हरियाणा की ओलिंपिक मेडलिस्ट शूटर मनु भाकर को उनकी नानी और मामा की मौत की जानकारी तुरंत नहीं दी गई थी। जिस समय सड़क हादसे में उनकी जान गई, उस समय मनु शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस कर रही थीं। उनकी मां ने फोन पर मनु को केवल इतना कहा था कि जल्दी घर आ जा। नानी के घर चलना है। इसके बाद जब मनु अपने परिवार के साथ रास्ते में थीं, उस समय ही उन्हें पता चला कि दुर्घटना हो गई है। इसके बाद में मनु की मां ने बताया है कि मनु का अपनी नानी से काफी लगाव था। वह एक्सीडेंट की जानकारी सह नहीं पाती। वह मामा के घर पहुंचने पर बहुत रोई थी। रास्ते में भी कह रही थी कि अब मुझे बाजरे की रोटी, चटनी, खिचड़ी कौन खिलाएगा? सुमेधा भाकर ने बताई 19 जनवरी की पूरी कहानी… शूटिंग प्रैक्टिस के लिए चली गई थी मनु
मीडिया से बातचीत में मनु की मां सुमेधा भाकर ने बताया कि 19 जनवरी को सड़क हादसा हुआ था। उसमें मैंने अपनी मां सुमित्रा देवी और भाई युद्धवीर सिंह को खो दिया। उन्होंने बताया- उस दिन मैंने मनु को खाना खिलाकर शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस के लिए भेज दिया था। मेरे भाई की पुत्रवधु मेरे पास आई हुई थी। उससे मैंने कहा था कि मनु के लिए मैं दोपहर का खाना लेकर जाऊंगी। तब तक वह प्रैक्टिस कर लेगी। मनु के जाने के कुछ देर बाद ही मेरे भतीजे का फोन आया। उसने बताया कि उसके पिता युद्धवीर नहीं रहे। इससे मुझे धक्का सा लगा। मां की मौत की बात मुझसे भी छिपाई
सुमेधा ने बताया- मेरा भाई हरियाणा रोडवेज में था, इसलिए मुझे लगा कि बस किसी से टकरा गई होगी। युद्धवीर नाइट ड्यूटी अधिक करता था। इसके बाद मैंने मनु को फोन कर घर बुलाया। उससे कहा कि जल्दी आ, नानी के पास जाना है। उसे एक्सीडेंट के बारे में नहीं बताया था। हालांकि, मां की मौत की जानकारी मुझसे भी छिपाई जा रही थी। मैंने अपनी छोटी भाभी के पास कॉल किया। उनसे पूछा कि मां कैसी हैं? इस पर मेरी छोटी भाभी ने बताया था कि मां ठीक हैं। हम गाड़ी से दादरी के लिए निकले थे। मेरे भाई की पुत्रवधु भी साथ थी। गाड़ी में नानी की मौत की सूचना मिलने पर रोने लगीं मनु
सुमेधा बताती हैं कि गाड़ी में फोन पर भाई की पुत्रवधु किसी से बात कर रही थी। उसी दौरान उसके मुंह से अचानक निकल गया कि दादी भी नहीं रहीं। यह सुनकर मुझे शॉक लगा। मेरे घर में एक साथ 2 मौत हो गई थीं। मैंने पहले कभी ऐसा महसूस नहीं किया था। नानी की मौत के बारे में सुनकर मनु भी गाड़ी में ही जोर-जोर से रोने लगी। वह बार-बार कह रह थी कि अब उसे बाजरे की रोटी, चटनी, खिचड़ी ये सब कौन खिलाएगा? हम लोग फरीदाबाद से दादरी जा रहे थे, जिसमें 3 घंटे लगते हैं। वे 3 घंटे भी 8 घंटे जैसे लग रहे थे। एक दिन रुककर गई थीं मनु
मनु की मां ने कहा कि 19 तारीख को मनु नानी के घर ही रुकी थी। वह एक दिन रुक कर वहां से चली गई और परिवार को संभालने के लिए मुझे यहां छोड़कर गई थी। उसके मैच हैं, जिनके लिए उसे प्रैक्टिस भी करनी थी। जब वह मेडल लाती थी तो उसकी नानी बहुत खुश होती थी। अब वह नहीं रहीं तो भी जब वह मैच जीतकर मेडल लाएगी तो उसकी नानी की आत्मा को शांति मिलेगी। उसके मामा का भी उससे बहुत लगाव था। वह मनु की काफी मदद करते थे। नानी को मनु से था विशेष लगाव
मनु भाकर का अपनी नानी सावित्री देवी से खासा लगाव था। मनु भी नानी की लाडली थी। जब भी मनु भाकर कोई उपलब्धि हासिल करतीं तो उनकी नानी दादरी में आसपास मोहल्ले की महिलाओं को एकत्रित कर जश्न मनाती थीं। ओलिंपिक में मेडल जितने पर तो उन्होंने डांस भी किया था। यह था मामला, पुलिस आरोपी को पकड़ चुकी… 19 जनवरी को हुआ था हादसा
बता दें कि 19 जनवरी को मनु के मामा और नानी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। मामा युद्धवीर सिंह हरियाणा रोडवेज में कार्यरत थे। वह चरखी दादरी बस स्टैंड पर ड्यूटी के लिए आ रहे थे। उस दौरान उनके साथ उनकी मां सावित्री देवी भी थीं, जिन्हें दूसरे बेटे के घर उतरना था। महेंद्रगढ़ और लोहारू चौक के बीच एक ब्रेजा कार ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी, जिससे दोनों की मौत हो गई। युद्धवीर के बेटे सतपाल की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। परिजनों को हत्या का शक
मंगलवार को घटना का एक CCTV सामने आया था, जिसके बाद परिजनों ने हत्या की आशंका जाहिर की। सुमेधा ने कहा है कि बीती रात मैंने वीडियो देखा। जिस रफ्तार से कार ने स्कूटी को टक्कर मारी है, उसे देखकर हत्या की बात से इनकार नहीं किया जा सकता। इधर, मनु भाकर ने भी दादरी SP को फोन कर मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कार के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी पहचान पिचौपा कलां के रहने वाले विजय कुमार के रूप में हुई है। हरियाणा की ओलिंपिक मेडलिस्ट शूटर मनु भाकर को उनकी नानी और मामा की मौत की जानकारी तुरंत नहीं दी गई थी। जिस समय सड़क हादसे में उनकी जान गई, उस समय मनु शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस कर रही थीं। उनकी मां ने फोन पर मनु को केवल इतना कहा था कि जल्दी घर आ जा। नानी के घर चलना है। इसके बाद जब मनु अपने परिवार के साथ रास्ते में थीं, उस समय ही उन्हें पता चला कि दुर्घटना हो गई है। इसके बाद में मनु की मां ने बताया है कि मनु का अपनी नानी से काफी लगाव था। वह एक्सीडेंट की जानकारी सह नहीं पाती। वह मामा के घर पहुंचने पर बहुत रोई थी। रास्ते में भी कह रही थी कि अब मुझे बाजरे की रोटी, चटनी, खिचड़ी कौन खिलाएगा? सुमेधा भाकर ने बताई 19 जनवरी की पूरी कहानी… शूटिंग प्रैक्टिस के लिए चली गई थी मनु
मीडिया से बातचीत में मनु की मां सुमेधा भाकर ने बताया कि 19 जनवरी को सड़क हादसा हुआ था। उसमें मैंने अपनी मां सुमित्रा देवी और भाई युद्धवीर सिंह को खो दिया। उन्होंने बताया- उस दिन मैंने मनु को खाना खिलाकर शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस के लिए भेज दिया था। मेरे भाई की पुत्रवधु मेरे पास आई हुई थी। उससे मैंने कहा था कि मनु के लिए मैं दोपहर का खाना लेकर जाऊंगी। तब तक वह प्रैक्टिस कर लेगी। मनु के जाने के कुछ देर बाद ही मेरे भतीजे का फोन आया। उसने बताया कि उसके पिता युद्धवीर नहीं रहे। इससे मुझे धक्का सा लगा। मां की मौत की बात मुझसे भी छिपाई
सुमेधा ने बताया- मेरा भाई हरियाणा रोडवेज में था, इसलिए मुझे लगा कि बस किसी से टकरा गई होगी। युद्धवीर नाइट ड्यूटी अधिक करता था। इसके बाद मैंने मनु को फोन कर घर बुलाया। उससे कहा कि जल्दी आ, नानी के पास जाना है। उसे एक्सीडेंट के बारे में नहीं बताया था। हालांकि, मां की मौत की जानकारी मुझसे भी छिपाई जा रही थी। मैंने अपनी छोटी भाभी के पास कॉल किया। उनसे पूछा कि मां कैसी हैं? इस पर मेरी छोटी भाभी ने बताया था कि मां ठीक हैं। हम गाड़ी से दादरी के लिए निकले थे। मेरे भाई की पुत्रवधु भी साथ थी। गाड़ी में नानी की मौत की सूचना मिलने पर रोने लगीं मनु
सुमेधा बताती हैं कि गाड़ी में फोन पर भाई की पुत्रवधु किसी से बात कर रही थी। उसी दौरान उसके मुंह से अचानक निकल गया कि दादी भी नहीं रहीं। यह सुनकर मुझे शॉक लगा। मेरे घर में एक साथ 2 मौत हो गई थीं। मैंने पहले कभी ऐसा महसूस नहीं किया था। नानी की मौत के बारे में सुनकर मनु भी गाड़ी में ही जोर-जोर से रोने लगी। वह बार-बार कह रह थी कि अब उसे बाजरे की रोटी, चटनी, खिचड़ी ये सब कौन खिलाएगा? हम लोग फरीदाबाद से दादरी जा रहे थे, जिसमें 3 घंटे लगते हैं। वे 3 घंटे भी 8 घंटे जैसे लग रहे थे। एक दिन रुककर गई थीं मनु
मनु की मां ने कहा कि 19 तारीख को मनु नानी के घर ही रुकी थी। वह एक दिन रुक कर वहां से चली गई और परिवार को संभालने के लिए मुझे यहां छोड़कर गई थी। उसके मैच हैं, जिनके लिए उसे प्रैक्टिस भी करनी थी। जब वह मेडल लाती थी तो उसकी नानी बहुत खुश होती थी। अब वह नहीं रहीं तो भी जब वह मैच जीतकर मेडल लाएगी तो उसकी नानी की आत्मा को शांति मिलेगी। उसके मामा का भी उससे बहुत लगाव था। वह मनु की काफी मदद करते थे। नानी को मनु से था विशेष लगाव
मनु भाकर का अपनी नानी सावित्री देवी से खासा लगाव था। मनु भी नानी की लाडली थी। जब भी मनु भाकर कोई उपलब्धि हासिल करतीं तो उनकी नानी दादरी में आसपास मोहल्ले की महिलाओं को एकत्रित कर जश्न मनाती थीं। ओलिंपिक में मेडल जितने पर तो उन्होंने डांस भी किया था। यह था मामला, पुलिस आरोपी को पकड़ चुकी… 19 जनवरी को हुआ था हादसा
बता दें कि 19 जनवरी को मनु के मामा और नानी की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। मामा युद्धवीर सिंह हरियाणा रोडवेज में कार्यरत थे। वह चरखी दादरी बस स्टैंड पर ड्यूटी के लिए आ रहे थे। उस दौरान उनके साथ उनकी मां सावित्री देवी भी थीं, जिन्हें दूसरे बेटे के घर उतरना था। महेंद्रगढ़ और लोहारू चौक के बीच एक ब्रेजा कार ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी, जिससे दोनों की मौत हो गई। युद्धवीर के बेटे सतपाल की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था। परिजनों को हत्या का शक
मंगलवार को घटना का एक CCTV सामने आया था, जिसके बाद परिजनों ने हत्या की आशंका जाहिर की। सुमेधा ने कहा है कि बीती रात मैंने वीडियो देखा। जिस रफ्तार से कार ने स्कूटी को टक्कर मारी है, उसे देखकर हत्या की बात से इनकार नहीं किया जा सकता। इधर, मनु भाकर ने भी दादरी SP को फोन कर मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने कार के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी पहचान पिचौपा कलां के रहने वाले विजय कुमार के रूप में हुई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर