भास्कर न्यूज | अमृतसर 26 जनवरी को टाउन हॉल स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा की बेअदबी हेरिटेज स्ट्रीट की सुरक्षा में चूक और लापरवाही का नतीजा है। यह पहला मौका नहीं है कि पौने एक किमी लंबी स्ट्रीट में आपराधिक घटना घटी हो। इससे पहले कभी विस्फोट तो कभी लोगों में झड़प की घटनाएं हो चुकी हैं। अहम बात तो यह है कि इस एरिया में 2 पुलिस नाके हैं और 44 प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड तैनात हैं। पावन वाल्मीकि तीर्थ एक्शन कमेटी के चेयरमैन कुमार दर्शन, प्रधान शशि गिल, लीगल एडवाइजर एडवोकेट नरेश गिल का कहना है कि इ तनी सुरक्षा होने के बाद भी घटना को कैसे अंजाम दिया गया। उक्त का कहना है कि आरोपी को पकड़ लिया गया और उसे 4 दिन की रिमांड पर भी भेज दिया गया है। लेकिन यह मसले का हल नहीं है। कुमार दर्शन का कहना है कि जब तक आरोपी के बारे में पूरा पता लगा कर बताया नहीं जाता और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होती विरोध जारी रहेगा। 2 फीट का हथौड़ा लेकर आरोपी अकाशदीप सिंह हेरिटेज स्ट्रीट में घूमता रहा और फिर तकरीबन 10 मिनट तक प्रतिमा पर वार करता रहा। किसी पुलिस मुलाजिम या वहां तैनात प्राइवेट सिक्योरिटी गार्डो ने उसे नहीं रोका। सुरक्षा में लापरवाही की वजह से आरोपी ने बेअदबी की घटनाक को अंजाम दिया। लोगों के चेतावनी देने पर आरोपी युवक डॉ. भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा से उतरने लगा तो उसने हथौड़े को संविधान की किताब की बनी प्रतिमा पर फेंका, जिसके कारण वह खंडित हो गई। बेअदबी के विरोध में वाल्मीकि समाज ने सोमवार को अमृतसर बंद रखा। इसके चलते सड़कों पर लंबा जाम लग गया। भास्कर न्यूज | अमृतसर 26 जनवरी को टाउन हॉल स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा की बेअदबी हेरिटेज स्ट्रीट की सुरक्षा में चूक और लापरवाही का नतीजा है। यह पहला मौका नहीं है कि पौने एक किमी लंबी स्ट्रीट में आपराधिक घटना घटी हो। इससे पहले कभी विस्फोट तो कभी लोगों में झड़प की घटनाएं हो चुकी हैं। अहम बात तो यह है कि इस एरिया में 2 पुलिस नाके हैं और 44 प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड तैनात हैं। पावन वाल्मीकि तीर्थ एक्शन कमेटी के चेयरमैन कुमार दर्शन, प्रधान शशि गिल, लीगल एडवाइजर एडवोकेट नरेश गिल का कहना है कि इ तनी सुरक्षा होने के बाद भी घटना को कैसे अंजाम दिया गया। उक्त का कहना है कि आरोपी को पकड़ लिया गया और उसे 4 दिन की रिमांड पर भी भेज दिया गया है। लेकिन यह मसले का हल नहीं है। कुमार दर्शन का कहना है कि जब तक आरोपी के बारे में पूरा पता लगा कर बताया नहीं जाता और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होती विरोध जारी रहेगा। 2 फीट का हथौड़ा लेकर आरोपी अकाशदीप सिंह हेरिटेज स्ट्रीट में घूमता रहा और फिर तकरीबन 10 मिनट तक प्रतिमा पर वार करता रहा। किसी पुलिस मुलाजिम या वहां तैनात प्राइवेट सिक्योरिटी गार्डो ने उसे नहीं रोका। सुरक्षा में लापरवाही की वजह से आरोपी ने बेअदबी की घटनाक को अंजाम दिया। लोगों के चेतावनी देने पर आरोपी युवक डॉ. भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा से उतरने लगा तो उसने हथौड़े को संविधान की किताब की बनी प्रतिमा पर फेंका, जिसके कारण वह खंडित हो गई। बेअदबी के विरोध में वाल्मीकि समाज ने सोमवार को अमृतसर बंद रखा। इसके चलते सड़कों पर लंबा जाम लग गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में अकाली दल की कोर कमेटी भंग:अकाल तख्त में पेशी से पहले सुखबीर बादल का फैसला; बागियों को बाहर निकालने की तैयारी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने अचानक कोर कमेटी भंग कर दी है। इस बारे में अकाली दल के सोशल मीडिया अकाउंट से एक लाइन की पोस्ट डाली गई है। पिछले 2 विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अकाली दल में बगावत हो रही है। इसके खिलाफ बागी गुट सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब पर माफीनामा भी दे चुका है। जिसके बाद अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को पेश होने के लिए कहा है। सुखबीर बादल को प्रधान बनाए रखने का विरोध करने वालों में शामिल प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत रखड़ा और सिकंदर सिंह मलूका कोर कमेटी के मेंबर थे। बागी गुट के चरणजीत बराड़ ने कहा कि सिर्फ कोर कमेटी ही क्यों भंग की गई। अगर पार्टी संगठन का नए सिरे से संगठन बनाना है तो फिर बागी विंग भंग क्यों नहीं किए गए। अकाली दल के प्रवक्ता एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि यह एक रूटीन प्रोसेस है। शिरोमणि अकाली दल (बादल) की पोस्ट… सीनियर नेताओं के साथ मीटिंग के बाद लिया फैसला
कोर कमेटी भंग होने के बाद अकाली दल के प्रवक्ता डॉक्टर दलजीत चीमा ने कहा कि वर्किंग कमेटी ने प्रधान सुखबीर बादल को पार्टी संगठन को नए सिरे से बनाने के अधिकार दे दिए हैं। इस संबंध में पार्टी प्रधान ने सीनियर नेताओं के साथ चंडीगढ़ में मीटिंग की। जिसके बाद कोर कमेटी भंग करने का फैसला लिया गया। इसे तुरंत दोबारा बना लिया जाएगा। इस दौरान पंजाब में होने वाले विधानसभा उपचुनावों पर भी चर्चा की गई। इस मीटिंग में हरजिंदर सिंह धामी, बलविंदर सिंह भूंदड़, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, दलजीत चीमा, परमजीत सरना, इकबाल सिंह झूंदा और हरचरण सिंह बैंस मौजूद रहे। लोकसभा चुनाव में एक सीट जीत पाई पार्टी
पंजाब में हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था, लेकिन बठिंडा सीट को छोड़कर पार्टी किसी भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई थी। बठिंडा से भी बादल परिवार की बहू हरसिमरत कौर चुनाव जीतीं थी। इसके बाद से ही पार्टी में बगावत शुरू हो गईथी। पार्टी नेताओं का साफ कहना था कि लोकसभा चुनाव में अकेले जाना गलती थी। अगर भाजपा के साथ चुनाव में जाते तो पार्टी को जीत मिल सकती थी। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में अकाली दल दो सीटें जीतने में कामयाब रहा था। हालांकि उस समय प्रदेश में सरकार कांग्रेस की थी। सुखबीर के करीबी चरणजीत सिंह के बागी तेवर
जैसे ही लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने चुनाव नतीजों की समीक्षा करने के लिए मीटिंग बुलाई थी तो उससे पहले अकाली दल के अंदर चल रही बगावत सामने आ गई थी। किसी समय में सुखबीर बादल के करीबियों में शामिल चरणजीत सिंह ने उनके प्रधान पद से इस्तीफे की मांग कर डाली थी। हालांकि उस समय सीनियर नेताओं का कहना था कि पार्टी के मंच पर उन्हें यह बात रखनी चाहिए। इसके बाद यह खाई बढ़ती चली गई। जालंधर उपचुनाव में फूट आई सामने
इसके बाद जालंधर वेस्ट के उपचुनाव की बारी थी। इस दौरान शिरोमणि अकाली दल ने उम्मीदवार के नाम की सिफारिश करने के लिए तीन मेंबरों की कमेटी गठित की है। कमेटी में बीबी जागीर कौर, जत्थेदार गुर प्रताप सिंह बडाला व डॉ. सुखविंदर सिंह सुखी शामिल थे। कमेटी को उपचुनाव के लिए सारी मुहिम की निगरानी की कमान दी गई। उनकी तरफ से सुरजीत कौर को उम्मीदवार ऐलान किया गया, लेकिन पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने इस फैसले को गलत बताया। साथ ही उक्त सीट पर बसपा के उम्मीदवार बिंदर लाखा को समर्थन दे दिया, लेकिन अकाली दल की उम्मीदवार चुनावी मैदान से नहीं हटी। उन्होंने अकाली दल के निशान पर चुनाव लड़ा। हालांकि पार्टी को इस चुनाव में करारी हार मिली। अगर बसपा और अकाली दल के दोनों उम्मीदवारों के मत मिला दिए जाएं तो यह दो हजार से अधिक नहीं थे। उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी। श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर माफीनामा सौंपा था
1 जुलाई को अकाली दल का बागी गुट अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। यहां उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के आगे पेश होकर माफीनामा दिया। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है। इसके बाद अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को तलब किया था।
मानसा में युवक का हत्यारोपी गिरफ्तार:गोली मारकर उतारा था मौत के घाट, चाचा की टांग तोड़ने की रंजिश, पिस्टल और बाइक बरामद
मानसा में युवक का हत्यारोपी गिरफ्तार:गोली मारकर उतारा था मौत के घाट, चाचा की टांग तोड़ने की रंजिश, पिस्टल और बाइक बरामद पंजाब में मानसा जिले के गांव कोटली कलां में रविवार की सुबह हुए एक युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। इस मामले में छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। सोमवार को मानसा के एसपी भगीरथ सिंह मीना ने जानकारी देते हुए बताया कि, गांव कोटली कलां में रंजिश के चलते कुलविंदर सिंह उर्फ किदा की रविवार की सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस द्वारा हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी गुरप्रीत सिंह को आज गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उसके कब्जे से 45 बोर का पिस्टल भी बरामद कर लिया है। चाचा की टांग तोड़ने की रंजिश एसपी ने बताया की वजह रंजिश यह रही कि कुलविंदर सिंह उर्फ किदा द्वारा पहले गुरप्रीत सिंह के चाचा करनैल सिंह की 2022 टांगे तोड़ दी गई थी। गुरप्रीत सिंह को डर था कि मृतक उन्हें भी ना मार दे इसलिए उसने कुलविंदर सिंह को गोलियां मार कर मौत के घाट उतार दिया। एसएसपी ने बताया कि पुलिस द्वारा विभिन्न टीमें बनाकर गुरप्रीत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है और वारदात में इस्तेमाल किया गया 45 बोर पिस्टल और मोटरसाइकिल भी बरामद कर ली गई है। एसएसपी ने बताया कि पुलिस द्वारा मृतक कुलविंदर सिंह के पिता करमजीत सिंह के बयानों पर 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कार्रवाई शुरू कर दी गई है। आरोपी गुरप्रीत सिंह के खिलाफ भी बठिंडा के मोड में 307 के तहत मामले दर्ज है। इस मामले में आरोपी जमानत पर बाहर आया था।