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मुरादाबाद में देवरानी ने ब्वॉयफ्रेंड से कटवाया जेठानी का गला:बोली- मुझसे कहती थी तेरे पेट में तेरे प्रेमी का बच्चा है; इसलिए उसी से मरवा दिया
मुरादाबाद में देवरानी ने ब्वॉयफ्रेंड से कटवाया जेठानी का गला:बोली- मुझसे कहती थी तेरे पेट में तेरे प्रेमी का बच्चा है; इसलिए उसी से मरवा दिया मुरादाबाद में अपने ब्वॉयफ्रेंड से जेठानी सीमा का गला कटवाने वाली सुधा बुधवार को सलाखों में पहुंच गई है। उसका प्रेमी लिटिल भी उसके साथ जेल में बंद है। जेल जाने से पहले सुधा और उसके प्रेमी ने इस वारदात के बारे में पुलिस को विस्तार से पूरा घटनाक्रम बयां किया। घटना की वजह के बारे में भी सुधा बेबाकी से बोली। आइए आपको पढ़वाते हैं मुरादाबाद के कांठ थाने में आने वाले गांव दरियापुर में हुए हुए सीमा हत्याकांड की पूरी कहानी। कैसे रची नई नवेली देवरानी ने जेठानी की हत्या की साजिश और आखिर कैसे ये खूनी जोड़ा पुलिस की गिरफ्त में आया? ढाई साल पहले बिजनौर के गांव में शुरू हुई ये खूनी लव स्टोरी
एक निर्दोष महिला के खून से सनी इस लव स्टोरी की शुरुआत करीब ढाई साल पहले मुरादाबाद जिले की सीमा से सटे बिजनौर के गांव शेरपुर रैनी में हुई थी। ये गांव बिजनौर के स्यौहारा थाने में आता है और मुरादाबाद जिले की सीमा पर स्थित है। इस गांव में रहने वाले लिटिल कुमार का अपने पड़ोस में रहने वाली सुधा से अफेयर शुरू हो गया। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन अलग-अलग बिरादरी और एक ही गांव होने की वजह से परिवार नहीं माने। करीब 7 महीना पहले सुधा के घर वालों ने उसकी शादी मुरादाबाद में कांठ थाने के गांव दरियापुर में सौरभ के साथ कर दी। ससुराल आई, लेकिन प्रेमी को नहीं भूली सुधा
पुलिस पूछताछ में लिटिल और सुधा ने बताया- शादी के बाद भी सुधा अपने प्रेमी लिटिल को भुला नहीं सकी थी। दोनों के बीच अवैध संबंध सुधा की शादी के बाद भी कायम रहे। सुधा मायके जाती तो लिटिल से मिलती थी। इसके अलावा लिटिल भी किसी न किसी बहाने सुधा की ससुराल में जाकर चोरी-छुपे उससे मिलता रहता था। सुधा की शादी को 7 महीने बीतने के बाद भी सुधा पूरी तरह से लिटिल के प्रभाव में थी। सीमा को लग गई थी, देवरानी सुधा के अफेयर की भनक
लिटिल अक्सर सुधा से मिलने के लिए उसकी ससुराल आता था। वह गांव के बाहर जंगल में छुपकर तब तक वेट करता था, जब तक सुधा उसे फोन पर ग्रीन सिग्नल नहीं देती थी। जैसे ही घर के पुरुष खेतों पर काम करने चले जाते थे तो जेठानी सीमा किसी काम से गांव में इधर-उधर जाती थी। तभी सुधा लिटिल को फोन करके घर बुला लेती थी। यहां भूसे की कोठरी में दोनों की मुलाकातें होती थीं। लेकिन, चोरी-छिपे चल रही देवरानी की इस लव स्टोरी के बारे में करीब 2 महीना पहले सीमा को भनक लग गई थी। उसने कई बार लिटिल को घर के आसपास चक्कर लगाते देख लिया था। सीमा कहती थी-तेरे पेट में मेरे देवर का नहीं, तेरे यार का बच्चा है
पकड़े जाने के बाद सुधा ने पुलिस को बताया- जेठानी सीमा ने उसका जीना मुश्किल कर दिया था। सुधा बोली- जेठानी मेरे और लिटिल के संबंधों के बारे में जान गई थी। इसके बाद वो लगातार ताने देती रहती थी। मेरे पति के कान भी भरती थी। कहती थी कि तेरे पेट में मेरे देवर का नहीं, बल्कि तेरे यार का बच्चा पल रहा है। जेठानी के चढ़ाने पर मेरा पति सौरभ भी मुझे इसी बात के ताने देता था। सीमा ने मेरी जिंदगी नरक कर दी थी। मेरे पास उसे रास्ते से हटाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था। प्रेमी से कहा- मुझे यहां से ले जा या इसे रास्ते से हटा दे
सुधा ने पुलिस पूछताछ में बताया कि जब उससे जेठानी के ताने बर्दाश्त नहीं हुए तो उसने अपने प्रेमी लिटिल कुमार से कहा कि या तो वो उसे (सुधा को) अपने साथ लेकर जाए या जेठानी सीमा को रास्ते से हटाए। सुधा के कहने पर लिटिल ने सीमा को रास्ते से हटाने की योजना बना ली। उसने कहा कि वो सीमा के साथ ऐसा करेगा कि वो कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगी। पहले लिटिल की योजना सीमा के साथ गलत हरकत करके उसका मुंह बंद करने की थी। लेकिन, सीमा के विरोध की वजह से वो इसमें कामयाब नहीं हो सका। पहले से भूसे के कमरे में छुपकर बैठा था सुधा का प्रेमी
लिटिल कुमार ने पुलिस पूछताछ में बताया- 14 अक्टूबर को उसकी सुधा से फोन पर कई बार बात हुई। प्लानिंग के तहत मैं उस दिन सुबह ही सुधा की ससुराल दरियापुर पहुंच गया। सुधा के फोन का वेट करने लगा। सुबह करीब 9 बजे जब सुधा का पति, ससुर, जेठ और देवर खेतों पर काम करने चले गए तो सुधा ने मुझे कॉल किया। इस दौरान सुधा की जेठानी सीमा गांव की दुकान पर सर्फ की थैली लेने गई थी। तभी मुझे सुधा ने घर के अंदर बुला लिया। मैं भूसे वाले कमरे में जाकर छुपकर बैठ गया। सुधा ने पकड़े जेठानी के हाथ-पैर, प्रेमी ने दरांती से काटी गर्दन
लिटिल ने पुलिस पूछताछ में कहा- दुकान से लौटने के कुछ देर बाद सीमा भूसा लेने के लिए भूसे वाले कमरे में आई थी। तभी मैंने उसे पीछे से पकड़ लिया। तुरंत ही सुधा भी आ गई। हम दोनों ने मिलकर सीमा का गला कमरे में पड़ी दरांती से काट दिया। लेकिन, दरांती का बेंत टूटा होने के कारण सीमा का गला अच्छे से नहीं कटा था। इसलिए सुधा ने पीछे से सीमा के हाथ पकड़ लिए। तभी मैंने अपने हाथ में लिए चाकू से सीमा का गला काट दिया। सीमा वहीं पर गिर गई। तभी मैंने और सुधा ने सीमा का गला मरते दम तक दबाए रखा था। जब हमें विश्वास हो गया कि सीमा मर गई है, तब हमने सीमा को भूसे वाले कमरे में ही डाल दिया। वारदात के बाद सुधा ने खुरपी से खुरच दी खून सनी मिट्टी
लिटिल ने पुलिस पूछताछ में कहा- घटना के बाद भूसे वाले कमरे के गेट पर काफी खून पड़ा था। जिसे सुधा ने खुरपी से और मैंने वहीं रखे फावड़े से खुरचकर वहीं पर रख दिया। सुधा के सफेद कपड़ों में खून लग गया था । मेरे भी हाथ और कपड़े खून से सन गए थे। इसके बाद मैं सुधा के बाथरूम में जाकर हाथ-मुंह धोने के बाद चाकू और टूटे बेंत वाली दरांती को लेकर भाग गया था। चाकू और टूटी दरांती मैंने रास्ते में एक झाड़ी में फेंक दिया था। सुधा ने खुद बांधे अपने हाथ-पैर
लिटिल ने पुलिस को बताया कि उसने सुधा के हाथ पैर नहीं बांधे थे। घटना काे दूसरा रूप देने के लिए खुद सुधा ने ही अपने हाथ-पैर बांधे थे। उसी ने ये कहानी बनाई थी कि घर में घुसे हत्यारे जेठानी की हत्या कर गए और उसे नशे का इंजेक्शन लगाकर बेहोश करने के बाद घर में हाथ-पैर बांधकर डाल गए। बता दें कि घटना वाले दिन वारदात के बाद सीमा और सुधा घर पर अकेली थीं। सास बेटी के घर गई थी और परिवार के पुरुष खेतों पर काम करने गए थे। जबकि सीमा के बच्चे स्कूल गए थे। उसका एक मासूम बच्चा घर में पालने में था। ——————– ये खबर भी पढ़िए- पति ने पत्नी की चाकू से गोदकर की हत्या, 2 साल पहले की थी लव मैरिज बिजनौर के अगरी इलाके में पति ने अपनी पत्नी की चाकू से गोद कर हत्या कर दी। मृतका दिव्यांशी की शादी करीब दो साल पहले गौरव से हुई थी, जो हाल ही में जेल से छूटकर आया था और उस पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज थे। दिव्यांशी कुछ दिनों से अपने मायके में रह रही थी। दरअसल, यह पूरा मामला बिजनौर शहर कोतवाली क्षेत्र के गांव अगरी का है। जहां के रहने वाले रणधीर की बेटी दिव्यांशी (22) का करीब 2 साल पहले मंडावर थाना क्षेत्र के इनामपुरा के रहने वाले गौरव पुत्र राजवीर सिंह के साथ प्रेम विवाह हुआ था। पढ़ें पूरी खबर…
नेता अपने हादसों से फ्री हों तो कुछ सोचें भी:’हादसों से रिटायर्ड अफसरों की बेरोजगारी दूर होती है, जांच का काम मिलता है’
नेता अपने हादसों से फ्री हों तो कुछ सोचें भी:’हादसों से रिटायर्ड अफसरों की बेरोजगारी दूर होती है, जांच का काम मिलता है’ दो दिन पहले मैंने ना टीवी देखी ना अखबार पढ़ा और ना ही मैं सोशल मीडिया पर गया तो मुझे लगा कि वाह, कहीं कोई हादसा ही नहीं हुआ! पर उसी दिन शाम को एक पार्टी में जाना हुआ। शाम को क्लब में पार्टी थी। वहां पेमेंट करने का हादसा मेरे साथ हो सकता था, लेकिन मैं वॉश रूम चला गया। तब पार्टी का पेमेंट करने का हादसा मेरे साथी मित्रों के साथ हो गया। फोकट की पार्टी, वो भी उन्हें ही नसीब होती है, जिन्होंने पूर्व जन्म में कोई पुण्य किए हों। हम हादसा उसे मानते हैं, जिससे हम प्रभावित होते हैं। लेकिन सड़क पर कार चलाते हुए कोई दुर्घटना दिख जाए तो हम सहज भाव से निकल जाते हैं। देश में कई लोग बड़े-बड़े हादसों का शिकार हो जाते हैं, लेकिन हैरत की बात यह है कि जिम्मेदार लोगों की आंखें एक मिनट के लिए भी उन हादसों पर नम नहीं होतीं। जो पुल टूट गए, जो रेल दुर्घटनाग्रस्त हो गईं, उनके जिम्मेदार ठेकेदार, नौकरशाही एक पल के लिए भी अपराधबोध से ग्रस्त नहीं हुए। बल्कि वे इस बात से प्रसन्न हुए होंगे कि इन टूटे हुए पुलों को दोबारा बनाने का ठेका हथिया लेंगे। इसे कहते हैं, आपदा में अवसर तलाशना। हमारे राजनेता भी बेचारे क्या करें! उन्हें खुद के हादसों से फुर्सत मिले, तो वे देश के हादसों पर सोचें। एक पक्ष पीएम के हादसों पर बात करता है, दूसरा पक्ष नेहरू के हादसों पर बात करता है। देश में जहां भी निर्माण चल रहे हैं, उनमें मजबूती का पूरा ध्यान रखा जाता है। कहीं वे इतने मजबूत न हो जाएं कि उनमें हादसों की संभावना ही न बचे। बेरोजगारी खत्म करने में हादसे बहुत सहायक हैं। एक बिल्डिंग गिरती है तो कितने लोगों को उसका मलबा निकालने का काम मिलता है। फिर उसका पुनर्निर्माण होता है, तो कितने मजदूर वहां रोजगार पाते हैं। हादसे की जांच करने में रिटायर्ड जज, जांच आयोग के अध्यक्ष बनाए जाते हैं। उनके साथी कर्मचारियों के कई साल तो जांच पूरी करने में खप जाएंगे! कोई हादसा होता है, तो विरोधी दल के नेता उसके विरुद्ध धरना देने के लिए दिहाड़ी के हिसाब से लोग बुलाते हैं। उन सबको पैसा मिलता है, वो भी बिना जीएसटी के। एक बार की बात है कि एक परिचित व्यक्ति के निधन पर मैं निगम बोध घाट गया। वहां अंतिम संस्कार होने को ही था। इसी बीच मेरा एक परिचित मुझे वहां लगी एक बेंच की ओर ले गया, बोला चलिए वहां बैठते हैं, यहां धुआं भी लगेगा। हम वहां बेंच पर बैठ गए। साहब वो जनाब तो शुरू हो गए। बोले और साहब कवि सम्मेलन तो चल रहे हैं न? हमने कहां हां चलते ही रहते हैं। फिर वो सज्जन बोले और कुछ नया लिख रहे हैं कि नहीं? मैं बोला चलता रहता है, लिख लेते हैं। फिर बोले नई कविता किस विषय पर लिखी है? मैंने बोला व्यवस्था पर लिखी है। तो वे सज्जन बोले हो जाए एकाध नमूना बाहर निकलने में देर है हमें। मैंने क्रोध को मन में दबाते हुए बस इतना कहा कि भाई तेरे यहां जब कोई ऐसा काम हो तो बुला लइयो, जी भर के सुना दूंगा! मतलब संवेदना, आंसू, करुणा सबको भाड़ में जाने दो और हर हादसे पर ठहाका लगाओ, जश्न मनाओ कि वो हादसा हम पर नहीं घटा!
हिमाचल में सड़क बहाल करने में जुटी 268 मशीनें, मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया ये बड़ा अपडेट
हिमाचल में सड़क बहाल करने में जुटी 268 मशीनें, मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया ये बड़ा अपडेट <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal Pradesh News:</strong> हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी और बारिश की वजह से 223 सड़कें बंद हैं. राज्य में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद पड़े हुए हैं. इसके अलावा 356 बिजली सेवा प्रभावित हैं और 19 जल आपूर्ति योजनाएं भी बर्फबारी के कारण प्रभावित हुई हैं. सड़क मार्ग बहाल करने के लिए लोक निर्माण विभाग ने 70 जेसीबी, 13 रोबो, 13 बुल्डोजर, 76 टिप्पर और 96 अन्य मशीनों समेत कुल 268 मशीनें विभिन्न स्थानों पर तैनात की हैं. हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में अब भी बर्फबारी का क्रम में जारी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>तीन दिन में सारे रास्ते बहाल करने का लक्ष्य</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विभाग की ओर से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि सभी आवश्यक संसाधनों का उपयोग करके जल्द से जल्द सड़कों को बहाल किया जाए. विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि राज्य में 235 सड़क खोल दी गई हैं और 25 दिसंबर तक 80 से 85 सड़क खोल दी जाएंगी. शेष सड़क यातायात के लिए तीन से चार दिनों में बहाल कर दी जाएंगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>वित्तीय वर्ष 2024-25 के 110 करोड़ रुपये</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि केंद्रीय सड़क निधि (सीआरएफ) के तहत विभिन्न कार्यों के लिए वित्ती वर्ष 2024-25 के 110 करोड़ रुपये दिए गए थे. इन सभी कामों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 50 करोड़ रुपये की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इसके लिए वे केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से आग्रह करेंगे, ताकि इन कामों को पूरा करने में किसी भी तरह की बाधा पैदा न हो.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खदराला में सबसे ज्यादा 24.0 सेंटीमीटर बर्फ</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सोमवार को हिमाचल प्रदेश के खदराला में सबसे ज्यादा 24.0 सेंटीमीटर बर्फ रिकॉर्ड की गई है. सांगला में 16.5, शिलारू में 15.3, चौपाल में 15.0, जुब्बल में 15.0, कल्पा में 13.7, निचार में 10.0, शिमला में 7.0, पूह में 6.0 और जोत में 5.0 सेंटीमीटर बर्फबारी हुई. इसके अलावा करसोग में 9.2, कसौली में 7.0, नाहन में 4.7, शिमला में 4.3, रामपुर में 4.2, कंडाघाट में 3.9, धौलाकुआं में 3.5 और पांवटा साहिब में 3.0 मिलीमीटर बारिश हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-pradesh-cm-sukhvinder-singh-sukhu-on-alcoholics-ann-2849081″>शराबियों पर फिर मेहरबान दिखे CM सुखविंदर सिंह सुक्खू, ‘झूमने वालों को हवालात नहीं, होटल तक छोड़ें'</a></strong></p>