लखनऊ में जेपीसी बैठक में सरकार की तरफ से बताया गया की उत्तर प्रदेश में 14000 हेक्टेयर भूमि में 11000 हेक्टेयर भूमि सरकारी है। बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा के साथ अयोध्या का बहू बेगम मकबरा भी सरकार ने वक्फ की संपत्ति नहीं माना। इस पर AIMIM राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- नया कानून वक्फ की संपत्ति को बर्बाद करने के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने कहा- वक्फ बोर्ड में नॉन मुस्लिम मेंबर कैसे हो सकता है। कलेक्टर को सारी पावर दी जाएगी। वह सरकार के हिसाब से काम करता है। बिल में बहुत सारी कमियां हैं, जिसकी वजह से उसका विरोध कर रहे हैं। वहीं सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा- जिस जगह हमारे पुरखों का कब्रिस्तान है उसे भी वक्फ की संपत्ति नहीं माना जा रहा। जहां सदियों से नमाज पढ़ रहे उसे मस्जिद मानने को तैयार नहीं हैं। JPC की बैठक में एपीसी/ मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग, प्रमुख सचिव आवास पी गुरु प्रसाद, चकबंदी आयुक्त मौजूद रहे। इन्होंने सरकार की तरफ से जेपीसी की बैठक में साक्ष्य प्रस्तुत किए। सरकार की रिपोर्ट का मौलाना और शिया वक्फ बोर्ड ने विरोध किया और दूसरी तरफ से भी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। लखनऊ में वक्फ संशोधन विधायक पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की बड़ी बैठक में जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल, सदस्य असदुद्दीन ओवैसी, अल्पसंख्यक कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर, अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मंत्री दानिश आजाद, जेपीसी सदस्य बृजलाल समेत अन्य लोग बैठक में शामिल हुए हैं। बैठक दो फेस में हो रही है। पहली बैठक 10.30 बजे से शुरू हुई है। यह 1 बजे तक चली। दूसरे फेस की बैठक ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के अध्यक्ष और सदस्य के साथ शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, सदस्य और बुद्धिजीवी हिस्सा लेंगे। अल्पसंख्यकों के लिए बनेगी रणनीति
बैठक में वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 को लेकर अल्पसंख्यक मंत्रियों, बुद्धिजीवियों और पदाधिकारी से राय लिया जा रहा है। बैठक में शामिल होने से पहले मंत्री दानिश आजाद ने कहा- यह महत्वपूर्ण बैठक है। इसमें अल्पसंख्यकों के लिए सकारात्मक रणनीति बनेगी। हमारा संकल्प है कि मुसलमान को रोजगार और शिक्षा की तरफ आगे बढ़ाया जाए। वक्फ संशोधन बिल का हम पूरी तरीके से समर्थन करते हैं। हम चाहते हैं कि वक्फ में नए सुधार के साथ अल्पसंख्यकों के डेवलपमेंट के लिए काम किया जाए। बैठक के बाद पार्लियामेंट में पेश होगा बिल
ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सदस्य बृजलाल ने कहा- बिल को लेकर देश के कई राज्यों में बैठक हुई है। आज उत्तर प्रदेश की यह आखिरी बैठक है। इसके बाद ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बिल को पार्लियामेंट में पेश करेगी। बिल को लेकर देश भर के शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड के पदाधिकारी, अल्पसंख्यक कार्य विभाग, विधि एवं न्याय मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ विस्तार से चर्चा हुई है। मौलाना खालिद रशीद ने कहा- हमारी बात सुनी जाएगी
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली भी बैठक में पहुंचे हैं। मौलाना खालिद रशीद ने कहा- हम लोग कमेटी के सामने अपनी बात रखेंगे। वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 का किन कारणों से हम लोग विरोध करते हैं इस पर विस्तार से जानकारी देंगे। हमें पूरा भरोसा है कि हमारी बात सुनी जाएगी। इसके बाद ही आगे का कदम उठाया जाएगा। बैठक से ओमप्रकाश राजभर निकले बाहर
मंत्री राजभर ने कहा- बिल पर किसकी क्या राय है इसी को लेकर चर्चा हो रही है। सभी लोग अपना प्रस्ताव रख रहे हैं। प्रस्ताव पर कमेटी विचार कर रही है। हालांकि कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जो वक्फ संपत्ति पर कब्जा किए हैं। सरकार की मंशा है कि महिलाएं और गरीब कमजोरों को लाभ मिले। पूरे देश के लोगों के साथ यह सर्वे हुआ है। उनसे जानकारी ली जा रही है। संपत्तियों के डाटा पर उठे सवाल
बैठक से निकलने के बाद शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने कहा- जो संशोधन बिल पेश हुआ है उस पर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी ने अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों और धर्मगुरुओं से क्रॉस क्वेश्चन किया है। अल्पसंख्यक अधिकारियों की ओर से जो डाटा पेश किया गया उस पर कमेटी ने सवाल खड़े किए की इन संपत्तियों का डाटा कहां से आया। बाकी वक्फ का जो डाटा पेंडिंग है उसमें कितना समय लगेगा। यह प्रस्तावित संशोधन बिल है। इस संबंध में जिन्हें ऐतराज है। उन्हें जानकारी दी जा रही है की जो संपत्ति वक्त बोर्ड में दर्ज नहीं है। अगर उसे हटाया जाएगा तो उसके लिए क्या कुछ अल्टरनेट व्यवस्था की जाएगी इसका जवाब कमेटी देगी। छोटा इमामबाड़ा बड़ा इमामबाड़ा वक्फ की संपत्ति नहीं है इस सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि सरकार का यह आंकड़ा गलत है। सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद भड़के
इमरान मसूद ने कहा- वक्फ बाय यूजर अगर डिलीट कर दिया जाएगा तो क्या बचेगा। यह पूरी तरीके से वक्फ की जमीनों को हड़पने और बर्बाद करने की तैयारी है। आज मुसलमान को वक्फ से हटा रहे हो कल दूसरी जगह से हटा दोगे तो क्या होगा। इसका असर जो प्राचीन मंदिर और मठ हैं उस पर भी पड़ेगा। देश में अराजकता और अफरा तफरी का माहौल बनाया जा रहा। इसमें एक भी पॉइंट मुसलमान के विकास के लिए नहीं है। हमारे बुजुर्ग जिस कब्रिस्तान में दफन हैं उसे वक्फ की संपत्ति नहीं मान रहे हैं। सदियों से जहां नमाज पढ़ रहे उसे मस्जिद मानने को तैयार नहीं है। जेपीसी सदस्यों की राय मांगी जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा- जेपीसी के सभी स्टेक होल्डर्स, इस्लामिक स्कॉलर्स, वकीलों और दोनों वक्फ़ बोर्ड के साथ बैठक चल रही है। पहले हमने सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री और सरकार के लोगों के साथ बैठक की है। हमने सभी इस्लामिक स्कॉलर को सुना और बार काउंसिल के लोगों को भी सुना। उन्होंने बताया- अब ये जेपीसी की लास्ट विजिट है। हमने तमाम राज्यों में बैठक की है। आज ये अंतिम बैठक है। हम 31 जनवरी से शुरू होने वाले सत्र में इस रिपोर्ट को रखेंगे। लखनऊ में जेपीसी बैठक में सरकार की तरफ से बताया गया की उत्तर प्रदेश में 14000 हेक्टेयर भूमि में 11000 हेक्टेयर भूमि सरकारी है। बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा के साथ अयोध्या का बहू बेगम मकबरा भी सरकार ने वक्फ की संपत्ति नहीं माना। इस पर AIMIM राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- नया कानून वक्फ की संपत्ति को बर्बाद करने के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने कहा- वक्फ बोर्ड में नॉन मुस्लिम मेंबर कैसे हो सकता है। कलेक्टर को सारी पावर दी जाएगी। वह सरकार के हिसाब से काम करता है। बिल में बहुत सारी कमियां हैं, जिसकी वजह से उसका विरोध कर रहे हैं। वहीं सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा- जिस जगह हमारे पुरखों का कब्रिस्तान है उसे भी वक्फ की संपत्ति नहीं माना जा रहा। जहां सदियों से नमाज पढ़ रहे उसे मस्जिद मानने को तैयार नहीं हैं। JPC की बैठक में एपीसी/ मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग, प्रमुख सचिव आवास पी गुरु प्रसाद, चकबंदी आयुक्त मौजूद रहे। इन्होंने सरकार की तरफ से जेपीसी की बैठक में साक्ष्य प्रस्तुत किए। सरकार की रिपोर्ट का मौलाना और शिया वक्फ बोर्ड ने विरोध किया और दूसरी तरफ से भी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। लखनऊ में वक्फ संशोधन विधायक पर जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की बड़ी बैठक में जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल, सदस्य असदुद्दीन ओवैसी, अल्पसंख्यक कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर, अल्पसंख्यक राज्य मंत्री मंत्री दानिश आजाद, जेपीसी सदस्य बृजलाल समेत अन्य लोग बैठक में शामिल हुए हैं। बैठक दो फेस में हो रही है। पहली बैठक 10.30 बजे से शुरू हुई है। यह 1 बजे तक चली। दूसरे फेस की बैठक ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के अध्यक्ष और सदस्य के साथ शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, सदस्य और बुद्धिजीवी हिस्सा लेंगे। अल्पसंख्यकों के लिए बनेगी रणनीति
बैठक में वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 को लेकर अल्पसंख्यक मंत्रियों, बुद्धिजीवियों और पदाधिकारी से राय लिया जा रहा है। बैठक में शामिल होने से पहले मंत्री दानिश आजाद ने कहा- यह महत्वपूर्ण बैठक है। इसमें अल्पसंख्यकों के लिए सकारात्मक रणनीति बनेगी। हमारा संकल्प है कि मुसलमान को रोजगार और शिक्षा की तरफ आगे बढ़ाया जाए। वक्फ संशोधन बिल का हम पूरी तरीके से समर्थन करते हैं। हम चाहते हैं कि वक्फ में नए सुधार के साथ अल्पसंख्यकों के डेवलपमेंट के लिए काम किया जाए। बैठक के बाद पार्लियामेंट में पेश होगा बिल
ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के सदस्य बृजलाल ने कहा- बिल को लेकर देश के कई राज्यों में बैठक हुई है। आज उत्तर प्रदेश की यह आखिरी बैठक है। इसके बाद ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बिल को पार्लियामेंट में पेश करेगी। बिल को लेकर देश भर के शिया-सुन्नी वक्फ बोर्ड के पदाधिकारी, अल्पसंख्यक कार्य विभाग, विधि एवं न्याय मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ विस्तार से चर्चा हुई है। मौलाना खालिद रशीद ने कहा- हमारी बात सुनी जाएगी
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली भी बैठक में पहुंचे हैं। मौलाना खालिद रशीद ने कहा- हम लोग कमेटी के सामने अपनी बात रखेंगे। वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 का किन कारणों से हम लोग विरोध करते हैं इस पर विस्तार से जानकारी देंगे। हमें पूरा भरोसा है कि हमारी बात सुनी जाएगी। इसके बाद ही आगे का कदम उठाया जाएगा। बैठक से ओमप्रकाश राजभर निकले बाहर
मंत्री राजभर ने कहा- बिल पर किसकी क्या राय है इसी को लेकर चर्चा हो रही है। सभी लोग अपना प्रस्ताव रख रहे हैं। प्रस्ताव पर कमेटी विचार कर रही है। हालांकि कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। ये वही लोग हैं जो वक्फ संपत्ति पर कब्जा किए हैं। सरकार की मंशा है कि महिलाएं और गरीब कमजोरों को लाभ मिले। पूरे देश के लोगों के साथ यह सर्वे हुआ है। उनसे जानकारी ली जा रही है। संपत्तियों के डाटा पर उठे सवाल
बैठक से निकलने के बाद शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने कहा- जो संशोधन बिल पेश हुआ है उस पर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी ने अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों और धर्मगुरुओं से क्रॉस क्वेश्चन किया है। अल्पसंख्यक अधिकारियों की ओर से जो डाटा पेश किया गया उस पर कमेटी ने सवाल खड़े किए की इन संपत्तियों का डाटा कहां से आया। बाकी वक्फ का जो डाटा पेंडिंग है उसमें कितना समय लगेगा। यह प्रस्तावित संशोधन बिल है। इस संबंध में जिन्हें ऐतराज है। उन्हें जानकारी दी जा रही है की जो संपत्ति वक्त बोर्ड में दर्ज नहीं है। अगर उसे हटाया जाएगा तो उसके लिए क्या कुछ अल्टरनेट व्यवस्था की जाएगी इसका जवाब कमेटी देगी। छोटा इमामबाड़ा बड़ा इमामबाड़ा वक्फ की संपत्ति नहीं है इस सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि सरकार का यह आंकड़ा गलत है। सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद भड़के
इमरान मसूद ने कहा- वक्फ बाय यूजर अगर डिलीट कर दिया जाएगा तो क्या बचेगा। यह पूरी तरीके से वक्फ की जमीनों को हड़पने और बर्बाद करने की तैयारी है। आज मुसलमान को वक्फ से हटा रहे हो कल दूसरी जगह से हटा दोगे तो क्या होगा। इसका असर जो प्राचीन मंदिर और मठ हैं उस पर भी पड़ेगा। देश में अराजकता और अफरा तफरी का माहौल बनाया जा रहा। इसमें एक भी पॉइंट मुसलमान के विकास के लिए नहीं है। हमारे बुजुर्ग जिस कब्रिस्तान में दफन हैं उसे वक्फ की संपत्ति नहीं मान रहे हैं। सदियों से जहां नमाज पढ़ रहे उसे मस्जिद मानने को तैयार नहीं है। जेपीसी सदस्यों की राय मांगी जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा- जेपीसी के सभी स्टेक होल्डर्स, इस्लामिक स्कॉलर्स, वकीलों और दोनों वक्फ़ बोर्ड के साथ बैठक चल रही है। पहले हमने सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री और सरकार के लोगों के साथ बैठक की है। हमने सभी इस्लामिक स्कॉलर को सुना और बार काउंसिल के लोगों को भी सुना। उन्होंने बताया- अब ये जेपीसी की लास्ट विजिट है। हमने तमाम राज्यों में बैठक की है। आज ये अंतिम बैठक है। हम 31 जनवरी से शुरू होने वाले सत्र में इस रिपोर्ट को रखेंगे। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर