हिमाचल प्रदेश में जल्द रियल एस्टेट डेवलपमेंट ऑथोरिटी (रेरा) अध्यक्ष की नियुक्ति होनी है। इसकी रेस में मौजूदा मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने रेरा चेयरमैन के लिए आवेदन कर दिया है और गोटियां फिट करने में जुट गए हैं। प्रबोध सक्सेना के अलावा रेरा चेयरमैन के लिए पूर्व मुख्य सचिव एवं मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) आरडी धीमान ने भी दावेदारी जताई हैं। धीमान ने भी रेरा चेयरमैन के लिए आवेदन किया हैं। इन दोनों को मिलाकर 14 रिटायर IAS और IFS ने भी आवेदन किया है। इन्होंने भी किया आवेदन रेरा चेयरमैन बनने के इच्छुक अधिकारियों में रिटायर IAS एसएस गुलेरिया, अमित कश्यप, हंसराज चौहान, पूर्व लॉ सेक्रेटरी राजीव भारद्वाज, पूर्व प्रधान मुख्य वन्य अरण्यपाल (PCCF) डॉ. सविता, पूर्व PCCF पवनेश कुमार ने भी आवेदन किया है। इनमें से किसे रेरा चेयरमैन बनाया जाए, यह फैसला मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी। दिसंबर से खाली पड़ा रेरा चेयरमैन का पद हिमाचल में रेरा अध्यक्ष का पद दिसंबर 2024 से खाली पड़ा है। इस पद से 12 दिसंबर को श्रीकांत बाल्दी रिटायर हुए हैं। तब से रेरा चेयरमैन का अतिरिक्त कार्यभार सचिव हाउंसिंग देख रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने रेरा चेयरमैन के लिए आवेदन मांगे थे। इसकी अंतिम तिथि 23 जनवरी थी। रेरा चेयरमैन बनना चाह रहे सक्सेना प्रबोध सक्सेना को इसका बड़ा दावेदार माना जा रहा है। 1990 बैच के IAS सक्सेना 31 मार्च को रिटायर हो रहे हैं। इसलिए वह रेरा चेयरमैन पद पर नियुक्ति चाह रहे हैं, क्योंकि रेरा चेयरमैन की नियुक्ति पांच साल के लिए होती है। ऐसे में यदि सक्सेना रेरा चेयरमैन बने तो अफसरशाही में बड़े स्तर पर बदलाव तय है। राज्य में नया मुख्य सचिव बनेगा। इसके लिए भी लॉबिंग शुरू हो गई है। यह कमेटी करेगी चेयरमैन का चयन रेरा चेयरमैन का चयन मुख्य न्यायाधीश अध्यक्षता में गठित कमेटी करती है। इस कमेटी में शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव और विधि सचिव सदस्य होते हैं। सक्सेना को मिली विजिलेंस क्लियरेंस रेरा चेयरमैन के लिए प्रबोध सक्सेना को विजिलेंस से भी क्लियरेंस मिल गई है। आईएनएक्स मीडिया केस में वह पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदम्बरम के साथ सह अभियुक्त हैं और यह मामला अभी CBI कोर्ट में लंबित है। वर्मा की रिटायरमेंट के बाद खाली हो जाएगा रेरा रेरा चेयरमैन के अलावा दो मेंबर भी रिटायर हो गए है। बीडी बडालिया बाल्दी से पहले रिटायर हो चुके है, जबकि दूसरे मेंबर आरके वर्मा भी 31 दिसंबर को रिटायर हो चुके हैं। इससे रेरा खाली हो गया है। रेरा का ये काम प्रदेश में काम करने वाले बिल्डरों का रेरा में पंजीकरण होता है। उसके बाद ही बिल्डर हिमाचल में आवासीय कॉलोनियां बना पाते हैं। बिल्डर अगर फ्लैट बेचने में लोगों के साथ धोखाधड़ी करता है तो पीड़ितों की शिकायत भी रेरा में ही सुनी जाती है। गलती पाए जाने पर बिल्डरों पर जुर्माना लगाया जाता है। यहीं नहीं अगर बिल्डर मौके पर गलत काम कर रहा है तो इस स्थिति में रेरा के तहत ही बिल्डरों पर कार्रवाई होती है। बताया जा रहा है कि इसी सप्ताह सरकार की ओर से रेरा के लिए लोगों से आवेदन मांगे जाएंगे। अध्यक्ष पद व एक सदस्य के लिए प्रशासनिक सेवाओं का अनुभव जरूरी होता है जबकि एक सदस्य के लिए वास्तुकार का अनुभव जरूरी है। हिमाचल प्रदेश में जल्द रियल एस्टेट डेवलपमेंट ऑथोरिटी (रेरा) अध्यक्ष की नियुक्ति होनी है। इसकी रेस में मौजूदा मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना भी शामिल हो गए हैं। उन्होंने रेरा चेयरमैन के लिए आवेदन कर दिया है और गोटियां फिट करने में जुट गए हैं। प्रबोध सक्सेना के अलावा रेरा चेयरमैन के लिए पूर्व मुख्य सचिव एवं मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) आरडी धीमान ने भी दावेदारी जताई हैं। धीमान ने भी रेरा चेयरमैन के लिए आवेदन किया हैं। इन दोनों को मिलाकर 14 रिटायर IAS और IFS ने भी आवेदन किया है। इन्होंने भी किया आवेदन रेरा चेयरमैन बनने के इच्छुक अधिकारियों में रिटायर IAS एसएस गुलेरिया, अमित कश्यप, हंसराज चौहान, पूर्व लॉ सेक्रेटरी राजीव भारद्वाज, पूर्व प्रधान मुख्य वन्य अरण्यपाल (PCCF) डॉ. सविता, पूर्व PCCF पवनेश कुमार ने भी आवेदन किया है। इनमें से किसे रेरा चेयरमैन बनाया जाए, यह फैसला मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी। दिसंबर से खाली पड़ा रेरा चेयरमैन का पद हिमाचल में रेरा अध्यक्ष का पद दिसंबर 2024 से खाली पड़ा है। इस पद से 12 दिसंबर को श्रीकांत बाल्दी रिटायर हुए हैं। तब से रेरा चेयरमैन का अतिरिक्त कार्यभार सचिव हाउंसिंग देख रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने रेरा चेयरमैन के लिए आवेदन मांगे थे। इसकी अंतिम तिथि 23 जनवरी थी। रेरा चेयरमैन बनना चाह रहे सक्सेना प्रबोध सक्सेना को इसका बड़ा दावेदार माना जा रहा है। 1990 बैच के IAS सक्सेना 31 मार्च को रिटायर हो रहे हैं। इसलिए वह रेरा चेयरमैन पद पर नियुक्ति चाह रहे हैं, क्योंकि रेरा चेयरमैन की नियुक्ति पांच साल के लिए होती है। ऐसे में यदि सक्सेना रेरा चेयरमैन बने तो अफसरशाही में बड़े स्तर पर बदलाव तय है। राज्य में नया मुख्य सचिव बनेगा। इसके लिए भी लॉबिंग शुरू हो गई है। यह कमेटी करेगी चेयरमैन का चयन रेरा चेयरमैन का चयन मुख्य न्यायाधीश अध्यक्षता में गठित कमेटी करती है। इस कमेटी में शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव और विधि सचिव सदस्य होते हैं। सक्सेना को मिली विजिलेंस क्लियरेंस रेरा चेयरमैन के लिए प्रबोध सक्सेना को विजिलेंस से भी क्लियरेंस मिल गई है। आईएनएक्स मीडिया केस में वह पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदम्बरम के साथ सह अभियुक्त हैं और यह मामला अभी CBI कोर्ट में लंबित है। वर्मा की रिटायरमेंट के बाद खाली हो जाएगा रेरा रेरा चेयरमैन के अलावा दो मेंबर भी रिटायर हो गए है। बीडी बडालिया बाल्दी से पहले रिटायर हो चुके है, जबकि दूसरे मेंबर आरके वर्मा भी 31 दिसंबर को रिटायर हो चुके हैं। इससे रेरा खाली हो गया है। रेरा का ये काम प्रदेश में काम करने वाले बिल्डरों का रेरा में पंजीकरण होता है। उसके बाद ही बिल्डर हिमाचल में आवासीय कॉलोनियां बना पाते हैं। बिल्डर अगर फ्लैट बेचने में लोगों के साथ धोखाधड़ी करता है तो पीड़ितों की शिकायत भी रेरा में ही सुनी जाती है। गलती पाए जाने पर बिल्डरों पर जुर्माना लगाया जाता है। यहीं नहीं अगर बिल्डर मौके पर गलत काम कर रहा है तो इस स्थिति में रेरा के तहत ही बिल्डरों पर कार्रवाई होती है। बताया जा रहा है कि इसी सप्ताह सरकार की ओर से रेरा के लिए लोगों से आवेदन मांगे जाएंगे। अध्यक्ष पद व एक सदस्य के लिए प्रशासनिक सेवाओं का अनुभव जरूरी होता है जबकि एक सदस्य के लिए वास्तुकार का अनुभव जरूरी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
कुल्लू में दो महिला नशा तस्कर गिरफ्तार:होटल के पास कर रही थी ग्राहक का इंतजार, एक पुरुष काबू, 1 किलो से ज्यादा चरस बरामद
कुल्लू में दो महिला नशा तस्कर गिरफ्तार:होटल के पास कर रही थी ग्राहक का इंतजार, एक पुरुष काबू, 1 किलो से ज्यादा चरस बरामद कुल्लू पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ छेड़े गए अभियान के तहत भुंतर थाना की पुलिस टीम ने एक व्यक्ति को 502 ग्राम चरस सहित गिरफ्तार किया है। वहीं, मनाली पुलिस ने 2 महिलाओं को 832 ग्राम चरस के साथ दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है । एसपी कुल्लू कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन ने बताया कि पुलिस थाना भुंतर की टीम ने बीते दिन सिहुण्ड में नाकाबंदी के दौरान एक व्यक्ति के कब्जे से 502 ग्राम चरस बरामद की है। आरोपी के विरुद्ध पुलिस थाना भुंतर में धारा 20 मादक पदार्थ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी की पहचान चेत राम निवासी गांव छमाण डाकघर भैण तहसील भुंतर के तौर पर हुई है। इसके अलावा मनाली थाना पुलिस ने 2 महिलाओं को 832 ग्राम चरस सहित गिरफ्तार किया है। डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया कि पुलिस थाना मनाली की टीम ने बीते दिन एक सूचना के आधार पर पिकाडली होटल के समीप से दो महिलाओं को गिरफ्तार कर उनके कब्ज़े से 832 ग्राम चरस बरामद की है। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपी महिलाओं के विरुद्ध थाना मनाली में केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।
शिमला के गर्ल्स हॉस्टल से गिरा युवक, मौत:छात्राओं की सुरक्षा पर उठे सवाल, कांगड़ा का रहने वाला था मृतक
शिमला के गर्ल्स हॉस्टल से गिरा युवक, मौत:छात्राओं की सुरक्षा पर उठे सवाल, कांगड़ा का रहने वाला था मृतक हिमाचल के शिमला में IGMC के मेडिकल कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल की चौथी मंजिल से गिरने से युवक की मौत हो गई। जिसकी की पहचान करण पटियाल (22) के रूप में हुई है। वह एक निजी विश्वविद्यालय का छात्र था। जो मूल रूप से कांगड़ा के पालमपुर का रहने था। जानकारी के अनुसार, शनिवार देर रात हॉस्टल के बाहर कुछ गिरने की आवाज आई। इसके बाद हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने जब बाहर देखा तो दीवार के साथ लगकर युवक गिर पड़ा था। मौके पर मौजूद लोगों ने 108 एम्बुलेंस को बुलाया और तुरंत आईजीएमसी ले गए। लेकिन सिर पर गहरी चोट लगने कारण युवक दम तोड़ चुका था। गर्ल्स हॉस्टल की छत पर कैसे पहुंच युवक?
कोलकाता मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप व मर्डर का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ, अब शिमला में मेडिकल हॉस्टल में एक युवक के आधी रात में दाखिल होने पर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले की जांच में जुटी पुलिस
सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। फिलहाल पुलिस हॉस्टल के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाल रही है कि आखिरकार युवक कब और कैसे गर्ल्स हॉस्टल की चौथे मंजिल तक पहुंच गया। इस तरह की वारदात होने से शहर में सनसनी फैल गई है कि हॉस्टल भी सुरक्षित नहीं है कोई भी आसानी से देर रात को आ जा सकता है। पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा शव
आईजीएमसी के सीएमओ डॉ महेश ने बताया कि देर रात उनके पास यह युवक 108 एम्बुलेंस में लाया गया था जिसकी मौत हो चुकी थी मृतक के शव को पोस्टमॉर्टम को भेज दिया गया है। पोस्टमॉर्टम के बाद ही मौत के असली कारणों का पता लग पाएगा।
IGMC शिमला में कर्मचारियों का प्रदर्शन:2 महीने से नहीं मिला मानदेय; प्रदर्शन के दौरान रो पड़ी महिला कर्मचारी, काम ठप्प करने की चेतावनी
IGMC शिमला में कर्मचारियों का प्रदर्शन:2 महीने से नहीं मिला मानदेय; प्रदर्शन के दौरान रो पड़ी महिला कर्मचारी, काम ठप्प करने की चेतावनी हिमाचल के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान IGMC शिमला में आउटसोर्स पर सेवाएं दे रहे सफाई कर्मियों ने सोमवार को अस्पताल गेट के बाहर काले रिबन बांध कर प्रदर्शन किया। इन कर्मचारियों को दी महीने से मानदेय नहीं मिल पाया। इससे परेशान होकर कर्मचारियों ने धरना दिया और जल्द मानदेय देने की मांग की। इस दौरान कुछ महिला कर्मचारी रो पड़ी। IGMC में इससे सफाई व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। कर्मचारी कई बार अस्पताल प्रबंधन से मानदेय नहीं मिलने का मामला उठा चुके है। मगर प्रबंधन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। इससे 140 कर्मचारी परेशान है। सफाई यूनियन के उपाध्यक्ष अध्यक्ष निशा का ने कहा कि जल्द सैलरी नहीं मिली तो अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने बताया कि सफाई कर्मचारी कई बार अस्पताल के MS से भी बात कर चुके हैं, फिर भी सैलरी नही मिल रही है। जिसके कर्मचारियों ने रोष पनप रहा है। 23 के बाद होगा बड़ा आंदोलन निशा ने बताया कि सफाई कर्मचारी 22 दिसंबर तक का इंतजार करेंगे। दोनों महीने का मानदेय नहीं दिया गया तो 23 दिसंबर से उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की रहेगी। उन्होंने बताया कि दो माह से मानदेय नहीं मिलने की वजह से उन्हें परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। ज्यादातर कर्मचारी किराए के कमरों में रहते है। मकान मालिक किराया चुकाने और स्कूल प्रबंधन फीस के लिए दबाव डाल रहे हैं। निशा ने बताया कि 23 दिसंबर के बाद सचिवालय घेराव, DC ऑफिस तक मार्च, रिज पर गांधी प्रतिमा के नीचे धरना दिया जाएगा। बता दें कि आईजीएमसी प्रबंधन ने इसके लिए कंपनी के माध्यम से सफाई कर्मचारी आउटसोर्स पर हायर कर रखे है। कर्मचारी जब कंपनी से मानदेय की मांग करते हैं तो उन्हें कहा जाता है कि जब सरकार से पैसा आएगा, तब मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि दीवाली पर भी उन्हें मानदेय नहीं दिया गया। श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे ठेकेदार:-मेहरा सीटू अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि ठेकेदार श्रम कानूनों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। आउटसोर्स कर्मियों को न्यूनतम वेतन नहीं दिया जा रहा। ईपीएफ, ईएसआई, छुट्टियों, आठ घंटे के कार्य दिवस जैसी शर्तों का भी उलंघन किया जा रहा है। उन्होंने कहा यदि श्रम कानून लागू नहीं किए तो आंदोलन उग्र किया जाएगा।