हरियाणा में मौसम बदल गया है। पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम और उसके आसपास के क्षेत्रों में बुधवार रात को बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग ने 22 जनवरी से मौसम में बदलाव की संभावना जताई थी, लेकिन कल दिनभर अधिकतर जिलों में दोपहर को धूप निकली। हालांकि, रात होते-होते कुछ शहरों में बादल छा गए। मौसम विभाग का मानना है कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कमजोर पड़ने से अच्छी बारिश की संभावना नहीं है। कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन अधिकतर स्थानों पर बादल छाए रहेंगे। इससे दिन के तापमान में कुछ कमी आ सकती है। 24 जनवरी से उत्तर-पश्चिमी हवाएं प्रदेश में फिर से एक्टिव होंगी, इससे ठंड और बढ़ेगी। आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट, शीतलहर के साथ कोहरा और कोल्ड डे की स्थिति की संभावना बन रही है। हरियाणा में आकर कमजोर हो रहे पश्चिमी विक्षोभ
जनवरी में एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ आ रहे हैं। अब तक 3 पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा में एक्टिव हो चुके हैं। 2 पश्चिमी विक्षोभ कमजोर आए, जिससे बूंदाबांदी हुई थी। अब हरियाणा में एक और पश्चिमी विक्षोभ आया है, लेकिन यह भी कमजोर स्थिति में है। इसके बावजूद जनवरी माह में हरियाणा में अब तक 49 प्रतिशत अधिक बारिश देखने को मिली है। हरियाणा के 6 जिलों में सामान्य से कम बारिश
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक गेहूं उत्पादन करने वाली बेल्ट कैथल, जींद, करनाल, पानीपत, रोहतक और सोनीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है। जनवरी की बारिश गेहूं की फसल के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। ऐसे में पश्चिमी विक्षोभ के कारण इन जिलों में बारिश का अनुमान लगाया गया है। वहीं, सिरसा और नूंह जिलों में सबसे अधिक बारिश देखने को मिली। नूंह और सिरसा में 339 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। वहीं पूरे हरियाणा में बारिश औसत से 49 प्रतिशत अधिक हुई है। हरियाणा में मौसम बदल गया है। पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम और उसके आसपास के क्षेत्रों में बुधवार रात को बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग ने 22 जनवरी से मौसम में बदलाव की संभावना जताई थी, लेकिन कल दिनभर अधिकतर जिलों में दोपहर को धूप निकली। हालांकि, रात होते-होते कुछ शहरों में बादल छा गए। मौसम विभाग का मानना है कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कमजोर पड़ने से अच्छी बारिश की संभावना नहीं है। कुछ स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी हो सकती है, लेकिन अधिकतर स्थानों पर बादल छाए रहेंगे। इससे दिन के तापमान में कुछ कमी आ सकती है। 24 जनवरी से उत्तर-पश्चिमी हवाएं प्रदेश में फिर से एक्टिव होंगी, इससे ठंड और बढ़ेगी। आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट, शीतलहर के साथ कोहरा और कोल्ड डे की स्थिति की संभावना बन रही है। हरियाणा में आकर कमजोर हो रहे पश्चिमी विक्षोभ
जनवरी में एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ आ रहे हैं। अब तक 3 पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा में एक्टिव हो चुके हैं। 2 पश्चिमी विक्षोभ कमजोर आए, जिससे बूंदाबांदी हुई थी। अब हरियाणा में एक और पश्चिमी विक्षोभ आया है, लेकिन यह भी कमजोर स्थिति में है। इसके बावजूद जनवरी माह में हरियाणा में अब तक 49 प्रतिशत अधिक बारिश देखने को मिली है। हरियाणा के 6 जिलों में सामान्य से कम बारिश
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक गेहूं उत्पादन करने वाली बेल्ट कैथल, जींद, करनाल, पानीपत, रोहतक और सोनीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है। जनवरी की बारिश गेहूं की फसल के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है। ऐसे में पश्चिमी विक्षोभ के कारण इन जिलों में बारिश का अनुमान लगाया गया है। वहीं, सिरसा और नूंह जिलों में सबसे अधिक बारिश देखने को मिली। नूंह और सिरसा में 339 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। वहीं पूरे हरियाणा में बारिश औसत से 49 प्रतिशत अधिक हुई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर