पंजाब के जालंधर के एक व्यक्ति से मोहाली की लवली प्रमोटर्स एंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और डायरेक्टर पिता पुत्र ने 1.09 करोड़ रुपए की ठगी कर दी। इसे लेकर कमिश्नरेट पुलिस के थाना डिवीजन नंबर-6 में एफआईआर दर्ज की गई। मिली जानकारी के अनुसार मामले में पुलिस को इसी साल सात जनवरी को शिकायत दर्ज करवाई गई थी। जांच के बाद जालंधर सिटी पुलिस ने थाना डिवीजन नंबर में आरोपी पाए गए मोहाली के फेस 3-बी के रहने वाले कंपनी मैनेजिंग डॉयरेक्टर गुरप्रीत सिंह गरेवाल और डायरेक्टर सुरजीत सिंह गरेवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 420 और 506 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल मामले में किसी भी आरोपी की गिरफ्तार नहीं हुई है। पुलिस को दिए गए शिकायत में प्रॉपटी कारोबारी उमेश पुरी ने कहा- वह आगे प्रॉपटी में निवेश करने के चाहवान थे। इसे लेकर उनका संपर्क मोहाली की लवली प्रमोटर्स एंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ हुआ था। मैनेजिंग डायरेक्टर गुरप्रीत सिंह गरेवाल और डायरेक्टर पिता सुरजीत सिंह गरेवाल का कार्यालय एरोसिटी, एयरपोर्ट रोड, एसएएस नगर (मोहाली) में था। जालंधर में दोनों आरोपियों के साथ पीड़ित की मुलाकात हुई थी। बेहतरीन मुनाफा कमवाकर देने का दिया था लालच गुरप्रीत और सुरजीत ने बनूड़-लांडरां रोड स्थित गांव नोगियारी में सो-रूम, औद्योगिक प्लाट और रिहायशी प्लाट का प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए सोशल मीडिया सहित अन्य जगहों पर विज्ञापन किया था। इन परियोजनाओं में निवेश करने के बाद अच्छी सेवाएं देने का आश्वासन भी दिया था। आवेदक उमेश पुरी ने बताया कि जब वह उनसे मिले थे तो उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि वे उक्त परियोजना में निवेशकों को बेहतरीन बुनियादी ढांचा और उच्च स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। इस परियोजना में निवेश करने पर उन्हें भारी मुनाफा होगा। उन्हें उनकी बातों पर विश्वास हो गया और उक्त परियोजना में निवेश करने के लिए तैयार था। पीड़ित ने आरोपियों को दिए 1.09 करोड़ रुपए उमेश पुरी ने गुरप्रीत और सुरजीत की बातों में आकर 03 शोरूम और 01 रिहायशी प्लॉट खरीदने पर सहमति जताई थी। लवली प्रमोटर्स एंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड ने को कुल 01 करोड़ 09 लाख 25 हजार रुपए दिए थे। मगर ना तो उन्हें शोरूम दिए गए और ना ही प्लाट। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दी गई तो जांच के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। पुलिस जल्द मामले में आरोपियों को नोटिस जारी कर जांच में शामिल करेगी। अगर उक्त आरोपी जांच में शामिल नहीं होते तो पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करेगी। पंजाब के जालंधर के एक व्यक्ति से मोहाली की लवली प्रमोटर्स एंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और डायरेक्टर पिता पुत्र ने 1.09 करोड़ रुपए की ठगी कर दी। इसे लेकर कमिश्नरेट पुलिस के थाना डिवीजन नंबर-6 में एफआईआर दर्ज की गई। मिली जानकारी के अनुसार मामले में पुलिस को इसी साल सात जनवरी को शिकायत दर्ज करवाई गई थी। जांच के बाद जालंधर सिटी पुलिस ने थाना डिवीजन नंबर में आरोपी पाए गए मोहाली के फेस 3-बी के रहने वाले कंपनी मैनेजिंग डॉयरेक्टर गुरप्रीत सिंह गरेवाल और डायरेक्टर सुरजीत सिंह गरेवाल के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 420 और 506 के तहत केस दर्ज कर लिया गया है। फिलहाल मामले में किसी भी आरोपी की गिरफ्तार नहीं हुई है। पुलिस को दिए गए शिकायत में प्रॉपटी कारोबारी उमेश पुरी ने कहा- वह आगे प्रॉपटी में निवेश करने के चाहवान थे। इसे लेकर उनका संपर्क मोहाली की लवली प्रमोटर्स एंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के साथ हुआ था। मैनेजिंग डायरेक्टर गुरप्रीत सिंह गरेवाल और डायरेक्टर पिता सुरजीत सिंह गरेवाल का कार्यालय एरोसिटी, एयरपोर्ट रोड, एसएएस नगर (मोहाली) में था। जालंधर में दोनों आरोपियों के साथ पीड़ित की मुलाकात हुई थी। बेहतरीन मुनाफा कमवाकर देने का दिया था लालच गुरप्रीत और सुरजीत ने बनूड़-लांडरां रोड स्थित गांव नोगियारी में सो-रूम, औद्योगिक प्लाट और रिहायशी प्लाट का प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए सोशल मीडिया सहित अन्य जगहों पर विज्ञापन किया था। इन परियोजनाओं में निवेश करने के बाद अच्छी सेवाएं देने का आश्वासन भी दिया था। आवेदक उमेश पुरी ने बताया कि जब वह उनसे मिले थे तो उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया था कि वे उक्त परियोजना में निवेशकों को बेहतरीन बुनियादी ढांचा और उच्च स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। इस परियोजना में निवेश करने पर उन्हें भारी मुनाफा होगा। उन्हें उनकी बातों पर विश्वास हो गया और उक्त परियोजना में निवेश करने के लिए तैयार था। पीड़ित ने आरोपियों को दिए 1.09 करोड़ रुपए उमेश पुरी ने गुरप्रीत और सुरजीत की बातों में आकर 03 शोरूम और 01 रिहायशी प्लॉट खरीदने पर सहमति जताई थी। लवली प्रमोटर्स एंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड ने को कुल 01 करोड़ 09 लाख 25 हजार रुपए दिए थे। मगर ना तो उन्हें शोरूम दिए गए और ना ही प्लाट। जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दी गई तो जांच के बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। पुलिस जल्द मामले में आरोपियों को नोटिस जारी कर जांच में शामिल करेगी। अगर उक्त आरोपी जांच में शामिल नहीं होते तो पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करेगी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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आतंकी गजिंदर सिंह की पाकिस्तान में मौत:1981 में AI फ्लाइट 423 को किया था हाईजैक; बीमारी के कारण अस्पताल में था भर्ती
आतंकी गजिंदर सिंह की पाकिस्तान में मौत:1981 में AI फ्लाइट 423 को किया था हाईजैक; बीमारी के कारण अस्पताल में था भर्ती दल खालसा के संस्थापक गजिंदर सिंह की पाकिस्तान के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह हृदय रोग से पीड़ित था। पाकिस्तानी अलगाववादियों ने इसकी पुष्टि की है। गजिंदर सिंह को 1981 में जरनैल सिंह भिंडरावाले की गिरफ्तारी के विरोध में विमान अपहरण के लिए जाना जाता है। गजिंदर की मौत के बाद खालिस्तान आंदोलन को दुनिया में बड़ा झटका लगा है। गजिंदर सिंह की बात करें तो 2021 में एक सोशल मीडिया पोस्ट से पता चला कि वह पाकिस्तान में छिपा हुआ है। 2021 में कट्टरपंथी संगठन दल खालसा के एक सदस्य ने गजिंदर सिंह की तस्वीर फेसबुक पर शेयर की और उसके पाकिस्तान में होने की जानकारी दी। 1996 से ही भारतीय खुफिया एजेंसियां उसकी लोकेशन का पता लगाने की कोशिश कर रही थीं। पोस्ट से पता चला कि वह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के हसन अब्दाल में गुरुद्वारा पंजा साहिब में मौजूद है। भारत के वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल था गजिंदर को 2002 में 20 सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया गया था। वह उन पांच लोगों में शामिल था, जिन्होंने 29 सितंबर, 1981 को 111 यात्रियों और छह चालक दल के सदस्यों को लेकर उड़ान संख्या AI-423 का अपहरण किया था। यह उड़ान दिल्ली से अमृतसर आ रही थी और इसे अपहरण करके लाहौर में उतरने के लिए मजबूर किया गया था। इसके बाद आतंकवादियों ने जरनैल सिंह भिंडरावाले और कई अन्य खालिस्तानी चरमपंथियों की रिहाई के साथ 5 लाख अमेरिकी डॉलर की मांग की थी। पाकिस्तान से रिहा होने के बाद वह लापता हो गया इस घटना के बाद सभी पांच लोगों को पाकिस्तान में 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई। 1995 में अपनी सजा पूरी करने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। जिसके बाद गजिंदर 1996 में जर्मनी चला गया। लेकिन भारत द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद उसे जर्मनी में प्रवेश नहीं मिला और वह पाकिस्तान लौट आया। इसके बाद गजिंदर सिंह कभी नहीं मिला। भारतीय खुफिया एजेंसियां उसकी तलाश करती रहीं। भारत सरकार कई बार उसे सौंपने की मांग करती रही, लेकिन पाकिस्तान बार-बार उसकी मौजूदगी से इनकार करता रहा।
कॉर्पोरेट स्टाइल में काम करेंगे पंजाब के सरकारी अस्पताल:9 तरह के काउंटर खोलेगी सरकार; मरीज को डॉक्टर को दिखाने–गाड़ी तक छोड़ने में मदद मिलेगी
कॉर्पोरेट स्टाइल में काम करेंगे पंजाब के सरकारी अस्पताल:9 तरह के काउंटर खोलेगी सरकार; मरीज को डॉक्टर को दिखाने–गाड़ी तक छोड़ने में मदद मिलेगी पंजाब के सरकारी अस्पतालों में अब कॉर्पोरेट स्टाइल वर्किंग होगी। जिसमें मरीजों की पर्ची काटने और फॉर्म भरने से लेकर डॉक्टर को दिखाने और गाड़ी तक छोड़ने में मदद मिलेगी। इसके लिए प्रदेश सरकार सुविधा केंद्र यानी फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित कर रही है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि यह सुविधा केंद्र प्राइवेट अस्पतालों में दी जाने वाली सेवाओं को टक्कर देंगे। 4 जिलों में प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। अगले 6 महीने में 23 जिलों के सिविल अस्पतालों में यह सेंटर खुल जाएंगे। एक सेंटर पर 46 लाख से 76 लाख तक खर्च होंगे। इसका जिम्मा प्राइवेट एजेंसी को दिया गया है। हालांकि नोडल एजेंसी के तौर पर सेहत विभाग काम करेगा। अभी क्या है अस्पतालों की व्यवस्था
प्रदेश में अभी सरकारी अस्पतालों में पर्ची काटने के लिए एक या 2 ही काउंटर बने होते हैं। जिसमें ओपीडी और इंडोर से लेकर हर तरह की सेवाओं के लिए स्लिप बनाई जाती है। ऐसे में अक्सर वहां भीड़ रहती है। मरीजों को महज डॉक्टर को दिखाने के लिए ही पर्ची कटवाने में ही घंटों इंतजार करना पड़ता है। पंजाब सरकार की योजना क्या
इस योजना में हर सिविल अस्पताल में अलग से सुविधा केंद्र में रिसेप्शन काउंटर बनाए जाएंगे। इनमें ओपीडी स्लिप से लेकर बर्थ–डेथ रजिस्ट्रेशन, आयुष्मान समेत सरकारी स्कीमों, ऑपरेशन, मेडिकल जैसी सेवाओं के लिए अलग–अलग काउंटर होंगे। इसके अलावा लोगों के लिए रेस्ट रूम और वॉशरूम समेत दूसरी बेसिक सुविधाएं भी होंगी। इसके अलावा कुछ वॉलंटियर तैनात किए जाएंगे, जो जरूरत के हिसाब से मरीजों को डॉक्टर को दिखाने और फिर गाड़ी तक छोड़ने में भी मदद करेंगे। मरीजों की बीमारियों का रिकॉर्ड भी मेंटेन होगा
इस योजना में मरीजों की बीमारियों का रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। जिससे सरकार को पता चल सकेगा कि किस जिले में किस एरिया से किस बीमारी के कितने मरीज आ रहे हैं। ऐसे में उनके इलाज के लिए उसी तरह के बंदोबस्त किए जाएंगे। 842 से अधिक आम आदमी क्लीनिक चल रहे
पंजाब लोगों को घरों के पास ही इलाज मुहैया करवाने के लिए सरकार की तरफ से 842 के करीब आम आदमी क्लीनिक शुरू किए गए हैं। इनमें ग्रामीण एरिया में 530 और शहरी क्षेत्रों में 312 क्लीनिक हैं। 2 करोड़ से अधिक लोग अब तक इनमें अपना इलाज करवा चुके हैं। हालांकि, बीच में केंद्र सरकार ने NHM फंड रोक दिया था। साथ ही आरोप लगाया था कि केंद्र के फंड का दुरुपयोग करके पंजाब में आम आदमी क्लीनिक खोले गए हैं। हालांकि, अब दोनों पक्षों में सहमति बन गई है। अब स्ट्रेटजी बनी है कि केंद्र और पंजाब सरकार की 60-40 हिस्सेदारी से बने आम आदमी क्लीनिक के नाम बदले जाएंगे। जो आम आदमी क्लिनिक खुद सरकार ने बनाए या किसी व्यक्ति द्वारा दान दी गई बिल्डिंग में चल रहे हैं, उनके नाम नहीं बदलेंगे।
जालंधर में नाबालिग लड़की से अपहरण के बाद रेप:शादी का झांसा देकर साथ ले गया था आरोपी, जान से मारने की दी धमकी; गिरफ्तार
जालंधर में नाबालिग लड़की से अपहरण के बाद रेप:शादी का झांसा देकर साथ ले गया था आरोपी, जान से मारने की दी धमकी; गिरफ्तार पंजाब के जालंधर में एक 16 साल की लड़की का अपहरण के बाद आरोपी ने रेप कर दिया। इस मामले में थाना रामामंडी की पुलिस ने पीड़ित लड़की के बयानों पर आरोपी पाए गए मूल रूप से राजस्थान के श्री गंगानगर के रहने वाले गैरी पुत्र बलविंदर सिंह के खिलाफ पॉक्सो एक्ट (द प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट), बीएनएस 137(2), 87, 64(1) और 351(2) के तहत केस दर्ज कर लिया है। आरोपी जालंधर में बापू लाल बादशाह दरगाह, नकोदर के पास किराए पर रहता था। रामामंडी थाने की पुलिस ने उक्त आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जल्द उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। शादी का झांसा देकर अपहरण कर ले गया था आरोपी पुलिस को दिए गए बयानों में पीड़ित नाबालिग लड़की की मां ने बताया कि उनकी बेटी की उम्र 16 साल है। आरोपी गैरी उसके साथ टच में आया तो दोनों की बातचीत शुरू हो गई। आरोपी ने बीते दिन नाबालिग बेटी को शादी का झांसा देकर अपनी बातों में लगा लिया और उसका अपहरण कर लिया। अपहरण के बाद आरोपी ने लड़की की मर्जी के बिना उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और आरोपी ने धमकाया कि अगर वह ये बात किसी से बताएगी तो वह उसे जान से मार देगा। जब इस बारे में पीड़ित परिवार को पता चला तो तुरंत शिकायत कमिश्नरेट पुलिस को दी गई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया पीड़ित वारदात के बाद काफी परेशान थी, जब परिवार ने दबाव बनाकर पूछा तो उसने सारी घटना के बारे में बताया। पुलिस ने बच्ची का जालंधर के सिविल अस्पताल से मेडिकल करवाया और बयान दर्ज करने के तुरंत बाद केस दर्ज कर लिया।