<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Police To Bombay HC:</strong> महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार (9 जुलाई) को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि उसने नितेश राणे समेत बीजेपी नेताओं के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के प्रावधान लागू नहीं करने का फैसला किया है. पुलिस ने कहा कि इन नेताओं ने अपने भाषणों में रोहिंग्या और बांग्लादेशी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था, जो भारतीयों या यहां के किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अपनी रैलियों के दौरान दिए गए भाषणों से धार्मिक गुटों के बीच दुश्मनी और अशांति को बढ़ावा देने के आरोप में राणे के खिलाफ चार मामले दर्ज किए गए थे. मानखुर्द पुलिस ने बीजेपी नेता के खिलाफ केवल एक मामले में IPC की धारा 295ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, जिसका उद्देश्य किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना है) लगाया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकारी वकील वेनेगांवकर ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक लोक अभियोजक हितेन वेनेगांवकर ने मंगलवार (9 जुलाई) को जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और श्याम चांडक की बेंच को सूचित किया कि इस धारा के प्रावधान अन्य मामलों में कोई मामला नहीं बनता है. वेनेगांवकर ने कहा, ”संबंधित क्षेत्रों के पुलिस कमिश्नर ने राणे के भाषणों की कॉपी देखी है और निष्कर्ष निकाला है कि धारा 295 ए के तहत कोई मामला नहीं बनता है. भाषण में पूरा बयान रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के खिलाफ था”. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि विचाराधीन प्रावधान भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए है और माना जाता है कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी भारत से नहीं हैं और उन्होंने अवैध रूप से हमारे अधिकार क्षेत्र में प्रवेश किया है और यह एक स्वीकृत स्थिति है. ऐसे शब्दों के इस्तेमाल से किसी भारतीय की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचती है. पीठ ने बयान को स्वीकार कर लिया और माना कि पुलिस आयुक्त ने भाषणों की कॉपी का अध्ययन किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने आगे कहा कि मीरा भयंदर में काशीमीरा पुलिस के साथ दर्ज मामलों में से एक में आरोप पत्र दायर किया गया था, और अन्य तीन मामलों में आरोप पत्र आठ सप्ताह के भीतर दायर किए जाएंगे. अपेक्षित मंजूरी अदालत ने कहा कि आरोपियों पर धारा 153ए और 153बी (धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी और वैमनस्य को बढ़ावा देना) के तहत मुकदमा आठ सप्ताह के भीतर चलाया जाएगा. अदालत ने बीजेपी विधायक नितेश राणे द्वारा दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के खिलाफ दायर कुछ याचिकाओं का निपटारा किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”आखिरकार गिरफ्तार हुआ शिवसेना नेता का बेटा मिहिर शाह, BMW हिट एंड रन केस में है आरोपी” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/bmw-hit-and-run-case-mihir-shah-arrested-by-mumbai-police-worli-2733581″ target=”_self”>आखिरकार गिरफ्तार हुआ शिवसेना नेता का बेटा मिहिर शाह, BMW हिट एंड रन केस में है आरोपी</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra Police To Bombay HC:</strong> महाराष्ट्र पुलिस ने मंगलवार (9 जुलाई) को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि उसने नितेश राणे समेत बीजेपी नेताओं के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के प्रावधान लागू नहीं करने का फैसला किया है. पुलिस ने कहा कि इन नेताओं ने अपने भाषणों में रोहिंग्या और बांग्लादेशी जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था, जो भारतीयों या यहां के किसी भी समुदाय के खिलाफ नहीं है.</p>
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<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने आगे कहा कि मीरा भयंदर में काशीमीरा पुलिस के साथ दर्ज मामलों में से एक में आरोप पत्र दायर किया गया था, और अन्य तीन मामलों में आरोप पत्र आठ सप्ताह के भीतर दायर किए जाएंगे. अपेक्षित मंजूरी अदालत ने कहा कि आरोपियों पर धारा 153ए और 153बी (धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी और वैमनस्य को बढ़ावा देना) के तहत मुकदमा आठ सप्ताह के भीतर चलाया जाएगा. अदालत ने बीजेपी विधायक नितेश राणे द्वारा दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के खिलाफ दायर कुछ याचिकाओं का निपटारा किया.</p>
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