पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में टैंकर ने पैदल चल रहे युवकों को कुचल दिया, जिसमें दो की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा सरहिंद के चावला चौक के पास हुआ। युवक भारत माला प्रोजेक्ट पर काम करने आए थे। पुलिस के अनुसार, यूपी के बलिया जिले के रहने वाले लुटन राजभर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि संदीप कुमार की अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल विनोद कुमार और चंद्रशेखर को पहले सिविल अस्पताल फतेहगढ़ साहिब ले जाया गया, जहां से उन्हें चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेज सेक्टर 32 में रेफर कर दिया गया। सरहिंद थाना के सब इंस्पेक्टर बलविंदर सिंह ने बताया कि युवक भारत माला प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए ट्रेन से सरहिंद पहुंचे थे। संदीप कुमार इन युवकों को स्टेशन से अपनी रिहायश की ओर पैदल ले जा रहा था, तभी यह हादसा हुआ। पुलिस ने टैंकर को अपने कब्जे में ले लिया है और फरार ड्राइवर हरदीप सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है। पंजाब के फतेहगढ़ साहिब में टैंकर ने पैदल चल रहे युवकों को कुचल दिया, जिसमें दो की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा सरहिंद के चावला चौक के पास हुआ। युवक भारत माला प्रोजेक्ट पर काम करने आए थे। पुलिस के अनुसार, यूपी के बलिया जिले के रहने वाले लुटन राजभर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि संदीप कुमार की अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल विनोद कुमार और चंद्रशेखर को पहले सिविल अस्पताल फतेहगढ़ साहिब ले जाया गया, जहां से उन्हें चंडीगढ़ के सरकारी मेडिकल कॉलेज सेक्टर 32 में रेफर कर दिया गया। सरहिंद थाना के सब इंस्पेक्टर बलविंदर सिंह ने बताया कि युवक भारत माला प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए ट्रेन से सरहिंद पहुंचे थे। संदीप कुमार इन युवकों को स्टेशन से अपनी रिहायश की ओर पैदल ले जा रहा था, तभी यह हादसा हुआ। पुलिस ने टैंकर को अपने कब्जे में ले लिया है और फरार ड्राइवर हरदीप सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना में पंचायती चुनाव को लेकर दो गुट भिड़े:चंडोक बोला-प्रचार करते समय युवकों ने पीटा,सरपंच बोला-लोगों को घर में जाकर धमकाया पंजाब के लुधियाना में गांव भामिया कलां स्थित प्रीतम विहार में पंचायती चुनाव में प्रचार कर रहे दो गुट आमने-सामने हो गए। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए है। मारपीट में कुल 4 लोग घायल होने का समाचार मिला है। सिविल अस्पताल में उपचार करवाने आए उम्मीदवार अमन चंडोक ने कहा कि भामिया कलां से आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहा है। वह प्रीतम विहार इलाके में चुनाव प्रचार कर रहा था इतने में कुछ लोग आए जिन्होंने गालियां देते हुए तेजधार हथियारों से मारपीट की। चंडोक बोला-सिर पर लगे है टांके चंडोक ने कहा कि वह किसी तरह अपनी जान बचाकर भागा है। उसके सिर पर टांके लगे है। उसने थाना जमालपुर में शिकायत दी है। इलाके में सीसीटीवी कैमरे पुलिस चैक करवाए शायद कोई क्लू वहां से मिल जाए। झड़प के समय मां के गांव करवा रहा था चुनाव प्रचार-सरपंच दर्शन सिंह उधर, दूसरे पक्ष के आम आदमी पार्टी के नेता और मौजूदा भामिया कलां के सरपंच दर्शन सिंह मल्हा ने कहा कि पिछले 10 साल से वह गांव के सरपंच है। जिस समय ये झड़प हुई है वह अपनी मां के साथ उनके गांव में चुनाव प्रचार करवा रहे थे। उन्हें गांव के लोगों ने बताया कि अमन चंडोक गांव के लोगों के साथ मारपीट करवा रहा है। एक महिला के साथ भी बदसलूकी उसने की है। इसी बात को लेकर इलाके के लोगों ने अमन चंडोक का विरोध किया है। गुस्से में आकर अमन और उसके साथियों ने लोगों पर हमला किया जिस दौरान एक महिला और व्यक्ति घायल हुए है।
PSEB ने विद्यार्थियों को दी बड़ी राहत:20 जून तक भर पाएंगे कंपार्टमेंट एग्जाम के लिए फार्म, जुलाई में आयोजित होगी परीक्षा
PSEB ने विद्यार्थियों को दी बड़ी राहत:20 जून तक भर पाएंगे कंपार्टमेंट एग्जाम के लिए फार्म, जुलाई में आयोजित होगी परीक्षा पंजाब में जो स्टूडेंट्स कक्षा 10वीं और 12वीं की कंपार्टमेंट परीक्षा के फार्म अभी तक नहीं भर पाए हैं, उन्हें पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) ने 20 जून तक आवेदन करने का समय दिया है। इसके बाद किसी को भी आवेदन का माैका नहीं दिया जाएगा। बोर्ड ने इस संबंध में सारी जानकारी अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। विभागीय वेबसाइट से स्टूडेंट्स को सारी जानकारी हासिल करनी होगी। हालांकि परीक्षा संबंधी डेटशीट पहले ही जारी कर दी गई थी। परीक्षा जुलाई के पहले हफ्ते में शुरू होगी। 5वीं और 8वीं का शेड्यूल इससे पहले PSEB की तरफ से कक्षा 5वीं और 8वीं का शेड्यूल जारी किया था। इसके मुताबिक स्टूडेंट्स को परीक्षा के फार्म व फीस ऑन लाइन भरने का समय 20 जून तय किया गया है। जबकि स्टूडेंट्स को परीक्षा फार्म की हॉर्ड कॉपी 25 जून तक क्षेत्रीय दफ्तरों में जमा करवानी होगी। 5वीं कक्षा के लिए परीक्षा फार्म की फीस 600 रुपए रखी गई है। जबकि अगर स्टूडेंटस सर्टिफिकेट की हॉर्ड कॉपी लेना चाहता है तो उन्हें 200 रुपए फीस अलग से जमा करवानी होगी। इसी तरह कक्षा 8वीं के लिए फीस 950 रुपए और सर्टिफिकेट के लिए 200 रुपए जमा करवाने होंगे। ऐसे आयोजित की जाएगी परीक्षाएं बोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक, 5वीं की परीक्षाएं 4 जुलाई से शुरू होकर 11 जुलाई तक चलेगी। 8वीं कक्षा की परीक्षाएं 4 जुलाई से 16 जुलाई के बीच में होंगी। 10वीं की परीक्षाएं 4 जुलाई से 16 जुलाई व 12वीं कक्षा की परीक्षाएं 4 जुलाई से 19 जुलाई के मध्य में होगी।
पंजाब पूर्व CM के पोते चुनाव हारकर भी मंत्री बने:दादा की एम्बेसडर कार को लकी मानते हैं, सचिवालय में ब्लास्ट के दौरान मौजूद थे
पंजाब पूर्व CM के पोते चुनाव हारकर भी मंत्री बने:दादा की एम्बेसडर कार को लकी मानते हैं, सचिवालय में ब्लास्ट के दौरान मौजूद थे वर्ष 1995 में आतंकवाद के दौर में सचिवालय बिल्डिंग ब्लास्ट में जान गंवाने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते रवनीत बिट्टू को नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार में मंत्री बनाया गया है। रवनीत बिट्टू ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन की थी। भाजपा ने उन्हें लुधियाना से उम्मीदवार बनाया, लेकिन वह कांग्रेस के अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग से हार गए। ऐसे में अब भाजपा ने उन्हें मंत्री बनाकर सिख समाज को साधने की कोशिश की। रवनीत बिट्टू के राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2008 में युवा कांग्रेस से शुरू किया था। 2008 में वे पंजाब यूथ कांग्रेस के पहले निर्वाचित अध्यक्ष बने। 2009 में पार्टी ने उन्हें श्री आनंदपुर साहिब से टिकट दी और दादा बेअंत सिंह व पिता स्वर्णजीत सिंह के किए कामों के कारण वे आसानी से चुनाव जीत गए। पार्टी ने भी पहली बार चुनाव जीतने के बाद उन्हें होम अफेयर्स कमेटी का सदस्य बना दिया। 2014 में कांग्रेस ने बिट्टू की सीट बदलते हुए लुधियाना शिफ्ट किया। इसके बाद 2014 और 2014 में वह इसी सीट से सांसद चुने गए। आतंकियों की धमकी को नजरअंदाज कर डाला वोट
90 के दशक में आतंकवाद का दौर था। आतंकियों ने वोट डालने वालों को जान से मारने की धमकी दे रखी थी। बिट्टू 18 साल के हुए थे और उनका पहला वोट डालने का मौका था। बिट्टू ने आतंकियों की धमकी करे नजरअंदाज कर वोट डाला। इतना ही नहीं, मुहिम चलाई और लोगों को आतंकियों की धमकी से उलट चल वोट डालने के लिए प्रोत्साहित किया। दादा की मौत के समय घटनास्थल पर मौजूद थे बिट्टू
पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के देहांत के समय रवनीत सिंह बिट्टू की उम्र महज 20 साल थी। वे सचिवालय की दूसरी मंजिल पर मौजूद थे, उनके चचेरे भाई गुरकिरत सिंह कोटली भी वहीं थे। जब धमाका हुआ तो वे तुरंत नीचे की तरफ भागे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने दोबारा ब्लास्ट के संदेह के डर से दोनों को बिल्डिंग से बाहर निकाल दिया। उन्हें सुरक्षा के चलते गाड़ी के पास नहीं जाने दिया गया। अंत में बेअंत सिंह हाथ में पहने कड़े के कारण पहचाने गए। गुरकिरत कोटली चचेरे भाई
पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के देहांत के बाद बेटे तेजप्रकाश सिंह ने परंपरा को आगे बढ़ाया था। वे पंजाब के पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं। उनकी छोटी बेटी गुरकंवल कौर भी राजनीति में रहीं। बेअंत सिंह के बेटे तेजप्रकाश के बेटे गुरकिरत सिंह कोटली खन्ना से 2 बार विधायक रह चुके हैं और आज भी कांग्रेस के साथ हैं। बेअंत सिंह के दूसरे बेटे स्वर्णजीत सिंह ने राजनीति से दूरी बनाकर रखी और उनके बेटे रवनीत बिट्टू राजनीति में आ गए। दादा की कार को मानते हैं लकी
रवनीत सिंह बिट्टू का अपने दादा के साथ भावनात्मक रिश्ता है। बेअंत सिंह की एम्बेसडर कार को बिट्टू लकी मानते हैं। अपना नामांकन वे हमेशा इसी कार में भरने जाते हैं। बिट्टू ने एक इंटरव्यू में कहा था उनके परिवार का उस कार से भावनात्मक रिश्ता है। जिसमें उनके दादा ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए आतंकवाद के दिनों में राज्यभर में लाखों किलोमीटर का सफर किया करते थे। उनके पास अपने समय के महान राजनीतिक व्यक्तित्व की विरासत है। बम से उड़ाने की मिल चुकी धमकी
इस साल की शुरुआत में रवनीत सिंह बिट्टू को बम से उड़ाने की धमकी मिली थी। बिट्टू को वॉट्सऐप पर अज्ञात विदेशी नंबर से कॉल आई। धमकी देने वाले ने बिट्टू से कहा कि जल्द ही उन्हें बम से उड़ा दिया जाएगा। इसके बाद बिट्टू ने इसकी शिकायत पुलिस को दी थी। किसानों ने बिट्टू पर किया था हमला
जनवरी 2021 में कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सिंघु बॉर्डर पर बैठे हुए थे। उस दौरान रवनीत सिंह बिट्टू किसानों के बीच पहुंचे। यहां उनकी किसानों के साथ कहासुनी हो गई। बात धक्कामुक्की से लेकर छीना झपटी तक जा पहुंची। इस दौरान बिट्टू की पगड़ी भी उतर गई थी। रवनीत सिंह बिट्टू से जुड़े 2 विवाद 1. कब्जे के आरोप में नोटिस मिला – मई महीने में नामांकन दाखिल करने से एक दिन पहले, नागरिक निकाय ने रवनीत बिट्टू को 8 साल तक लुधियाना में सरकारी घर पर अवैध रूप से कब्जा करने का आरोप लगाते हुए नोटिस दिया था। बिट्टू को नामांकन दाखिल करने से पहले घर खाली करने और जुर्माने के रूप में 1.82 करोड़ का भुगतान करने के लिए कहा गया। इसके बाद बिट्टू भाजपा कार्यालय चले गए और फर्श पर ही सोए। 2. किसानों के विरोध के कारण भागना पड़ा- लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान रवनीत बिट्टू को लुधियाना में किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान एक वीडियो भी वायरल हुई थी, जिसमें बिट्टू भागते हुए नजर आए। इसके बाद बिट्टू ने कहा था कि “वह उन्हें (किसानों को) 4 जून (परिणाम वाले दिन) के बाद देख लेंगे”। राज्यसभा में भेजने की तैयारी में पार्टी
चूंकि रवनीत सिंह बिट्टू लोकसभा चुनाव हार गए हैं तो पार्टी उन्हें राज्यसभा में भेजने की तैयारी कर रही है। चर्चा है कि उन्हें हरियाणा से राज्यसभा में भेजा जा सकता है। कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यहां एक सीट खाली हुई है। यह पहला मौका नहीं है कि पंजाब में चुनाव हारकर कोई केंद्र में मंत्री बना हो। इससे पहले डॉ. मनमोहन सिंह, अरुण जेटली और हरदीप पुरी भी केंद्र में मंत्री बन चुके हैं।