पंजाब में कई स्कूल शिक्षा विभाग के आदेशों की अनदेखी करने को लेकर पंजाब बाल अधिकार संरक्षण शिक्षा विभाग द्वारा संज्ञान लिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों के समय में बदलाव के बावजूद कुछ निजी स्कूल निर्धारित समय से पहले स्कूल खोल रहे हैं। मौसम में बदलाव के चलते पंजाब सरकार द्वारा ये आदेश जारी किए गए थे। मगर राज्य के कुछ स्कूल इसका सख्ती से पालन नहीं कर रहे हैं। आयोग के अध्यक्ष कंवरदीप सिंह ने कहा- कई निजी स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशों की अनदेखी करते हैं और निर्धारित समय से पहले स्कूल खोलते हैं। जिससे कोहरे और ठंड के मौसम में बच्चों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इस संबंध में उन्होंने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, बाल संरक्षण अधिकारियों और पुलिस विभाग को स्कूलों में सरकारी आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। बीते दिनों हुए हादसे को लिया गया संज्ञान हाल ही में कई जगहों पर स्कूल बसों से हादसे के मामले सामने आए हैं। जिससे बच्चों की जान खतरे में पड़ गई है। आयोग ने कहा कि अगर कोई स्कूल सरकारी आदेशों का पालन नहीं करता है और कोई दुर्घटना होती है तो इसके लिए संबंधित स्कूल के प्रिंसिपल और प्रबंधन जिम्मेदार होंगे। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि जो भी निजी स्कूल सरकारी आदेशों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पंजाब में कई स्कूल शिक्षा विभाग के आदेशों की अनदेखी करने को लेकर पंजाब बाल अधिकार संरक्षण शिक्षा विभाग द्वारा संज्ञान लिया गया है। मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों के समय में बदलाव के बावजूद कुछ निजी स्कूल निर्धारित समय से पहले स्कूल खोल रहे हैं। मौसम में बदलाव के चलते पंजाब सरकार द्वारा ये आदेश जारी किए गए थे। मगर राज्य के कुछ स्कूल इसका सख्ती से पालन नहीं कर रहे हैं। आयोग के अध्यक्ष कंवरदीप सिंह ने कहा- कई निजी स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशों की अनदेखी करते हैं और निर्धारित समय से पहले स्कूल खोलते हैं। जिससे कोहरे और ठंड के मौसम में बच्चों की सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इस संबंध में उन्होंने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, बाल संरक्षण अधिकारियों और पुलिस विभाग को स्कूलों में सरकारी आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। बीते दिनों हुए हादसे को लिया गया संज्ञान हाल ही में कई जगहों पर स्कूल बसों से हादसे के मामले सामने आए हैं। जिससे बच्चों की जान खतरे में पड़ गई है। आयोग ने कहा कि अगर कोई स्कूल सरकारी आदेशों का पालन नहीं करता है और कोई दुर्घटना होती है तो इसके लिए संबंधित स्कूल के प्रिंसिपल और प्रबंधन जिम्मेदार होंगे। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग को निर्देश दिया है कि जो भी निजी स्कूल सरकारी आदेशों का उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ निगम की जुलाई में दूसरी बैठक:मनीमाजरा में स्कूल के लिए जमीन का प्रस्ताव, बिजली-पानी पर हंगामे के आसार चंडीगढ़ नगर निगम की जनरल हाउस मीटिंग महीने में एक बार होती है। लेकिन जुलाई महीने में यह मीटिंग दूसरी बार हो रही है। निगम की ओर से 337वीं मीटिंग का एजेंडा सर्कुलेट कर दिया गया है। इसमें ज्यादातर एजेंडे वही हैं जो पिछली मीटिंग में रह गए थे। क्योंकि पिछली मीटिंग में भाजपा पार्षदों द्वारा किए गए हंगामे के बाद मीटिंग को बीच में ही रद्द करना पड़ा था। पार्षद मुनव्वर ने मनोनीत पार्षद अनिल मसीह को लेकर टिप्पणी कर दी थी। इसके बाद मीटिंग में हंगामा हो गया था। मनीमाजरा में नया सरकारी स्कूल बैठक में एक प्रस्ताव लाया जा रहा है। इस प्रस्ताव में चंडीगढ़ के मनीमाजरा में नया सरकारी स्कूल बनाने के लिए पॉकेट नंबर चार और पांच में चार एकड़ जमीन लीज पर देने का प्रस्ताव है। यह जमीन नगर निगम की है। अगर इसे शिक्षा विभाग को लीज पर दिया जाता है तो यहीं पर यह स्कूल बनेगा। इसी तरह इंदिरा कॉलोनी में डिस्पेंसरी बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को जमीन लीज पर देने का प्रस्ताव है। ये दोनों प्रस्ताव भी पिछली बैठक में लाए गए थे। लेकिन इन पर चर्चा नहीं हो पाई। नाइट फूड स्ट्रीट के लिए बदलेंगे नियम नगर निगम की बैठक में चंडीगढ़ की एकमात्र नाइट फूड स्ट्रीट के नियमों में भी कुछ बदलाव करने की तैयारी है। सेक्टर 14 की नाइट फूड स्ट्रीट को लेकर लाए गए प्रस्ताव में यह स्पष्ट किया जाएगा कि सभी दुकानदारों को अपनी दुकान के बाहर एक डिस्प्ले बोर्ड लगाना होगा। जिसमें उन्हें अपनी दुकान में मौजूद सभी खाद्य पदार्थों की रेट लिस्ट प्रदर्शित करनी होगी। इसके लिए नगर निगम की ओर से एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया जाएगा। अगर कोई भी दुकानदार डिस्प्ले बोर्ड पर दिखाए गए रेट से ज्यादा पैसे लेता है तो इस व्हाट्सएप नंबर पर शिकायत की जा सकेगी।
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श्री अकाल तख्त पहुंचे परमिंदर ढींढसा-बीबी जगीर कौर:स्पष्टीकरण में कहा- मैं 16 दिन की मंत्री थी; बादल परिवार के कारण दबी आवाज शिरोमणि अकाली दल (SAD) के बागी गुट के सदस्य बीबी जगीर कौर, परमिंदर सिंह ढींढसा और सोहन सिंह आज (सोमवार) श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे।अकाली दल के पूर्व 17 मंत्रियों को जारी आदेशों में बीबी जगीर कौर और परमिंदर ढींढसा का भी नाम हैं। सुखबीर बादल, मनप्रीत बादल, डॉ. दलजीत सिंह चीमा सहित कई नेता श्री अकाल तख्त साहिब पहुंच अपना स्पष्टीकरण सौंप चुके हैं। बीबी जगीर कौर ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि वे 14 से 30 मार्च 2012 तक ही मंत्री थी। 16 दिन में चलित केसों से जुड़ा ना कोई फैसला हुआ ना ही कोई कार्रवाई हुई। जिसके चलते मेरी कोई भागीदारी नहीं है। उस दौरान सरकार में विधायक के तौर पर या पार्टी लीडर के तौर पर उनकी ना तो कोई सलाह ली गई और ना ही उनकी कोई योगदान है। बतौर पार्टी की सेवादार के तौर पर वे अपनी आवाज बुलंद करती रही। लेकिन बादल परिवार की पकड़ बहुत मजबूत होने के कारण उनकी कोशिश को पार्टी विरोधी भूमिका के तौर पर दर्ज किया गया। परिणाम स्वरूप उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। पहुंचने से पहले छोड़े सभी पद बीबी जगीर कौर ने आज श्री अकाल तख्त साहिब पर पहुंचने से पहले अकाली दल के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। बीबी जगीर कौर की तरफ से जारी खत में उन्होंने लिखा- सभी को पता है कि श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से बतौर कैबिनेट मिनिस्टर स्पष्टीकरण मांगा गया है। 9 सितंबर को मैं श्री अकाल तख्त साहिब पर स्पष्टीकरण के लिए पेश हो रही हूं। मेरी दिली इच्छा है कि मैं अपनी पार्टी के सभी पदों को छोड़ कर श्री अकाल तख्त साहिब के पास हाजिरी दूं। पार्टी की तरफ से मुझे सलाहकार और एग्जीक्यूटिव सदस्य बनाया गया है। मैं अपने सभी पदों से इस्तीफा दे रही हूं, ताकि मैं एक साधारण सिख की तरह पेश होकर अपनी मनोभावनाएं जाहिर कर सकूं। अकाली दल सुधार लहर में रहेंगी एक्टिव अकाली दल से इस्तीफा देने के साथ-साथ बीबी जगीर कौर ने स्पष्ट किया है कि वे अकाली दल लहर के साथ जुड़ी रहेंगी। उन्होंने अपने खत में लिखा- शिरोमणि अकाली दल सुधार लहर की तरफ से आने वाले समय में जो भी हुक्म होंगे, मैं तनदेही के साथ निभाऊंगी और एक साधारण वर्कर के तौर पर काम करूंगी। पूर्व मंत्री, जिनके खिलाफ श्री अकाल तख्त साहिब ने निकाला फरमान सहित 17 पूर्व मंत्रियों के नाम श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जारी लेटर में लिखा गया है- आप को सूचित किया जाता है कि 30 अगस्त 2024 को 5 सिख साहिबान की बैठक श्री अकाल तख्त साहिब में हुई। जिसमें शिरोमणि अकाली दल के साथ उस समय के कैबिनेट मिनिस्टर होते हुए आप भी बराबर के जिम्मेदार हैं। जिस लिए आप ने अपना स्पष्टीकरण 15 दिन के अंदर-अंदर श्री अकाल तख्त साहिब में निजी तौर पर पेश होकर दें। इस लेटर में सुखबीर बादल, बीबी जगीर कौर, मनप्रीत बादल, सुच्चा सिंह लंगाह, बिक्रम मजीठिया, डॉ. उपिंदर कौर, आदेश प्रताप सिंह कैरों, गुलजार सिंह रणिके, परमिंदर सिंह, जनमेजा सिंह, हीरा सिंह, सरवन सिंह फिल्लौर, सोहन सिंह, दलजीत सिंह, सिकंदर सिंह मलूका, शरणजीत सिंह, सुरजीत सिंह और महेशइंद्र सिंह का नाम भी शामिल हैं। अदबी व डेरा सच्चा सौदा मुखी को माफी दिलाने के खिलाफ हुई कार्रवाई सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।”