मुंबई में 75 वर्षीय दयानंद अहलावत के निधन के बाद जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अजय सिंह चौटाला ने सोमवार को बॉलीवुड अभिनेता जगदीप अहलावत के घर जाकर परिवार को सांत्वना दी। दयानंद अहलावत का 13 जनवरी को उम्र संबंधी बीमारी के कारण निधन हो गया था। पैतृक गांव में किया गया अंतिम संस्कार अजय सिंह चौटाला ने दिवंगत दयानंद अहलावत को एक मिलनसार व्यक्ति बताते हुए उनके समाजसेवा में योगदान की सराहना की। उन्होंने परिवार के साथ हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। दयानंद अहलावत का अंतिम संस्कार 15 जनवरी को उनके पैतृक गांव खरकड़ा, रोहतक में किया गया। पिता-बेटे का रिश्ता बेहद खास था दयानंद अहलावत और उनकी पत्नी दोनों सेवानिवृत्त शिक्षक थे। जगदीप अहलावत ने एक पूर्व साक्षात्कार में बताया था कि उनके पिता ने अभिनय के क्षेत्र में उनके करियर को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हर कदम पर उनका साथ दिया। पिता-बेटे का रिश्ता बेहद खास था। मुंबई में 75 वर्षीय दयानंद अहलावत के निधन के बाद जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अजय सिंह चौटाला ने सोमवार को बॉलीवुड अभिनेता जगदीप अहलावत के घर जाकर परिवार को सांत्वना दी। दयानंद अहलावत का 13 जनवरी को उम्र संबंधी बीमारी के कारण निधन हो गया था। पैतृक गांव में किया गया अंतिम संस्कार अजय सिंह चौटाला ने दिवंगत दयानंद अहलावत को एक मिलनसार व्यक्ति बताते हुए उनके समाजसेवा में योगदान की सराहना की। उन्होंने परिवार के साथ हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। दयानंद अहलावत का अंतिम संस्कार 15 जनवरी को उनके पैतृक गांव खरकड़ा, रोहतक में किया गया। पिता-बेटे का रिश्ता बेहद खास था दयानंद अहलावत और उनकी पत्नी दोनों सेवानिवृत्त शिक्षक थे। जगदीप अहलावत ने एक पूर्व साक्षात्कार में बताया था कि उनके पिता ने अभिनय के क्षेत्र में उनके करियर को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हर कदम पर उनका साथ दिया। पिता-बेटे का रिश्ता बेहद खास था। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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दरअसल, बावल सीट पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का शुरू से दबदबा रहा है। 2014 में राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर ही उनके खास समर्थक डॉ. बनवारी लाल को टिकट दी गई थी। बाद में राव के कोटे से उन्हें राज्यमंत्री भी बनाया गया। 2019 में दोबारा उन्हें टिकट दी गई और इस बार प्रमोशन के तहत उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। खट्टर से नजदीकी हुई तो राव से बिगड़े संबंध
हालांकि इसी दरमियान डॉ. बनवारी लाल की नजदीकियां पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से हो गई। डॉ. बनवारी लाल केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और मनोहर लाल खट्टर दोनों से बराबर का तालमेल बनाकर चल रहे थे। जिससे राव इंद्रजीत सिंह खफा होते दिखे। लोकसभा चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम सीट से चुनाव लड़ा। मगर, बावल विधानसभा क्षेत्र से उन्हें उम्मीद के अनुरूप वोट नहीं मिल पाए, जिससे ये नाराजगी और ज्यादा बढ़ती चली गई। डॉ. बनवारी लाल को बावल सीट पर सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था। लेकिन राव इंद्रजीत सिंह शुरू से ही इस सीट पर नए नेता को टिकट देने की बात पर अड़े रहे, जिसके चलते बीजेपी ने अपनी पहली सूची में इस सीट को होल्ड पर रख दिया। अब डॉ. कृष्ण कुमार के इस सीट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं।