हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि, स्कूल में 96 छात्राओं के लिए सिर्फ एक गेस्ट टीचर की नियुक्ति की गई है। उसी टीचर पर सभी क्लास की छात्राओं को पढ़ाने, स्कूल का रिकॉर्ड मेंटेन करने, मीटिंग्स में जाने व मिड डे मील तक की जिम्मेदारी है। सिरसा के कालांवली से आई यह खबर बताती है कि बीजेपी सरकार ने प्रदेश के शिक्षा तंत्र की क्या हालत बना दी है। क्योंकि सिर्फ कालांवली में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के सरकारी स्कूलों का यही हाल है। मीडिया को जारी बयान में भूपेंद्र हुड्डा ने बताया कि प्रदेश के 28 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी विद्यार्थी नहीं है। 262 ऐसे स्कूल हैं, जहां सिर्फ 1 से लेकर 10 तक ही विद्यार्थी हैं। 520 ऐसे स्कूल हैं, जहां 11 से लेकर 20 तक ही विद्यार्थी हैं। 8 मिडिल स्कूल ऐसे हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या शून्य है। 12 स्कूल ऐसे हैं जहां विद्यार्थियों की संख्या 1 से 10 है और 73 ऐसे हैं, जहां मात्र 11 से 20 विद्यार्थी हैं। एक हाईस्कूल भी ऐसा है, जहां एक भी विद्यार्थी नहीं है। यह आंकड़े चीख-चीख कर बीजेपी सरकार की शिक्षा नीति की पोल खोल रहे हैं। 2023 के मुकाबले 27,000 कम दाखिले पूर्व सीएम ने कहा, बीजेपी ने हरियाणा के सरकारी शिक्षा तंत्र का बंटाधार कर दिया है। इसके चलते सरकारी शिक्षण संस्थानों से विद्यार्थियों की संख्या घट रही है और उन पर ताले लगाए जा रहे हैं। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पिछले साल के मुकाबले इस बार भी 27,000 कम दाखिले हुए हैं। जबकि अगर सरकार की शिक्षा नीति बेहतर होती तो इन दाखिलों में इजाफा होना चाहिए था। लेकिन सरकार जानबूझकर ऐसी नीतियां बना रही है, जिसके चलते लगातार शिक्षा निजी हाथों में जा रही है। दलित, किसानों के बच्चों की कर रही सरकार उपेक्षा भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में दलित, पिछड़े वर्ग, गरीब व किसान वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं। लेकिन बीजेपी इन वर्गों को हरेक सुविधा और शिक्षा से वंचित करना चाहती है। इसलिए नए स्कूल बनाना तो दूर, बीजेपी सरकार पहले से स्थापित स्कूलों में बिजली, पानी, टॉयलेट और बैठने के लिए बैंच तक मुहैया नहीं करवा रही है। हाईकोर्ट लगा चुका 5 लाख का जुर्माना सरकारी स्कूलों की खस्ता हालत से नाराज होकर पिछले दिनों हाई कोर्ट ने बीजेपी-जेजेपी सरकार पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। सरकार द्वारा हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे से पता चलता है कि आज हरियाणा के 131 सरकारी स्कूलों में पीने का पानी तक नहीं है। 236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं दिया गया। हर घर शौचालय का नारा देने वाली सरकार ने 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए एक भी शौचालय नहीं बनवाया। 1047 स्कूलों में तो लड़कों के लिए भी शौचालय नहीं है। छात्रों के लिए स्कूलों में 8240 और क्लासरूम की जरूरत है। यही वजह है कि सरकारी स्कूलों में ड्रॉप आउट विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ड्राप आउट रेट की बात शिक्षा मंत्री ने भी स्वीकारी आज भी खुद शिक्षा मंत्री मानते हैं कि स्कूलों में टीचर्स की भारी कमी है और ड्रॉप आउट रेट बहुत ज्यादा है। बावजूद इसके सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे। बीजेपी को बताना चाहिए कि 10 साल से सत्ता में होने के बावजूद बीजेपी ने स्कूलों की हालत सुधारने के लिए क्या किया? बीजेपी ने सत्ता में आते ही टीचर्स और खासकर जेबीटी टीचर्स की भर्तियां क्यों बंद कर दी? इस सरकार ने 10 साल में अब तक एक भी जेबीटी की भर्ती क्यों नहीं की? क्यों साल से शिक्षा विभाग में करीब 50 हजार पद खाली पड़े हुए हैं? क्यों कॉलेजों में 4738 सहायक प्रोफेसर्स के पद खाली पड़े हुए हैं? क्यों प्रदेश सरकार शिक्षा पर जीडीपी का महज 2% खर्च करती है, जबकि नई शिक्षा नीति 6% खर्च करने की सिफारिश करती है? कांग्रेस के शासन में थी अच्छी व्यवस्था भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में बेहतरीन शिक्षा व्यवस्था स्थापित की थी। इसके लिए महेंद्रगढ़ में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनवाया गया था था। प्रदेस में 12 नए सरकारी विश्वविद्यालय बनवाए, 154 नए पॉलिटेक्निक कॉलेज, 56 नए आईटीआई, 4 नए सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गए थे। बाबा साहेब अंबेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बनाई। प्रदेश में आईआईएम, आईआईटी एक्सटेंशन, ट्रिपल आईटी कैंपस जैसे राष्ट्रीय स्तर के दर्जनभर संस्थान स्थापित करवाए थे। साथ ही राजीव गांधी एजुकेशन सोसाइटी सोनीपत में बनवाई, जिसमें देश की कई प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी बनी हैं। हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि, स्कूल में 96 छात्राओं के लिए सिर्फ एक गेस्ट टीचर की नियुक्ति की गई है। उसी टीचर पर सभी क्लास की छात्राओं को पढ़ाने, स्कूल का रिकॉर्ड मेंटेन करने, मीटिंग्स में जाने व मिड डे मील तक की जिम्मेदारी है। सिरसा के कालांवली से आई यह खबर बताती है कि बीजेपी सरकार ने प्रदेश के शिक्षा तंत्र की क्या हालत बना दी है। क्योंकि सिर्फ कालांवली में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के सरकारी स्कूलों का यही हाल है। मीडिया को जारी बयान में भूपेंद्र हुड्डा ने बताया कि प्रदेश के 28 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी विद्यार्थी नहीं है। 262 ऐसे स्कूल हैं, जहां सिर्फ 1 से लेकर 10 तक ही विद्यार्थी हैं। 520 ऐसे स्कूल हैं, जहां 11 से लेकर 20 तक ही विद्यार्थी हैं। 8 मिडिल स्कूल ऐसे हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या शून्य है। 12 स्कूल ऐसे हैं जहां विद्यार्थियों की संख्या 1 से 10 है और 73 ऐसे हैं, जहां मात्र 11 से 20 विद्यार्थी हैं। एक हाईस्कूल भी ऐसा है, जहां एक भी विद्यार्थी नहीं है। यह आंकड़े चीख-चीख कर बीजेपी सरकार की शिक्षा नीति की पोल खोल रहे हैं। 2023 के मुकाबले 27,000 कम दाखिले पूर्व सीएम ने कहा, बीजेपी ने हरियाणा के सरकारी शिक्षा तंत्र का बंटाधार कर दिया है। इसके चलते सरकारी शिक्षण संस्थानों से विद्यार्थियों की संख्या घट रही है और उन पर ताले लगाए जा रहे हैं। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पिछले साल के मुकाबले इस बार भी 27,000 कम दाखिले हुए हैं। जबकि अगर सरकार की शिक्षा नीति बेहतर होती तो इन दाखिलों में इजाफा होना चाहिए था। लेकिन सरकार जानबूझकर ऐसी नीतियां बना रही है, जिसके चलते लगातार शिक्षा निजी हाथों में जा रही है। दलित, किसानों के बच्चों की कर रही सरकार उपेक्षा भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकारी स्कूलों में दलित, पिछड़े वर्ग, गरीब व किसान वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं। लेकिन बीजेपी इन वर्गों को हरेक सुविधा और शिक्षा से वंचित करना चाहती है। इसलिए नए स्कूल बनाना तो दूर, बीजेपी सरकार पहले से स्थापित स्कूलों में बिजली, पानी, टॉयलेट और बैठने के लिए बैंच तक मुहैया नहीं करवा रही है। हाईकोर्ट लगा चुका 5 लाख का जुर्माना सरकारी स्कूलों की खस्ता हालत से नाराज होकर पिछले दिनों हाई कोर्ट ने बीजेपी-जेजेपी सरकार पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। सरकार द्वारा हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे से पता चलता है कि आज हरियाणा के 131 सरकारी स्कूलों में पीने का पानी तक नहीं है। 236 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं दिया गया। हर घर शौचालय का नारा देने वाली सरकार ने 538 स्कूलों में लड़कियों के लिए एक भी शौचालय नहीं बनवाया। 1047 स्कूलों में तो लड़कों के लिए भी शौचालय नहीं है। छात्रों के लिए स्कूलों में 8240 और क्लासरूम की जरूरत है। यही वजह है कि सरकारी स्कूलों में ड्रॉप आउट विद्यार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ड्राप आउट रेट की बात शिक्षा मंत्री ने भी स्वीकारी आज भी खुद शिक्षा मंत्री मानते हैं कि स्कूलों में टीचर्स की भारी कमी है और ड्रॉप आउट रेट बहुत ज्यादा है। बावजूद इसके सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे। बीजेपी को बताना चाहिए कि 10 साल से सत्ता में होने के बावजूद बीजेपी ने स्कूलों की हालत सुधारने के लिए क्या किया? बीजेपी ने सत्ता में आते ही टीचर्स और खासकर जेबीटी टीचर्स की भर्तियां क्यों बंद कर दी? इस सरकार ने 10 साल में अब तक एक भी जेबीटी की भर्ती क्यों नहीं की? क्यों साल से शिक्षा विभाग में करीब 50 हजार पद खाली पड़े हुए हैं? क्यों कॉलेजों में 4738 सहायक प्रोफेसर्स के पद खाली पड़े हुए हैं? क्यों प्रदेश सरकार शिक्षा पर जीडीपी का महज 2% खर्च करती है, जबकि नई शिक्षा नीति 6% खर्च करने की सिफारिश करती है? कांग्रेस के शासन में थी अच्छी व्यवस्था भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में बेहतरीन शिक्षा व्यवस्था स्थापित की थी। इसके लिए महेंद्रगढ़ में केंद्रीय विश्वविद्यालय बनवाया गया था था। प्रदेस में 12 नए सरकारी विश्वविद्यालय बनवाए, 154 नए पॉलिटेक्निक कॉलेज, 56 नए आईटीआई, 4 नए सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज खोले गए थे। बाबा साहेब अंबेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी बनाई। प्रदेश में आईआईएम, आईआईटी एक्सटेंशन, ट्रिपल आईटी कैंपस जैसे राष्ट्रीय स्तर के दर्जनभर संस्थान स्थापित करवाए थे। साथ ही राजीव गांधी एजुकेशन सोसाइटी सोनीपत में बनवाई, जिसमें देश की कई प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी बनी हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़:2 आरोपियों को लगी गोली, बारातियों पर फायरिंग कर फाइनेंसर का किया था मर्डर
हरियाणा पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़:2 आरोपियों को लगी गोली, बारातियों पर फायरिंग कर फाइनेंसर का किया था मर्डर हरियाणा के रोहतक में सोमवार सुबह जींद बाईपास पर पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में 2 बदमाशों को गोली लगी है। उन्हें इलाज के लिए रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है। रोहतक के गांव किलोई में बारात पर फायरिंग और फाइनेंसर की हत्या के मामले में आरोपी थे। आरोपियों की पहचान फतेहाबाद के गांव टिब्बी निवासी जसबीर और खरखौदा निवासी साहिल के रूप में हुई है। बता दें कि पुलिस की सीआईए 2 टीम आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही थी। इसी दौरान सोमवार सुबह जींद बाईपास पर मुठभेड़ हुई। इसमें दो बदमाशों को गोली लगी है। दोनों को गंभीर हालत में रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है। इस हत्याकांड को सुलझाने के लिए पुलिस ने पांच टीमें बनाई थीं। वहीं मृतक फाइनेंसर के परिजनों ने झज्जर के गांव डीघल टोल पर जाम लगाकर आरोपियों के एनकाउंटर की मांग भी की थी। स्कॉर्पियो में आए थे बदमाश, फाइनेंसर को 8 गोलियां मारी थी
6 दिसंबर को रोहतक के किलोई गांव में स्कॉर्पियो सवार बदमाशों ने शादी समारोह में शामिल लोगों पर फायरिंग कर दी थी। इसमें शादी समारोह में शामिल झज्जर के एक फाइनेंसर की मौत हो गई थी। एक अन्य बाराती गोली लगने से घायल हो गया था। फाइनेंसर को 7 से 8 गोलियां लगी थीं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। उसकी पहचान झज्जर के डीघल गांव निवासी मंजीत के रूप में हुई थी। घायल मनदीप बालम गांव का रहने वाला था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। मंजीत फाइनेंस का काम करता था और दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल भी रह चुका है। रोड को करीब 2 घंटे तक रखा था जाम
वहीं, मृतक के परिजनों ने आरोपियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग को लेकर डीघल टोल के पास रोहतक-झज्जर रोड को करीब 2 घंटे तक जाम रखा। जाम के कारण राहगीरों को परेशानी हुई तो प्रशासन मौके पर पहुंचा और परिजनों को तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया। हालांकि, परिजनों ने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है कि अगर 2 दिन के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे दोबारा रोड जाम करेंगे। गोलियों की आवाजें सुनकर लोग आए
गोलियां लगने से फाइनेंसर उसी समय जमीन पर गिर पड़ा। वहीं, एक गोली मंदीप को लगी। वह भी जमीन पर पड़ा रहा। गोलियों की आवाजें सुनकर पैलेस में मौजूद लोग बाहर की ओर दौड़े। जैसे ही लोग मौके पर पहुंचे तो बदमाश गाड़ी में बैठकर फरार हो गए। इसके बाद लोगों ने घायलों को उठाया और सीधे रोहतक PGI ले गए। वहां डॉक्टरों ने मंजीत को मृत घोषित कर दिया। वहीं, मंदीप को भर्ती कर लिया। उसका उपचार चल रहा है।
हम इस खबर को अपडेट कर रहे हैं..
पानीपत में युवक ने दिखाई इमानदारी:फल विक्रेता गत्तों में 1 लाख रखकर भूला, कबाड़ी को बेचा; एक माह में ढूंढकर श्रमिक ने लौटाए
पानीपत में युवक ने दिखाई इमानदारी:फल विक्रेता गत्तों में 1 लाख रखकर भूला, कबाड़ी को बेचा; एक माह में ढूंढकर श्रमिक ने लौटाए हरियाणा के पानीपत में एक गोदाम पर काम करने वाले श्रमिक ने इमानदारी की बड़ी मिशाल पेश की है। उसे हजारों नहीं बल्कि एक लाख की नकदी मिली, जिसे उसने उसके असल मालिक एक फल विक्रेता को लौटा कर इंसानियत और इमानदारी कायम की है। श्रमिक की इस इमानदारी पर मालिक ने खुश होकर उसे इनाम भी दिया है। साथ ही उसे इसी तरह इमानदारी के रास्ते पर हमेशा डटे रहने के लिए प्रेरित भी किया है।
फल विक्रेता ने कबाड़ी को और कबाड़ी ने गोदाम वाले को बेचे गत्ते
मामला शहर के तहसील कैंप का है। दरअसल, यहां कैंप मंडी में वहां का स्थानीय निवासी दीपक चौरसिया फल बेचने का काम करता है। वह क्षेत्र में रेहड़ी-फड़ी लगाकर फल बेचता है। उसने पाई-पाई कर बहुत मेहनत से 1 लाख रुपए जोड़े थे। करीब एक माह पहले पहले उसने ये रुपए वेस्ट के गत्तों में रखे थे। दिनभर काम करने के बाद वह रुपए इसी में रखने के बाद भूल गया था। उसने गत्ते ज्यादा इकट्ठे होने की वजह एक कबाड़ी को बेच दिए। एक दिन बाद उसे याद आया कि उसके गत्ते में रुपए रखे थे। आनन-फानन में वह दौड़ता हुआ कबाड़ी के पास गया। जहां कबाड़ी ने बताया कि उसने भी उक्त गत्ते आगे गोदाम में बेच दिए हैं। गोदाम मालिक ने श्रमिकों को कहा- अच्छे से चेक करे गत्ते
इसके बाद कबाड़ी ने गोदाम वाले से संपर्क किया। गोदाम मालिक ने इस बात पर गौर करते हुए अपनी सभी लेबर को एक-एक गत्ता व अन्य सभी कबाड़ का सामान बहुत अच्छे से चेक करने को कहा था। उसने लेबर को बताया था कि गत्तों के भीतर 1 लाख रुपए मिल सकते हैं। अब करीब एक माह बाद उक्त रुपए गत्तों के भीतर से मिल गए। गोदाम पर करने वाले श्रमिक ने रुपए मिलते ही तुरंत गोदाम मालिक को बताया। जिसके बाद कबाड़ी के जरिए फल विक्रेता से संपर्क किया गया। जिसके बाद उसे बुलाकर रुपए लौटाए गए। गोदाम के मालिक ने कहा कि वह अपनी लेबर पर पूरा भरोसा करता है और उसकी लेबर ईमानदार है। फल विक्रेता दीपक चौरसिया ने दुकानदार और श्रमिक का धन्यवाद किया।
हरियाणा कांग्रेस के कैंडिडेट सुरेंद्र पंवार बरी:हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी अवैध बताई, 25 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने अरेस्ट किया था
हरियाणा कांग्रेस के कैंडिडेट सुरेंद्र पंवार बरी:हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी अवैध बताई, 25 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने अरेस्ट किया था हरियाणा के सोनीपत से कांग्रेस कैंडिडेट सुरेंद्र पंवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। 25 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) की गिरफ्तारी को हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया है। सुरेंद्र पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने हाईकोर्ट में अपील की थी कि जब पंवार का नाम किसी FIR में नहीं है तो इनको अवैध तरीके से गिरफ्तार क्यों किया गया। दस्तावेजों को आधार मानते हुए अब हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। वकील मुकेश ने कहा कि वह अभी रिटर्न कॉपी लेने के लिए भागदौड़ में लगे हुए हैं। सुरेंद्र पंवार खनन व्यापारी हैं। ईडी ने उनको 20 जुलाई काे गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे अंबाला जेल में थे। सुरेंद्र पंवार 2019 में कांग्रेस की टिकट पर सोनीपत से विधायक बने थे। अब कांग्रेस ने उनको दोबारा से टिकट दी है। अब उनके बरी होने के बाद माना जा रहा है कि सोनीपत सीट पर कांग्रेस व भाजपा में चुनावी मुकाबला बेहद रोचक हो जाएगा। अभी तक उनकी पुत्रवधू समीक्षा पंवार ही उनके चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए थी। भाजपा ने सोनीपत में कांग्रेस के बागी नगर निगम के मेयर निखिल मदान को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी यहां अभी गुटबाजी का सामना कर रहे हैं। वहीं सुरेंद्र पंवार के जेल में होने की वजह से उनका चुनाव प्रचार भी यहां प्रभावित हो रहा था। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी पुत्रवधु समीक्षा पंवार ही मैदान में डटी हुई थी। सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी भी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में पहुंचे हुए थे। लेकिन इन सबके बावजूद सुरेंद्र पंवार की कमी यहां खल रही थी। राजनीति से जुड़े लोग बताते हैं कि सुरेंद्र पंवार के जेल से बाहर आने के बाद अब सोनीपत सीट पर चुनावी मुकाबला बड़ा ही रोचक हो जाएगा। यहां विधानसभा चुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। निखिल मदान ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंकी हुई है। हालांकि पूर्व मंत्री कविता जैन व राजीव जैन भाजपा प्रत्याशी के चुनाव प्रचार से दूर हैं। जनवरी में हुई थी ED की रेड
इसी वर्ष चार जनवरी को सोनीपत के कांग्रेस के तत्कालीन विधायक सुरेंद्र पंवार के सेक्टर-15 स्थित आवास व अन्य स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापा मारा था। ईडी वर्ष 2013 में हुए अवैध खनन मामले में जांच कर रही थी। विधायक के साथ ही उनके साझेदारों यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह व करनाल में भी छापे मारे गए थे। ईडी की टीम ने अवैध खनन से संबंधित दस्तावेजों की जांच की और कुछ को अपने कब्जे में लिया था। विधायक सुरेंद्र पंवार पर 25 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग ट्रायल का मामला चल रहा है। पंवार के खिलाफ आठ मामले दर्ज हैं। एक मामला ईडी की टीम ने जनवरी में दर्ज किया था। इसके बाद पूर्व विधायक दिलबाग सिंह व उनके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई थी।