हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने 5 साल में 20 हजार नौकरियां निकाली। उनमें से आधी भर्तियां सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में फंसी रही। कांग्रेस की सरकार ने इन केस को सेटल किया और युवाओं को नौकरी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2 साल में 31 हजार नौकरियां निकाली। उन्होंने कहा, 6000 हजार जेबीटी (जूनियर बेसिक टीचर), टीजीटी (ट्रेंनड ग्रेजुएट टीचर), पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) और 1200 पुलिस कॉस्टेबल की भर्ती की जा रही है। उन्होंने कहा, प्रत्येक मेडिकल कालेज में हेल्थ सिस्टम को मजबूत करने के लिए 700 पद स्टाफ नर्स के निकालने जा रहे है। कांगड़ा विधानसभा के मटौर में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, 2023 की आपदा में हिमाचल प्रदेश में 23 हजार घर टूटे। केंद्र ने मदद नहीं की। हिमाचल सरकार ने खुद नियम बदलकर मकान टूटने पर मिलने की डेढ़ लाख रुपए की राहत राशि को बढ़ाकर 7 लाख रुपए किया। कागंड़ा में IPH का डिवीजन खोलने की घोषणा की मुख्यमंत्री सुक्खू ने कांगड़ा में जल शक्ति विभाग (IPH) का डिवीजन खोलने की घोषणा की। उन्होंने मटौर कॉलेज में नए कोर्स शुरू करने के साथ क्षेत्र में पानी और बिजली की योजनाओं को सुदृढ़ करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने, कांगड़ा में जल्द ही राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल का निर्माण कार्य आरंभ करने, जलोड़ी खड्ड पर नया पुल बनाने की भी घोषणा की। कांगड़ा को 88.68 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट धर्मशाला दौरे के दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने आज कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में 88.68 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली चार प्रमुख परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने कांगड़ा की ग्राम पंचायत बीरता, घुरकड़ी, ललेहड़, मटौर, नटेहड़ आदि क्षेत्रों के लिए 60.12 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सीवरेज स्कीम तथा 12.59 करोड़ रुपए की लागत से होने वाले देहरा अरला, गवला अंद्राड़, तरसूह, ललेहड़, बीरता, जोगीपुर, सेवकरा, नटेहड़ सड़क के सुधारीकरण कार्य का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने 10 करोड़ 81 लाख रुपए की लागत से हिमाचल राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र दौलतपुर तथा 5.16 करोड़ की लागत से इच्छी, मटौर, नंदेहड़, कोटकवाला, जमानाबाद, अब्दुल्लापुर, मिहालू, जोगीबला, सहौड़ा और गगल गांवों के लिए उठाऊ पेयजल योजना के संवर्धन कार्य की आधारशिला रखी। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने 5 साल में 20 हजार नौकरियां निकाली। उनमें से आधी भर्तियां सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में फंसी रही। कांग्रेस की सरकार ने इन केस को सेटल किया और युवाओं को नौकरी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने 2 साल में 31 हजार नौकरियां निकाली। उन्होंने कहा, 6000 हजार जेबीटी (जूनियर बेसिक टीचर), टीजीटी (ट्रेंनड ग्रेजुएट टीचर), पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) और 1200 पुलिस कॉस्टेबल की भर्ती की जा रही है। उन्होंने कहा, प्रत्येक मेडिकल कालेज में हेल्थ सिस्टम को मजबूत करने के लिए 700 पद स्टाफ नर्स के निकालने जा रहे है। कांगड़ा विधानसभा के मटौर में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, 2023 की आपदा में हिमाचल प्रदेश में 23 हजार घर टूटे। केंद्र ने मदद नहीं की। हिमाचल सरकार ने खुद नियम बदलकर मकान टूटने पर मिलने की डेढ़ लाख रुपए की राहत राशि को बढ़ाकर 7 लाख रुपए किया। कागंड़ा में IPH का डिवीजन खोलने की घोषणा की मुख्यमंत्री सुक्खू ने कांगड़ा में जल शक्ति विभाग (IPH) का डिवीजन खोलने की घोषणा की। उन्होंने मटौर कॉलेज में नए कोर्स शुरू करने के साथ क्षेत्र में पानी और बिजली की योजनाओं को सुदृढ़ करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने, कांगड़ा में जल्द ही राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल का निर्माण कार्य आरंभ करने, जलोड़ी खड्ड पर नया पुल बनाने की भी घोषणा की। कांगड़ा को 88.68 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट धर्मशाला दौरे के दौरान मुख्यमंत्री सुक्खू ने आज कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र में 88.68 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली चार प्रमुख परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने कांगड़ा की ग्राम पंचायत बीरता, घुरकड़ी, ललेहड़, मटौर, नटेहड़ आदि क्षेत्रों के लिए 60.12 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सीवरेज स्कीम तथा 12.59 करोड़ रुपए की लागत से होने वाले देहरा अरला, गवला अंद्राड़, तरसूह, ललेहड़, बीरता, जोगीपुर, सेवकरा, नटेहड़ सड़क के सुधारीकरण कार्य का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने 10 करोड़ 81 लाख रुपए की लागत से हिमाचल राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड के 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र दौलतपुर तथा 5.16 करोड़ की लागत से इच्छी, मटौर, नंदेहड़, कोटकवाला, जमानाबाद, अब्दुल्लापुर, मिहालू, जोगीबला, सहौड़ा और गगल गांवों के लिए उठाऊ पेयजल योजना के संवर्धन कार्य की आधारशिला रखी। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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लाहौल स्पीति की ऊंची चोटियों पर गिरे बर्फ के फाहे:धुंध का येलो अलर्ट; गगल में चार उड़ाने नहीं उतरी, 15 को फिर बर्फबारी हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति के अधिक ऊंचे क्षेत्र बारालाचा और रोहतांग में बीती रात को कुछ देर के लिए बर्फ के फाहे गिरे। मगर बर्फ की सफेद चादर नहीं बिछ पाई। अन्य क्षेत्रों में मौसम साफ बना रहा। इससे 42 दिनों का लंबा ड्राइ स्पेल नहीं टूट पाया। प्रदेश में इससे सूखे जैसे हालात बने हुए है। प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में आज भी सुबह से ही मौसम साफ बना हुआ है। मौसम विभाग (IMD) ने बिलासपुर और मंडी जिला में घनी धुंध छाने का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों के कुछ क्षेत्रों में 16 नवंबर तक धुंध लोगों को परेशान करेगी। विजिबिलिटी 50 मीटर से भी नीचे गिर जाएगी। इसे देखते हुए वाहन चालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। वहीं धुंध के कारण कांगड़ा के गगल एयरपोर्ट पर बीते कल चार उड़ाने नहीं उतर पाई और उन्हें रद्द करना पड़ा। 3 दिन साफ रहेगा मौसम IMD के अनुसार, अगले 3 दिन तक मौसम साफ बना रहेगा। 15 नवंबर को वेस्टर्न-डिस्टरबेंस फिर एक्टिव होगा। इससे चंबा और लाहौल स्पीति की अधिक ऊंची चोटियों पर फिर से बर्फबारी के आसार है। मगर अन्य 10 जिलों में मौसम साफ बना रहेगा। 42 दिन से नहीं बरसी पानी की बूंद प्रदेश में बरसात के बाद यानी पोस्ट मानसून सीजन में सामान्य से 98 प्रतिशत कम बारिश हुई है। एक अक्टूबर से 11 नवंबर के बीच 31.8 मिलीमीटर बारिश होती है। लेकिन इस बार 0.7 मिलीमीटर बादल बरसे है। चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन, सिरमौर और कुल्लू जिला में तो 42 दिन से पानी की एक बूंद नहीं बरसी। अन्य 6 जिलों में भी बूंदाबांदी हुई है। पर्यटन कारोबार और किसानों पर सूखे की मार सूखे के कारण राज्य के पर्यटन कारोबारी भी चिंतित है। किसानों पर भी सूखे की मार पड़ रही है। प्रदेश में इस बार गेंहू की बुवाई का उचित समय बीत चुका है। मगर अब तक 10 फीसदी जमीन पर ही किसान गेंहू की बुवाई कर पाया है।
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