महाकुंभ: कृष्ण जन्मभूमि मामले में जीतने के लिए शाकंभरी पीठाधीश्वर कर रहे हैं अनूठा हठयोग

महाकुंभ: कृष्ण जन्मभूमि मामले में जीतने के लिए शाकंभरी पीठाधीश्वर कर रहे हैं अनूठा हठयोग

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<p style=”text-align: justify;”><strong>Maha Kumbh 2025:</strong> अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद प्रयागराज महाकुंभ में आए हुए संत महात्माओं ने अब काशी और मथुरा को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है. महाकुंभ में संत महात्माओं के शिविर में कहीं धर्म संसद के जरिए श्री कृष्ण जन्मभूमि को पूर्ण रूप से मुक्त कराए जाने को लेकर चर्चा की जा रही है तो कहीं यज्ञ और अनुष्ठान के जरिए इस संकल्प के पूरा होने की प्रार्थना की जा रही है. इन सबके बीच कान्हा की जन्म भूमि को लेकर महाकुंभ में एक संत का अनूठा हठयोग भी चर्चा का सबब बना हुआ है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>श्री कृष्ण जन्मभूमि की पूर्ण मुक्ति और अदालतों में इससे जुड़े हुए मुकदमों में जीत दर्ज होने की कामना को लेकर शाकंभरी पीठाधीश्वर और श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी आशुतोष जी महाराज इन दिनों खड़ी तपस्या कर रहे हैं. वह एक झूले के सहारे चौबीसों घंटे खड़े रहकर अनूठी साधना कर रहे हैं. महाकुंभ में उनके शिविर में शतचंडी महायज्ञ का भी आयोजन किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कृष्ण जन्मस्थली की मुक्ति के लिए शतचंडी महायज्ञ का आयोजन<br /></strong>श्री कृष्ण जन्म स्थान की पूर्ण मुक्ति के लिए अनूठी साधना करने वाले स्वामी आशुतोष जी महाराज मथुरा के मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहे मुकदमे में पक्षकार भी हैं. उनका कहना है कि जप-तप और त्याग के बिना भगवान का कोई भी काम आसानी से पूरा नहीं होता. शाकंभरी पीठाधीश्वर स्वामी आशुतोष जी महाराज का शिविर महाकुंभ क्षेत्र में लगा हुआ है. अपने इस शिविर में एक तरफ जहां वह शतचंडी महायज्ञ का आयोजन कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ खड़ी तपस्या की साधना के जरिए मथुरा में कान्हा की जन्म स्थली की पूर्ण मुक्ति के लिए साधना भी कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उनकी यह अनूठी साधना 13 जनवरी को महाकुंभ के पहले दिन से शुरू हुई है और डेढ़ महीने बाद 26 फरवरी को <a title=”महाशिवरात्रि” href=”https://www.abplive.com/topic/mahashivratri-2023″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाशिवरात्रि</a> के दिन पूर्ण होगी. अपनी इस साधना के तहत आशुतोष जी महाराज चौबीसों घंटे खड़े रहते हैं. खड़े होकर ही साधना करते हैं. नित्य क्रियाएं करते हैं और खड़े-खड़े ही सोते भी हैं. अदालती कामकाज के लिए कहीं जाने की जरूरत होती है तो सनरूफ वाली कर का इस्तेमाल करते हैं और उस पर भी खड़े होकर ही अदालत जाते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>साधना के दौरान करते हैं मंत्रों का जाप<br /></strong>खड़ी तपस्या की साधना के दौरान वह मंत्रों का जाप करते रहते हैं तो कभी कान्हा की भक्ति में मगन होकर उनके भजन भी गाने लगते हैं. उनका कहना है कि जिस तरह अयोध्या में लंबी अदालत की लड़ाई के बाद रामलला अपने धाम में विराजमान हो सके हैं, इस तरह से मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि के मामले में भी हिंदू पक्ष को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जीत मिले और वहां सनातन धर्म के लोग बिना किसी रूकावट के पूजा अर्चना कर सकें. इस वजह से महाकुंभ की पवित्र धरती पर वह महा साधना कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह भी पढ़ें- <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/rinku-singh-and-priya-saroj-engagement-and-wedding-date-and-venue-details-2865433″>कब और कहां होगी रिंकू सिंह के साथ सपा सांसद प्रिया सरोज की सगाई और शादी? सामने आई बड़ी जानकारी</a></strong></p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>Maha Kumbh 2025:</strong> अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण पूरा होने के बाद प्रयागराज महाकुंभ में आए हुए संत महात्माओं ने अब काशी और मथुरा को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है. महाकुंभ में संत महात्माओं के शिविर में कहीं धर्म संसद के जरिए श्री कृष्ण जन्मभूमि को पूर्ण रूप से मुक्त कराए जाने को लेकर चर्चा की जा रही है तो कहीं यज्ञ और अनुष्ठान के जरिए इस संकल्प के पूरा होने की प्रार्थना की जा रही है. इन सबके बीच कान्हा की जन्म भूमि को लेकर महाकुंभ में एक संत का अनूठा हठयोग भी चर्चा का सबब बना हुआ है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>श्री कृष्ण जन्मभूमि की पूर्ण मुक्ति और अदालतों में इससे जुड़े हुए मुकदमों में जीत दर्ज होने की कामना को लेकर शाकंभरी पीठाधीश्वर और श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी आशुतोष जी महाराज इन दिनों खड़ी तपस्या कर रहे हैं. वह एक झूले के सहारे चौबीसों घंटे खड़े रहकर अनूठी साधना कर रहे हैं. महाकुंभ में उनके शिविर में शतचंडी महायज्ञ का भी आयोजन किया जा रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कृष्ण जन्मस्थली की मुक्ति के लिए शतचंडी महायज्ञ का आयोजन<br /></strong>श्री कृष्ण जन्म स्थान की पूर्ण मुक्ति के लिए अनूठी साधना करने वाले स्वामी आशुतोष जी महाराज मथुरा के मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहे मुकदमे में पक्षकार भी हैं. उनका कहना है कि जप-तप और त्याग के बिना भगवान का कोई भी काम आसानी से पूरा नहीं होता. शाकंभरी पीठाधीश्वर स्वामी आशुतोष जी महाराज का शिविर महाकुंभ क्षेत्र में लगा हुआ है. अपने इस शिविर में एक तरफ जहां वह शतचंडी महायज्ञ का आयोजन कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ खड़ी तपस्या की साधना के जरिए मथुरा में कान्हा की जन्म स्थली की पूर्ण मुक्ति के लिए साधना भी कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उनकी यह अनूठी साधना 13 जनवरी को महाकुंभ के पहले दिन से शुरू हुई है और डेढ़ महीने बाद 26 फरवरी को <a title=”महाशिवरात्रि” href=”https://www.abplive.com/topic/mahashivratri-2023″ data-type=”interlinkingkeywords”>महाशिवरात्रि</a> के दिन पूर्ण होगी. अपनी इस साधना के तहत आशुतोष जी महाराज चौबीसों घंटे खड़े रहते हैं. खड़े होकर ही साधना करते हैं. नित्य क्रियाएं करते हैं और खड़े-खड़े ही सोते भी हैं. अदालती कामकाज के लिए कहीं जाने की जरूरत होती है तो सनरूफ वाली कर का इस्तेमाल करते हैं और उस पर भी खड़े होकर ही अदालत जाते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>साधना के दौरान करते हैं मंत्रों का जाप<br /></strong>खड़ी तपस्या की साधना के दौरान वह मंत्रों का जाप करते रहते हैं तो कभी कान्हा की भक्ति में मगन होकर उनके भजन भी गाने लगते हैं. उनका कहना है कि जिस तरह अयोध्या में लंबी अदालत की लड़ाई के बाद रामलला अपने धाम में विराजमान हो सके हैं, इस तरह से मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि के मामले में भी हिंदू पक्ष को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जीत मिले और वहां सनातन धर्म के लोग बिना किसी रूकावट के पूजा अर्चना कर सकें. इस वजह से महाकुंभ की पवित्र धरती पर वह महा साधना कर रहे हैं.</p>
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