रोहतक में जमीन का लालच देकर रिटायर्ड फौजी की विधवा से 40 लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। मामले में मां-बेटों ने पहले तो जमीन के बदले पैसे मांगे और फिर जमीन की रजिस्ट्री भी उनके नाम नहीं करवाई। जिसकी शिकायत पर पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। रोहतक के गांव गिरावड़ हाल उत्तम नगर निवासी करीब 80 वर्षीय विद्या देवी ने लाखनमाजरा थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया कि उसके पति फौज से रिटायर्ड थे और उनका निधन हो चुका है। जुलाई 2022 में गिरावड़ गांव निवासी रोशनी नामक महिला और उसके दो बेटे अजय और विशांत उसके पास आए और पैसों की जरूरत बताते हुए कृषि भूमि का सौदा करने की पेशकश की। जिसके बारे में वृद्धा ने कहा कि वह अपने बेटे और पोते से सलाह लेगी। कुछ दिन बाद वही मां-बेटे वापस आए और कहा कि उन्हें पैसों की जरूरत है। वहीं, 3 अगस्त 2022 को 1 बीघा 10 बिसवां जमीन का 40 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सौदा हुआ। वहीं, एडवांस के तौर पर 6 लाख रुपये नकद दिए गए। तीनों ने भरोसा देकर ऐंठे पैसे पीड़िता ने बताया कि आरोपियों ने उसे भरोसा दिलाया कि वे तीनों जमीन में बराबर के हिस्सेदार हैं और जमीन बेचने का अधिकार उनके पास है। आरोपियों ने कहा कि डील के पैसे देने के बाद वे उसे जमीन पर कब्जा दे देंगे, लेकिन पैसे लेने के बाद आरोपी मुकर गए। जिसके बाद उसने मामले की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी महिला रोशनी, उसके बेटे अजय और विशांत के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रोहतक में जमीन का लालच देकर रिटायर्ड फौजी की विधवा से 40 लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। मामले में मां-बेटों ने पहले तो जमीन के बदले पैसे मांगे और फिर जमीन की रजिस्ट्री भी उनके नाम नहीं करवाई। जिसकी शिकायत पर पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। रोहतक के गांव गिरावड़ हाल उत्तम नगर निवासी करीब 80 वर्षीय विद्या देवी ने लाखनमाजरा थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया कि उसके पति फौज से रिटायर्ड थे और उनका निधन हो चुका है। जुलाई 2022 में गिरावड़ गांव निवासी रोशनी नामक महिला और उसके दो बेटे अजय और विशांत उसके पास आए और पैसों की जरूरत बताते हुए कृषि भूमि का सौदा करने की पेशकश की। जिसके बारे में वृद्धा ने कहा कि वह अपने बेटे और पोते से सलाह लेगी। कुछ दिन बाद वही मां-बेटे वापस आए और कहा कि उन्हें पैसों की जरूरत है। वहीं, 3 अगस्त 2022 को 1 बीघा 10 बिसवां जमीन का 40 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सौदा हुआ। वहीं, एडवांस के तौर पर 6 लाख रुपये नकद दिए गए। तीनों ने भरोसा देकर ऐंठे पैसे पीड़िता ने बताया कि आरोपियों ने उसे भरोसा दिलाया कि वे तीनों जमीन में बराबर के हिस्सेदार हैं और जमीन बेचने का अधिकार उनके पास है। आरोपियों ने कहा कि डील के पैसे देने के बाद वे उसे जमीन पर कब्जा दे देंगे, लेकिन पैसे लेने के बाद आरोपी मुकर गए। जिसके बाद उसने मामले की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी महिला रोशनी, उसके बेटे अजय और विशांत के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा BJP कैंडिडेट तंवर बोले- धोखेबाजों की लिस्ट तैयार:बराला ने कहा- बबली ने केंद्र-राज्य की स्कीमों का श्रेय लेकर कांग्रेस का साथ दिया
हरियाणा BJP कैंडिडेट तंवर बोले- धोखेबाजों की लिस्ट तैयार:बराला ने कहा- बबली ने केंद्र-राज्य की स्कीमों का श्रेय लेकर कांग्रेस का साथ दिया हरियाणा में सिरसा लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार डॉ. अशोक तंवर शनिवार को फतेहाबाद के टोहाना में पार्टी वर्करों की बैठक में पहुंचे। यहां उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने गड़बड़ी जरूर की है। ऐसे लोगों, कर्मचारियों की लिस्ट तैयार की जा रही है, जिन्होंने गड़बड़ियां कीं। सरकारी नौकरी करने वाले ऐसा करते हैं, तो दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे लोगों से संविधान को खतरा है। उधर, राज्यसभा सांसद सुभाष बराला ने इनडायरेक्टली पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली पर निशाना साधते हुए कहा कि PM मोदी और प्रदेश सरकार की योजनाओं का श्रेय लेने वालों ने कांग्रेस का साथ देकर नीति और सिद्धांतों को ताक पर रख दिया है। डॉ. तंवर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हमने मजबूती से 10 की 10 सीटों पर चुनाव लड़ा। कुछ लोगों ने धक्के से हवा बनाने का काम किया, लेकिन जनता ने इन चुनावों में विपक्षियों की हवा निकालने का काम किया। बड़े मार्जिन से सिरसा सीट पर कमल खिलने जा रहा है, जो 400 सीटों में भागीदार होगा। बराला बोले- सभी 10 सीटें जीतेंगे
राज्य सभा सांसद सुभाष बराला ने कहा है कि प्रत्येक बूथ पर कार्यकर्ताओं और जनता में भारी उत्साह नजर आया। आज उन्हीं जनता व कार्यकर्ताओं का आभार जताने के लिए मीटिंग रखी। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से हरियाणा में 10 की 10 सीटें भाजपा जीत रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग केवल और केवल भाजपा का विरोध करते रहे, इसके बावजूद जनता ने जो विश्वास दिखाया, उससे कुछ लोगों के चेहरे नंगे हो गए। टोहाना से चुनाव लड़ना पक्का नहीं: बराला
टोहाना से विधानसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर बराला ने कहा कि फिलहाल पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए राज्यसभा में सेवा के लिए भेजा है। भविष्य में पार्टी हो सकता है किसी भी कार्यकर्ता को मौका दे, यह पार्टी की मर्जी है। भाजपा में किसी की व्यक्तिगत इच्छा नहीं चलती। उन्होंने कहा कि डॉ. तंवर बड़े मार्जिन से सिरसा से चुनाव जीतेंगे। रिजल्ट से पहले ही आभार मीटिंगों के सवाल पर बराला ने बताया कि भाजपा ऑटो मोड पर चलने वाली पार्टी है, जो अभी से 2024 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट चुकी है। सौ के पार नहीं जा रही कांग्रेस
उन्होंने इंडी गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस गठबंधन के साथ ऐसा हो गया है कि इस दिल के टुकड़े हजार हुए, कोई यहां गिरा कोई वहां गिरा। एग्जिट पोल आने वाले हैं। उससे पहले ही कांग्रेस ने कह दिया है कि उनका कोई प्रवक्ता इसमें भाग नहीं लेगा। क्योंकि, कांग्रेस के आंतरिक विश्लेषण में कांग्रेस 100 के पार नहीं जा रही। वह कांग्रेस जो इंडी गठबंधन में सबसे बड़ा दल होने का दावा करती है।
करनाल में घर पर फायरिंग:आधी रात को चली गोलियां, खिड़कियों के शीशे टूटे, परिवार में डर का माहौल
करनाल में घर पर फायरिंग:आधी रात को चली गोलियां, खिड़कियों के शीशे टूटे, परिवार में डर का माहौल हरियाणा के करनाल की विकास कॉलोनी में बुधवार रात करीब 11:45 बजे अज्ञात हमलावरों ने एक घर पर फायरिंग कर दी। फायरिंग के दौरान गोली घर की खिड़की पर लगी, जिससे शीशा टूट गया। घटना के बाद परिवार में डर का माहौल है। बाइक सवार नकाबपोश बदमाशों ने इस वारदात को अंजाम दिया। उधर, सूचना मिलने के बाद सेक्टर 32, 33 थाना पुलिस देर रात मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए। परिजनों की शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। कैसे हुआ ये सब जानकारी देते हुए विकास कॉलोनी निवासी सुरेश कुमार ने बताया कि वह रात को अपने परिवार के साथ खाना खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे। तभी अचानक गोलियों की आवाज आई और खिड़की का शीशा टूट गया। इस अप्रत्याशित हमले से परिवार स्तब्ध रह गया और कुछ देर तक सदमे में रहा। जिसके बाद जब उसने बाहर आकर देखा तो बाइक सवार दो नकाबपोश बदमाश मौके से भाग रहे थे। कौन हैं हमलावर फायरिंग क्यों हुई और किसने की, यह अभी रहस्य बना हुआ है। सुरेश कुमार का कहना है कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, न ही उनका किसी से कोई झगड़ा हुआ है। इसके बावजूद उनके घर को क्यों निशाना बनाया गया, यह समझ से परे है। घटना के बाद सुरेश कुमार ने मामले की जानकारी पुलिस को दी और सुरक्षा की गुहार लगाई है। इलाके में दहशत इस फायरिंग की घटना से न सिर्फ पीड़ित परिवार बल्कि पूरे इलाके में दहशत का माहौल है। लोग इस अप्रत्याशित घटना से सदमे में हैं और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। अब देखना यह है कि पुलिस जांच में क्या खुलासा होता है और किस इरादे से यह फायरिंग की गई। पुलिस की कार्रवाई सेक्टर 32,33 थाने के जांच अधिकारी विनोद ने बताया कि परिजनों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल पुलिस आसपास के इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, ताकि हमलावरों के बारे में सुराग मिल सके। सुरेश कुमार ने बताया कि गली में लगे सीसीटीवी कैमरों से कुछ अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।
हरियाणा में डेरा प्रमुख के निधन पर माहौल तनावपूर्ण:आज अंतिम संस्कार; गद्दी को लेकर 2 पक्षों में विवाद, एक दिन पहले चली थी गोलियां
हरियाणा में डेरा प्रमुख के निधन पर माहौल तनावपूर्ण:आज अंतिम संस्कार; गद्दी को लेकर 2 पक्षों में विवाद, एक दिन पहले चली थी गोलियां हरियाणा के सिरसा में डेरा जगमालवाली के प्रमुख महाराज बहादुर चंद वकील साहब का आज दोपहर 2 बजे अंतिम संस्कार किया जाएगा। परिवार के मुताबिक डेरा प्रमुख की पार्थिव देह मस्ताना शाह बलोचिस्तानी आश्रम जगमालवाली में दफनाई जाएगी। डेरा प्रमुख का निधन एक दिन पहले (1 अगस्त) हुआ था। इसके बाद गद्दी को लेकर डेरे में दो पक्ष आमने-सामने हो गए थे। इस दौरान गोलियां भी चली थी। तनावपूर्ण माहौल के चलते डेरे में पुलिस का पहरा है। इसमें एक पक्ष डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह व उनसे जुड़े लोगों का है। वहीं दूसरे पक्ष में महात्मा बिरेंद्र सिंह और उनसे जुड़े लोग हैं। परिवार के सदस्य करेंगे अंतिम संस्कार
डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह बिश्नोई ने बताया कि बिश्नोई समाज की परंपरा के अनुसार देह को समाधि देकर दफन किया जाता है। इसी के अनुसार जगमालवाली के प्रमुख बहादुर चंद वकील साहब को उनके पारिवारिक सदस्यों द्वारा दफन किया जाएगा। बेटे ओम प्रकाश, पोते मुकेश कुमार प्रवीण बिश्नोई, भाई बुधराम बिश्नोई द्वारा डेरा जगमालवाली में अंतिम संस्कार किया जाएगा। वहीं, श्रद्धालु गुरुवार से ही डेरा प्रमुख के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। निधन के बाद अब गद्दी की लड़ाई
बहादुर चंद वकील के निधन के बाद ही डेरे में गद्दी को लेकर विवाद छिड़ गया था। बीते गुरुवार को यहां डेरामुखी की वसीयत पढ़ने के दौरान दो पक्ष आमने सामने हो गए। महात्मा बिरेंद्र सिंह से जुड़े लोगों ने दावा किया कि डेरा प्रमुख ने एक वसीयत बनाई थी, जो उनके पक्ष में हैं। गुरुवार को जब यह वसीयत सबके सामने पढ़कर सुनाई जा रही थी उसी समय अमर सिंह व उनसे जुड़े लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। वीडियो हो गए थे वायरल
इस हंगामे से जुड़े वीडियो भी सामने आए थे। जिनमें कुछ लोग एक व्यक्ति से मारपीट करते दिख रहे हैं। उस शख्स के कपड़े फटे हैं। वीडियो में पुलिस वाले उसे बचाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। इस मामले में देर रात तक कोई एफआईआर दर्ज होने की बात सामने नहीं आई। हालांकि कहा जा रहा है अमर सिंह की ओर से एक शिकायत पुलिस में दी गई है। मगर पुष्टि नहीं हो पाई है। अब पढ़िए दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर क्या आरोप लगाए पहला पक्ष : डेरा प्रमुख के भतीजे अमर सिंह का कहना कि ” वीरेंद्र सिंह, बलकौर सिंह, शमशेर लहरी और नंदलाल ग्रोवर डेरे की गद्दी हथियाने के चक्कर में महाराज बहादुर चंद वकील का जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करना चाहते थे। मगर हम इससे सहमत नहीं हुए। महाराज जी की मौत संदिग्ध है और इसकी सीबीआई से जांच होनी चाहिए। अमर सिंह का कहना कि पुलिस में भी लिखित शिकायत की गई है। दूसरा पक्ष : महात्मा बिरेंद्र सिंह से जुड़े लोगों का कहना है कि डेरा प्रमुख के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर गुरुवार को डेरे में लगाया गया था। यहां डेरा प्रमुख की वसीयत पढ़ी जा रही थी तभी यहां दूसरे पक्ष के लोगों ने हंगामा कर दिया। दूसरे पक्ष की ओर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह बेबुनियाद हैं। महाराज जी ने पूरे होश में वसीयत तैयार करवाई है जिसकी बकायदा वीडियोग्राफी करवाई गई है। लॉ कर संत बहादुर चंद बने मस्ताना शाह बलूचिस्तानी डेरा जगमालवाली के प्रमुख
संत बहादुर चंद मूल रूप से चौटाला गांव के रहने वाले थे। उनका जन्म 10 दिसंबर 1944 को चौटाला में ही हुआ था। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के ही स्कूल से की। इसके बाद उन्होंने हिसार के दयानंद कॉलेज से आगे की पढ़ाई की। यहां वे आर्य समाज प्रचारणी सभा के अध्यक्ष बने। इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ के लॉ कॉलेज से स्नातक किया। 1968 में लॉ की पढ़ाई पूरी करने के बाद वे डेरा जगमालवाली में शामिल हो गए। 9 अगस्त 1998 को संत बहादुर चंद को डेरे की गद्दी सौंपी गई और तब से वे मस्ताना शाह बलूचिस्तानी डेरा जगमालवाली के प्रमुख हैं। जगमालवाली 300 साल पहले बसा था, जो मंडी से 8 किलोमीटर की दूरी पर है। 60 साल पहले बना था बलूचिस्तानी आश्रम
डेरा की शुरुआत 1964-65 में हुई। यहां बाबा सज्जन सिंह रूहल ने संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब को अपनी कई एकड़ जमीन दान में दी और डेरा बनाने का अनुरोध किया। जिस पर संत गुरबख्श सिंह मैनेजर साहिब ने यहां मस्ताना शाह बलूचिस्तानी आश्रम की स्थापना की। पहले छोटा सा आश्रम था। अब करीब 100-100 फीट का सचखंड बनाया गया है। इसकी खासियत यह है कि इसमें कोई स्तंभ नहीं बना है।