बलरामपुर अस्पताल में डायलिसिस के लिए आए 22 साल का युवक मंगलवार दोपहर अचानक गश खाकर गिर गया। स्टाफ ने आनन-फानन उसे इमरजेंसी में पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल प्रशासन का कहना है मरीज ने तय डेट पर डायलिसिस नहीं कराई थी। ऐसे में उसकी हालत नाजुक हो गई थी। डायलिसिस से पहले उसकी जान चली गई। 22 साल के मरीज के दोनों किडनी थे फेल महताब आलम के 22 साल के बेटे मो.फारुख के दोनों गुर्दे खराब हो गए थे। वह बलरामपुर अस्पताल से इलाज करा रहे थे। डॉक्टरों ने उन्हें डायलिसिस की सलाह दी थी। वह पीपीपी मॉडल पर लगी मशीनों से डायलिसिस करवा रहे थे। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज को सप्ताह में तीन बार डायलिसिस के लिए आना पड़ता था। डायलिसिस यूनिट के मुताबिक रूटीन के हिसाब से फारुख को सोमवार को बुलाया गया था, लेकिन वह मंगलवार दोपहर पहुंचे। उनकी हालत बेहद नाजुक थी। इमरजेंसी पहुंचने से पहले हुई मौत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय तेवतिया ने बताया कि डायलसिस के कतार में लगे युवक की मौत हुई है। जानकारी के मुताबिक तय शेड्यूल से एक दिन देर से पहुंचे युवक की डायलिसिस होनी थी। इस दौरान वह गिरकर बेहोश हो गया। उन्हें तत्काल इमरजेंसी पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने ईसीजी करने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। बलरामपुर अस्पताल में डायलिसिस के लिए आए 22 साल का युवक मंगलवार दोपहर अचानक गश खाकर गिर गया। स्टाफ ने आनन-फानन उसे इमरजेंसी में पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल प्रशासन का कहना है मरीज ने तय डेट पर डायलिसिस नहीं कराई थी। ऐसे में उसकी हालत नाजुक हो गई थी। डायलिसिस से पहले उसकी जान चली गई। 22 साल के मरीज के दोनों किडनी थे फेल महताब आलम के 22 साल के बेटे मो.फारुख के दोनों गुर्दे खराब हो गए थे। वह बलरामपुर अस्पताल से इलाज करा रहे थे। डॉक्टरों ने उन्हें डायलिसिस की सलाह दी थी। वह पीपीपी मॉडल पर लगी मशीनों से डायलिसिस करवा रहे थे। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरीज को सप्ताह में तीन बार डायलिसिस के लिए आना पड़ता था। डायलिसिस यूनिट के मुताबिक रूटीन के हिसाब से फारुख को सोमवार को बुलाया गया था, लेकिन वह मंगलवार दोपहर पहुंचे। उनकी हालत बेहद नाजुक थी। इमरजेंसी पहुंचने से पहले हुई मौत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. संजय तेवतिया ने बताया कि डायलसिस के कतार में लगे युवक की मौत हुई है। जानकारी के मुताबिक तय शेड्यूल से एक दिन देर से पहुंचे युवक की डायलिसिस होनी थी। इस दौरान वह गिरकर बेहोश हो गया। उन्हें तत्काल इमरजेंसी पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने ईसीजी करने के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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दिवाली से पहले सोने-चांदी ने तोड़े रिकॉर्ड, खरीददारों का जोश हाई, जानें- सर्राफा बाजार का हाल
दिवाली से पहले सोने-चांदी ने तोड़े रिकॉर्ड, खरीददारों का जोश हाई, जानें- सर्राफा बाजार का हाल <p style=”text-align: justify;”><strong>Gold Rate Today:</strong> दीपावली से पहले सोना और चांदी के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि सोना और चांदी दोनों ही अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर हैं. दिवाली से पहले खरीददारों के लिए परेशान करने वाली बात है. इस महंगाई का मेरठ के सर्राफा बाजार पर और खास तौर से हाथ की ज्वैलरी के मामले में एशिया के सबसे बड़े सर्राफा बाजार पर भी असर पड़ा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>सर्राफा कारोबारियों की भाषा में कहा जाता है कि सोना और चांदी साथ-साथ चलते हैं. यानी सोने के दाम बढ़ते हैं चांदी के दाम भी बढ़ ही जाते हैं. सोना 80 हजार 900 रूपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गया है, जबकि चांदी एक लाख एक हजार रूपये प्रति किलो हो गई है. सबसे बड़ी बात ये है कि सोना पहली बार 80 को पार करके आगे बढ़ रहा है और चांदी भी पहली बार एक लाख एक हजार तक पहुंची है. दीपावली से पहले सोना और चांदी की इस चमक की चर्चा हर तरफ चल रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चांदी बाजार में जमकर हो रही खरीददारी</strong><br />चांदी का दाम अपने उच्चतम स्तर पर है. बावजूद इसके चांदी के न तो ग्राहक कम हैं और न चांदी कम बिक रही है. दीपावली का त्यौहार है और ऐसे में चांदी की चमक बरकरार है. मेरठ के शहर सर्राफा बाजार में चांदी की चमक और खनक ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है. कोई भगवान श्री लक्ष्मी-गणेश जी खरीदने आया है तो कोई चांदी का सिक्कों की ख़रीददारी कर रहा है. चांदी के बड़े कारोबारी प्रदीप अरोड़ा का कहना है कि मिडिल ईस्ट में जंग की वजह से चांदी के दाम बढ़े हैं, लेकिन चांदी के मार्केट पर इसका कोई असर नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/10/23/350a9079690bde5947df805169b98f3e1729649210834275_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”>चांदी के लक्ष्मी गणेश ख़रीदने आईं एक एक महिला मधु ने बताया कि चांदी महंगी है लेकिन कोई बात नहीं दीपावली का त्यौहार है और पूजा तो करनी है. दाम सुनकर थोड़ा लगा लेकिन जब ख़रीदना है तो कोई नहीं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सोने के दाम सुनकर चौक रहे लोग</strong><br />हाथ से ज्वैलरी के मामले में मेरठ का शहर सर्राफा बाजार एशिया का नंबर वन का मार्केट है. यहां मेरठ के आसपास नहीं, बल्कि दिल्ली, उत्तराखंड, राजस्थान से भी लोग सोने के जेवर खरीदने आते हैं. सोना 80 हजार 900 रुपए प्रति 10 ग्राम का दाम सुनकर महिलाएं चौक रही हैं. सोना क्यों महंगा हुआ है इस पर सर्राफा कारोबारी रवि प्रकाश अग्रवाल का कहना है कि सोने का दाम बढ़ने का कोई लोकल या नेशनल रीजन नहीं है, बल्कि इंटरनेशन रीजन से सोना बढ़ता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>मेरठ के शहर सर्राफा बाजार में दिल्ली से आई सीमा और सुशीला सोने के जेवर खरीदने आई हैं क्योंकि यहां के डिजाइन उन्हें पसंद हैं. जब उन्हें सोने के रेट पता लगे तो वो भी हैरान रह गईं. उन्होंने कहा कि घर में शादी है तो सोना तो ख़रीदना है लेकिन दाम ज्यादा है अब कम ही ख़रीदेंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/mahakumbh-2025-preparation-pilgrims-to-honor-unsung-martyrs-at-prayagraj-with-newly-built-shaheed-wall-ann-2808906″>महाकुंभ में होंगे गुमनाम शहीदों की वीरगाथा दर्शन, 3.5 करोड़ की लागत से बनाई गई ‘शहीद वॉल'</a></strong><br /><br /></p>
AMU प्रोफेसर ने सहकर्मी को बदनाम करने के लिए कर दी 22 जगह शिकायत! पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा
AMU प्रोफेसर ने सहकर्मी को बदनाम करने के लिए कर दी 22 जगह शिकायत! पुलिस जांच में चौंकाने वाला खुलासा <p style=”text-align: justify;”><strong>Aligarh News Today:</strong> अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय के एक सीनियर प्रोफेसर के जरिये अपने साथी प्रोफेसर को गलत तरीके से बदनाम करने का मामला सामने आया है. पीड़ित की 22 जगहों पर शिकायत की गई, इसके बाद उन्होंने एएमयू प्रशासन और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. घटना उजागर होने के बाद कुलपति ने आरोपी प्रोफेसर को निलंबित कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले में एएमयू के एक प्रोफेसर ने एक ही शिकायत 22 अलग-अलग स्थानों पर की थी. जब एएमयू ने पुलिस से मदद मांगी, तो पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की, जिससे मामले का खुलासा हुआ. पुलिस द्वारा प्रोफेसर को बुलाए जाने पर उसने स्वीकार किया कि उसने अपने सहयोगी प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत की थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बाद एएमयू प्रशासन को पुलिस ने सूचना दी. एएमयू ने आरोपी प्रोफेसर को नोटिस जारी किया, लेकिन उसने संतोषजनक जवाब नहीं दिया. जिसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया. साथ ही आरोपी प्रोफेसर को जांच पूरी होने तक जिला ना छोड़ने की चेतावनी दी गई. दूसरे प्रोफेसर को भी नोटिस जारी किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस ने किया खुलासा</strong><br />दरअसल, पूरा मामला अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट का है. जहां पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच में पाया कि प्रोफेसर रियाजुद्दीन (50) ने पिछले साल महिलाओं, छात्र- छात्राओं के नाम का गलत इस्तेमाल करते हुए 22 बार एएमयू के अलग-अलग अधिकारियों को शिकायत पत्र भेजा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शिकायत में प्रोफेसर रियाजुद्दीन ने 40 वर्षीय सहकर्मी प्रोफेसर इशात मोहम्मद खान पर छात्राओं को परेशान करने, उन्हें प्रताड़ित करने और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का नाम बदनाम करने का आरोप लगाया था. इस संबंध में जब हर रोज शिकायतें एएमयू के अलग- अलग विभागों में पहुंचने लगी, तो प्रोफेसर इशात मोहम्मद खान ने अपने चरित्र को बदनाम करने का दावा करते हुए कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर पर गंभीर आरोप लगाए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>22 जगहों पर की गई शिकायत</strong><br />इसको लेकर प्रोफेसर इशात मोहम्मद खान ने एएमयू प्रशासन को एक लिखित में शिकायत पत्र भी दिया था. इसके बाद एएमयू प्रशासन ने 22 जगहों पर की गई शिकायत को लेकर जांच पड़ताल शुरू की. इसके लिए एएमयू प्रशासन ने पुलिस का सहारा लिया. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पूरे मामले का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस ने हर रोज आने वाली चिट्ठियों का पता लगाने का फैसला किया. इसके लिए एक गुप्त अभियान शुरू किया गया. पुलिस ने सीसीटीवी के जरिय निगरानी शुरू की, जिसमें पाया कि कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर रियाजुद्दीन हर रोज डाकघर जाकर इशात मोहम्मद खान के खिलाफ झूठे शिकायत पत्र भेज रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जांच के लिए कमेटी गठित</strong><br />एएमयू प्रॉक्टर वसीम अली ने जानकारी दी कि केमिस्ट्री विभाग के प्रोफेसर इशात मोहम्मद खान ने प्रोफेसर रियाजुद्दीन के खिलाफ शिकायत दी थी, जिसमें आरोप था कि प्रोफेसर रियाजुद्दीन ने गलत तरीके से 22 जगह उनकी शिकायत की थी. इस पर एएमयू ने प्रोफेसर रियाजुद्दीन से नोटिस के जरिए जवाब मांगा, लेकिन उनका जवाब संतोषजनक नहीं था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एएमयू प्रॉक्टर वसीम अली ने बताया कि इसके बाद एएमयू के वीसी ने अपनी पावर का इस्तेमाल करते हुए प्रोफेसर रियाजुद्दीन को निलंबित कर दिया है. मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है और विश्वविद्यालय में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”कौन हैं साध्वी हर्षा जिनके बारे में महाकुंभ में किया जा रहा ये दावा! Instagram पर वायरल हैं तस्वीरें” href=”https://www.abplive.com/photo-gallery/states/up-uk-host-harsha-who-is-claimed-to-be-most-beautiful-sadhvi-in-mahakumbh-2025-2862190″ target=”_blank” rel=”noopener”>कौन हैं साध्वी हर्षा जिनके बारे में महाकुंभ में किया जा रहा ये दावा! Instagram पर वायरल हैं तस्वीरें</a></strong></p>
हरियाणा में वोटिंग परसेंट से BJP-कांग्रेस टेंशन में:किसानों की नाराजगी से आस लगा रही कांग्रेस को झटका; सत्ता में बैठी भाजपा फायदा समझ रही
हरियाणा में वोटिंग परसेंट से BJP-कांग्रेस टेंशन में:किसानों की नाराजगी से आस लगा रही कांग्रेस को झटका; सत्ता में बैठी भाजपा फायदा समझ रही हरियाणा में लोकसभा चुनाव में हुई कम वोटिंग से BJP और कांग्रेस दोनों दलों के नेता टेंशन में आ गए हैं। मतदान से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य के किसान भाजपा से भारी नाराज हैं। वे वोटिंग डे पर रिकॉर्ड तोड़ मतदान करेंगे। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। लोग मतदान के लिए घरों से कम ही निकले, जिससे मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल के मुताबिक सभी सीटों पर रात 8 बजे तक 65 प्रतिशत वोटिंग ही हो पाई। किसानों की नाराजगी से फायदा मिलने की आस लगाए बैठी कांग्रेस को इससे झटका लगा है, वहीं भाजपा इसे अपना फायदा समझ रही है। इस बार के आम चुनाव में जो ट्रेंड देश में था, वहीं हरियाणा में भी दिखा। देश के राज्यों राजस्थान में 64.56%, महाराष्ट्र में 54.33%, ओडिशा में 69.34% वोटिंग हुई, जो 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले कम वोटिंग प्रतिशत है। हरियाणा में 2019 में 70.34% वोट लोकसभा चुनाव में पड़े थे, लेकिन इस बार के चुनाव में वोटिंग प्रतिशत करीब 5% गिरा है। ऐसे में देश के बड़े राज्यों वाला ट्रेंड हरियाणा लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला है। इन सीटों पर सबसे कम, सबसे ज्यादा वोटिंग हुई
हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट ऐसी रही, जहां सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत रहा। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल के मुताबिक इस बार सबसे ज्यादा वोटिंग 69 फीसदी सिरसा में तो सबसे कम 60.6 फीसदी गुरुग्राम में हुई। कुरुक्षेत्र में कम वोटिंग पर चर्चा शुरू
कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर देश के जाने माने उद्योगपति नवीन जिंदल के भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ने से इस सीट की काफी चर्चाएं हैं। हालांकि, इस सीट पर भी वोटिंग प्रतिशत ज्यादा नहीं बढ़ पाया। शाम तक यहां 66.2% के करीब वोट पड़े। सियासी जानकारों का कहना है कि इस सीट पर कम वोटिंग प्रतिशत का कारण किसानों का विरोध भी रहा है। इसकी वजह यह रही कि यहां से किसान नेता गुरुनाम चढ़ूनी ने INLD उम्मीदवार अभय सिंह चौटाला का समर्थन किया था और भाजपा के खिलाफ खुलकर प्रचार किया था। इंडी गठबंधन की ओर से यहां AAP के पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता को चुनावी मैदान में उतारा है। अलग-अलग सीटों पर मतदान करने पहुंचे स्टार और स्टार प्रचारकों के PHOTOS… कम वोटिंग परसेंटेज में गर्मी भी बड़ा फैक्टर
हरियाणा में कम वोटिंग परसेंटेज के लिए गर्मी भी बड़ा फैक्टर रहा। सूबे के 15 से अधिक जिलों में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। हालात इतने खराब हैं कि यहां का अधिकतम तापमान पिछले 10 दिनों से 46 के पार बना हुआ है। इसके साथ ही यहां लू भी चल रही है। गर्मी के कारण हरियाणा सरकार की ओर से 15 जिलों में स्कूल भी बंद किए जा चुके हैं। इस कारण से वोटिंग के लिए आने वाला बड़ा वर्ग घर ही बैठा रहा। किरण के जिले में कम वोटिंग क्यों?
कांग्रेस की तोशाम से विधायक किरण चौधरी की भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर कम वोटिंग भी कई सवाल खड़ कर रही है। यहां 57 प्रतिशत के करीब वोट पड़े हैं। सियासी जानकार इसकी वजह किरण की नाराजगी को बता रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक अजय दीप लाठर का कहना है कि इस बार इस सीट से किरण की बेटी पूर्व सांसद श्रुति चौधरी प्रबल दावेदार थीं, लेकिन पार्टी ने उनकी टिकट काटकर कांग्रेस विधायक राव दान सिंह को दे दी। इसे लेकर वह काफी नाराज चल रही थीं। उन्होंने महेंद्रगढ़ दौरे के दौरान हुई पार्टी की चुनावी रैली में राहुल गांधी के सामने ही अपना विरोध प्रकट किया था। वोटिंग में नहीं दिखा विरोध
केंद्र के साथ ही हरियाणा में भी 10 सालों से भाजपा सत्तासीन है। इस कारण इस आम चुनाव में सरकार के विरोध में जबरदस्त एंटी इनकंबेंसी थी। प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशियों के विरोध से यह दिख रहा था कि सूबे में लोग अपना विरोध वोटिंग में भी दिखाएंगे, लेकिन वोटिंग में यह विरोध दिख नहीं पाया। जानकारों का कहना है कि हरियाणा का सबसे बड़ा वर्ग जाट इस चुनाव में विकल्प नहीं तलाश पाया। इस कारण से चुनाव में वोटिंग से वह दूर रहा।