साल 2009 में बॉलीवुड स्टार आमिर खान की मूवी थ्री इडियट्स रिलीज हुई थी, जिसमें एक किरदार था फरहान कुरैशी। जिसे मां-बाप ने IIT की पढ़ाई के लिए भेज दिया। इसमें फरहान पिता से कहता है कि मुझे इंजीनियरिंग समझ नहीं आती। मेरा इंटरेस्ट वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी में है। उसमें पैसे कम हैं, लेकिन मैं खुश रहूंगा। पिता उसकी बात मान जाते हैं। कुछ यही कहानी प्रयागराज महाकुंभ में वायरल हुए हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले अभय सिंह उर्फ IITian बाबा की भी है। खुद अभय सिंह ने इस बात को बताया कि मेरा इंटरेस्ट फोटोग्राफी में था, मगर परिवार के कहने पर साइंस पढ़ी। IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की। अभय सिंह का दावा है कि उन्होंने भी परिवार को बताया, लेकिन वह नहीं माने। आर्ट्स में इंटरेस्ट, इंजीनियरिंग की पढ़ाई पर IITian बाबा की बातें… 1. आर्ट में इंटरेस्ट था, छोटे होते लाइव स्केच बना देता था
अभय सिंह से एक रिपोर्टर ने पूछा कि आपने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस में इंजीनियरिंग की, इसका मतलब आपका इंटरेस्ट साइंस में था। इस पर अभय ने कहा- मुझे बचपन से आर्ट में ज्यादा इंटरेस्ट था। छोटे होते हुए मैं लोगों को देखकर लाइव स्केच बना देता था। घर की परिस्थिति ऐसी थी कि वह कहते थे कि इस सब में कुछ नहीं मिलने वाला। पैसे कुछ नहीं मिलते, साइंस ले। 2. परिवार ने कहा- IAS की तैयारी कर ले, मगर आर्ट्स नहीं लेने दी
एक टाइम ऐसा था कि परिवार ने कहा कि IAS की तैयारी कर ले। इस पर मुझे लगा कि 11-12वीं में आर्ट्स ले लेते हैं, क्योंकि इसमें सिविक्स जियोग्रॉफी ज्यादा जरूरी होती है। फिर परिवार ने कहा कि IAS बाद में कर लेना, अभी तो तू साइंस ले। 11वीं में मैंने बायो और मैथ दोनों लिए थे, 12वीं में फिर सिर्फ मैथ ही लिया। 3. मुझे ऐसी चीज करनी थी जो लाइफ में खुशी दे
अभय ने कहा कि मैंने इंजीनियरिंग की। इसमें यह तो था कि पैसे भी कमा लेंगे। मगर मुझे ऐसी चीज करनी थी, जो पूरी लाइफ मुझे खुशी दे। जो इंटरेस्टिंग रहे। फिर मुझे पुरानी बातें याद आई कि मुझे तो आर्ट में इंटरेस्ट है। मैं फोटोग्राफी में इंटरेस्टेड था। मैंने डिजाइनिंग के एरिया पर फोकस किया। विजुअल कम्युनिकेशन की मास्टर डिग्री की। इसके बाद ट्रैवल फोटोग्राफी का जॉब किया। कई राज्यों में घूमा, फिर लगा कि अब बहुत हुआ
अभय सिंह ने आगे कहा- IIT का सरकारी स्पॉन्सर्ड एक प्रोजेक्ट होता है। उसमें मैं सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, केरल, हिमाचल, लाहौल स्पीति घूमा। उसमें घूमते ही लगा कि क्या घूम रहे हो, यहां से वहां। इंसान थक जाता है। इसके बाद लगा कि मुझे अब बैठना है, बहुत हो गया। साइंस से अध्यात्म में कैसे आए
इस पर अभय सिंह ने कहा कि शुरू से जो सवाल था, वह महत्वपूर्ण था कि जिंदगी में करना क्या है। IIT में जाना था। वहां जाने के बाद सवाल बदल गया कि इससे पैसे तो कमा लो गे, लेकिन ऐसी कौन सी चीज है, जो तुम्हे खुशी देगी। स्टार्टिंग में मैं स्टोरी टेलिंग की डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी में ज्यादा इंटरेस्टेड था। मास्टर डिग्री के वक्त भी मेरे सब्जेक्ट वैसे ही थे। जैसे इफेक्ट ऑन चिल्ड्रन ऑफ डोमेस्टिक वॉयलेंस (घरेलू हिंसा का बच्चों पर क्या असर होता है)। इसके बाद धीरे-धीरे में अध्यात्म की तरफ मुड़ गया। महाकुंभ में कैसे पहुंचे IITian बाबा
उनके गुरू सोमेश्वर पुरी बताते हैं कि अभय सिंह उन्हें काशी में मिले थे। वह फक्कड़ों की तरह घूम रहे थे। बातचीत में लगा कि उन्हें अध्यात्म को लेकर बहुत जिज्ञासा है। जिसके चलते उन्हें अपने साथ रख लिया। फिर महाकुंभ में लाए ताकि वह यहां आए महापुरुषों और गुरुओं के दर्शन कर सकें। ——————- IITian बाबा से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- हरियाणा का IITian बाबा परिवार से नाखुश:बोला– मां–बाप भगवान नहीं, यह कलयुग का कॉन्सेप्ट नहीं; पिता बोले– अब घर नहीं ला सकते प्रयागराज महाकुंभ से सुर्खियों में आए हरियाणा के झज्जर के अभय सिंह उर्फ IITian बाबा का कहना है कि वह कोई बाबा नहीं है। अभय ने इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली है। इसके अलावा परिवार को लेकर भी अभय सिंह बहुत नाखुश नजर आ रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर महाकुंभ का IITian बाबा हरियाणा का रहने वाला:एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की, कनाडा में 3 लाख की नौकरी छोड़ी, 6 महीने पहले घरवालों से संपर्क तोड़ा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में IITian बाबा अभय सिंह खूब सुर्खियों में हैं। अभय ने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की। इसके बाद कनाडा जाकर एरोप्लेन बनाने वाली कंपनी में काम किया। हालांकि अचानक वह देश लौटे और कुछ समय बाद घर से गायब हो गए। पढ़ें पूरी खबर साल 2009 में बॉलीवुड स्टार आमिर खान की मूवी थ्री इडियट्स रिलीज हुई थी, जिसमें एक किरदार था फरहान कुरैशी। जिसे मां-बाप ने IIT की पढ़ाई के लिए भेज दिया। इसमें फरहान पिता से कहता है कि मुझे इंजीनियरिंग समझ नहीं आती। मेरा इंटरेस्ट वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी में है। उसमें पैसे कम हैं, लेकिन मैं खुश रहूंगा। पिता उसकी बात मान जाते हैं। कुछ यही कहानी प्रयागराज महाकुंभ में वायरल हुए हरियाणा के झज्जर जिले के रहने वाले अभय सिंह उर्फ IITian बाबा की भी है। खुद अभय सिंह ने इस बात को बताया कि मेरा इंटरेस्ट फोटोग्राफी में था, मगर परिवार के कहने पर साइंस पढ़ी। IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की। अभय सिंह का दावा है कि उन्होंने भी परिवार को बताया, लेकिन वह नहीं माने। आर्ट्स में इंटरेस्ट, इंजीनियरिंग की पढ़ाई पर IITian बाबा की बातें… 1. आर्ट में इंटरेस्ट था, छोटे होते लाइव स्केच बना देता था
अभय सिंह से एक रिपोर्टर ने पूछा कि आपने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस में इंजीनियरिंग की, इसका मतलब आपका इंटरेस्ट साइंस में था। इस पर अभय ने कहा- मुझे बचपन से आर्ट में ज्यादा इंटरेस्ट था। छोटे होते हुए मैं लोगों को देखकर लाइव स्केच बना देता था। घर की परिस्थिति ऐसी थी कि वह कहते थे कि इस सब में कुछ नहीं मिलने वाला। पैसे कुछ नहीं मिलते, साइंस ले। 2. परिवार ने कहा- IAS की तैयारी कर ले, मगर आर्ट्स नहीं लेने दी
एक टाइम ऐसा था कि परिवार ने कहा कि IAS की तैयारी कर ले। इस पर मुझे लगा कि 11-12वीं में आर्ट्स ले लेते हैं, क्योंकि इसमें सिविक्स जियोग्रॉफी ज्यादा जरूरी होती है। फिर परिवार ने कहा कि IAS बाद में कर लेना, अभी तो तू साइंस ले। 11वीं में मैंने बायो और मैथ दोनों लिए थे, 12वीं में फिर सिर्फ मैथ ही लिया। 3. मुझे ऐसी चीज करनी थी जो लाइफ में खुशी दे
अभय ने कहा कि मैंने इंजीनियरिंग की। इसमें यह तो था कि पैसे भी कमा लेंगे। मगर मुझे ऐसी चीज करनी थी, जो पूरी लाइफ मुझे खुशी दे। जो इंटरेस्टिंग रहे। फिर मुझे पुरानी बातें याद आई कि मुझे तो आर्ट में इंटरेस्ट है। मैं फोटोग्राफी में इंटरेस्टेड था। मैंने डिजाइनिंग के एरिया पर फोकस किया। विजुअल कम्युनिकेशन की मास्टर डिग्री की। इसके बाद ट्रैवल फोटोग्राफी का जॉब किया। कई राज्यों में घूमा, फिर लगा कि अब बहुत हुआ
अभय सिंह ने आगे कहा- IIT का सरकारी स्पॉन्सर्ड एक प्रोजेक्ट होता है। उसमें मैं सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, केरल, हिमाचल, लाहौल स्पीति घूमा। उसमें घूमते ही लगा कि क्या घूम रहे हो, यहां से वहां। इंसान थक जाता है। इसके बाद लगा कि मुझे अब बैठना है, बहुत हो गया। साइंस से अध्यात्म में कैसे आए
इस पर अभय सिंह ने कहा कि शुरू से जो सवाल था, वह महत्वपूर्ण था कि जिंदगी में करना क्या है। IIT में जाना था। वहां जाने के बाद सवाल बदल गया कि इससे पैसे तो कमा लो गे, लेकिन ऐसी कौन सी चीज है, जो तुम्हे खुशी देगी। स्टार्टिंग में मैं स्टोरी टेलिंग की डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी में ज्यादा इंटरेस्टेड था। मास्टर डिग्री के वक्त भी मेरे सब्जेक्ट वैसे ही थे। जैसे इफेक्ट ऑन चिल्ड्रन ऑफ डोमेस्टिक वॉयलेंस (घरेलू हिंसा का बच्चों पर क्या असर होता है)। इसके बाद धीरे-धीरे में अध्यात्म की तरफ मुड़ गया। महाकुंभ में कैसे पहुंचे IITian बाबा
उनके गुरू सोमेश्वर पुरी बताते हैं कि अभय सिंह उन्हें काशी में मिले थे। वह फक्कड़ों की तरह घूम रहे थे। बातचीत में लगा कि उन्हें अध्यात्म को लेकर बहुत जिज्ञासा है। जिसके चलते उन्हें अपने साथ रख लिया। फिर महाकुंभ में लाए ताकि वह यहां आए महापुरुषों और गुरुओं के दर्शन कर सकें। ——————- IITian बाबा से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- हरियाणा का IITian बाबा परिवार से नाखुश:बोला– मां–बाप भगवान नहीं, यह कलयुग का कॉन्सेप्ट नहीं; पिता बोले– अब घर नहीं ला सकते प्रयागराज महाकुंभ से सुर्खियों में आए हरियाणा के झज्जर के अभय सिंह उर्फ IITian बाबा का कहना है कि वह कोई बाबा नहीं है। अभय ने इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली है। इसके अलावा परिवार को लेकर भी अभय सिंह बहुत नाखुश नजर आ रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर महाकुंभ का IITian बाबा हरियाणा का रहने वाला:एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की, कनाडा में 3 लाख की नौकरी छोड़ी, 6 महीने पहले घरवालों से संपर्क तोड़ा उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में IITian बाबा अभय सिंह खूब सुर्खियों में हैं। अभय ने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की। इसके बाद कनाडा जाकर एरोप्लेन बनाने वाली कंपनी में काम किया। हालांकि अचानक वह देश लौटे और कुछ समय बाद घर से गायब हो गए। पढ़ें पूरी खबर हरियाणा | दैनिक भास्कर