सिरसा के कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया का एक बार फिर से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मंच पर जिक्र हुआ है। नारायणगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में अंबाला शहर से पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री असीम गोयल ने गोकुल सेतिया द्वारा मुख्यमंत्री के शान में पढ़े गए कसीदों की चर्चा की। असीम गोयल ने अपने संबोधन में पहले नारायणगढ़ से कांग्रेस विधायक शैली चौधरी के लिए कहा कि वह दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मुख्यमंत्री के साथ कार्यक्रम में शामिल हुई हैं। यह अच्छी बात है। इससे पहले सिरसा में कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया ने भी मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा किया था। इसके बाद असीम गोयल ने कहा कि कांग्रेस विधायक विकास के लिए नई इबारत पेश कर रहे हैं। यह अच्छा संदेश है। बता दें कि, सिरसा में 21 नवंबर को मेडिकल कॉलेज के भूमि पूजन समारोह के दौरान सीएम नायब सिंह सैनी के साथ विधायक गोकुल सेतिया ने पहले मंच साझा किया था। फिर मुख्यमंत्री की शान में कसीदे पढ़ते हुए कहा था कि सीएम जैसी शख्सियत कभी नहीं देखी। गोकुल ने कहा था कि अगर सरकार अच्छा काम करेगी तो उसकी प्रशंसा करना भी हमारा फर्ज है। गोकुल सेतिया ने पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को हराया था अक्तूबर 2024 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए गोकुल सेतिया ने हलोपा प्रमुख एवं पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को 7234 वोटों से हराया था। चुनाव के दौरान गोपाल कांडा का इनेलो ने भी समर्थन किया था। वहीं, गोपाल कांडा के लिए भाजपा ने भी अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। इसके बावजूद गोकुल सेतिया ने जीत हासिल की थी। सिरसा के कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया का एक बार फिर से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मंच पर जिक्र हुआ है। नारायणगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में अंबाला शहर से पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री असीम गोयल ने गोकुल सेतिया द्वारा मुख्यमंत्री के शान में पढ़े गए कसीदों की चर्चा की। असीम गोयल ने अपने संबोधन में पहले नारायणगढ़ से कांग्रेस विधायक शैली चौधरी के लिए कहा कि वह दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मुख्यमंत्री के साथ कार्यक्रम में शामिल हुई हैं। यह अच्छी बात है। इससे पहले सिरसा में कांग्रेस विधायक गोकुल सेतिया ने भी मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा किया था। इसके बाद असीम गोयल ने कहा कि कांग्रेस विधायक विकास के लिए नई इबारत पेश कर रहे हैं। यह अच्छा संदेश है। बता दें कि, सिरसा में 21 नवंबर को मेडिकल कॉलेज के भूमि पूजन समारोह के दौरान सीएम नायब सिंह सैनी के साथ विधायक गोकुल सेतिया ने पहले मंच साझा किया था। फिर मुख्यमंत्री की शान में कसीदे पढ़ते हुए कहा था कि सीएम जैसी शख्सियत कभी नहीं देखी। गोकुल ने कहा था कि अगर सरकार अच्छा काम करेगी तो उसकी प्रशंसा करना भी हमारा फर्ज है। गोकुल सेतिया ने पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को हराया था अक्तूबर 2024 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए गोकुल सेतिया ने हलोपा प्रमुख एवं पूर्व मंत्री गोपाल कांडा को 7234 वोटों से हराया था। चुनाव के दौरान गोपाल कांडा का इनेलो ने भी समर्थन किया था। वहीं, गोपाल कांडा के लिए भाजपा ने भी अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। इसके बावजूद गोकुल सेतिया ने जीत हासिल की थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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नूंह में चार सगे भाइयों को 15 साल जेल:22 हजार जुर्माना; 7 साल पहले पुलिस पर की थी फायरिंग, सरकारी पिस्टल लूटी
नूंह में चार सगे भाइयों को 15 साल जेल:22 हजार जुर्माना; 7 साल पहले पुलिस पर की थी फायरिंग, सरकारी पिस्टल लूटी नूंह में जिला कोर्ट ने चार सगे भाइयों को 15 साल 3 माह की सजा सुनाई है। चारों पर 27 हजार 500 रुपए का जुर्माना लगाया है। दोषियों ने 7 साल पहले पुलिस टीम पर फायरिंग की थी और सरकारी पिस्टल लूट ली थी। दोषी ताहिर उर्फ छोटा, शरीफ, खुर्शीद निवासी कांगरका थाना तावडू को 22 हजार 500 रुपए जुर्माना भरना होगा। जुर्माना न भरने पर 4 माह 10 अतिरिक्त सजा काटनी होगी। धारा-392 में चारों दोषी भाइयों की सबसे अधिक 7-7 साल कैद की सजा सुनाई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसलिए चारों दोषी भाइयों को अधिकतम 7 साल सजा काटनी होगी। ये है पूरा मामला अपराध शाखा तावडू में कार्यरत सब इंस्पेक्टर भगत सिंह की शिकायत पर 12 जनवरी 2018 को तावडू थाने में करीब 10 नामजद लोगों के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, फायरिंग करने, सरकारी असलह लूटने, मारपीट करने सहित अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। सब इंस्पेक्टर भगत सिंह ने पुलिस को दिए अपने बयान में आरोप लगाए थे कि वह सीआईए नूंह मे बतौर उप निरीक्षक तैनात है। वह अपने अन्य कर्मचारियों के साथ अपराध की तलाश के लिए तावडू बाइपास पर मौजूद था। उसे गुप्त सूचाना मिली की मुकदमा नंबर-163/16 धारा 302 थाना तावडू का आरोपी जाकिर निवासी कांगरका अपने घर पर मौजूद हैं। इसके बाद कर्मचारियों के साथ जाकिर के मकान पहुंचा, तो एक लडका पुलिस को देखकर भागकर छत पर चड़ गया। छत पर चढ़कर जाकिर को काबू किया और जाकिर ने शोर किया कि खुर्शीद, शरीफ, छोटा आदि ने उसे जबरदस्ती छुड़ा लिया। आरोपियों ने पुलिस ने देशी पिस्तौल निकालकर पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नीयत से फायरिंग कर दी थी। जिससे पुलिस कर्मचारी बाल-बाल बच गए थे। वहीं जाकिर और उसके परिवार वालों ने सरकारी पिस्टल व 6 जिन्दा रोंद लूट लिए थे।
पिहोवा में CM का कांग्रेस पर तंज:नायब सैनी बोले- 2029 में भी नहीं चलेगी झूठ की दुकान; 4 परियोजनाओं का लोकार्पण
पिहोवा में CM का कांग्रेस पर तंज:नायब सैनी बोले- 2029 में भी नहीं चलेगी झूठ की दुकान; 4 परियोजनाओं का लोकार्पण हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने सोमवार को कुरुक्षेत्र के पिहोवा में 28.62 करोड़ रुपए की चार परियोजनाओं का लोकार्पण किया। वे यहां धन्यवाद रैली में पहुंचे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 वर्षों में हमने पिहोवा उपमंडल में 1057 करोड़ के कार्य कराए हैं। पिछली सरकार ने 353 करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए थे। कांग्रेस पर कसा तंज कसते हुए सीएम ने कहा कि कांग्रेस झूठ की दुकान है और इनका झूठ वर्ष 2029 में भी नही चलेगा। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पिहोवा में लोगों काे संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा सरकार की सोच है, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास रहे व सबके प्रयास से प्रदेश मजबूती से आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि हरियाणा एक हरियाणवी एक की सोच से समस्त प्रदेश का विकास हो रहा है। यह हमारा मूल मंत्र है। इसको लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। सैनी ने कहा कि भाजपा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत बनाने के लक्ष्य पर मजबूती से लेकर अग्रसर है। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार किसान हितेषी किसान की शतप्रतिशत फसलें एमएससी पर खरीद की गरन्टी का नोटिफिकेशन जारी किया है।
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हरियाणा में रणजीत चौटाला Vs गोपाल कांडा:बिजली मंत्री बोले- देवीलाल का बेटा, 90 सीटों पर जनाधार, हलोपा नेता का जबाव- आपका इन सब पर बंटाधार हरियाणा के रानियां विधानसभा को लेकर भाजपा नेता रणजीत चौटाला और उसकी सहयोगी पार्टी हलोपा के नेता गोपाल कांडा आमने-सामने आ गए हैं। रणजीत चौटाला ने इसकी शुरुआत तब की जब हलोपा ने रानिया सीट से प्रत्याशी घोषित किया। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए चौटाला ने कहा था कि हलोपा का कोई जनाधार नहीं है। रणजीत चौटाला ने कहा कि हलोपा के गोपाल कांडा तो सिरसा सीट पर भी मुश्किल से जीत रहे हैं और मैं देवीलाल का बेटा हूं प्रदेश की 90 सीटों पर हार जीत का दम रखता हूं। रणजीत चौटाला की तीखी बयानबाजी पर गोपाल कांडा ने वीडियो संदेश जारी कर पलटवार किया। गोपाल कांडा ने कहा कि रणजीत सिंह का 90 सीटों पर जनाधार नहीं बल्कि बंटाधार है। भाजपा ने इन पर विश्वास किया और उन्हें हिसार लोकसभा सीट से उतारा था लेकिन उन्होंने जीती हुई सीट हरा दी। इसके बाद में कह रहे हैं कुलदीप ने हरवा दिया, कैप्टन ने हरवा दिया। कांडा ने कहा कि रणजीत सिंह का कोई जनाधार नहीं है। अगर वे रानियां से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ते हैं तो उनकी जमानत भी जब्त हो जाएगी। कांडा ने कहा- 8 चुनाव हारने के बाद परिवार ने मदद की तब जीते विधायक गोपाल कांडा ने कहा कि 8 चुनाव हारने के बाद अजय सिंह, अभय सिंह और पूरे परिवार ने पिछले चुनाव में मेरी मदद की, जिसकी बदौलत रणजीत चौटाला जीते। सीएलयू संबंधित बयान पर गोपाल कांडा ने कहा कि मनोहर लाल के कार्यकाल में रणजीत सिंह मेरा एक भी CLU साबित कर दें, तो वो मैं वो CLU उन्हीं के नाम कर दूंगा। गोपाल कांडा ने कहा कि दूसरों के लिए भविष्यवाणी करने की बजाय रणजीत सिंह को अपने बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा से बातचीत चल रही है। फैसला होने के बाद उम्मीदवारों की घोषणा की जाएगी। सिरसा के लोगों के हमेशा साथ खड़ा रहा हूं
गोपाल कांडा ने कहा कि सिरसा की जनता सच्चाई जानती है कि उनका कौन है। गोपाल कांडा और कांडा परिवार हमेशा सिरसा की जनता के लिए तत्पर रहा है। कोरोना संकट के दौरान कहानियां बनाने वाले लोग अपने घरों में दरवाजे बंद करके बैठे थे, जबकि गोपाल कांडा और उनका परिवार इस संकट में सिरसा की जनता के साथ खड़ा है। कांडा और रणजीत के बीच विवाद क्यों बढ़ा?
दरअसल, रणजीत चौटाला ने रानिया से निर्दलीय विधायक का चुनाव जीता था। इसके बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले वह भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने उन्हें हिसार से लोकसभा उम्मीदवार बनाया। लेकिन रणजीत चौटाला कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी से हार गए। रणजीत चौटाला ने लोकसभा चुनाव से पहले विधानसभा पद से इस्तीफा दे दिया था। हार के बाद रणजीत चौटाला फिर से रानिया की जनता के बीच गए। इसके बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गई। गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा ने भाजपा नेता गोबिंद कांडा के बेटे धवल कांडा को रानिया से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया। इससे रणजीत चौटाला भड़क गए और तब से वे कांडा परिवार पर निशाना साध रहे हैं। रणजीत के पाला बदलने की चर्चा, बोले- मैं भाजपा में रहूंगा
भाजपा की सहयोगी पार्टी हलोपा द्वारा रानिया सीट से प्रत्याशी उतारे जाने से रणजीत चौटाला बेचैन हैं और उन्होंने इसकी शिकायत दिल्ली दरबार तक कर दी है। इसके बाद कांडा भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान से मिलने दिल्ली भी गए थे। लेकिन कांडा ने धवल कांडा की उम्मीदवारी बरकरार रखी, जिससे रणजीत चौटाला और भड़क गए। वहीं भाजपा की ओर से जारी 3 कमेटियों की सूची में भी उनका नाम नहीं है। ऐसे में रणजीत चौटाला के खेमे से खबरें आ रही हैं कि रणजीत चौटाला पाला बदलकर कांग्रेस में जा सकते हैं। लेकिन वह खुद इस बात से इनकार कर रहे हैं और कह रहे हैं कि मैं भाजपा में हूं और 100 फीसदी रानिया से हूं। रणजीत चौटाला ने गोपाल कांडा को लेकर क्या कहा…
रणजीत चौटाला ने सोमवार को रानिया हलके में वर्कर मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि मैं 100 प्रतिशत रानियां से चुनाव लड़ूंगा। हलोपा से रानियां से उम्मीदवार उतारे जाने पर रणजीत सिंह ने कहा कि अकाली दल पुरानी पार्टी है बादल साहब 25 साल मुख्यमंत्री रहे और उसके बाद उसके बाद अकाली दल भी 2 विधानसभा सीटों पर चली गई। उतर प्रदेश में मायावती ने सिंगल पार्टी की सरकार बनाई थी। बिहार देख लो सब जगह ले लो क्षेत्रीय दल खत्म होते जा रहे हैं मैं नहीं मानता हलोपा की सिरसा सीट भी निकलेगी। आज के दिन वह कहीं फाइट में नहीं है। रीजनल पार्टियों का काम एक है कि अपना लाईसेंस ले लो, एमएलए बन जाओ और सीएलयू पास करवाओ। इनका(हलोपा) ना तो मेरे हलके रानियां में कोई रोल है और ना कहीं और इनकी तो सिरसा में भी हालात खराब हैं। चौटाला ने कहा कि मेरी शीर्ष नेतृत्व से बात हुई है हलोपा को सिर्फ एक सीट मिलेगी वो भी तब जब बीजेपी ज्वाईन करेगा तब। वो भी सिरसा सीट ही मिलेगी। मैं 100 प्रतिशत आश्वस्त हूं कि मुझे भाजपा से टिकट मिलेगा। इसलिए रानियां पर अड़े हैं रणजीत
रणजीत चौटाला अपने जीवन के अधिकांश चुनाव रानियां और पूर्व में रोड़ी विधानसभा से लड़े हैं। रानियां चौटाला परिवार की सीट मानी जाती रही है। रानियां से रणजीत चौटाला कई बार चुनाव हारे मगर उन्होंने कभी सीट नहीं छोड़ी 2019 में रणजीत चौटाला ने कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर दी और खुद निर्दलीय ही खड़े हो गए और चुनाव जीत गए। चुनाव जीतने के बाद मनोहर सरकार में बिजली मंत्री बन गए। इसके बाद लोकसभा चुनाव लड़े मगर हार गए। इस लिए रणजीत चौटाला रानियां नहीं छोड़ रहे। इसलिए वह रानियां सीट को लेकर लगातार भाजपा पर दवाब बना रहे हैं और बयानबाजी कर रहे हैं।