हरियाणा के नारनौल सहित प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवाओं को जिला मुखिया के तौर पर देखने वाले सीएमओ के पद ही खाली है। हरियाणा में ऐसे सात जिले है, जहां कई माह से सीएमओ का पद खाली है। इनके कार्य को दूसरे जिला से जुड़े सीएमओ अतिरिक्त भार के तौर पर संभाले हुए है। जब अक्टूबर माह में हरियाणा में मंत्रीमंडल का गठन हुआ तो 14 मंत्रियों ने शपथ ली। महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा से पहली बार चुनाव जीतकर आई आरती सिंह राव को स्वास्थ्य मंत्री का जिम्मा सौंपा गया। तब से ही आस लगी थी कि प्रदेश के साथ साथ गृह क्षेत्र महेंद्रगढ़ जिले में तो स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी होगी। सरकार बने तीन माह बीत गए हैं, मगर अभी तक सीएमओ पद भी नहीं भरा गया है। हरियाणा में 22 जिलों में से 7 जिलों में स्थायी तौर पर सीएमओ की कुर्सी खाली है। इनमें झज्जर, कुरूक्षेत्र, जींद, दादरी, फतेहाबाद और गुरुग्राम के अलावा महेंद्रगढ़ जिला शामिल है। इनमें अधिकांश दक्षिणी हरियाणा के जिले शामिल है। इन जिलों में दूसरे जिले से जुड़े सीएमओ का अतिरिक्त कार्यभार संभालने के लिए ड्यूटी लगाई गई है। जबकि पिछले माह 10 दिसम्बर 2024 को 13 चिकित्सकों की पदोन्नति की गई थी। इनमें डॉ. राजेश राजू, डॉ. पंकज माला शर्मा, डॉ. सतेंद्र वशिष्ठ, डॉ. सुमन कोहली, डॉ. कुल प्रतिभा, डॉ.वंदना मोहन, स्नेह सिंह, डॉ. ज्योत्सना, डॉ. रेणु भंबू, डॉ.विजय मलिक, डॉ. नरेंद्र दहिया, डॉ. रेनू बेरी और डॉ. अलका सिंह शामिल है। इनमें एक या दो को ही ज्वाइनिंग मिली है। बाकी सभी ज्वाइनिंग के इंतजार में है। गृह जिला मुख्यालय अस्पताल कर रहा स्वास्थ्य मंत्री का इंतजार मंत्रीमंडल गठन की शपथ 17 अक्टूबर 2024 को हुई थी। अब तीन माह होने को है। अटेली विधानसभा से जीतकर प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री बनी आरती सिंह राव अभी तक खुद के ही गृह जिला मुख्यालय से जुड़े नागरिक अस्पताल में नहीं पहुंची है। सूत्र का कहना है कि एक बार नागरिक अस्पताल नारनौल में आने का दौरा भी तय हुआ, किसी कारण उसे स्थगित कर दिया गया। जिले से जुड़े जागरूक लोग इसी दिन का इंतजार कर रहे है कि यहां स्वास्थ्य मंत्री दौरा करेगी तो उन्हें अनगिनत खामियों से अवगत करवाते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी की मांग करें। स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले का हाल गृह जिले में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े खाली पदों की बात करें तो अहम पद ही खाली है। जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को चलाने वाला अहम जिला स्वास्थ्य अधिकारी पद ही खाली है। फिलहाल इस पद का कार्य अस्थाई तौर पर डॉ. धर्मेंद्र सांगवान संभाले हुए है। यहीं नहीं, 8 पोस्ट डिप्टी सीएमओ की है, यह सभी आठों खाली है। यहां 18 पद एसएमओ है, इनमें से 12 एसएमओ की कुर्सी खाली पड़ी है। सीएमओ ऑफिस का सुपरिटेडेंट पद भी खाली है। हैरानी की बात है कि चिकित्सकों के 35 पद भी रिक्त पड़े है। अगर हम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एसएचएम) की बात करें तो इनमें 172 रिक्त पदों को भरने के लिए 116 पदों की भर्ती प्रक्रिया जरूर चल रही है। जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित 149 में से 24 एमपीएचडब्ल्यू मेल के पद रिक्त है। वहीं ग्रामीण महिलाओं को चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने वाले एमपीएचडब्ल्यू फिमेल/एएनएम के 30 पद भी भरने का इंतजार कर रहे है। हरियाणा के नारनौल सहित प्रदेश भर में स्वास्थ्य सेवाओं को जिला मुखिया के तौर पर देखने वाले सीएमओ के पद ही खाली है। हरियाणा में ऐसे सात जिले है, जहां कई माह से सीएमओ का पद खाली है। इनके कार्य को दूसरे जिला से जुड़े सीएमओ अतिरिक्त भार के तौर पर संभाले हुए है। जब अक्टूबर माह में हरियाणा में मंत्रीमंडल का गठन हुआ तो 14 मंत्रियों ने शपथ ली। महेंद्रगढ़ जिले की अटेली विधानसभा से पहली बार चुनाव जीतकर आई आरती सिंह राव को स्वास्थ्य मंत्री का जिम्मा सौंपा गया। तब से ही आस लगी थी कि प्रदेश के साथ साथ गृह क्षेत्र महेंद्रगढ़ जिले में तो स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी होगी। सरकार बने तीन माह बीत गए हैं, मगर अभी तक सीएमओ पद भी नहीं भरा गया है। हरियाणा में 22 जिलों में से 7 जिलों में स्थायी तौर पर सीएमओ की कुर्सी खाली है। इनमें झज्जर, कुरूक्षेत्र, जींद, दादरी, फतेहाबाद और गुरुग्राम के अलावा महेंद्रगढ़ जिला शामिल है। इनमें अधिकांश दक्षिणी हरियाणा के जिले शामिल है। इन जिलों में दूसरे जिले से जुड़े सीएमओ का अतिरिक्त कार्यभार संभालने के लिए ड्यूटी लगाई गई है। जबकि पिछले माह 10 दिसम्बर 2024 को 13 चिकित्सकों की पदोन्नति की गई थी। इनमें डॉ. राजेश राजू, डॉ. पंकज माला शर्मा, डॉ. सतेंद्र वशिष्ठ, डॉ. सुमन कोहली, डॉ. कुल प्रतिभा, डॉ.वंदना मोहन, स्नेह सिंह, डॉ. ज्योत्सना, डॉ. रेणु भंबू, डॉ.विजय मलिक, डॉ. नरेंद्र दहिया, डॉ. रेनू बेरी और डॉ. अलका सिंह शामिल है। इनमें एक या दो को ही ज्वाइनिंग मिली है। बाकी सभी ज्वाइनिंग के इंतजार में है। गृह जिला मुख्यालय अस्पताल कर रहा स्वास्थ्य मंत्री का इंतजार मंत्रीमंडल गठन की शपथ 17 अक्टूबर 2024 को हुई थी। अब तीन माह होने को है। अटेली विधानसभा से जीतकर प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री बनी आरती सिंह राव अभी तक खुद के ही गृह जिला मुख्यालय से जुड़े नागरिक अस्पताल में नहीं पहुंची है। सूत्र का कहना है कि एक बार नागरिक अस्पताल नारनौल में आने का दौरा भी तय हुआ, किसी कारण उसे स्थगित कर दिया गया। जिले से जुड़े जागरूक लोग इसी दिन का इंतजार कर रहे है कि यहां स्वास्थ्य मंत्री दौरा करेगी तो उन्हें अनगिनत खामियों से अवगत करवाते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं में बढ़ोतरी की मांग करें। स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले का हाल गृह जिले में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े खाली पदों की बात करें तो अहम पद ही खाली है। जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को चलाने वाला अहम जिला स्वास्थ्य अधिकारी पद ही खाली है। फिलहाल इस पद का कार्य अस्थाई तौर पर डॉ. धर्मेंद्र सांगवान संभाले हुए है। यहीं नहीं, 8 पोस्ट डिप्टी सीएमओ की है, यह सभी आठों खाली है। यहां 18 पद एसएमओ है, इनमें से 12 एसएमओ की कुर्सी खाली पड़ी है। सीएमओ ऑफिस का सुपरिटेडेंट पद भी खाली है। हैरानी की बात है कि चिकित्सकों के 35 पद भी रिक्त पड़े है। अगर हम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एसएचएम) की बात करें तो इनमें 172 रिक्त पदों को भरने के लिए 116 पदों की भर्ती प्रक्रिया जरूर चल रही है। जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित 149 में से 24 एमपीएचडब्ल्यू मेल के पद रिक्त है। वहीं ग्रामीण महिलाओं को चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने वाले एमपीएचडब्ल्यू फिमेल/एएनएम के 30 पद भी भरने का इंतजार कर रहे है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हिसार में अग्रोहा धाम में पूर्णिमा पर भजन समारोह:बजरंग गर्ग ने अतिथियों को दिए स्मृति चिन्ह; राजनीतिक भागेदारी मांगने का आह्वान हरियाणा के हिसार स्थित अग्रोहा धाम में पूर्णिमा के पावन पर्व पर भजन समारोह, छप्पन भोग व भंडारे का आयोजन किया गया। बड़ी संख्या में लोगों ने इसमें भाग लिया। अग्रोहा धाम वैश्य समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कार्यक्रम में आए गणमान्य व्यक्तियों व अतिथियों को स्मृति चिंह भेंट किए। बजरंग दास गर्ग ने कहा कि अग्रोहा धाम के नेतृत्व में देश का वैश्य समाज सामाजिक व धार्मिक कार्यों में लगा हुआ है। देश के कौने-कौने में वैश्य समाज की संस्थाओं द्वारा अस्पताल, स्कूल, धर्मशाला, मंदिर, गौशाला, कॉलेज आदि बनाकर जनता की सेवा की जा रही है। मगर वैश्य समाज राजनीतिक में लगातार पिछड़ता जा रहा है। बजरंग गर्ग ने कहा कि वैश्य समाज को सामाजिक व धार्मिक कार्यों के साथ-साथ राजनीतिक में भी अपने हिस्सेदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज बिना सरकार में हिस्सेदारी के सामाजिक व धार्मिक कार्यों को पूरा करने में भी बड़ी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि वैश्य समाज के बच्चों उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिलती और हर सरकारी विभागों में छोटे-छोटे कामों के लिए चक्कर काटने पड़ते हैं और बिना सेवा शुल्क कोई काम नहीं होता। बजरंग गर्ग ने कहा कि वैश्य समाज के युवाओं को आगे आने का आह्वान किया जबकि युवा पीढ़ी देश का भविष्य है। हम देश व प्रदेश के युवाओं को आगे लाने के लिए हर प्रकार की मदद करेंगे क्योंकि युवाओं के कारण भारत देश पहले से ओर ज्यादा तरक्की करेगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर कलाकारों द्वारा देवी-देवताओं पर आधारित भजन सुना कर जनता का मन मोह लिया।
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हरियाणा कांग्रेस में टिकट के लिए बड़े नेता आमने-सामने:भाजपा सांसद के भाई ने तोशाम से मांगा टिकट, जेजेपी विधायक की डिमांड शाहबाद सीट हरियाणा विधानसभा चुनाव की घोषणा अब कभी भी हो सकती है। राजनीति पार्टियां अपनी तरफ से तैयारियों में लगी है। वहीं कांग्रेस ने हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों पर हुए आवेदन के हिसाब से दूसरा सर्वे शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने 10 अगस्त तक आवेदन मांगे थे। इसमें 90 सीटों पर 2556 दावेदार सामने आए हैं। कांग्रेस के आवेदन सूची में चौंकाने वाले नाम भी हैं। सबसे बड़ा चौंकाने वाला नाम सांसद चौधरी धर्मबीर के भाई राजबीर लाला का है। राजबीर लाला भाजपा के भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद चौधरी धर्मबीर का पूरा चुनाव प्रचार भी संभालते हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि धर्मबीर के भाई ने किरण चौधरी के सामने तोशाम से कांग्रेस का टिकट मांगा है। इसी सीट पर बंसीलाल के पौते अनिरुद्ध ने भी टिकट के लिए आवेदन किया है। दूसरा चौंकाने वाला नाम शाहबाद के मौजूदा विधायक रामकरण काला का है। रामकरण काला JJP के विधायक हैं। JJP विधायक ने कांग्रेस की टिकट के लिए आवेदन किया है। तोशाम और टोहाना सीट पर मचेगा घमासान
किरण चौधरी के भाजपा में जाने के बाद तोशाम सीट पर चौधरी बंसीलाल के पौते और रणबीर महेंद्रा के बेटे अनिरुद्ध चौधरी ने आवेदन किया है। वहीं चौधरी धर्मबीर के भाई राजबीर लाला ने भी यहां से आवेदन किया है। रणबीर महेंद्रा के परिवार ने इस बार बाढ़डा सीट से परिवार ने दावेदारी पेश नहीं की है। पिछले बार अनिरुद्ध चौधरी के पिता रणबीर महेंद्रा नैना चौटाला के सामने बाढड़ा विधानसभा से लड़े और वह दूसरे नंबर पर रहे थे। नैना चौटाला से हार के बाद अबकी बार रणबीर महेंद्रा अपनी पारंपरिक सीट पर शिफ्ट हो गया है। कांग्रेस बंसीलाल की पुत्रवधु किरण चौधरी के सामने पौते अनिरुद्ध चौधरी को लड़ाएगी या धर्मबीर के भाई राजबीर को इस पर पार्टी का फैसला करना आसान नहीं होगा। वहीं जजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ने देवेंद्र बबली के इलाके टोहाना से कांग्रेस का टिकट मांगा है। देवेंद्र बबली की भी कांग्रेस से चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं। बबली सैलजा के भरोसे टिकट के लिए बैठे हैं वहीं निशान सिंह को कांग्रेस में लाने वाले भूपेंद्र हुड्डा हैं। ऐसे में पार्टी किसे टिकट देगी किसे नाराज करेगी। यह आने वाला समय बताएगा। हुड्डा अपनी सीट पर अकेले दावेदार, सुरजेवाला ने पत्ते नहीं खोले
बता दें कि पूर्व भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गढ़ी सांपला किलोई से महज 1 आवेदन आया है। हुड्डा अपनी सीट पर अकेले दावेदार हैं। वहीं कांग्रेस नेता अवतार सिंह भड़ाना ने 3 जगह से दावेदारी जताई है। अवतार भड़ाना ने नांगल चौधरी, पुन्हाना और एनआईटी फरीदाबाद से दावेदारी ठोकी है। भाजपा सरकार से समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने चरखी दादरी से कांग्रेट का टिकट के लिए आवेदन किया है। सबसे खास बात है कि कैथल विधानसभा से रणदीप सिंह सुरजेवाला ने अपने किसी समर्थक का आवेदन नहीं करवाया है। चर्चाएं हैं कि सुरजेवाला खुद या बेटे आदित्य सुरजेवाला को यहां से चुनाव लड़वा सकते हैं मगर सुरजेवाला परिवार में किसी ने आवेदन नहीं किया है। रिजर्व सीटों पर सर्वाधिक नामांकन
खास बात यह है कि हरियाणा की 14 रिजर्व सीटों पर सबसे ज्यादा दावेदार हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा रिजर्व सीटों पर पिछड़ गई थी यही कारण है कि हरियाणा की रिजर्व सीटों पर सबसे ज्यादा दावेदार हैं। रिजर्व सीटों को देखें तो मुलाना विधानसभा में 45, शाहबाद में 56, गुहला में 45, नीलोखेड़ी में 88, इसराना में 33, खरखौदा 54, नरवाना 44, रतिया 38, कालांवाली 14, बवानीखेड़ा 75, कलानौर 55, झज्जर 12 बावल 52 और पटौदी में 42 आवेदन कांग्रेस के आए हैं। इसके अलावा कांग्रेस की नीलोखेड़ी सीट पर सबसे अधिक 88 आवेदन आए हैं। इसके बाद जुलाना से 86, बवानीखेड़ा से 78, बाढ़डा से 60 और उकलाना से 57 लोगों ने आवेदन किया है। किसी ने 2 से 3 सीटों पर तो कहीं पिता-पुत्र, पति-पत्नी ने दावेदारी जताई
विधानसभा में कई सीटें ऐसी हैं जहां पिता-पुत्र, पति-पत्नी ने एक ही सीट पर दावेदारी जताई है तो कुछ लोगों ने एक से अधिक सीटों पर दावेदारी जताई है। सिरसा में 3 पिता-पुत्रों ने दावेदारी जताई है। इसमें राजकुमार शर्मा उनके बेटे मोहित शर्मा, वीरभान मेहता और बेटे राजन मेहता, अमीरचंद चावला, करण चावला ने आवेदन किया है। नलवा सीट पर पूर्व मंत्री प्रो. संपत सिंह और उनके बेटे गौरव सिंह ने आवेदन किया है। फतेहाबाद में प्रह्लाद सिंह गिल्लाखेड़ा और उनके बेटे ने एक सीट से ही दावेदारी जताई है। हांसी में पूर्व मंत्री सुभाष गोयल और उनके बेटे सुशील गोयल ने आवेदन किया है। हिसार में हनुमान ऐरन और उनकी पत्नी रेखा ऐरन ने आवेदन किया है। जजपा विधायकों वाली सीट पर अधिक आवेदन
खास बात है कि जिन सीटों पर जजपा के विधायक हैं उन सीटों पर कांग्रेस की ओर से ज्यादा आवेदन हैं। इसका कारण है कि जजपा के वोट बैंक में कांग्रेस सेंधमारी कर चुकी है। लोकसभा चुनाव में भी जजपा के अधिकांश सीटों में कांग्रेस आगे रही थी। टोहाना, नारनौंद, उचाना, जुलाना, बाढड़ा, उकलाना, नरवाना, शाहबाद और गुहला जैसी सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिली थी। टोहाना में कांग्रेस के 21, उचाना में 17, जुलाना में 86, बाढड़ा में 60, शाहबाद में 56, गुहला में 45, उकलाना में 57, नरवाना में 44 और बरवाला में 55 लोगों ने आवेदन किया है।
करनाल में नैपकिन फैक्ट्री में अचानक लगी आग:फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने पाया काबू, पहले भी दो बार लग चुकी
करनाल में नैपकिन फैक्ट्री में अचानक लगी आग:फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने पाया काबू, पहले भी दो बार लग चुकी हरियाणा में करनाल जिले के नमस्ते चौक से ब्रह्मानंद चौक की तरफ जाने वाली सड़क पर नैपकिन बनाने वाली फैक्ट्री में अचानक आग लग गई। आग लगने से आसपास के एरिया में अफरा तफरी मच गई। आग की लपटों ने पूरी फैक्ट्री को अपनी चपेट में ले लिया। आगजनी की सूचना के बाद पुलिस व फायर ब्रिगेड की गाड़ियों के सायरन बज उठे और गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। फायर ब्रिगेड की गाडियों ने आग बुझाने की प्रोसेस शुरू की। आग इतनी भयंकर थी कि आग बुझाने में फायर कर्मचारियों के भी पसीने छूट गए। पहले भी घटित हो चुकी घटना नैपकिन की फैक्ट्री में आगजनी की यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी दो बार आग लग चुकी है। जिसमें पहले भी काफी नुकसान हुआ था। बताया जा रहा है कि जिस वक्त आग लगी उस टाइम कोई भी व्यक्ति या कर्मचारी फैक्ट्री में मौजूद नहीं था। राहगीर प्रवीन कुमार, राममेहर, कृष्ण लाल व अन्य ने बताया कि हमने फैक्ट्री में आग लगी हुई देखी। आग बहुत ही ज्यादा भयानक लगी हुई थी। गनीमत रही कि फैक्ट्री में कोई कर्मचारी नहीं था। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर आई और चार से पांच गाड़ियां आग पर काबू पाने के लिए पहुंची है। फायर ब्रिगेड टीम ने पाया काबू ईआरवी इंचार्ज बलविंद्र ने बताया कि नैपकिन फैक्ट्री में आग लगने की जानकारी मिली थी। बताया जा रहा है कि पहले भी इस फैक्ट्री में आग लग चुकी है। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर बुला ली और कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी है। संबंधित थाने को जानकारी दे दी गई है। पुलिस मामले की जांच की जा रही है।