सुप्रीम कोर्ट अब बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सज़ा पर 18 मार्च को सुनवाई करेगा। राजोआना ने “असाधारण” और “अनुचित देरी” के आधार पर अपनी मौत की सज़ा माफ़ करने की अपील की है। याचिका में तर्क दिया गया है कि भारत सरकार ने उसकी दया याचिका पर फ़ैसला करने में काफ़ी समय लगाया है। वह लगभग 29 साल से जेल में है। कोर्ट रूम से लाइव सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि राजोआना की मौत की सजा का मामला तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे के कार्यकाल से लंबित है। उन्होंने कहा कि राजोआना 15 साल से मौत की सजा का सामना कर रहे हैं और पिछले 29 वर्षों से जेल में बंद हैं। उन्होंने तर्क दिया कि अब उन्हें रिहा किया जाना चाहिए। जस्टिस बी.आर. गवई – या तो आप निर्णय लें, अन्यथा हम इस मामले की मेरिट पर सुनवाई करेंगे। लेकिन हर मामला एक जैसा नहीं होता। कैद-ताउम्र की सजा का विकल्प भी होता है। रोहतगी – भुल्लर मामले में मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था। जस्टिस गवई – इस मामले की सुनवाई 18 मार्च, 2025 को करेंगे। रोहतगी – मेडिकल रिपोर्ट पेश करने की अनुमति दी जाए।” जस्टिस गवई – इसका ध्यान रखा जाएगा।” सुप्रीम कोर्ट का आदेश- हम इस मामले की मेरिट पर 18 मार्च को सुनवाई करेंगे। अगर तब तक निर्णय लिया जा सके, तो अच्छा होगा। जानें इससे पहले क्या हुआ जस्टिस बी.आर. गवई, प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन की पीठ इस मामले की सुनवाई की। 18 नवंबर को कोर्ट ने अनुरोध किया था कि राष्ट्रपति के पास लंबित दया याचिका पर दो सप्ताह के भीतर निर्णय लिया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर निर्धारित समय सीमा में दया याचिका पर विचार नहीं किया गया, तो वह अंतरिम राहत देने के लिए याचिका पर विचार करेगा। हालांकि, ओपन कोर्ट में आदेश पारित करने के बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तत्काल अपील की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे में “संवेदनशीलता” शामिल है और अनुरोध किया कि आदेश को हस्ताक्षरित और अपलोड न किया जाए। कोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए आदेश को अंतिम रूप देने और अपलोड करने से परहेज किया। अदालत में यह दलीलें रखी गई वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी (राजोआना के लिए) ने दया याचिका पर फैसला करने में देरी को “चौंकाने वाला” बताया। उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति आज तक 29 वर्षों से लगातार हिरासत में है। मूल रूप से उसे 1996 में बम विस्फोट के अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था। रोहतगी की बात पूरी होने से पहले, न्यायमूर्ति गवई ने पंजाब के वकील से पूछा कि क्या जारी किए गए नोटिस के खिलाफ कोई जवाब दाखिल किया गया है। वकील ने जवाब दिया कि वे छुट्टी के कारण रिपोर्ट दाखिल नहीं कर सकते। इस पर गवई ने कहा कि न्यायालय पंजाब राज्य को जवाब दाखिल करने के लिए 2 सप्ताह का समय देने को तैयार है। 6 महीने में रिहा करने का दिया तर्क इसके बाद रोहतगी ने अंतरिम राहत के लिए दबाव डाला। उन्होंने कहा कि 29 साल बीत से जेल में है। उसकी दया याचिका निपटारा नहीं किया है, जबकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अन्य लोगों को आजीवन कारावास में बदल दिया है। उसकी याचिका मई 2023 में पीठ द्वारा यह कहते हुए निपटा दी गई थी कि वे (संबंधित अधिकारी) नीयत समय में दया याचिका पर कार्रवाई करेंगे। डेढ़ साल बीत चुके हैं। एक आदमी जो अब 29 साल जेल में है, उसे 6 महीने या 3 महीने के लिए रिहा कर दिया जाए। वह एक समाप्त व्यक्ति है। कम से कम, उसे यह देखने दें कि बाहर क्या है….आप उसके अनुच्छेद 21 का पूर्ण उल्लंघन नहीं कर सकते। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राजोआना को किसी भी अंतरिम राहत का पुरजोर विरोध किया। याचिका में इस आधार पर उसकी रिहाई की भी मांग की गई है कि उसने अब तक कुल 28 वर्ष और 08 महीने की सजा काट ली है, जिसमें से 17 वर्ष उसने 8” x 10” की मृत्यु दंड सेल में मृत्यु दंड के दोषी के रूप में काटे हैं, जिसमें 2.5 वर्ष एकांत कारावास में काटे गए हैं। बेअंत सिंह कत्ल का आरोपी राजोआना पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का कत्ल 31 अगस्त 1995 को कर दिया गया था। बलवंत सिंह राजोआना के बयान के अनुसार, उसने और पंजाब पुलिस मुलाजिम दिलावर सिंह ने बेअंत सिंह को ह्यूमन बम से उड़ा दिया था। दिलावर सिंह ने ह्यूमन बम बनकर बेअंत सिंह पर हमला किया था। साजिश इस तरह रची गई थी कि अगर दिलावर फेल हो जाता तो राजोआना की तरफ से हमला किया जाना था। कोर्ट ने राजोआना को फांसी की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट अब बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सज़ा पर 18 मार्च को सुनवाई करेगा। राजोआना ने “असाधारण” और “अनुचित देरी” के आधार पर अपनी मौत की सज़ा माफ़ करने की अपील की है। याचिका में तर्क दिया गया है कि भारत सरकार ने उसकी दया याचिका पर फ़ैसला करने में काफ़ी समय लगाया है। वह लगभग 29 साल से जेल में है। कोर्ट रूम से लाइव सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि राजोआना की मौत की सजा का मामला तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे के कार्यकाल से लंबित है। उन्होंने कहा कि राजोआना 15 साल से मौत की सजा का सामना कर रहे हैं और पिछले 29 वर्षों से जेल में बंद हैं। उन्होंने तर्क दिया कि अब उन्हें रिहा किया जाना चाहिए। जस्टिस बी.आर. गवई – या तो आप निर्णय लें, अन्यथा हम इस मामले की मेरिट पर सुनवाई करेंगे। लेकिन हर मामला एक जैसा नहीं होता। कैद-ताउम्र की सजा का विकल्प भी होता है। रोहतगी – भुल्लर मामले में मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था। जस्टिस गवई – इस मामले की सुनवाई 18 मार्च, 2025 को करेंगे। रोहतगी – मेडिकल रिपोर्ट पेश करने की अनुमति दी जाए।” जस्टिस गवई – इसका ध्यान रखा जाएगा।” सुप्रीम कोर्ट का आदेश- हम इस मामले की मेरिट पर 18 मार्च को सुनवाई करेंगे। अगर तब तक निर्णय लिया जा सके, तो अच्छा होगा। जानें इससे पहले क्या हुआ जस्टिस बी.आर. गवई, प्रशांत कुमार मिश्रा और केवी विश्वनाथन की पीठ इस मामले की सुनवाई की। 18 नवंबर को कोर्ट ने अनुरोध किया था कि राष्ट्रपति के पास लंबित दया याचिका पर दो सप्ताह के भीतर निर्णय लिया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा था कि अगर निर्धारित समय सीमा में दया याचिका पर विचार नहीं किया गया, तो वह अंतरिम राहत देने के लिए याचिका पर विचार करेगा। हालांकि, ओपन कोर्ट में आदेश पारित करने के बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तत्काल अपील की। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे में “संवेदनशीलता” शामिल है और अनुरोध किया कि आदेश को हस्ताक्षरित और अपलोड न किया जाए। कोर्ट ने इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए आदेश को अंतिम रूप देने और अपलोड करने से परहेज किया। अदालत में यह दलीलें रखी गई वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी (राजोआना के लिए) ने दया याचिका पर फैसला करने में देरी को “चौंकाने वाला” बताया। उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति आज तक 29 वर्षों से लगातार हिरासत में है। मूल रूप से उसे 1996 में बम विस्फोट के अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था। रोहतगी की बात पूरी होने से पहले, न्यायमूर्ति गवई ने पंजाब के वकील से पूछा कि क्या जारी किए गए नोटिस के खिलाफ कोई जवाब दाखिल किया गया है। वकील ने जवाब दिया कि वे छुट्टी के कारण रिपोर्ट दाखिल नहीं कर सकते। इस पर गवई ने कहा कि न्यायालय पंजाब राज्य को जवाब दाखिल करने के लिए 2 सप्ताह का समय देने को तैयार है। 6 महीने में रिहा करने का दिया तर्क इसके बाद रोहतगी ने अंतरिम राहत के लिए दबाव डाला। उन्होंने कहा कि 29 साल बीत से जेल में है। उसकी दया याचिका निपटारा नहीं किया है, जबकि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अन्य लोगों को आजीवन कारावास में बदल दिया है। उसकी याचिका मई 2023 में पीठ द्वारा यह कहते हुए निपटा दी गई थी कि वे (संबंधित अधिकारी) नीयत समय में दया याचिका पर कार्रवाई करेंगे। डेढ़ साल बीत चुके हैं। एक आदमी जो अब 29 साल जेल में है, उसे 6 महीने या 3 महीने के लिए रिहा कर दिया जाए। वह एक समाप्त व्यक्ति है। कम से कम, उसे यह देखने दें कि बाहर क्या है….आप उसके अनुच्छेद 21 का पूर्ण उल्लंघन नहीं कर सकते। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राजोआना को किसी भी अंतरिम राहत का पुरजोर विरोध किया। याचिका में इस आधार पर उसकी रिहाई की भी मांग की गई है कि उसने अब तक कुल 28 वर्ष और 08 महीने की सजा काट ली है, जिसमें से 17 वर्ष उसने 8” x 10” की मृत्यु दंड सेल में मृत्यु दंड के दोषी के रूप में काटे हैं, जिसमें 2.5 वर्ष एकांत कारावास में काटे गए हैं। बेअंत सिंह कत्ल का आरोपी राजोआना पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह का कत्ल 31 अगस्त 1995 को कर दिया गया था। बलवंत सिंह राजोआना के बयान के अनुसार, उसने और पंजाब पुलिस मुलाजिम दिलावर सिंह ने बेअंत सिंह को ह्यूमन बम से उड़ा दिया था। दिलावर सिंह ने ह्यूमन बम बनकर बेअंत सिंह पर हमला किया था। साजिश इस तरह रची गई थी कि अगर दिलावर फेल हो जाता तो राजोआना की तरफ से हमला किया जाना था। कोर्ट ने राजोआना को फांसी की सजा सुनाई थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब का हलवारा एयरपोर्ट नए साल पर होगा शुरू:90% काम पूरा, डेल्टा लिंक और बेल्स सिक्योरिटी सिस्टम इंस्टॉलेशन बाकी; 4 जिलों को फायदा
पंजाब का हलवारा एयरपोर्ट नए साल पर होगा शुरू:90% काम पूरा, डेल्टा लिंक और बेल्स सिक्योरिटी सिस्टम इंस्टॉलेशन बाकी; 4 जिलों को फायदा पंजाब के लुधियाना शहर से करीब 31 किलोमीटर दूर रायकोट कस्बे में स्थित हलवारा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू होने में अभी करीब 2 महीने और लगेंगे। क्योंकि इससे जुड़े अधिकारियों का सुझाव है कि इस महीने भी परियोजना का काम पूरा नहीं हो पाएगा। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा निर्माण एजेंसियों के माध्यम से इम्पलीमेंट की जा रही इस परियोजना की कई समय सीमाएं पहले ही समाप्त हो चुकी हैं। दिसंबर के अंत तक एयरपोर्ट को लोगों के लिए खोला जा सकता है। पहले चरण में घरेलू उड़ानें शुरू होंगी। यहां 172 सीटों वाला विमान आसानी से उतर सकेगा। हलवारा में बना एयरपोर्ट 161.28 एकड़ में फैला है। इस क्षेत्र में बना टर्मिनल एरिया 2,000 वर्ग मीटर है। जमीन को छोड़कर कुल परियोजना लागत करीब 70 करोड़ रुपये है। पीडब्ल्यूडी द्वारा 90 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। अब भारतीय वायुसेना द्वारा 10 फीसदी काम किया जाना बाकी है। सुरक्षा कारणों से इस काम में समय लग रहा है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने हलवारा में अत्याधुनिक सिविल एयर टर्मिनल के निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा करने के लिए 50 करोड़ रुपये पहले ही जारी कर दिए हैं। 2007 में पास हुई थी एयरपोर्ट की योजना गौरतलब है कि लुधियाना में एयरपोर्ट बनाने की योजना 2007 में पास हुई थी। 2010 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इसका शिलान्यास करना था, लेकिन किसी कारणवश तमाम तैयारियों के बावजूद यह काम नहीं हो सका। इसके बाद पंजाब सरकार ने जमीन अधिग्रहण करने से मना कर दिया। दिसंबर 2018 में इस योजना पर दोबारा काम शुरू हुआ। इसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की 51 फीसदी और पंजाब सरकार की 49 फीसदी हिस्सेदारी थी। ये है एयरपोर्ट के मौजूदा काम की स्थिति अभी तक टर्मिनल, लाइटिंग, शौचालय, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), बागवानी, रनवे, टैक्सीवे, सुरक्षा व्यवस्था और अनाउंसमेंट सिस्टम समेत लगभग हर काम पूरा हो चुका है। टर्मिनल पर लगाए गए एयर कंडीशनिंग सिस्टम की टेस्टिंग हो चुकी है और ये टेस्टिंग भी सफल रही। अब सिर्फ डेल्टा लिंक तैयार होना बाकी है। इसके साथ ही एप्रन और रनवे लिंक पर सुरक्षा बेल्स सिस्टम लगाया जाना बाकी है। प्रोजेक्ट का 90% से ज्यादा काम पूरा हो चुका है और निर्माणाधीन प्रोजेक्ट साइट के अंदर सिविल वर्क पूरा हो चुका है। लिंक टैक्सीवे का पहला चरण पूरा हो चुका है और अब लिंक टैक्सीवे के दूसरे चरण के काम को शुरू करने के लिए भारतीय वायुसेना की हरी झंडी का इंतजार है। एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया टर्मिनल बिल्डिंग के बाहर बाईं तरफ कर्मचारी टाइल बिछा रहे हैं। फुटपाथ का थोड़ा सा काम बाकी है और एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग से ऐतियाना लिंक रोड को जोड़ने वाले पुल की फिनिशिंग का काम होना है। अब जबकि सिविल वर्क पूरा हो गया है, विभाग ने एयरपोर्ट टर्मिनल बिल्डिंग को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए एएआई (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को पत्र लिखा है। काम की प्रगति पर नजर रखने वाली एएआई की टीम आने वाले समय में टर्मिनल बिल्डिंग का दौरा करेगी और जानकारी साझा करेगी और कुछ छोटे-मोटे बदलाव भी कर सकती है। हलवारा में लंबा रनवे और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम वहीं एएआई सूत्रों की मानें तो निर्माण कार्य लगभग पूरा होने को है, लेकिन ऐसा नहीं लगता कि इस साल हलवारा एयरपोर्ट से परिचालन शुरू हो पाएगा। हालांकि निर्माणाधीन एयरपोर्ट परियोजना के पूरा होने पर एएआई साहनेवाल एयरपोर्ट से परिचालन हलवारा एयरपोर्ट पर स्थानांतरित कर सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हलवारा में लंबा रनवे और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) है, जिससे विमान कम ऊंचाई पर भी उतर सकते हैं। इस बीच लुधियाना के लोग हलवारा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यातायात आंकड़ों के अनुसार प्रस्तावित परियोजना आधार वर्ष में 0.25 मिलियन यात्रियों और 2031-32 तक 1.38 मिलियन यात्रियों को संभालेगी। 172 बोइंग उड़ानों को संभालने की क्षमता होगी एएआई अधिकारियों का कहना है कि हलवारा हवाई अड्डे में 172 बोइंग उड़ानों को संभालने की क्षमता होगी, जबकि साहनेवाल में 172 सीटर एटीआर उड़ानों की क्षमता है। उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे की इमारत में अंतरराष्ट्रीय, घरेलू और कार्गो टर्मिनल सहित तीन टर्मिनल होंगे। रनवे की लंबाई अभी नहीं बताई जा सकती क्योंकि सुरक्षा कारणों से वायुसेना इस पर काम कर रही है। हलवारा हवाई अड्डा का इतिहास हलवारा वायु सेना स्टेशन एक भारतीय वायु सेना (IAF) बेस रहा है और इसका उपयोग द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सहयोगी वायु सेना के स्टेजिंग बेस के रूप में किया गया था और युद्ध के बाद इसे छोड़ दिया गया था। इसे 16 मार्च 1950 को भारतीय वायु सेना के तहत पुनः सक्रिय किया गया। PWD के पीएसआई इंजीनियर राजीव कुमार ने बताया…
एयरपोर्ट का सिविल वर्क लगभग पूरा हो चुका है। एयरफोर्स कैंपस के अंदर का काम अभी प्रक्रिया में है। हमारी पूरी कोशिश है कि दिसंबर के अंत तक बाकी काम पूरा हो जाए। अभी डी लिंक और कनेक्टिंग टैक्सवे का काम बाकी है। सुरक्षा के मद्देनजर सिक्यूरिटी बेल्स का काम भी बाकी है। सुरक्षा कारणों से अभी यह नहीं बताया जा सकता कि रनवे कितने किलोमीटर लंबा बन रहा है। एएआई को तय करना है कि किन शहरों से सबसे पहले उड़ानें शुरू होंगी। यहां 172 सीटों की क्षमता वाला विमान भी आसानी से उतर सकेगा। टिकट दरों को लेकर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है। इस बारे में भी एएआई ही फैसला करेगा। एयरपोर्ट बनने से ये होंगे फायदे
एयरपोर्ट बनने के बाद सबसे पहले घरेलू उड़ानें शुरू होंगी। जिसके बाद एएआई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी शुरू करेगा। अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा जो विदेश जाने के लिए अमृतसर, मोहाली और दिल्ली जाते थे। उन्हें दोबारा वहां नहीं जाना पड़ेगा। उद्योगपतियों के लिए बड़ी सुविधा होगी। कारोबारी आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। आस-पास की रियल एस्टेट की कीमतें बढ़ेंगी। सीआईसीयू के अध्यक्ष उपकार सिंह आहूजा ने कहा… चैंबर ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल अंडरटेकिंग (सीआईसीयू) के अध्यक्ष उपकार सिंह आहूजा ने कहा कि इंडस्ट्री को हलवारा एयरपोर्ट की बहुत जरूरत है। विदेशों से बहुत से ग्राहक आते हैं, लेकिन वे दिल्ली होकर लौटते हैं। जिससे व्यापार में घाटा होता है। विदेशी ग्राहक सड़क और रेल से यात्रा करना पसंद नहीं करते। हमारी सरकार हमेशा मांग करती रही है कि एयरपोर्ट के साथ कार्गो की सुविधा भी दी जाए। टेक्सटाइल होजरी का बहुत निर्यात होता है, इसलिए कार्गो से कारोबारियों को फायदा होगा। पंजाब में कार्गो शुरू होने से जब सब्जियां, फूल और फल भी निर्यात होंगे, तो किसानों को भी फायदा होगा। हलवारा एयरपोर्ट को जल्द शुरू करने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा गया है। लुधियाना में करीब 95 हजार एमएसएमई हैं। यहां से रोजाना 400 टैक्सियां विदेश यात्रा के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जाती हैं। साहनेवाल एयरपोर्ट पर बड़े बोइंग विमान नहीं उतर सकते
साहनेवाल एयरपोर्ट पहले ही बन चुका है, लेकिन यह तकनीकी रूप से सही नहीं था। साहनेवाल एयरपोर्ट भीड़भाड़ वाले इलाके में बनाया गया है। वहां बड़े बोइंग विमान नहीं उतर सकते। हलवारा को अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बनाया जा रहा है, इससे लोगों को राहत मिलेगी। राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा ने भी मांग की थी, जिसके बाद एयर इंडिया के साथ बैठक भी हुई थी। अब सामने आया है कि सिविल वर्क पूरा हो चुका है और एयरफोर्स की तरफ से काम बाकी है। जब एयरपोर्ट चालू होगा तो सबसे पहले घरेलू उड़ानें शुरू होंगी। एयर टिकटिंग ट्रैवल एजेंसी संचालक निधि बहल ने बताया…
हलवारा एयरपोर्ट खुलने से कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। एएआई ने अभी यह घोषणा नहीं की है कि किन शहरों से सबसे पहले उड़ानें शुरू होंगी। न ही टिकटों की कीमत का अभी पता है। अगर डेली टिकटिंग की बात करें तो हर दिन करीब 500 ग्राहक डोमेस्टिक और इंटरनेशनल टिकट के लिए आते हैं। इन ग्राहकों में ज्यादातर व्यापारी, छात्र और एनआरआई शामिल हैं। अमृतसर, मोहाली या दिल्ली एयरपोर्ट से लुधियाना लौटने वाले लोगों की संख्या भी इतनी ही है। हलवारा एयरपोर्ट बनने से लोगों का समय बचेगा।
लुधियाना में जीएसटी का बड़ा एक्शन:200.05 करोड़ की फर्जी बिलिंग करने वाला ठग दबोचा,पत्नी और ड्राइवर के नाम से चला रहा फर्मे
लुधियाना में जीएसटी का बड़ा एक्शन:200.05 करोड़ की फर्जी बिलिंग करने वाला ठग दबोचा,पत्नी और ड्राइवर के नाम से चला रहा फर्मे लुधियाना में जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI) जोनल कार्यालय ने फर्जी बिलिंग करने वालो पर बड़ा एक्शन लिया है।इस मामले में मास्टरमाइंड सतवीर सिंह सेखों को गिरफ्तार किया है, जो अपने द्वारा प्रबंधित फर्मों मेसर्स बटाला मेटल इंडस्ट्रीज, एचएस स्टील इंडस्ट्रीज और सिटीजन इंडस्ट्रीज के माध्यम से 200.05 करोड़ की फर्जी बिलिंग की और फिर बिना सामान भेजे 30.52 करोड़ रुपए रिफंड करवा लिया। मेसर्स बटाला मेटल इंडस्ट्रीज एमएस स्क्रैप, एचआर कॉइल्स और ईआरडब्ल्यू पाइपों के व्यापार और निर्माण की कंपनी बनाकर शो की थी। पत्नी और ड्राइवर के नाम से खोली दो फर्मे तलाशी अभियान के दौरान, सतवीर सिंह सेखों के आवासीय और आधिकारिक परिसर से 1 सीपीयू और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज जैसे चालान, चेक बुक और विभिन्न खातों की पासबुक और डायरियां आदि जब्त की गईं। वह एक फर्म में भागीदार था और अन्य दो फर्मों को अपनी पत्नी और ड्राइवर के नाम पर चला रहा था। इस प्रकार, मास्टरमाइंड के रूप में उन्होंने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए 200.05 करोड़ की फर्जी बिलिंग के माध्यम से बिना माल दिए लगभग 30.52 करोड़ के रिफंड की धोखाधड़ी की है। सतवीर सिंह सेखों को गिरफ्तार किया गया है और उसे न्यायिक रिमांड पर भेजा है। डीजीजीआई डमी संस्थाओं की कर रही पहचान डीजीजीआई लुधियाना ऐसी डमी संस्थाओं की पहचान कर रहा है और उन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जो फर्जी बिलिंग की धोखाधड़ी गतिविधि में शामिल हैं। एजेंसी ने लोगों से यह भी आग्रह किया है कि किसी भी प्रकार की कर चोरी/धोखाधड़ी की सूचना उसके कार्यालय में ईमेल (DGGSTI.LDZU@GOV.IN), लैंडलाइन (0161-2453892) तथा आधिकारिक पते (51-डी, सराभा नगर, लुधियाना – 141001) के माध्यम से दी जा सकती है।
फाजिल्का में ट्रक की टक्कर से युवक की मौत:बाइक से घर जाते समय हुआ हादसा, ट्रक ड्राइवर फरार
फाजिल्का में ट्रक की टक्कर से युवक की मौत:बाइक से घर जाते समय हुआ हादसा, ट्रक ड्राइवर फरार फाजिल्का में ट्रक ने बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद घायल बाइक सवार को सरकारी अस्पताल लगाया गया l जहां डॉक्टर ने उसे मृतक घोषित कर दिया। हादसा खूईखेड़ा के नजदीक हुआ। मृतक व्यक्ति के भतीजे राजपाल ने बताया कि उसके चाचा ताराचंद फाजिल्का में खूईखेड़ा के नजदीक सहकारी शुगर मिल में काम करते थे l जो बाइक पर सवार होकर घर वापस लौट रहे थे l रास्ते में किसी ट्रक ड्राइवर ने उन्हें टक्कर मार दी l स्थानीय लोगों ने उन्हें इलाज के लिए फाजिल्का के सरकारी अस्पताल पहुंचाया l घायल हालत में अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृतक घोषित कर दिया l फिलहाल उनका पोस्टमार्टम सरकारी अस्पताल में करवाया जा रहा है l परिजनों का कहना है कि आरोपी की तलाश कर उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए l