2027 के विधानसभा चुनाव से पहले मिल्कीपुर उपचुनाव भाजपा-सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। उपचुनाव की 9 में से 6 सीटें जीतने के बाद भाजपा हर हाल में मिल्कीपुर में भी जीत दर्ज करना चाह रही। पार्टी ने प्रत्याशी घोषित करने के साथ ही जातीय समीकरण बिठाने शुरू कर दिए हैं। मिल्कीपुर में जातीय समीकरण के हिसाब से ही मंत्री प्रचार करेंगे। योगी के 7 मंत्री प्रचार के लिए उतरे हैं। प्रदेश पदाधिकारियों को बूथों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इन सबके बीच भाजपा के लिए अपनों को मनाना बड़ी चुनौती है। टिकट न मिलने से कुछ नेता नाराज हैं। भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान के नामांकन के बाद जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही नाराज नेताओं के घर पहुंचे। नेताओं से नाराजगी छोड़कर चुनाव में जुटने के लिए कहा। पहले जानिए मिल्कीपुर में जातीय समीकरण के मायने मिल्कीपुर में सबसे अधिक करीब एक लाख दलित मतदाता हैं। दलित मतदाताओं का सपा और भाजपा में बंटना तय माना जा रहा है। वहीं, सपा के पास 50 हजार यादव और 26 हजार मुस्लिमों का वोट बैंक भी है। जातीय समीकरण के कारण ही मिल्कीपुर सीट पहले भी भाजपा के लिए कमजोर रही है। 2022 में सपा के अवधेश प्रसाद ने भाजपा के गोरखनाथ को 10 हजार से अधिक मतों से हराया था। यही वजह है कि भाजपा इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाह रही। चंद्रभानु को क्यों टिकट मिला?
भाजपा के सामने मिल्कीपुर उपचुनाव में सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के सामने अनुसूचित जाति वर्ग के चेहरे को ही उतारने का चैलेंज था। यही वजह है, भाजपा ने पासी समाज से आने वाले चंद्रभानु को कैंडिडेट बनाया है। भाजपा की माइक्रो प्लानिंग
पार्टी उपचुनाव जीतने के लिए माइक्रो प्लानिंग कर रही है। भाजपा ने मिल्कीपुर में एक-एक बूथ का जातीय गणित तैयार किया है। किस बूथ पर किस जाति के मतदाताओं की कितनी संख्या है? इसका भी पूरा लेखा-जोखा रख रही है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही अयोध्या के प्रभारी मंत्री होने के नाते पूरे चुनाव की निगरानी कर रहे हैं। मंत्रियों को खासतौर पर उनकी जाति से जुड़े लोगों की समूहों में बैठक करने, उनसे लगातार संपर्क कर हर हाल में मत हासिल करने का टास्क दिया है। मंत्रियों को उन बूथों की सूची भी सौंपी जा रही है जहां उनकी जाति के मतदाता ज्यादा हैं। मंत्रियों को चुनाव तक उन्हें आवंटित क्षेत्र में दो से तीन बार घर-घर संपर्क कर वोट पक्का करने का टास्क दिया है। पिछड़े वोट बैंक की कमान स्वतंत्र देव को
सीएम योगी ने मिल्कीपुर में पिछड़े 23 हजार चौरसिया, 6 हजार मौर्य, 5 हजार पाल सहित कुर्मी, राजभर, निषाद वोटों की जिम्मेदारी जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को सौंपी है। स्वतंत्र देव ने पांच दिनों से मिल्कीपुर में डेरा जमा रखा है। स्वतंत्र को यादव वोट बैंक में भी सेंध लगाने का टास्क दिया गया है। स्वतंत्र देव भी बूथवार गली-मोहल्लों में जाकर पिछड़े और दलित वर्ग के छोटे-छोटे समूहों से बैठक कर रहे हैं। मंडलवार सौंपी जिम्मेदारी
भाजपा ने मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के 5 मंडल भी 5 मंत्रियों में बांट दिए हैं। आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा दयालु को मिल्कीपुर मंडल दिया है। खेल एवं युवा मामले के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश यादव को हैरीगंटनगंज मंडल, चिकित्सा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह को कुमार गंज, खाद्य एवं रसद आपूर्ति मंत्री सतीश शर्मा को कुचेरा दिया गया है। मिल्कीपुर में चुनाव प्रबंधन संभाल रहे सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने इनायतगंज मंडल अपने पास रखा है। ठाकुरों के लिए राठौर, ब्राह्मणों के लिए मिश्रा
मिल्कीपुर में करीब 75 हजार ब्राह्मण और गोसाई मतदाता हैं। ब्राह्मण और गोसाई बहुल इलाकों की जिम्मेदारी आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु और राज्यमंत्री सतीश शर्मा के पास रहेगी। 50 हजार यादव मतदाताओं में सेंध लगाने के लिए खेलकूद एवं युवा मामले के राज्यमंत्री गिरिश यादव को तैनात किया है। 22 हजार ठाकुर मतदाताओं से संपर्क और समन्वय का काम सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर और चिकित्सा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह करेंगे। सरकार ने हाथ में लिया उपचुनाव
मिल्कीपुर का चुनावी माहौल देखकर साफ है कि उपचुनाव में बूथ प्रबंधन से लेकर सामाजिक समीकरण सेट करने की जिम्मेदारी खुद सरकार ने हाथ में ली है। योगी आदित्यनाथ ने अपने सबसे करीबी जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर को वहां तैनात किया है। योगी प्रतिदिन चुनाव की रिपोर्ट दोनों मंत्रियों से ले रहे हैं। एक भी दलित मंत्री नहीं लगाया
हालांकि एक चौंकाने वाली बात भी सामने आई है। मिल्कीपुर में करीब एक लाख दलित मतदाता हैं। लेकिन सरकार और संगठन ने चुनावी व्यवस्था में एक भी दलित मंत्री या पदाधिकारी तैनात नहीं किया है। जबकि सरकार में बेबी रानी मौर्य, असीम अरुण, गुलाब देवी, दिनेश खटीक, मनोहरलाल मन्नू कोरी, विजय लक्ष्मी गौतम और सुरेश राही दलित मंत्री हैं। वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सेंथवार, एमएलसी अवनीश पटेल और क्षेत्रीय पदाधिकारी पुष्पेंद्र पासी को चुनाव में लगाया गया है। —————– ये खबर भी पढ़ें… BJP ने मिल्कीपुर से नए चेहरे चंद्रभानु पासवान को उतारा:गुटबाजी, जनता की नाराजगी से कटा बाबा गोरखनाथ का टिकट अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए BJP ने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया। BJP ने 39 साल के चंद्रभानु पासवान को टिकट दिया है। चंद्रभानु का मुकाबला सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद से होगा। यानी, अयोध्या में दोनों प्रत्याशी पासी समुदाय से हैं। सपा कैंडिडेट अजीत प्रसाद 15 जनवरी को नामांकन करेंगे। पढ़ें पूरी खबर… 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले मिल्कीपुर उपचुनाव भाजपा-सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। उपचुनाव की 9 में से 6 सीटें जीतने के बाद भाजपा हर हाल में मिल्कीपुर में भी जीत दर्ज करना चाह रही। पार्टी ने प्रत्याशी घोषित करने के साथ ही जातीय समीकरण बिठाने शुरू कर दिए हैं। मिल्कीपुर में जातीय समीकरण के हिसाब से ही मंत्री प्रचार करेंगे। योगी के 7 मंत्री प्रचार के लिए उतरे हैं। प्रदेश पदाधिकारियों को बूथों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इन सबके बीच भाजपा के लिए अपनों को मनाना बड़ी चुनौती है। टिकट न मिलने से कुछ नेता नाराज हैं। भाजपा प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान के नामांकन के बाद जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही नाराज नेताओं के घर पहुंचे। नेताओं से नाराजगी छोड़कर चुनाव में जुटने के लिए कहा। पहले जानिए मिल्कीपुर में जातीय समीकरण के मायने मिल्कीपुर में सबसे अधिक करीब एक लाख दलित मतदाता हैं। दलित मतदाताओं का सपा और भाजपा में बंटना तय माना जा रहा है। वहीं, सपा के पास 50 हजार यादव और 26 हजार मुस्लिमों का वोट बैंक भी है। जातीय समीकरण के कारण ही मिल्कीपुर सीट पहले भी भाजपा के लिए कमजोर रही है। 2022 में सपा के अवधेश प्रसाद ने भाजपा के गोरखनाथ को 10 हजार से अधिक मतों से हराया था। यही वजह है कि भाजपा इस बार कोई रिस्क नहीं लेना चाह रही। चंद्रभानु को क्यों टिकट मिला?
भाजपा के सामने मिल्कीपुर उपचुनाव में सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के सामने अनुसूचित जाति वर्ग के चेहरे को ही उतारने का चैलेंज था। यही वजह है, भाजपा ने पासी समाज से आने वाले चंद्रभानु को कैंडिडेट बनाया है। भाजपा की माइक्रो प्लानिंग
पार्टी उपचुनाव जीतने के लिए माइक्रो प्लानिंग कर रही है। भाजपा ने मिल्कीपुर में एक-एक बूथ का जातीय गणित तैयार किया है। किस बूथ पर किस जाति के मतदाताओं की कितनी संख्या है? इसका भी पूरा लेखा-जोखा रख रही है। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही अयोध्या के प्रभारी मंत्री होने के नाते पूरे चुनाव की निगरानी कर रहे हैं। मंत्रियों को खासतौर पर उनकी जाति से जुड़े लोगों की समूहों में बैठक करने, उनसे लगातार संपर्क कर हर हाल में मत हासिल करने का टास्क दिया है। मंत्रियों को उन बूथों की सूची भी सौंपी जा रही है जहां उनकी जाति के मतदाता ज्यादा हैं। मंत्रियों को चुनाव तक उन्हें आवंटित क्षेत्र में दो से तीन बार घर-घर संपर्क कर वोट पक्का करने का टास्क दिया है। पिछड़े वोट बैंक की कमान स्वतंत्र देव को
सीएम योगी ने मिल्कीपुर में पिछड़े 23 हजार चौरसिया, 6 हजार मौर्य, 5 हजार पाल सहित कुर्मी, राजभर, निषाद वोटों की जिम्मेदारी जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को सौंपी है। स्वतंत्र देव ने पांच दिनों से मिल्कीपुर में डेरा जमा रखा है। स्वतंत्र को यादव वोट बैंक में भी सेंध लगाने का टास्क दिया गया है। स्वतंत्र देव भी बूथवार गली-मोहल्लों में जाकर पिछड़े और दलित वर्ग के छोटे-छोटे समूहों से बैठक कर रहे हैं। मंडलवार सौंपी जिम्मेदारी
भाजपा ने मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र के 5 मंडल भी 5 मंत्रियों में बांट दिए हैं। आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा दयालु को मिल्कीपुर मंडल दिया है। खेल एवं युवा मामले के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश यादव को हैरीगंटनगंज मंडल, चिकित्सा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह को कुमार गंज, खाद्य एवं रसद आपूर्ति मंत्री सतीश शर्मा को कुचेरा दिया गया है। मिल्कीपुर में चुनाव प्रबंधन संभाल रहे सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर ने इनायतगंज मंडल अपने पास रखा है। ठाकुरों के लिए राठौर, ब्राह्मणों के लिए मिश्रा
मिल्कीपुर में करीब 75 हजार ब्राह्मण और गोसाई मतदाता हैं। ब्राह्मण और गोसाई बहुल इलाकों की जिम्मेदारी आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु और राज्यमंत्री सतीश शर्मा के पास रहेगी। 50 हजार यादव मतदाताओं में सेंध लगाने के लिए खेलकूद एवं युवा मामले के राज्यमंत्री गिरिश यादव को तैनात किया है। 22 हजार ठाकुर मतदाताओं से संपर्क और समन्वय का काम सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर और चिकित्सा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह करेंगे। सरकार ने हाथ में लिया उपचुनाव
मिल्कीपुर का चुनावी माहौल देखकर साफ है कि उपचुनाव में बूथ प्रबंधन से लेकर सामाजिक समीकरण सेट करने की जिम्मेदारी खुद सरकार ने हाथ में ली है। योगी आदित्यनाथ ने अपने सबसे करीबी जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर को वहां तैनात किया है। योगी प्रतिदिन चुनाव की रिपोर्ट दोनों मंत्रियों से ले रहे हैं। एक भी दलित मंत्री नहीं लगाया
हालांकि एक चौंकाने वाली बात भी सामने आई है। मिल्कीपुर में करीब एक लाख दलित मतदाता हैं। लेकिन सरकार और संगठन ने चुनावी व्यवस्था में एक भी दलित मंत्री या पदाधिकारी तैनात नहीं किया है। जबकि सरकार में बेबी रानी मौर्य, असीम अरुण, गुलाब देवी, दिनेश खटीक, मनोहरलाल मन्नू कोरी, विजय लक्ष्मी गौतम और सुरेश राही दलित मंत्री हैं। वहीं, प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सेंथवार, एमएलसी अवनीश पटेल और क्षेत्रीय पदाधिकारी पुष्पेंद्र पासी को चुनाव में लगाया गया है। —————– ये खबर भी पढ़ें… BJP ने मिल्कीपुर से नए चेहरे चंद्रभानु पासवान को उतारा:गुटबाजी, जनता की नाराजगी से कटा बाबा गोरखनाथ का टिकट अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए BJP ने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया। BJP ने 39 साल के चंद्रभानु पासवान को टिकट दिया है। चंद्रभानु का मुकाबला सपा प्रत्याशी अजीत प्रसाद से होगा। यानी, अयोध्या में दोनों प्रत्याशी पासी समुदाय से हैं। सपा कैंडिडेट अजीत प्रसाद 15 जनवरी को नामांकन करेंगे। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर