हो गया
डीसी की गैरमौजूदगी में हिसार एडीसी को पार्षद अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाने के लिए गए तो एडीसी पार्षदों के आने से पहले ही निकल पड़ी। पार्षदों ने पता किया तो पता चला एडीसी मैडम का कुत्ता बीमार हो गया है। पार्षदों के जाने के बाद एडीसी कार्यालय आई। 3. पार्षद दोबारा मिले तो हाथ खड़े किए
इसके बाद पार्षद एकत्रित होकर एडीसी से दोबारा मिले तो एडीसी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक बुलाना उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। एडीसी ने कहा कि डीसी साहब ट्रेनिंग पर बाहर गए हैं और उनके आने पर ही कुछ हो सकेगा। 4. चेयरमैन को कुर्सी बचाने का समय मिल
डीसी के छुट्टी जाने और एडीसी के हाथ खड़े करने के बाद चेयरमैन को कुर्सी बचाने का पूरा समय मिल गया। इस बीच चेयरमैन ने मंत्री रणबीर गंगवा और पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर से संपर्क किया और कुर्सी को बचाने की कवायद शुरू की। चेयरमैन को हटाने के लिए 21 पार्षदों की जरूरत
दरअसल, जिला परिषद चेयरमैन को हटाने के लिए 30 में से 21 पार्षदों की जरूरत है। जबकि चेयरमैन को अपने बचाव के लिए 11 पार्षद चाहिए। चेयरमैन शुरू से दावा करते रहे हैं कि उनके पास 14 पार्षदों का समर्थन है। मगर, एकजुट पार्षदों की संख्या 23 है ऐसे में चेयरमैन का दावा झूठा पड़ता दिखाई दे रहा है। वहीं चेयरमैन के करीबी दावा कर रहे हैं कि उन्हें कुछ कांग्रेस पार्षदों के अलावा 6 से 7 पार्षदों का समर्थन है। ऐसे मिली थी भाजपा चेयरमैन सोनू सिहाग को कुर्सी… 1. BJP ने मंत्री की ड्यूटी लगाई
BJP जानती थी कि हिसार जिला परिषद में चेयरमैन और वाइस चेयरमैन की कुर्सी कांग्रेस के समर्थन के बिना मिलनी मुश्किल है। इसलिए पूर्व बिजली मंत्री रणजीत चौटाला की ड्यूटी लगाई गई थी। रणजीत की पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ पुरानी दोस्ती थी। यहीं से पूरा सियासी चक्रव्यूह रचना शुरू कर दिया गया था। 2. हुड्डा भी जजपा की कुर्सी नहीं चाहते थे
भूपेंद्र हुड्डा भी नहीं चाहते थे कि हिसार में जजपा का दबदबा बढ़े। ऐसे में तय हो गया कि चेयरमैन BJP का बनेगा। वाइस चेयरमैन की कुर्सी कांग्रेस को मिलेगी। जिसके बाद वोटिंग हुई और BJP को चेयरमैन और कांग्रेस को वाइस चेयरमैन की कुर्सी मिल गई। कांग्रेस नेता ने कहा था- पैनल्टी कॉर्नर मिला, हमने गोल कर दिया
14 पार्षदों वाली जजपा सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद दोनों कुर्सियों से दूर रह गई थी। इस पर तब कांग्रेसी नेता धर्मवीर गोयत ने कहा था – रणजीत चौटाला ने हमें पैनल्टी कॉर्नर दिया और हमने गोल कर दिया। हम पहले चुपचाप इसलिए रहे, ताकि ये दोनों पार्टियां इक्ट्ठी न हो जाए। हमारे पास कर्मकेश कुंडू, दिनेश श्योराण, सुदेश रानी और रीना बदावड़ पार्षद थी। जिसमें रीना अब वाइस चेयरपर्सन बन गई हैं।
अंबाला में पिता कांग्रेस प्रत्याशी और बेटी बागी:निर्मल सिंह ने चित्रा के नामांकन से झाड़ा पल्ला, बोल- वो शादीशुदा-उसका खुद का फैसला
अंबाला में पिता कांग्रेस प्रत्याशी और बेटी बागी:निर्मल सिंह ने चित्रा के नामांकन से झाड़ा पल्ला, बोल- वो शादीशुदा-उसका खुद का फैसला हरियाणा के अंबाला में कांग्रेस नेत्री चित्रा सरवारा के आजाद नॉमिनेशन करने पर पिता निर्मल सिंह ने पल्ला झाड़ लिया है। चित्रा के पिता निर्मल सिंह को कांग्रेस ने अंबाला सिटी से टिकट दिया है, जबकि चित्रा भी टिकट के इंतजार में थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। जिसके बाद चित्रा सरवारा बगावती तेवर दिखाते हुए इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के तौर पर मैदान में उतर गई, और अंबाला कैंट सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। बता दें कि बीते जनवरी माह में दोनों ने आम आदमी पार्टी को अलविदा कहकर कांग्रेस में वापसी कर ली थी। वहीं चित्रा के आजाद प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करने पर पिता ने अपना पक्ष रखा और अपना बचाव करते हुए कहा कि उनकी बेटी शादीशुदा है और ये उसका खुद का फैसला है। ऐसे में जहां कांग्रेस ने बेटी के पिता को टिकट दिया, वहीं बेटी ने टिकट न मिलने पर तेवर तल्ख कर लिए। पिता-पुत्री की राजनीति ने अंबाला के गलियारों में हलचल मचा दी है और हर तरफ इसी की चर्चा है। 5 जनवरी को छोड़ दी थी AAP कांग्रेस से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले निर्मल सिंह ने अपनी बेटी चित्रा के साथ कांग्रेस छोड़ने के बाद करीब 2 साल तक आम आदमी पार्टी में अपनी सेवाएं दी। लेकिन बीती 5 जनवरी को उन्होंने AAP को अलविदा कह दिया और भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदय भान के नेतृत्व में कांग्रेस जॉइन कर ली थी। AAP छोड़ने का दोनों ने निजी कारण बताया था। सूत्रों के हवाले से कारण सामने आए थे कि निर्मल सिंह ने AAP की सीनियर लीडरशिप से इसी साल होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव में 2 सीटों की डिमांड की थी। वह खुद अंबाला सिटी से चुनाव लड़ना चाहते थे और बेटी चित्रा सरवारा के लिए अंबाला कैंट सीट से टिकट चाहते थे। पार्टी इसके हक में नहीं थी। AAP की सीनियर लीडरशिप चाहती थी कि निर्मल सिंह विधानसभा चुनाव की जगह लोकसभा चुनाव लड़ें। पार्टी ने उन्हें इसके लिए तैयारी करने को भी कह दिया था। नंगल की सीट से 4 बार के विधायक रहे चुके है निर्मल निर्मल सिंह कांग्रेस के टिकट पर अंबाला की नंगल सीट से 4 बार विधायक रह चुके हैं। निर्मल सिंह को अंबाला जिले में ‘प्रधानजी’ के नाम से बुलाया जाता है। निर्मल सिंह लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं, इसलिए उनके दिल्ली में बैठे कांग्रेस के आला नेताओं के साथ-साथ हरियाणा के पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा से भी अच्छे संबंध हैं। इन्हीं संबंधों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने कांग्रेस जॉइन कर ली थी। 2019 में हारे पिता-पुत्री वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर निर्मल सिंह ने बेटी चित्रा सरवारा के साथ कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बना ली और निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों ही हार गए। वर्ष 2022 में नई दिल्ली में खुद अरविंद केजरीवाल ने दोनों को आम आदमी पार्टी जॉइन करवाई। चित्रा को AAP ने अपनी हरियाणा इकाई का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया। निर्मल सिंह की गिनती भी हरियाणा में AAP के सीनियर नेताओं में होती थी, लेकिन दोनों ने अचानक पार्टी छोड़कर सबको चौंका दिया था। इस बार कांग्रेस ने निर्मल सिंह को तो टिकट दे दिया। लेकिन चित्रा का टिकट काट दिया और चित्रा ने नाराज होकर आजाद उम्मीदवार के तौर पर ही अंबाला कैंट सीट से नामांकन भर दिया।