लखनऊ के इंदिरानगर क्षेत्र में नाना के घर में शुक्रवार देर रात नर्सिंग छात्रा ने फंदा लगा कर जान दे दी। वह बाबा का इलाज कराने ननिहाल आई थी। परिजन के अनुसार परीक्षा में कम नंबर आने से वह परेशान चल रही थी। प्रयागराज की रहने वाली थी, परिजन ने आरोप से किया इनकार इंस्पेक्टर सुनील कुमार तिवारी के मुताबिक, प्रयागराज के नैनी निवासी संजय पाठक के बेटी प्रियांशी पाठक (22) प्रयागराज से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी। एक सप्ताह पहले बाबा का इलाज कराने इंदिरानगर के साईं सिटी में रह रहे नाना लल्लन दुबे के पास आई थी। दो दिन पहले प्रियांशी के बाबा इलाज कराकर प्रयागराज लौट गए। प्रियांशी नाना के पास ही रुक गई। शुक्रवार देर रात प्रियांशी को कमरे में पंखे के कुंडे से साड़ी के फंदे से लटका देख परिजन आनन-फानन में अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इंस्पेक्टर का कहना है जांच में परीक्षा में कम नंबर आने से आत्मघाती कदम उठाने की बात सामने आ रही है। परिवार ने आरोप नहीं लगाया है। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। लखनऊ के इंदिरानगर क्षेत्र में नाना के घर में शुक्रवार देर रात नर्सिंग छात्रा ने फंदा लगा कर जान दे दी। वह बाबा का इलाज कराने ननिहाल आई थी। परिजन के अनुसार परीक्षा में कम नंबर आने से वह परेशान चल रही थी। प्रयागराज की रहने वाली थी, परिजन ने आरोप से किया इनकार इंस्पेक्टर सुनील कुमार तिवारी के मुताबिक, प्रयागराज के नैनी निवासी संजय पाठक के बेटी प्रियांशी पाठक (22) प्रयागराज से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी। एक सप्ताह पहले बाबा का इलाज कराने इंदिरानगर के साईं सिटी में रह रहे नाना लल्लन दुबे के पास आई थी। दो दिन पहले प्रियांशी के बाबा इलाज कराकर प्रयागराज लौट गए। प्रियांशी नाना के पास ही रुक गई। शुक्रवार देर रात प्रियांशी को कमरे में पंखे के कुंडे से साड़ी के फंदे से लटका देख परिजन आनन-फानन में अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इंस्पेक्टर का कहना है जांच में परीक्षा में कम नंबर आने से आत्मघाती कदम उठाने की बात सामने आ रही है। परिवार ने आरोप नहीं लगाया है। कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
मेरठ: पुलिस ने ‘चूहे’ का एनकाउंटर किया, लंबे अरसे से थी तलाश, 25 हजार का था इनाम
मेरठ: पुलिस ने ‘चूहे’ का एनकाउंटर किया, लंबे अरसे से थी तलाश, 25 हजार का था इनाम <p style=”text-align: justify;”><strong>Meerut News:</strong> मेरठ पुलिस ने ’चूहे‘ का एनकाउंटर कर दिया है. पुलिस को इस चूहे की लंबे समय से तलाश थी. काफी कोशिशों के बावजूद भी ये चूहा पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा था, लेकिन अचानक से पुलिस की इस चूहे से मुठभेड़ हो गई, जिसमें चूहा गोली लगने से घायल हो गया है. पुलिस चूहे के एनकाउंटर को बड़ी कामयाबी मानकर चल रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मेरठ पुलिस ने चूहे का एनकाउंटर किया है और इसकी चर्चा पूरे मेरठ में हो रही है. चलिए सस्पेंस खत्म कर देते हैं, हम बात कर रहें हैं 25 हजार रूपये के इनामी बदमाश शादाब उर्फ चूहा की. पुलिस को शादाब उर्फ चूहे की लंबे अरसे से तलाश थी. पुलिस को सूचना मिली कि शादाब अपने साथी के साथ किसी वारदात को अंजाम देने की फिरार में है. इस पर लिसाड़ी गेट थाना पुलिस ने इलाके की घेराबंदी की तो चारखंभा रोड पर शादाब उर्फ चूहा अपने एक साथी के साथ बाइक पर आ रहा था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>14 मुकदमों में था आरोपी</strong><br />पुलिस ने रूकने का इशारा किया तो शादाब पुलिस पर फायरिंग कर भागने लगा. इस पर पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की तो एक गोली शादाब के पैर में लग गई और उसका दूसरा साथी भाग निकला. घायल शादाब उर्फ चूहा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना इलाके के रहने वाले शादाब उर्फ चूहा पर 14 से ज्यादा मुकदमें कायम हैं. वो मजीद नगर इलाके का रहने वाला है और उस पर 25 हजार रूपये का इनाम भी था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस शादाब उर्फ चूहा की तलाश थी, लेकिन वो हर बार पुलिस की घेराबंदी को तोड़कर भाग निकलता था. शादाब बेहद शातिर किस्म का अपराधी है और इस पर 14 से ज्यादा मुकदमें भी कायम हैं. शादाब उर्फ चूहा गैंगस्टर एक्ट में वांछित चल रहा था और पुलिस को इसकी लंबे अरसे से तलाश थी. इसके गैंग में कई लोग शामिल हैं. जिस वक्त शादाब से मुठभेड़ हुई उसके साथ जो बदमाश था वो भाग निकला और पुलिस अब उसकी भी तलाश कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/lucknow-train-derail-conspiracy-failed-bundle-of-wood-kept-on-railway-track-ann-2811113″>दीपावली से पहले लखनऊ में ट्रेन पलटाने की साजिश हुई नाकाम, लोको पायलट की सूझबूझ से टला हादसा</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या बोली पुलिस</strong><br />25 हजार के इनामी शादाब उर्फ चूहा की पुलिस को लंबे अरसे से तलाश थी. एसपी सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि शादाब मुठभेड़ में घायल हुआ है और पुलिस ने मौके से स्पलेंडर बाइक, तमंचा, खोखा और कारतूस भी बरामद किया है. उन्होंने बताया कि शादाब उर्फ चूहा बेहद शातिर अपराधी है और किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में था, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके गैंग में कौन-कौन लोग शामिल हैं और पुलिस इसकी भी जांच कर रही है और फरारी के दौरान शादाब उर्फ चूहा ने कौन-कौन सी वारदात की इसकी भी पुलिस जांच कर रही है.</p>
लखनऊ में महिलाओं ने निभाई ‘सिंदूर खेला’ की रस्म:मातारानी को भी लगाया सिंदूर, प्रेम और सौहार्द का दिया संदेश; पांरपरिक पहनावा रहा आकर्षण
लखनऊ में महिलाओं ने निभाई ‘सिंदूर खेला’ की रस्म:मातारानी को भी लगाया सिंदूर, प्रेम और सौहार्द का दिया संदेश; पांरपरिक पहनावा रहा आकर्षण लखनऊ में मां की आराधना करने के बाद विजयादशमी को बंगाली समाज की सुहागिन महिलाओं ने सिंदूर की परंपरा निभाई। रविवार को मां दुर्गा की प्रतिमा को विसर्जित करने से पहले बंगाली समाज ने सिंदूर खेला उत्सव मनाया। महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं। हालांकि विजयादशमी मुहूर्त के हिसाब से 12 अक्टूबर को था लेकिन शनिवार के चलते मां की मूर्ति का विसर्जन नहीं किया गया। इस कारण सिंदूर की परंपरा रविवार को निभाई गई। गोमती नगर स्थित रविंद्र पल्ली और कैसर के बंगाली क्लब में बंगाली समाज की विवाहित महिलाएं बड़ी संख्या में पहुंची थीं। महिलाओं ने जमकर सिंदूर खेला। दुर्गा माता से परिवार की सुख, समृद्धि और पति की लंबी उम्र की कामना की। सभी सुहागिन महिलाओं ने मां दुर्गा को पान के पत्ते से सिंदूर चढ़ाया। साथ ही मां दुर्गा को पान और मिठाई भी खिलाई। इसके बाद महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर जश्न मनाया। इस दौरान महिलाओं ने जमकर पारंपरिक डांस किया। पहले देखें सिंदूर खेला की तस्वीरें… होली पर्व जैसा लगा उत्सव
माना जाता है कि जब मां दुर्गा मायके से विदा होती हैं, तो सिंदूर से उनकी मांग भरी जाती है। इसके साथ ही कई महिलाएं एक दूसरे के चेहरे पर सिंदूर लगाते हुए नजर आईं। यह उत्सव होली के पर्व जैसा लगा। इसके जरिए महिलाएं कामना करती हैं कि एक-दूसरे की शादीशुदा जिंदगी सुखद और सौभाग्यशाली रहे। इससे पहले दो दिनों से महिलाओं ने ग्रुप में धुनुची डांस किया। मां को विदाई देकर अगले वर्ष फिर से आने की कामना की। देवी मां की विदाई के समय चेहरे हुए मायूस
सिंदूर खेला में शामिल हुईं मनीषा जब दैनिक भास्कर से बात कर रही थीं, तब उनका चेहरा कुछ पल के लिए मायूसी से भर गया। वो कहती हैं कि 9 दिन तक हुई चहल पहल अब सूनी हो गई है। हालांकि यह पर्व हमारे लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। हमारी मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिन मां अपने मायके में रहती हैं। महादशमी पर दसवें दिन वापस चली जाती हैं। शादी के बाद पहला सिंदूर खेला
सिंदूर खेला में शामिल हुईं सोनाली कहती हैं कि हमारी शादी पिछले साल हुई है। इसलिए यह पहला सिंदूर खेला है। हम अपने सुहाग के लंबी उम्र की कामना कर रहे हैं। नवरात्रि का यह अंतिम दिन है, इसलिए हमारे लिए थोड़ा इमोशनल पल है। हम अपने और सबके स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं। हम मन से कामना करते हैं कि वह अगले वर्ष जल्दी आएं और हमें सेवा का अवसर दें। विशेष डांस धुनुची का आयोजन
दुर्गा उत्सव के दौरान बंगाली समाज के द्वारा विशेष तरह का डांस किया जाता है, इसे धुनुची डांस का कहते हैं। इस डांस में विशेष तरह के मिट्टी के पात्र में सूखे नारियल के छिलकों को जलाकर माता की आरती की जाती है। आरती के वक्त इस धुनुची डांस में कई तरह के करतब भी दिखाए जाते हैं। ढाक-ढोल और आरती
दशमी के दिन माता की विदाई के समय धुनुची डांस के दौरान ढाक-ढोल बजाया जाता है। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है। ढाक ढोल की ताल पर भक्त नाचते और झूमते रहते हैं और मां को दोबारा आने का न्योता देते हैं। 450 साल पहले शुरू हुई थी सिंदूर खेला की परंपरा
दशमी पर सिंदूर लगाने की परंपरा आज की नहीं है, बल्कि सदियों पुरानी है। माना जाता है कि मां दुर्गा साल में एक बार अपने मायके आती हैं और वो अपने मायके में रहती हैं। ये त्योहार दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। बंगाली समाज की महिलाओं ने 450 साल से चली आ रही परंपरा के अनुसार मां दुर्गा, सरस्वती, कार्तिकेय, लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के बाद उनका श्रृंगार किया। उनके विसर्जन से में पहले उन्होंने मिठाइयों का भोग लगाया। साथ में ख़ुद का भी सोलह श्रृंगार किया। इसके बाद उन्होंने जो सिंदूर मां को चढ़ाया, उससे अपनी भी मांग भरी। पूरे साल में सिर्फ एक बार बनता है विशेष प्रसाद
रविंद्र पल्ली पंडाल में प्रसाद वितरण करने वाली अदिति बोस ने कहा कि 40 वर्षों से सेवा कर रही हूं। मां की विदाई से पहले सभी लोगों का मुंह मीठा कराते हैं। दूध, दही, केला, चुरा और बताशे मिलाकर विशेष प्रसाद तैयार किया जाता है। मान्यता है कि इस प्रसाद को ग्रहण करके जो भी कामना की जाए पूरी होती है। यह प्रसाद पूरे साल में सिर्फ एक बार बनता है। सिंदूर खेला के अलावा और किसी भी दिन न तो इस प्रसाद का वितरण हो सकता है और न ही इसे ग्रहण किया जा सकता है। देवी बोरोन की निभाई जाती है प्रथा
इसी दिन देवी बोरोन (मां को विदा करने की पूजा) किया जाता है। यहां विवाहित महिलाएं देवी को अंतिम अलविदा कहने के लिए लाइन में लगी होती हैं। इस बोरोन थाली में देवी को मां को चढ़ाने के लिए कई चीजें होती हैं। इसमें सुपारी, पान का पत्ता, सिंदूर, अगरबत्ती, आलता (हाथ पांव में मेहंदी की तरह लगाने वाले लाल कलर), मिठाइयां आदि शामिल होती हैं। मां के चेहरे को पोंछती हैं महिलाएं
महिलाएं दोनों हाथों में पान का पत्ता और सुपारी लेती हैं और मां के चेहरे को पोंछती हैं। फिर मां को सिंदूर लगाने की बारी आती है। भीगी आंखों से शाखां और पोला (लाल और सफ़ेद चूड़ियां ) पहनकर मां को विदाई दी जाती है। मां दुर्गा के साथ पोटली में कुछ खाने-पीने की चीजें भी रख दी जाती हैं, ताकि उन्हें देवलोक पहुंचने में कोई कठिनाई ना हो।
सिरसा में युवक ने फांसी लगाकर दी जान:अश्लील वीडियो बनाने से आहत, पुलिस को मिला सुसाइड नोट, 4 पर केस
सिरसा में युवक ने फांसी लगाकर दी जान:अश्लील वीडियो बनाने से आहत, पुलिस को मिला सुसाइड नोट, 4 पर केस सिरसा जिला में नहर किनारे पेड़ पर फांसी लगाकर एक युवक ने सुसाइड कर ली। शव का शनिवार को पोस्टमॉर्टम का परिजनों को सौंप दिया गया। मृतक रवि कुमार के माता-पिता की काफी समय पहले मौत हो चुकी है। वह अविवाहित था। पुलिस ने मामले में चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। सुसाइड नोट बरामद जानकारी के अनुसार गांव खुइयां नेपाल पुर का रहने वाला 28 वर्षीय रवि कुमार मजदूरी करता था। शुक्रवार को उसने गांव पंजुआना के पास नहर किनारे एक पेड़ पर फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मौके पर पहुंची पुलिस को मृतक रवि के पास एक सुसाइड नोट मिला। मारपीट कर बनाई थी अश्लील वीडियो मृतक ने नोट में लिखा था कि कुछ दिन पूर्व गुरमीत सिंह, राजू उर्फ रूड़ा व रमन ड्राइवर ने अजय उर्फ गग्गू व गुरबचन सिंह की शय पर उसके साथ मारपीट की थी। वह गग्गू से पैसे मांगता था, लेकिन वापस मांगने पर गग्गू उसके साथ गाली-गलौज करता था। उक्त लोगों ने उसे मारने की कोशिश की थी और उससे मारपीट कर उसकी अश्लील वीडियो भी बनाई थी। 4 लोगों को ठहराया जिम्मेदार उक्त लोगों का उसे जान से मारने का इरादा था, लेकिन वह जैसे-तैसे कर भाग गया। नोट में लिखा कि उसकी मौत के जिम्मेदार गुरमीत सिंह, अजय, रमन व गुरबचन सिंह है। इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। बड़ागुढ़ा थाना प्रभारी राजेश कुमार का कहना है कि पुलिस ने सुसाइड नोट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।