<p style=”text-align: justify;”>मध्य प्रदेश के जबलपुर में अभिनेता सैफ अली खान के परिवार की 15 हजार करोड़ की संपत्ति सरकार अपने कब्जे में ले सकती है. भोपाल के कोहेफिजा से चिकलोद तक सैफ अली खान और शर्मिला टैगोर के परिवार की संपत्ति फैली है. पटौदी परिवार की करीब 100 एकड़ जमीन में डेढ़ लाख लोग रह रहे हैं. भोपाल रियासत की ऐतिहासिक संपत्तियों पर 2015 से चल रहा स्टे खत्म हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एमपी हाई कोर्ट ने अभिनेता सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर, बहनें सोहा और सबा अली खान के साथ ही पटौदी की बहन सबीहा सुल्तान को शत्रु संपत्ति के मामले में अपीलीय प्राधिकरण के पास पक्ष रखने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट के 30 दिन में अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष पक्ष रखने की मियाद खत्म हो चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक माह की मियाद खत्म होने के बाद भी पटौदी परिवार ने कोई दावा पेश नहीं किया है. पटौदी परिवार के पास डिवीजन बेंच में चुनौती देने का विकल्प है.</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> <p style=”text-align: justify;”>मध्य प्रदेश के जबलपुर में अभिनेता सैफ अली खान के परिवार की 15 हजार करोड़ की संपत्ति सरकार अपने कब्जे में ले सकती है. भोपाल के कोहेफिजा से चिकलोद तक सैफ अली खान और शर्मिला टैगोर के परिवार की संपत्ति फैली है. पटौदी परिवार की करीब 100 एकड़ जमीन में डेढ़ लाख लोग रह रहे हैं. भोपाल रियासत की ऐतिहासिक संपत्तियों पर 2015 से चल रहा स्टे खत्म हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एमपी हाई कोर्ट ने अभिनेता सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर, बहनें सोहा और सबा अली खान के साथ ही पटौदी की बहन सबीहा सुल्तान को शत्रु संपत्ति के मामले में अपीलीय प्राधिकरण के पास पक्ष रखने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट के 30 दिन में अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष पक्ष रखने की मियाद खत्म हो चुकी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक माह की मियाद खत्म होने के बाद भी पटौदी परिवार ने कोई दावा पेश नहीं किया है. पटौदी परिवार के पास डिवीजन बेंच में चुनौती देने का विकल्प है.</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> मध्य प्रदेश चारधाम जाने वालों की जेब होगी ढीली! अब गाड़ियों पर ये टैक्स लगाएगी सरकार, ऐसे कटेंगे रुपये
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Lok Sabha Elections Result 2024: काउंटिंग से पहले एक्टिव हुई कांग्रेस, धांधली रोकने के लिए उठाया ये बड़ा कदम <p style=”text-align: justify;”><strong>Lok Sabha Chunav Result 2024:</strong> <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में मतगणना से एक दिन पहले सोमवार को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने एक पत्रकारों को संबोधित किया. करन माहरा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि मतगणना के दिन किसी भी प्रकार की धांधली न हो सके इसके लिए सभी काउंटिंग एजेंट को कांग्रेस पार्टी ने प्रशिक्षण दिया है, मतगणना स्थल पर मतदान के दिन मिले 17 सी फार्म का मिलान रेन्डम स्तर पर ईवीएम मशीन से करवाने की मांग की जाएगी, और किसी भी गड़बड़ी के संदेह पर तत्काल रिर्टनिंग ऑफिसर को लिखित में शिकायत दी जाएगी. साथ ही पल पल की मतगणना पर नजर रखने के लिए कांग्रेस मुख्यालय में कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है जिस पर वह स्वयं नजर रखेगें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>माहरा ने कहा कि जिस तरीके से अल्मोड़ा जनपद में मतदान के जारी आंकड़ों में जिला निर्वाचन कार्यालय व भारत निर्वाचन आयोग में साफ अंतर नजर आ रहा है भले ही अंन्तर 1170 वोटों का है मगर यह गम्भीर व बडा मामला हैं. मतदान के 11 दिन बाद भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से मतदान के प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई हैं जिससे संदेह की स्थिति पैदा हुई हैं, इसलिए हमनें 17 सी फार्म का मिलान बूथ की ईवीएम मशीनों से करने की मांग की है. माहरा ने कहा कि विभिन्न चैनलों पर एग्जिट पोल के जो आंकड़े जारी किए गए हैं, वह जल्दबाजी व बिना होमवर्क के जारी किए गये हैं. कांग्रेस पार्टी पहले ही कह चुकी है कि यह सरकारी व मोदी जी द्वारा प्रायोजित एग्जिट पोल हैं, क्योंकि भाजपा को बढत दिखाने की हडबडी में एग्जिट पोल में गड़बड़ी साफ नजर आ रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इंडिया गठबंधन की सरकार बनने का दावा </strong><br />कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा ने कहा कि कुल मिलाकर के एग्जिट पोल में भाजपा को बढत दिखाकर प्रशासन पर मनोविज्ञानिक दबाव बनाने का प्रयास नजर आता हैं. जनता का जनादेश 4 जून को आएगा और मेरा पूरा विश्वास है कि इंण्डिया गठबंधन पूर्ण बहुमत से केन्द्र में सरकार बनाएगा. आपको बता दे वही कांग्रेस के इस आप को उत्तराखंड निर्वाचन आयोग ने पूरी तरह से निकाल दिया है. निर्वाचन आयोग का कहना है कि अल्मोड़ा में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी की जानकारी नहीं मिली है और न कोई हम से शिकायत करने आया है अगर कोई शिकायत कर्ता है तो इस की जांच कराई जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/meerut-lok-sabha-election-result-2024-who-win-meerut-seat-result-bjp-arun-govil-sunita-verma-sp-2706399″><strong>Meerut Lok Sabha Election Result 2024: मेरठ लोकसभा सीट पर कड़ा मुकाबला, अरुण गोविल और सुनीता वर्मा के बीच है टक्कर</strong></a></p>
7वीं-8वीं की छात्राएं सिंदूर लगाकर स्कूल जाती हैं:6 महीने में ऑनर किलिंग के 8 केस; स्कूल छूटा, स्मार्टफोन बैन, जल्दी शादी
7वीं-8वीं की छात्राएं सिंदूर लगाकर स्कूल जाती हैं:6 महीने में ऑनर किलिंग के 8 केस; स्कूल छूटा, स्मार्टफोन बैन, जल्दी शादी हरियाणा के जिन गांवों में ऑनर किलिंग होती है, वहां बाकी लड़कियों पर कभी न खत्म होने वाली बंदिशों का नया दौर शुरू हो जाता है। दैनिक भास्कर ने जब इन गांवों की पड़ताल की तो इन बच्चियों की पीड़ा साफ दिखी। कई पेरेंट्स स्कूल छुड़वा देते हैं। कई उनसे स्मार्टफोन छीनकर की-पैड वाला फोन दे देते हैं, ताकि सोशल मीडिया का इस्तेमाल न कर पाएं। उनका बाहर निकलना बंद कर दिया जाता है। अजनबी से मिलने-जुलने पर पाबंदी लगा दी जाती है। 8वीं की एक छात्रा कहती है- गलती किसी ने भी की हाे, पर भुगतना ताे हमें भी पड़ता है। हरियाणा में आए दिन कहीं न कहीं ऑनर किलिंग की कोई वारदात होती है। लेकिन, गिनी-चुनी घटनाएं ही सामने आती हैं। जुलाई के पहले हफ्ते में जींद में ऐसा केस हुआ था, पर न तो मीडिया को भनक लगी, न पुलिस को। गांव से भागकर एक जोड़े ने अंतर्जातीय विवाह कर लिया था। घरवालों को जैसे ही पता चला तो वे उस जोड़े को चंडीगढ़ से पकड़कर गांव लाए। दोनों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। रातोंरात अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। पूरे गांव ने इस पर चुप्पी साध ली। पिछले 6 महीने में ऑनर किलिंग के 8 केस सामने आ चुके हैं। केस-1 : सिंदूर लगाकर स्कूल जाने को मजबूर कई लड़कियां क्या हुआ था : कैथल के गांव क्योड़क में युवक-युवती ने 6 फरवरी, 2024 को लव मरीज कर ली। 19 जून की दोपहर नाबालिग भाई ने बहन काे मिलने बुलाया और गोली मारकर हत्या कर दी। फिर सोशल मीडिया पर लाइव आकर उसे मारने का कारण अंतर्जातीय विवाह बताया। असर क्या हुआ : 7वीं-8वीं की कई लड़कियां सिंदूर और लाल चूड़ा पहनकर स्कूल आने लगी हैं। परिजन कहते हैं- सिर्फ रिश्ता पक्का किया है। ससुराल 5 साल बाद भेजेंगे। उन्हें डर है कि कहीं बेटी गलत कदम न उठा ले। जब टीचरों ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो कुछ समय बाद उन लड़कियों काे स्कूल भेजना ही बंद कर दिया। आगे पढ़ाने के लिए बेटियों काे घर से बाहर ही नहीं भेजते। टीचर बोले- हम भी मजबूर हैं, ज्यादा कुछ कर नहीं सकते। इस बार स्कूल का रिजल्ट भी अच्छा आया है। कोई बेटी फेल नहीं हुई। 75 में से 41 मेरिट में आई हैं। केस-2 : पढ़ाई के लिए बाहर भेजने से मना करने लगे पेरेंट्स क्या हुआ था : बालू गांव की 18 साल की युवती का हिसार के युवक से अफेयर था। 14 सितंबर, 2023 को युवती ने उसे गांव बुलाया। परिवार को भनक लगी तो उन्होंने चुन्नी से गला घोंटकर युवती की हत्या कर दी। दाह संस्कार भी कर दिया। पुलिस ने थाने के सिक्योरिटी एजेंट की शिकायत पर केस दर्ज करके आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया। असर क्या हुआ : घटना के बाद गांव के लोग बेटियों को पढ़ाई के लिए बाहर भेजने पर ऐतराज करने लगे। उनके लिए स्पेशल पिंक बस चलवाई गई, जाे बेटियों काे सुबह लेकर जाती है और शाम काे वापस छोड़ देती है। बेटियों काे 20-25 किमी दूर कॉलेज में पढ़ने के लिए कैथल या कलायत जाना पड़ता है। इसे देखते हुए अब गांव में ही करीब 6.5 करोड़ की लागत से गर्ल्स कॉलेज बनाने की मंजूरी मिल गई। गांव की महिला सरपंच सोनिया खुद जेबीटी पास हैं। बताती हैं कि एक लड़की की घर में हत्या कर दी गई। इस वारदात से गांव के माहौल पर बहुत बुरा असर पड़ा है। केस-3 : पंचायत का फरमान, को-एजुकेशन में बच्ची न पढ़ाएं क्या हुआ था : 27 फरवरी काे यमुनानगर जिले के नाहरपुर गांव में एक 20 साल की लड़की की हत्या कर दी गई। घरवालों की मर्जी से शादी न करने पर पिता और ताऊ ने उसे मौत के घाट उतार दिया। युवती का गांव के युवक से अफेयर था। असर क्या हुआ : यहां जनवादी महिला समिति के जिला अफसरों ने दौरा किया तो पाया कि करीब 17 लड़कियों की पढ़ाई छुड़वा दी गई। उन्हें घर पर ही रहने काे बोल दिया गया। लड़कियों से बातचीत में पता चला कि अगर लड़की की दोस्ती के बारे में शिकायत मिलती है ताे उसकी शादी करवाने काे कह दिया जाता है। वारदात के बाद यहां पंचायत भी हुई और उसमें लड़कियों काे ज्यादा न पढ़ाने और जल्द शादी करने जैसे फरमान सुनाए गए। नाबालिग बेटियों के रिश्ते पक्के किए जा रहे हैं। लड़कियों को काे-एजुकेशन में पढ़ाने से साफ इनकार किया जा रहा है। इन परिवारों के लड़कों पर भी बुरा असर पड़ रहा है, या तो वे हिंसात्मक रूख अपना लेते हैं या फिर नशे की ओर बढ़ने लगते हैं। केस-4 : बाजार-हाट, सामाजिक समारोहों में भेजना बंद किया क्या हुआ था : गुरुग्राम पुलिस काे 18 साल की युवती की गुमशुदगी की शिकायत मिली। पता चला, युवती 31 जनवरी को किसी दोस्त के साथ चली गई थी। पुलिस ने युवती के घरवालों को बुलाकर उसे परिवार के हवाले कर दिया। 3 फरवरी को पिता, बड़े भाई और तीन बेटों ने युवती की गाड़ी में गला दबाकर हत्या कर दी। शव अरावली की पहाड़ियों में जला दिया। असर क्या हुआ : जब लड़कियों के कॉलेज के पास जाकर उनसे बात की तो नाम न छापने की शर्त पर ग्रेजुएशन कर रहीं लड़कियों ने बताया, वारदात के बाद अब हमें ऑटो से कॉलेज आना पड़ता है। माता-पिता ने स्कूटी की चाबी अपने पास रख ली है। पढ़ाई से संबंधित काेई स्टेशनरी चाहिए ताे भाई से मंगवानी पड़ती है। स्मार्टफोन भी वापस ले लिया है। छोटा की-पैड वाला फोन दे दिया है, ताकि सोशल मीडिया का इस्तेमाल न कर सकूं। समाजिक समारोह में जाने की मनाही है। गली में पौधों को पानी दे रही 11 साल की एक बच्ची बताती है कि अब उसे पड़ोस में दुकान से सामान तक लाने की मनाही है। घटना से पहले तक वह खुद अपनी सहेलियों के साथ बाजार भी चली जाती थी। ऑनर किलिंग कानून का ड्राफ्ट 14 साल से लंबित
जनवादी महिला समिति की राज्य अध्यक्ष सविता बताती हैं- करीब 20 साल से मैं ऑनर किलिंग के मामलों में बतौर एक्टिविस्ट काम कर रही हूं। इसे लेकर हमने 2010 में राष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष कानून बनाने का ड्राफ्ट तैयार किया था। यह 14 साल से लंबित है। ड्राफ्ट बनाने वाली टीम में सुप्रीम कोर्ट के वकील व सेवानिवृत्त जज भी शामिल थे। तत्कालीन कानून मंत्री सदानंद गौड़ा काे ड्राफ्ट सौंपा गया, पर कुछ नहीं हुआ। कानूनी पक्ष- शादी में सामाजिक दखलंदाजी गलत : सीआर लॉ कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. राजवी जून कहते हैं- ऑनर किलिंग के लिए अलग से कानून नहीं है, पर धारा 14, 15 (1), 19 और 21 का यह साफ उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में कहा था कि शादी के मामले में सामाजिक दखलअंदाजी पूरी तरह से गैरकानूनी है। मनोवैज्ञानिक पक्ष- बच्चों से स्वस्थ संवाद होना जरूरी है : वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक प्रो. सोनिया मलिक बताती हैं कि माता-पिता और बच्चों में रोजाना स्वस्थ संवाद होना चाहिए। इसकी कमी से बच्चे बाहर प्यार पाने का जरिया खोजने लगते हैं। बच्चों की हर खैर-खबर रखें, लेकिन जासूसी ना करें। सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल सिखाएं। पंचायत का पक्ष- इसमें हमारी नहीं, परिजनों की गलती : सर्वखाफ पंचायत के प्रवक्ता कैप्टन जगबीर मलिक कहते हैं- ऑनर किलिंग में पंचायतों की कोई भूमिका नहीं है। परिवार अपने अहम और शान व सम्मान के लिए ऐसे गलत कदम उठाते हैं, जाे किसी भी तरह से जायज नहीं है। पंचायत ताे ऐसी हत्याओं की निंदा करती है। बच्चों को संस्कारी बनाएं। शिक्षिका ने जताया ऑनर किलिंग का खतरा; बरेली में 33 साल की शिक्षिका ने कहा था- मुस्लिमों में महिलाओं की इज्जत नहीं बरेली में 33 साल की शिक्षिका ने अब ऑनर किलिंग का खतरा जताया है। पीड़िता ने अपने परिवार और बहनोई से हत्या की आशंका जताई है। शिक्षिका ने पांच दिन पहले धर्म परिवर्तन करते हुए वीडियो बयान दिया था कि मुस्लिमों में महिलाओं की कोई इज्जत नहीं है। तीन तलाक और हलाला को लेकर भी पीड़िता ने बयान दिया था। पढ़ें पूरी खबर
AI तय करेगा दिल्ली में मोहल्ला बसों के रूट, मंत्री कैलाश गहलोत बोले- गेम चेंजर साबित होगा
AI तय करेगा दिल्ली में मोहल्ला बसों के रूट, मंत्री कैलाश गहलोत बोले- गेम चेंजर साबित होगा <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Mohalla Bus Route News:</strong> दिल्ली सरकार मोहल्ला बसों के रूट को अंतिम रूप देने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल कर रही है. आईआईटी-दिल्ली के AI से, केजरीवाल सरकार प्रमुख क्षेत्रों को इंगित करने और बस रूट को डिजाइन करने के लिए बिग डेटा एनालिटिक्स और AI-संचालित समाधानों का इस्तेमाल करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने रूटों की पहचान करने और क्षेत्र में मोहल्ला बसों के संचालन का आंकलन करने के लिए सहायक यातायात निरीक्षकों (एटीआई) को भी तैनात किया है. 32 सहायक यातायात निरीक्षकों (एटीआई) की एक टीम बनाई गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एटीआई की टीमें तैनात</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस टीम को चार जोन में विभाजित किया गया है, प्रत्येक जोन में चार एटीआई की दो टीमें हैं. ये टीमें रूटों पर 9-मीटर मोहल्ला बसों के संचालन की व्यावहारिक चुनौतियों को समझने के लिए ज़मीनी स्तर पर कार्य करेंगी. टीम इन क्षेत्रों में नए मार्ग शुरू करने पर जनता से इनपुट भी जुटाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कैलाश गहलोत ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>एक बयान में दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, “सार्वजनिक परिवहन में AI और बिग डेटा एनालिटिक्स का उपयोग दिल्ली के लिए गेम-चेंजर साबित होगा. हम मोहल्ला बस रूट को अंतिम रूप देने में एटीआई की भी मदद ले रहे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कम सेवा वाले और अधिक फुटफॉल वाले क्षेत्रों की पहचान करके, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारा मोहल्ला बस नेटवर्क न केवल कनेक्टिविटी बढ़ाए बल्कि कुशलतापूर्वक और स्थायी रूप से संचालित भी हो. यह पहल दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को अधिक सुलभ और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब तक जमा किये गये बिग डेटा का विश्लेषण करके AI मोहल्ला बस तैनाती के लिए कम सेवा वाले और उच्च फुटफॉल वाले क्षेत्रों की पहचान करने में सहायक होगी. इससे एक अनुकूलित रूट नेटवर्क डिजाइन करने में मदद मिलेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आपूर्ति और मांग मॉडल निर्माण</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>आईआईटी-दिल्ली ऐसे सभी ओरिजिन और गंतव्य की पहचान करने के लिए एक मॉडल विकसित करेगा, जहां यात्रियों की संख्या ज़्यादा होने के बावजूद वर्तमान में कम बसें चल रही हैं. यह मॉडल वर्तमान पारगमन नेटवर्क और कनेक्टिविटी का मूल्यांकन करने के लिए रियल वर्ल्ड ट्रैवल टाईम डेटा का उपयोग करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह स्थानों के बीच यात्रा की आसानी निर्धारित करने और कम सेवा वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए परिवहन एजेंसियों और गूगल मानचित्र सहित यात्री सूचना प्लेटफार्मों से पारगमन और यात्रा समय डेटा भी कैप्चर करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नेटवर्क-वाइड ट्रैवल डिमांड मॉडल</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मॉडल स्थान-आधारित सेवाओं और जीपीएस-सक्षम ऐप्स से यात्रा डेटा एकत्र करेगा और इसे मूल-गंतव्य मैट्रिक्स प्रारूप में परिवर्तित करेगा. यात्रा पैटर्न का विश्लेषण करने और हाई -फुटफॉल वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए यह दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) से सवारियों के डेटा का विश्लेषण करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रूट नेटवर्क डिज़ाइन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विकसित मॉडल का उपयोग करके, आईआईटी-दिल्ली मोहल्ला बसों के लिए एक कुशल रूट नेटवर्क डिजाइन करेगा. इसमें AI/मेटाहेरिस्टिक्स-आधारित रूटिंग एल्गोरिदम शामिल होगा जो परिवर्तनीय यात्री भार को संभालने, कवरेज को अधिकतम करने और मार्ग व्यवहार्यता और उपयोगकर्ता अनुभव सुनिश्चित करने में सक्षम होगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>एल्गोरिदम मौजूदा पारगमन नेटवर्क, यात्रा की मांग, परिचालन संबंधी बाधाओं और ड्राइविंग की तुलना में सामान्यीकृत लागत सहित उपयोगकर्ता अनुभव कारकों पर विचार करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रूटों की निगरानी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>मोहल्ला बसों के लिए रूट डिज़ाइन के बाद, आईआईटी-दिल्ली रूटों की निगरानी में दिल्ली परिवहन विभाग की मदद भी करेगा. इसमें रियलटाईम डेटा संग्रह और विश्लेषण महत्वपूर्ण होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>समावेशी और ग्राउंडेड दृष्टिकोण</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>AI का लाभ उठाने के अलावा, दिल्ली सरकार मोहल्ला बसों के रूट निर्धारण के लिए क्षेत्र के विधायकों, स्थानीय लोगों के इनपुट और परिवहन विभाग की तकनीकी टीम द्वारा 30-दिवसीय व्यापक जमीनी मूल्यांकन के दौरान इकट्ठा किए गए डेटा का भी इस्तेमाल कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>केजरीवाल सरकार ने हाल ही में मोहल्ला बस सेवाओं का परीक्षण शुरू किया है. ये वर्तमान में दो रूटों पर चल रही है. प्रधान एन्क्लेव पुस्ता से मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन, और अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन से मयूर विहार फेज-III पेपर मार्केट तक.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें:</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”AAP के दफ़्तर का जल्द बदल जाएगा पता, जानिये क्या होगा नया एड्रेस?” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/aap-new-office-allotted-by-central-govt-after-court-orders-aam-aadmi-party-headquarters-address-ravi-shankar-shukla-lane-new-delhi-ann-2745861″ target=”_self”>AAP के दफ़्तर का जल्द बदल जाएगा पता, जानिये क्या होगा नया एड्रेस?</a></strong></p>